चिकनी चूत मिली चचेरी बहन की

sexstories

Administrator
Staff member
दोस्तों मैं आप सभी को अपनी बहन की चिकनी चूत बजाने की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जोकि मेरी चचेरी बहन लगती थी जिसका नाम साकी था | मैं गॉंव में कुछ दिनों के लिए अकेला ही गया था | वहाँ मेरा पूरा परिवार अक्सर ही खेतों में काम के लिए जाया करता था | मेरी बहन वहाँ पर अक्सर घर का काम संभाला करती थी और मैं भी उसके साथ खाली घर में रहा करता था | मैं उसपर बुरी नज़र तो नहीं डालता पर उसे घर के कामों को करते हुए देखता तो मेरी नज़र हवस से भर जाती थी | वो जब बर्तन साफ़ करती तो उसकी चूतडों का माप बिलकुल साफ़ आता | उसकी गांड ऐसे उप्पर - नीचे हिलती जैसे किसी लंड के उप्पर रौंध रही हो | मैं सामने से देखता तो सुके चुचे भी लटके हुए मुझे पागल कर देते थे |

मेरा मन में साकी की चिकनी चूत के साथ खिलवाड़ करने कर रहा था और मैंने पीछे नहीं हटा | मैं अब जान - बुझ कर उससे सामने से ही निहारता जिसकी वजह से मेरी बहन को भी अब मेरी गन्दी नज़र की भनक पड़ चुकी थी | ना जाने क्यूँ उसे भी अपना अंग - प्रदर्शन करने में बहुत मज़ा आता था | मैं अब उससे अक्सर ही काम - जल्दी खतम करा कर खूब बातें किया करता था | उस दिन तो अमिन कुछ ज्यादा ही मुड में था इसीलिए ऐसे ही उसे अंदर पलंग पर बुलाया और इससे पहले वो कुछ बोलती मैंने चुचों पर अपना हाथ फेर डाला, उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था और मेरे हाथ उसके स्तनों पर लहराते हुए उसके चुचों की मालिस करने लगे जिसपर साकी ने भी मेरा किसी भी तरह से विरोध नहीं किया जबकि वो हैरान ज़रूर थी |

हम दोनों जानते थे किस यह बहन - भाई का रिश्ता अब कुछ माईने नहीं रखता है इसीलिए अब कोई नहीं रुका | हम दोनों इंग्लिश स्टाईल में एक दूसरे के होंठों को मिलाते हुए कसाई कर रहे थे | हम दोनों अब एक साथ वासना के नशा में चूर हो चुके थे | मैंने साकी के कुर्ती को उतार दिया साथ ही उसके नंगे चुचों को मसलते हुए पिने लगा | वहाँ अब उसे मेरा मन नंगा करने का करने लगा तो मैं नहीं रुका, मैंने पलभर में उसके सभी कपड़ों को अलग कर बाजु में फेंक दिया और वहीँ पलंग पर उसे लिटाते हुए मैंने साकी का पूरा फाइदा उठाते हुए अपने लंड को निकाल टांगों के बीच चिकनी चूत पर टिका दिया |

मैंने बस जोर के धक्के मारना शुरू कर दिया और साकी दर्द में जूझती हुई अपनी चुत को चुदवाने के लिए गांड को मटकाने लगी | मैंने भी अब चिकनी चूत में कमोत्त्जित भय से होने वाले दर्द की चिंता ना करते हुए उसकी चुत को बस चोदे जा रहा था रहा था जिसपर उसकी सिस्कारियां निकल रही थी | मैंने अपने लंड के तीव्र झोटे उसकी चुत में दे रहा था जहाँ वो मस्तानी कामुक दर्द में झूझती हुई, आह्हह्ह अह्हाहह्हा मेरा राजा. . .करके सीत्कारें निकले जा रही थी | मैं आखिर में जोरदार झटकों से साथ ही उसके उप्पर झड गया और निढाल होकर वहीँ लेट गया | मेरी बहन अब भी मुझसे और चुदवाना चाहती थी पर यह मेरी पहली पारी थी | मैंने अब रोज ही अपनी बहन को अपनी रांड समझकर चोदा और उसकी आह्हह्ह आह्ह्ह्ह्ह सुन मैं हर बार चरम सीमा पर पहुँच जाता |
 
Back
Top