आईये आपको बताते हैं कहानी सौतिया डाह की जो चूत और गांड के बीच में आदिकाल से चलती आ रही है। उपर वाले ने जब इन दो छेदों को बनाया तो दोनों में कोई अंतर इसलिये नहीं किया कि दोनों ही हमारे शरीर से अतिरिक्त पदार्थ निकालने के काम आते हैं, एक से पानी निकलता है दूसरे से ठोस पदार्थ, लेकिन दोनों ही पड़ोसियों की खासियत यह है, कि दोनों ही लंड अतिथि के स्वागत के लिये तैयार रहते हैं। संयोग से अधिकांशत: लंड अकेले ही पधारते हैं, क्योंकि सामान्य रुप से हर मर्द के पास यह हथियार एक ही होता है। पर स्वागत करने वाले दो होते हैं, ऐसे में ज्यादातर बाजी अगला छेद मतलब तो आप समझ गये होंगे, चुदनी, मार ले जाती है हालांकि गाड़ का कहना है कि वो ज्यादा टाईट होती है और अधिकांशत: लंड अतिथि महराज ढीले ढाले होते हैं इसलिये अगले गेट पर ही आकर ठहर जाते हैं। अब देखिए फुद्दी को बहुत गुमान होता है अपने इस बात पर कि ज्यादा तर अतिथि उसके यहां ही आते हैं पर आपने सुना तो होगा कि जब भी लोग बात करते हैं बड़े लौड़े की तो कहते हैं देख कर गांड फट गयी, अब वही बात है कि जाएगा वो भले ही चूत में फट रही है गांड की। तो इस बात को लेकर एक बार एक रंडी से इंटरव्यू में पूछा गया कि अच्छा बताओ कि इन दोनों में तुम्हें कौन बेहतर लगता है, तो उसका जवाब बड़ा ही क्लियर था। उसने कहा चूत तो पैसेंजर ट्रेन है जिसमें हर आदमी चढ सकता है पर गांड यह एसी फर्स्ट क्लास है या यों कहें कि फ्लाईट है जिसमें टाईट बजट और ढीले लंड वाले नहीं चढ सकते।
सत्य वचन इसी बात पर हमारे सेक्स एक्सपर्ट कामशास्त्र ज्ञाता बेलन बाबा का कहना है कि, गांड न मारे पाप है फुद्दी मारे पुन्य, जो हम मारें मूठ को हो जाए सब शून्य। मतलब कि गांड न मारो तो पाप है और चूत मारो तो पुन्य मगर इसके साथ अगर आप मूठ या हस्तमैथुन न करो तो आपका सब किया कराया बेकार है। देखिए इन बातों को ध्यान में रखिए अनुभवी लोगों ने क्या कहा है यह एक चोदने के खिलाड़ी बनने के लिये अत्यंत आवश्यक है। और आपको बता दें इन दो छेदों की लड़ाई आदिकाल से जारी रही है और जारी रहेगी, इस लिये आप के लिए सबसे बेहतर सजेशन यह है कि बारी बारी से ये तीनों काम करें आप। पहले आगे डालें फिर पीछे डालें और जैसा मन करे वैसा करते हुए प्रेमिका की सहमति और छेदों का गीलापन देखते हुए क्रम बदलते रहें। जैसे कि अगर आगे थोड़ा सूख जाए तो पीछे डाल दें, और अगर पीछे नमी की कमी पड़े तो आगे डाल दें। लंड के थोड़ा ही नरम पड़ते हाथ का सहारा लें हाथ चाहे अपना हो या प्रेमिका का, लेकिन यह टनकाने में कारगर साबित होता है। इन सब सेक्स के मजेदार विचारों के साथ आप चूत और गांड के पारस्परिक महत्व को नजर अंदाज न करते हुए काम करें, जीवन वासनामय रहेगा।
सत्य वचन इसी बात पर हमारे सेक्स एक्सपर्ट कामशास्त्र ज्ञाता बेलन बाबा का कहना है कि, गांड न मारे पाप है फुद्दी मारे पुन्य, जो हम मारें मूठ को हो जाए सब शून्य। मतलब कि गांड न मारो तो पाप है और चूत मारो तो पुन्य मगर इसके साथ अगर आप मूठ या हस्तमैथुन न करो तो आपका सब किया कराया बेकार है। देखिए इन बातों को ध्यान में रखिए अनुभवी लोगों ने क्या कहा है यह एक चोदने के खिलाड़ी बनने के लिये अत्यंत आवश्यक है। और आपको बता दें इन दो छेदों की लड़ाई आदिकाल से जारी रही है और जारी रहेगी, इस लिये आप के लिए सबसे बेहतर सजेशन यह है कि बारी बारी से ये तीनों काम करें आप। पहले आगे डालें फिर पीछे डालें और जैसा मन करे वैसा करते हुए प्रेमिका की सहमति और छेदों का गीलापन देखते हुए क्रम बदलते रहें। जैसे कि अगर आगे थोड़ा सूख जाए तो पीछे डाल दें, और अगर पीछे नमी की कमी पड़े तो आगे डाल दें। लंड के थोड़ा ही नरम पड़ते हाथ का सहारा लें हाथ चाहे अपना हो या प्रेमिका का, लेकिन यह टनकाने में कारगर साबित होता है। इन सब सेक्स के मजेदार विचारों के साथ आप चूत और गांड के पारस्परिक महत्व को नजर अंदाज न करते हुए काम करें, जीवन वासनामय रहेगा।