चुदकर मुझे थैंक्यू बोला

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Antarvasna, desi kahani: मेरा काफी समय बाद चंडीगढ़ जाना हुआ, चंडीगढ़ मैं अपने ऑफिस की ट्रेनिंग के लिए गया हुआ था, मैं लुधियाना में रहता हूं। जब मैं चंडीगढ़ गया तो उस वक्त मैंने सोचा कि क्यों ना अपने पुराने कुछ दोस्तों से मिल लिया जाए। संकेत उनमें से मेरा सबसे करीबी दोस्त है संकेत को मैंने फोन किया तो संकेत मुझसे पूछने लगा आदर्श तुम कैसे हो और अभी कहां हो? ना जाने संकेत के कितने ही सवाल थे। करीब एक वर्ष बाद मैं संकेत से फोन पर बात कर रहा था और मेरा नंबर भी बदल चुका था। संकेत और मैं एक दूसरे से फोन पर बातें करने लगे तो मैंने संकेत को कहा कि तुम यह सब छोड़ो और यह बताओ कि तुम अभी कहां पर हो मैं तुमसे मिलने के लिए आ रहा हूं। संकेत मुझे कहने लगा कि क्या तुम चंडीगढ़ आए हुए हो तो मैंने उसे कहा हां मैं चंडीगढ़ आया हुआ हूं। मैं संकेत से मिलने के लिए उसके ऑफिस में चला गया, संकेत से मैं ऑफिस में ज्यादा बात तो नहीं कर सका लेकिन उसने मुझसे कहा कि हम लोग शाम के वक्त मुलाकात करते हैं। मैंने संकेत को कहा ठीक है हम लोग शाम के वक्त मिलते हैं और शाम के वक्त मैं और संकेत एक दूसरे से मिले तो संकेत ने मुझे कहा आदर्श तुम बिल्कुल सही समय पर मुझे मिले हो मेरी बहन दीपिका की शादी होने वाली है।

दीपिका संकेत से दो वर्ष ही बड़ी थी और वह हमारे ही स्कूल में पढ़ा करती थी। मैंने संकेत को कहा चलो यह तो बड़ी खुशी की बात है कि दीपिका की शादी होने वाली है। पहले मैं भी चंडीगढ़ में ही पढ़ा करता था लेकिन पापा के रिटायरमेंट होने के बाद हम लोग लुधियाना चले आए और लुधियाना में ही मैंने जॉब करनी शुरू कर दी। संकेत से इतने समय बाद मिलकर अच्छा लग रहा था संकेत मुझे कहने लगा कि तुम काफी सालों से चंडीगढ़ भी तो नहीं आए थे। मैंने उसे कहा हां तुम जानते तो हो ही की चंडीगढ़ आना हो ही नहीं पाता है अपने काम के चलते इतना बिजी हो गया हूँ कि मेरे पास बिल्कुल भी समय नहीं रहता। संकेत मुझे कहने लगा कि हां यह बात तो तुम ठीक कह रहे हो मेरे साथ भी बिल्कुल ऐसा ही है मैं भी अपने आप को बिल्कुल समय नहीं दे पाता हूं और घर पर मैं देर शाम से पहुंचता हूं और पापा मम्मी को मुझसे यही शिकायत रहती है कि मैं उन लोगों के लिए बिल्कुल भी समय नहीं निकाल पाता हूं।

मैं और संकेत काफी देर तक साथ में बैठे उसके बाद मैंने संकेत को कहा कि अभी मैं चलता हूं और फिर मैं अपने होटल में वापस लौट गया। कुछ दिनों की मेरी ट्रेनिंग थी तो मैं ट्रेनिंग खत्म करने के बाद वापस लुधियाना लौट आया। मैं अपने नये ऑफिस को ज्वाइन कर चुका था और मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता था। संकेत का मुझे फोन आया और वह कहने लगा कि दीपिका दीदी की शादी का दिन तय हो गया है और तुम्हें चंडीगढ़ आना है। मैंने संकेत को कहा ठीक है मैं चंडीगढ़ जरूर आऊंगा और उसके कुछ समय बाद मैं चंडीगढ़ चला गया। मैं जब चंडीगढ़ गया तो उस वक्त मैं अपनी फैमिली के साथ चंडीगढ़ गया हुआ था क्योंकि संकेत के परिवार को मेरे परिवार वाले अच्छे से जानते हैं इसलिए वह लोग भी मेरे साथ लुधियाना से चंडीगढ़ गए हुए थे। हम लोगों को रुकने के लिए संकेत ने होटल में रूम बुक करवा दिया था और जब दीपिका की शादी हो गई तो उसके बाद हम लोग वापस लुधियाना लौट आए उसके बाद भी संकेत और मेरी फोन पर बातें होती ही रहती थी। जब भी हम दोनों की फोन पर बातें हुआ करती तो मुझे और संकेत को बहुत ही अच्छा लगता। संकेत ने मुझे नीलम के बारे में बताया नीलम और संकेत की मुलाकात उसके ऑफिस में ही हुई थी और वह दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे थे। संकेत ने मुझे बताया कि उसने अभी तक नीलम से इस बारे में कुछ भी बात नहीं की है। मैंने संकेत को कहा कि तुम देर क्यों कर रहे हो तुम अपने दिल की बात नीलम से कह क्यों नहीं देते तो संकेत कहने लगा कि मैं तो सोच ही रहा था कि मैं अपने दिल की बात कह दूं लेकिन मेरी हिम्मत ही नहीं हो पा रही है कि मैं नीलम से अपने दिल की बात कहूं। मैंने संकेत को कहा कि तुम जल्द से जल्द नीलम को अपने दिल की बात कह दो क्योंकि नीलम जैसी लड़की शायद तुम्हें मिल नहीं पाएगी। संकेत ने मुझे उससे पहले भी नीलम की तस्वीर भेजी थी और मैंने संकेत को कहा कि तुम नीलम से शादी कर ही लो उसके बाद उसने नीलम से अपने दिल की बात कह दी और उन दोनों का रिलेशन अच्छे से चलने लगा।

वह दोनों एक दूसरे के साथ रिलेशन में बड़े ही खुश थे और इस बात से मैं भी कहीं ना कहीं खुश था कि संकेत भी अब नीलम से शादी करने वाला है। नीलम और संकेत की शादी भी तय हो चुकी थी क्योंकि उनके परिवार वाले इस बात के लिए मान चुके थे। संकेत ने मुझे फोन कर के कहा कि तुम्हें कुछ दिनों के लिए चंडीगढ़ आना पड़ेगा मैंने संकेत को कहा कि तुम्हारी शादी में मैं जरूर आऊंगा लेकिन उससे पहले तुम कुछ दिनों के लिए लुधियाना तो आ जाओ। संकेत कहने लगा कि लुधियाना आ पाना तो मुश्किल होगा लेकिन तुम चंडीगढ़ आ जाओ और वैसे भी मेरी शादी कुछ दिनों बाद तो होने ही वाली है। मैंने संकेत को कहा ठीक है मैं कुछ दिनों के लिए चंडीगढ़ आ जाऊंगा और जब नीलम और संकेत की शादी थी तो उस दौरान मैं चंडीगढ़ चला गया। मैं चंडीगढ़ गया हुआ था तो नीलम और संकेत की शादी तो हो गई लेकिन उस शादी में मुझे नीलम की एक सहेली मिली जिसका नाम मीनाक्षी है।

मीनाक्षी से मिलकर मुझे काफी अच्छा लगा और हम दोनों की मुलाकात उस दौरान थोड़ी देर की ही हुई लेकिन उसके बाद मीनाक्षी को मैंने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और हम लोग फेसबुक चैट के माध्यम से एक दूसरे से बातें करने लगे। हालांकि हमारी बात ज्यादा नहीं होती थी लेकिन फिर भी हम लोग एक दूसरे से बातें किया करते तो हम दोनों को ही अच्छा लगता था। हम दोनों एक दूसरे से हर रोज बातें किया करते। हम दोनों को एक दूसरे से बातें करना बहुत ही अच्छा लगता मैं और मीनाक्षी एक-दूसरे के बहुत करीब आ चुके थे। मीनाक्षी भी अपने मामा जी से मिलने के लिए कुछ दिनों के लिए लुधियाना आई हुई थी वह लोग लुधियाना में ही रहते हैं और इत्तेफाक तो यह है कि वह लोग हमारी सोसाइटी में ही रहते हैं। मेरे लिए तो यह बढा अच्छा था मैंने उस दिन मीनाक्षी को अपने घर पर बुला लिया था। मीनाक्षी और मै एक दूसरे से बातें कर रहे थे हम दोनों साथ में बैठे हुए थे। मीनाक्षी का गोरा रंग देख मैं अपने अंदर की गर्मी को रोक ना सका। मेरे उसके होठों को चूम लिया मैंने मीनाक्षी के होठों को चूम लिया। वह उत्तेजित होने लगी थी मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरू किया तो वह पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी और उसकी गर्मी बढने लगी थी। मुझसे बिल्कुल नहीं रहा जा रहा और मेरे अंदर जो आग लगी हुई थी वह बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो मीनाक्षी मेरे लंड को देखकर कहने लगी तुम्हारा लंड तो बहुत ज्यादा मोटा है। मैंने मीनाक्षी को कहा तुम इसे अपने मुंह के अंदर समा लो मीनाक्षी ने मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में ले लिया और वह उसे सकिंग करने लगी। जब मीनाक्षी मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग कर रही थी तो उसको बड़ा ही मजा आ रहा था और मुझे भी अच्छा लग रहा था। मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बड़ी हुई थी मीनाक्षी के अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुके थे। मैंने मीनाक्षी के कपड़ों को उतारते हुए उसकी पैंटी और ब्रा को उतार फेंका जिसके बाद मैंने उसकी गुलाबी चूत पर अपनी उंगलियों को फेरना शुरू किया और कुछ देर तक उसकी चूत पर उंगलियां फिरने के दौरान उसकी चूत से निकलता हुआ पानी कुछ ज्यादा ही अधिक हो चुका था।

अब मैंने उसके स्तनों को चूसना शुरू कर दिया था उसके स्तनों को चूस कर मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था और उसको भी बहुत अच्छा लग रहा था। हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित हो रहे थे हमारे अंदर की गर्मी अब इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी हम दोनों से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था। मैंने पूरी तरीके से सोच लिया था कि मैं और मीनाक्षी आज एक दूसरे के साथ अच्छे से संभोग करेंगे। मैंने जब अपने मोटे लंड को मिनाक्षी की चूत के बीचो-बीच रगडा तो मीनाक्षी की चूत से निकलता हुआ गर्म पानी और भी ज्यादा बाहर की तरफ निकलने लगा उसकी चूत हल्की सी खुली हुई थी मैंने भी अपने लंड को उसकी चूत में धीरे-धीरे घुसाना शुरू किया उसकी चूत की चिकनाई इतनी अधिक हो चुकी थी कि उसकी चूत के अंदर मेरा मोटा लंड जैसे ही प्रवेश हुआ तो वह जोर से चिल्लाकर मुझे कहने लगी मेरी चूत में दर्द हो गया।

मैंने उसे कहा मुझे भी बहुत ज्यादा दर्द महसूस हो रहा है लेकिन जैसे ही मीनाक्षी की चूत से खून बाहर की तरफ को निकलने लगा तो मैंने उसे कस कर पकड़ लिया। अब मै उसे कसकर पकड़ चुका था वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और ना ही मुझसे रहा जा रहा था हम दोनों ही बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुके थे और हमारी उत्तेजना बहुत ही ज्यादा बढ गई थी। मैंने मीनाक्षी की चूत पर बड़ी तेजी से प्रहार करना शुरू कर दिया था उसकी चूत पर मैं जिस प्रकार से प्रहार कर रहा था उससे मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था। मुझे बड़ा आनंद आ रहा था उसकी सिसकारियां मे लगातार बढ़ोतरी होती जा रही थी मेरे अंदर की गर्मी बहुत अधिक हो चुकी थी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था। मैंने जैसे ही उसकी चूत के अंदर अपने वीर्य की पिचकारी मारा तो वह खुश हो गई और कहने लगी आज मेरा जीवन सफल हो गया मैंने उसे कहा लेकिन तुम ऐसा क्यों कह रही हो। वह कहने लगी मैंने आज तक किसी से भी अपनी सील नहीं तुडवाई थी तुम पहले हो जिसे देखकर मैं अपने आपको रोक ना सकी और तुम्हें अपने बदन को सौप बैठी।
 
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