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Chachi ne bhatije se chudai karwai

हेल्लो! मैं समीर हूँ. मैं दिल्ली उच्च शिक्षा के लिए आया था मेरे होमटाउन में 12वी के बाद कोई स्कोप नहीं था. में 3-4 महीने के लिए फ्री था और रिजल्ट का इंतज़ार कर रहा था. मुझे अपने चाचा चाची के घर भेजा गया था रहने के लिए और वो पहले से दिल्ली में सेटल्ड थे.

मेरी हाइट 5'8, सांवला और फिट बॉडी है, मैंने कभी चुदाई नहीं की थी लेकिन जब दिल्ली आया तो यहाँ की लड़कियों को देख कर मेरे होश उड़ गए. सब हाई ब्रॉड माइंडेड और फ्री स्टाइल कपडे पहन के घुमती थी. मेरी चाची (भाविशा) है जिनका फिगर 36-32-38 है उम्र ३४, रंग गोरा, कंधो तक बालो की लम्बाई है. उनकी बॉडी टाइप प्रीति जिंटा से मिलती है. चाची ने ही मेरे दिल में चुदाई के झरने को जन्म दिया!

थोड़े कर्व्स है सही जगह पर और स्किन बिलकुल चिकनी जिसमे अगर मक्खी भी बैठे तो फिसल जाए. में जब दिल्ली घुमने आता था तो उन्ही के घर रहता था और मन में उनको मॉडर्न चाची बोलता था. मेरे चाचा (संजीव), उम्र 45 फिर 5'7 के है.

उनका थोडा पेट निकला हुआ है. चाचा चाची की अरेंज मेरिज हुई थी वरना चाचा को ऐसी लड़की मिलती ही नहीं. हम पंजाबी है इसलिए अरेंज मेरिज में विश्वास रखते है. में जब घर पहुंचा तो चाची ने दरवाजा खोला.

उन्होंने पर्पल रंग की खुटने तक लम्बाई की नाईटी पहन राखी थी. उनकी स्लीव्स थोड़ी छोटी थी और वो गजब की लग रही थी. उनके बाल खुले हुए थे और कूलर की हवा से थोड़े उड़ रहे थे. में तो उन्हें देखता ही रह गया.

चाची - हेल्लो! कैसे हो, एक स्माइल के साथ. अन्दर आओ और मुझे गले लगा लिया. वो भी बहुत फ्री माइंड की थी.

मैने भी गले लगाया और उनकी मखमली त्वचा नाईटी के ऊपर महसूस कर के मेरा ईमान डगमगा गया.

मैंने तभी सोच लिया की यहाँ रह कर बहुत मजा आने वाला है. चाचा जॉब पर गए हुए थे, वो लेट ही आते है और उनकी जॉब एकाउंटिंग की थी और वर्क लोड ज्यादा था. मैं बैठा और चाची मेरे लिए पानी लेकर आई.

मैंने थैंक यू कहा तो उन्होंने मुझे एक स्माइल देते हुए कहा की मुझसे क्या फोर्मिलिटी. मैंने कहा चाची आप काफी बदल गयी हो..

उन्होंने पूछा - अच्छा क्या बदलाव हुए है मुझमे, वैसे ही तो हूँ.

मैंने हस्ते हुए कहा - आप और अच्छी हो गयी हो.

चाची स्माइल करने लगी और बोली - अच्छा!!

मैंने भी शरमाते हुए स्माइल कर दिया. उनकी गोरे हाथो और कंधो वाला एरिया थोडा पसीना आ रहा था जिससे उनकी स्किन और भी चमक रही थी.

वो जब वापस गयी तो उनकी गांड हिल रही थी, जिसकी शेप बिलकुल साफ़ पता चल रही थी. उनके गांड थोड़े मोये थे और नाईटी में तो मस्त लग रही थी.

चाचा शाम को आये और थोड़ी बातचित हुई उनसे. मैंने नोटिस किया की चाचा चाची में ज्यादा बातचीत नहीं होती थी. में और चाची दिन भर अकेले ही रहते थे घर पर हमेशा की तरह सुबह निकल जाते थे और देर शाम को ही आते थे.

कुछ दिनों तक मेरी और चाची की बोन्डिंग अच्छी हो गयी थी और हम ढेर सारी बाते किया करते थे और उनको भी मेरी कंपनी अछि लगती थी. एक दिन दोपहर को हम खाना खा कर ऐसे ही बीएड पर बैठ के बात कर रहे थे. उन्होंने ब्लैक कलर की कैपरी और स्लीव लेस टॉप पहन रखा था. उनके गोर पैर और बाहों को देख के तो मेरा लैंड टाइट हो गया.

उनके चुचे की भी आउटलाइन साफ़ दिख रही थी. थोडा सा क्लीवेज भी दिख रहा था.

चाची - उफ़ बहुत थक गयी आज.

मैं- चाची लेट जाइये थोड़ी देर..

चाची - नहीं ठीक हूँ में..

मैं- अच्छा चाची एक बात पुछू..

चाची - हाँ पूछो..

मैं - आपके बॉयफ्रेंड तो रहे होंगे शादी के पहले..

चाची हँसते हुए बोली - हाँ. क्यों..

मैं - मुझे लग ही रहा था. अगर आप जैसो का बॉयफ्रेंड नहीं होगा तो किसका होगा..

उन्होंने मुझे प्लेफुली मेरे बाईशेप पर धीरे से मारा और बोला हट बदमाश.. मैंने हंस दिया.

चाची - लगता है बड़े हो गए हो तुम..

मैं - वो तो हो ही गया हूँ.

मेरा लंड टाइट था तो मैं धीरे से उठा बाथरूम जाने के लिए. उन्होंने शायद मेरा तना हुआ लंड देख लिया था और मुह उधर घुमा लिया शर्म से.. मैं बाथरूम गया तो उनकी ब्रा टंगी हुई थी.

मैंने देखते ही उसे सुंघा और जल्दी से झाड़ लिया. बाहर आया तो चाची लेट रही थी उलटी हो कर, शायद उन्हें नींद आ रही थी. उनके गांड उठे हुए थे और मुझे तो मन किया की जा कर दबोच लूँ और चोद दूँ पर बहुत मुश्किल से कण्ट्रोल किया.

फिर में अपने रूम में चला गया और सोचने लगा की उनको कैसे चोदू.. वो ब्रॉड माइंडेड तो थी पर मुझे पता था की वो कभी पहल नहीं करेगी. और क्यूंकि उनकी चाचा से नहीं बनती थी तो वो सेक्सुअली भी संतुष्ट नहीं होगी.

चाचा हमेशा पीकर घर आते थे और ये उन्हें बिलकुल पसंद नहीं था. मैं चुपके से उनके रूम में गया और उनका मोबाइल ले आया तो वो सो गयी थी. मैंने गैलरी खोली तो उसमे पोर्न विडियो थे. मैं समझ गया की वो पक्का मुट्ठ मारती होगी और उन्हें चुदाई चाहिए.

उनका व्हात्सप खोला तो उनकी एक फ्रेंड थी सलोनी जिनसे उनकी खूब चाट होती थी. एक कन्वर्सेशन में लिखा था.

सलोनी - चल भाविशा मजा आएगा..

चाची - नहीं यार डर लगता है.

सलोनी - अरे मैंने बहुत बार किया है कुछ नहीं होता.

चाची - अभी में तैयार नहीं हूँ.

सलोनी - अरे वो मेरा बॉयफ्रेंड है और उससे मेरी बात हो गयी है, मैंने उसे तेरी पिक भी दिखाई वो पागल हो गया..

चाची - अच्छा..

सलोनी - हाँ उसने कहा तुझे तो चोदेगा ही.

चाची - देखती हूँ पर अभी नहीं समीर आया हुआ है और घर पर ही होता है सारा दिन.

सलोनी - अरे तो उसे बोल दे २ घंटे के लिए फ्रेंड के यहाँ जाना है, और आजा मेरे फ्लैट पर, मेरे हबी भी दिन में नहीं होते.

चाची - ओके, मैं कल आती हूँ लेकिन कोई रिस्क तो नहीं है न..

सलोनी - अरे कोई रिस्क नहीं है..

चाची - ओके

मैंने फ़ोन वापस रख दिया और मेरा मन और पागल हो गया जैसे चाची को चुदाई चाहिए थी और वो अपने फ्रेंड के बॉयफ्रेंड से चुदने जा रही थी.

उस दिन सब नार्मल रहा. मेने उस दिन 4-5 बार मुट्ठ मारा चाची को सोच कर.. अगले दिन चाचा के जाने के बाद चाची नहा कर आई, उन्होंने जीन्स और टॉप पहन रखा था और बाल गिले थे और बाल झाड़ते हुए मुझसे कहा..

समीर आज मुझे अपने एक फ्रेंड के यहाँ जाना है मिलने, तो तुम खाना खा लेना..

मैं समझ गया की उन्हें कहा जाना है..

मैं - चाची में भी चालू, घर पर आकर बोर हो जाऊंगा..

चाची - तुम क्या करोगे हम महिलाओं के बीच?

मैंने बोला ओके मैं इंतज़ार करूँगा.

उन्होंने हँसते हुए बोला - ओह नो मेरा वेट करोगे?

मैं हँसते हुए - हाँ बिलकुल.. मैं पूरी दोपहर सोचता रहा की उनके साथ क्या हो रहा होगा..

उस आदमी को तो मजा ही आ गया होगा.. मैंने 2-3 बार चाची के नाम पर मुट्ठ मार ली. वो शाम को आई और मैंने दरवाजा खोला. उन्होंने स्माइल करते हुए बोला- हेल्लो बोर तो नहीं हुए. उनके बाल खुले हुए थे.

मैं - थोडा सा.. आपकी मीटिंग कैसी रही फ्रेंड के साथ..

चाची - बहुत अच्छी..

मैं अन्दर ही अन्दर जल रहा था.

उस दिन रात को मैं सोने की कोशिश कर रहा था पर नींद नहीं आ रही थी. मैं उठा पानी पिने के लिए और दरवाजा खोला तो देखा की चाची उठी हुई है और किचन में फ़ोन पर बात कर रही थी, वो शायद सलोनी से बात कर रही थी. वो कुछ इस तरह से कह रही थी, मैं अँधेरे में खड़ा होकर सब सुन रहा था और खाली किचन की लाइट जल रही थी.

उन्होंने पिंक कलर की सिल्क वाली नाईटी पहन राखी थी जो की स्लीव लेस थी और गहरे कट की थी और घुटनों तक ही आ रही थी. मुझे तो ऐसी हवस चढ़ी की मैंने अपना लंड निकाल लिया और धीरे धीरे मसलने लगा.

उनकी बात खुच ऐसी थी - यार सलोनी थैंक्स, मजा आया. इतना अच्छा फील हुआ की क्या बताऊँ. एक बार के लिए तो रुला दिया. मेरा उसी समय मुट्ठ निकल गया. मैं किचन के तरफ चला गया पानी पिने के बहाने.

चाची मुझे देख कर थोड़ी हैरान हो गयी क्योंकि वो ऐसी नाईटी में थी. उन्होंने एकदम से बात बदल दी और बोली चलो सलोनी गुड नाईट, अच्छा लगा मिल कर.

भाविशा - समीर क्या क्या हुआ नींद नहीं आ रही.

मैं - नहीं कोशिश कर रहा था पर नहीं आ रही. मैंने उनके बॉडी को ऊपर से निचे देखा और बोला वाव चाची, आपने कितना अच्छा मेन्टेन किया है अपने आप को.

भाविशा हँसते हुए - थैंक्स समीर, अब घुरना बंद करो..

मैं शर्माते हुए - सॉरी चाची लेकिन क्या करू आप हो ही इतनी हॉट..

भाविशा थोड़ी हैरान हुई हॉट सुन कर फिर बोला सो जाओ..

मैं- गुड नाईट.

भाविशा ने खाली स्माइल किया और कुछ नहीं बोला.. वो घूम के रूम की तरफ जाने लगी. उनकी गोरी टाँगे और उभरी हुई गांड देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने चाची का हाथ पकड़ के खीच लिया और उनको पीछे से दबोच लिया.

चाची बोली - समीर क्या कर रहे हो.. हटो और धक्के मार रही थी मुझे. उनकी गांड मेरे लंड में दबा हुआ था और मेने एक हाथ से उनकी टमी को पकड़ा हुआ था और दुसरे हाथ से उनका मुह ताकि वो चिल्लाये ना..

क्या मखमल फील आ रही थी स्किन की.. वो छूटने की कोशिश कर रही थी और मैंने धीरे से उनके कान में बोला- चाची प्लीज आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो.. आपको देख के कण्ट्रोल नहीं होता और उनके गर्दन को चूमने लगा और अपना लंड उनकी गांड में दबाने लगा.

चाची - समीर छोडो तुम्हारा दिमाग ख़राब हो गया है क्या ..

मैं उनकी चुचियों को दबाया और उनके गर्दन को चूस रहा था. वो छटपटा रही थी पर मैंने उन्हें नहीं छोड़ा.. फिर मैंने उनको घुमाके अपनी तरफ किया.

उनकी शकल में डर था. मैंने एक जोर का समुच दिया और कहा - चाची मुझे सब पता है आप कहा गयी थी दोपहर को और फ़ोन पर भी आपकी बात सुनली.

ये सुनकर उनका मुह शॉक से खुल गया. मैंने उनको कमर से पकड़ रखा था और उनकी चुचे के तरफ देखा. उनके चुचे बिलकुल गोरे और फुले हुए थे, उनकी निप्प्लेस भी सख्त हो गयी थी जो की नाईटी के ऊपर से दिख रही थी.

चाची ने घबराते हुए - समीर अभी हटो मैं कल समझती हूँ तुम्हे..

मैंने उनको फिर अपनी तरफ खीचा और उनके गालो पर किस किया और उनकी गंद को पकड़ लिया. मेरा लंड तो पूरा तन गया था और शायद उनको भी महसूस हो रहा था.

चाची ने मुझे धक्का दिया और छुट गयी और कमरे में भाग गयी. मुझे गुस्सा चढ़ा क्योंकि मैं पुरे मूड में था पर चाची हाथ से निकल गयी. मैं अपने कमरे में गया और मुट्ठ मारा और सोचा की कल तो चोदुंगा. नहीं तो जब चाचा ऑफिस चले जायेंगे.

मुझे पूरी रात नींद नहीं आई. सुबह चाचा के ऑफिस जाने का टाइम हो गया था. और चाची उनके लिए नाश्ता तैयार कर रही थी. उन्होंने दूसरी नाईटी पहन राखी थी जिसमे उनकी पूरी टांग ढकी हुई थी और स्लीव्स भी थी. नाईटी रेड कलर की थी.

मैं जब कमरे से बाहर आया तो मुझे तो चाची उसमे भी माल लग रही थी. चाचा टेबल पे बैठ के नाश्ता कर रहे थे और चाची अपने और उनके लिए चाय बना रही थी. मैं दिनिंग रूम में आया और चाचा को गुड मोर्निंग बोला.

चाचा ने भी गुड मोर्निंग विश किया और चाची से कहा..

अरे भाविशा समीर के लिए भी चाय बनादो..

चाची ने मुझे बिना देखे बोला- हाँ बनाती हूँ.

फिर चाचा ऑफिस के लिए निकल गए और जैसे ही दरवाजा बंद हुआ में किचन की तरफ गया. चाची ने मुझे किचन की तरफ आते हुए देख लिया और वो पहले ही पीछे हट गयी और मुझे देखते हुए कहा..

समीर ये ठीक नहीं है, पीछे हटो..

वो थोड़ी गुस्से में थी.. उन्होंने मेरे शॉर्ट्स की तरफ देखा तो मेरा लंड ठनका हुआ था. भाविशा गुस्से से लाल हो गयी और डाट कागा के कहा..

चलो बैठो उधर (इशारा करते हुए)

मैं टेबल पर जाकर बैठ गया. उनके बाल खुले हुए थे और ऊपर से वो गुस्से में और भी सेक्सी लग रही थी.

मैं - चाची आप जो कर रही है वो ठीक है क्या? आप बाहर जा के मूह मार रही है और किसी को पता चल गया तो..

मैं उठ के उनकी तरफ गया, उन्होंने मुझे देखते हुए कहा - अब ये सफाई में तुम्हे नहीं दूंगी, और जो कल रात तुमने किया वो में माफ़ करती हूँ और तुम्हारे चाचा से भी नहीं बोलूंगी. तुम बस अपने काम से काम रखो आज से.

मुझे गुस्सा चढ़ा और मैंने चाची को गोद में उठाया और बेडरूम की तरफ ले गया.

वो चिल्लाते हुए बोली - समीर छोडो मुझे और मुझे पीठ में मारने लगी. मैं एक तो सारी रात सोया नहीं था और ऊपर से हवस चढ़ती हुई थी मुझे..

मैंने सोच लिया था की आज तो चोदुंगा ही, मैंने उनको बिस्तर पर रख दिया और कुण्डी बंद कर दी.

मैं - भाविशा देख तूने जो किया वो गलत किया इसलिए मैं भी अब तेरे साथ करूँगा.

भाविशा - कैसे बात कर रहे हो, शर्म नहीं आती?

मैं - देख जो मैं करने जा रहा हूँ करते वक़्त तुझे चाची बोलूँगा तो अच्छा नहीं लगेगा.

भाविशा डर गयी अब और बोली - प्लीज समीर रहने दो ये गलत है. उनके आंसू भी निकलने लगे अब.

मैं उनकी तरफ गया और प्यार से उन्हें अपनी गोद में बैठाया और कहा - देख भाविशा में तुझसे प्यार करता हूँ और इसमें कोई गलत नहीं है. तूने जो बाहर किया वही में तेरे साथ करूँगा और उनके गालो पे हाथ फेरते हुए बोला की तुझे भी सेक्स चाहिए और मुझे भी तो इसमें कोई गलत नहीं है.

ये सुन के वो थोड़ी शांत हुई.. फिर मैंने उन्हें लेटाया और किस किया. उसने मुझे रोका नहीं, मैंने उसकी आँखों में देखा और कहा..

भाविशा एन्जॉय कर तभी मजा आएगा और फिर उसके गर्दन और गालो को चाटना शुरू किया. साथ साथ में उसकी चूचियां भी दबा रहा था.

फिर मैंने नाईटी को ऊपर किया और उनकी टांगो को चुसना शुरू किया. क्या चिकनी स्किन थी उनकी, मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था की मेरा सपना पूरा हो रहा है. मैंने भाविशा को देखा तो उसकी आँखे बंद थी. मैंने नाईटी को कमर तक उठा दिया और भी उसके जन्घो को चूसने लगा.

भविष थोड़ी थोड़ी सिसकियाँ ले रही थी अब.. उसकी पेंटी से थोड़े झांट के बाल भी दिख रहे थे. मैंने जी भरकर उसकी टांगो और जांघ को चूसा और उसे भी मजा आने लगा. वो मचल रही थी और उसकी आँख बंद थी.

मेने फिर से उसे किस किया और उसकी चुचियों को भी दबाया. अब वो भी मेरा साथ दे रही थी किस में. मैंने फिर अपना शर्ट उतारा और शॉर्ट्स भी..

भाविशा ने अपनी आँखे खोल ली और अपने ऊपर मुझे खाली चड्डी में देखा, मैंने उसे देख के स्माइल किया और बोला - भविष आजा मेरी रानी, आय लव यू.. भाविशा ने भी हंस दिया और उसे पता था की अब जो होना ही और वो भी चुदाई की भूखी थी तो वो मेरे गले लग गयी और मुझे शोल्डर पर किस करने लगी.

मैंने भी गर्दन पर और फिर होंठो पर किस किया. वो तो अब तड़प रही थी और मेरे चेस्ट पर किस करने लगी.

अब वो पूरी तरह से मदहोश हो गयी थी. मैंने फिर उसकी नाईटी उतारी, अब वो ब्रा और पेंटी में थी. वो थोडा शर्मा रही थी और मेरे तरफ नहीं देख रही थी. मैंने उसकी ब्रा और पेंटी निकल दी. अब उसे अपने नग्नपन का एहसास हुआ और उसने अपना मुह ढक लिया अपने हाथो से..

मैंने उसके हाथो को हटाया और उसकी तरफ देखा और बोला - बेबी शरमाओ मत..

मैं उसके सामने खड़ा हो गया और उसे मेरी चड्डी उतारने को कहा. उसने धीरे से मेरी चड्डी उतार दी और मेरा तना हुआ लंड बाहर आ गया और वो उसे देखते ही रह गयी. मैंने उसके हाथ को अपने लंड पर रखा और हिलाने के लिए कहा.

वो अभी भी मेरे लंड को देख के हैरान थी. मेने अब उसे लेटाया और उसके ऊपर लेट गया और आँखों में देख के कहा- क्या हुआ ऐसे क्या देख रही हो लंड को? कल दोपहर को ही तो देखा था तुमने?

भाविशा हँसते हुए - इतना बड़ा नहीं था. मैंने उसे ऊपर से निचे तक किस किया और वो भी मेरे गांड में हाथ फेर रही थी.

अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैंने फिर उसकी छुट को चाटना शुरू किया और उसने अपने दोनों पैर से मेरे मुह को दबा दिया. मैं रुक गया.

भाविशा - रुको मत प्लीज.

मैंने फिर से जीभ से चाटना शुरू किया और वो सिसकियाँ ले रही थी.

फिर मैंने अपने लंड को उसके चूत के ऊपर रखा और मसलने लगा, उसने आँख खोल के मुझे देखा और कहा - डालो न समीर, जल्दी करो प्लीज. मुझे समझ में आ गया की अब ये मेरे वश में है और भी इसे रोज चोद सकता हूँ.

फिर मैंने एक जोर का धक्का दिया और भाविशा की चीख निकल गयी. मैं थोड़ी देर अन्दर ही डाल के रुका रहा फिर धीरे धीरे स्पीड बधाई. मैं धक्के मरता गया और स्पीड बधाई और पुरे कमरे में थप थप छप छप और भाविशा की सिकियों से गूंज उठा. वो कुछ ऐसे कहर रही थी - ऊईई माँ.. उफ्फ्फ.. आह्ह्ह्ह आःह्ह्ह समीर ओह्ह्ह आदि..

उसके दोनों हाथ ऊपर थे जिसे मेने पकड़ रखा था और मेने देखा की उसके अंडर आर्म्स में एक भी बाल नहीं है. मैंने उसके अंडर आर्म्स को चाटना शुरू किया और उसे किस भी किया. उसकी चूचियां गजब तरीके से ऊपर निचे उछल रही थी.

थोड़ी देर चुदाई के बाद मेरा भी मुट्ठ निकलने वाला था क्योंकि मेरा फर्स्ट टाइम था, मैंने धक्के मरते मरते पूछा - भाविशा कहा निकालू मेरा माल गिरने वाला है?

भाविशा - अन्दर ही गिरा दो..

मैं - पक्का?

भविष - हाँ परसों ही मेरे पीरियड ख़त्म हुए है.

तो मैंने एक जोर का झटका मरते हुए उसके अन्दर झाड़ दिया और उसकी एक जोर से आवाज आई.

अह्ह्ह्ह!

वो भी झड गयी थी और पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी. मैं साइड में लेट गया और वो मेरे साइड में सर रख कर लेट गयी.

हम दोनों चुप चाप लेते रहे और फिर पता नहीं कब हम दोनों को नींद आ गयी. "`
 
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