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Hindi sex kahani, antarvasna: दीदी को देखने के लिए लड़के वाले घर आने वाले थे इसलिए मैं उस दिन घर पर ही था मैंने उस दिन अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी। दीदी स्कूल में पढ़ाती हैं और उन्हें देखने के लिए जब लड़के वाले आए तो सब लोग इस बात से खुश थे कि अब दीदी की सगाई जल्द ही हो जाएगी। लड़के वालों ने दीदी को पसंद कर लिया था और जल्द ही दीदी की सगाई हो गई, जब दीदी की सगाई हुई तो उसके बाद शादी के बारे में भी सब लोग सोचने लगे और कुछ ही महीनों में दीदी की शादी का दिन भी तय कर दिया गया। दीदी की शादी बड़े ही धूमधाम से हुई और सब लोग बहुत ही खुश थे कि अब दीदी की शादी हो चुकी है। एक दिन मैं अपने ऑफिस से लौट रहा था तो उस दिन मुझे दीदी का फोन आया और दीदी मुझे कहने लगी कि राजेश क्या तुम अभी घर पर हो तो मैंने दीदी को कहा कि नहीं मैं अभी घर तो नहीं पहुंचा हूं क्या कोई जरूरी काम था। दीदी मुझे कहने लगी कि हां मैं पापा को काफी देर से फोन कर रही थी लेकिन उनका फोन लग नहीं रहा है तो मैंने सोचा कि तुम्हें ही फोन कर दूं। मैंने दीदी को कहा कि मैं अभी थोड़ी देर बाद ही घर पहुंच जाऊंगा तो आपकी बात पापा से करवा दूंगा दीदी कहने लगी ठीक है। मैं आधे घंटे में घर पहुंच गया तो मैंने मां से पूछा कि क्या पापा आ चुके हैं तो मां कहने लगी कि अभी तो तुम्हारे पापा आए नहीं हैं वह थोड़ी देर बाद आते ही होंगे।

मैंने दीदी को फोन किया और कहा कि पापा अभी आए नहीं है थोड़ी देर बाद वह आएंगे तो मैं आपकी बात करवा दूंगा दीदी कहने लगी कि ठीक है, तुम मेरी मां से बात करवा दो। दीदी मां से बात कर रही थी तभी घर की डोर बेल बजी, मैंने जब दरवाजा खोला तो पापा आ चुके थे पापा ने भी दीदी से बात की और फिर मैं अपने रूम में आ चुका था। उन लोगों ने काफी देर तक फोन पर बात की और जब मैं अपने कपड़े चेंज कर के आया तो पापा मुझे कहने लगे कि बेटा तुम तुम्हारी बहन से कल मिल आओ। मैंने पापा से कहा कि आप लोग भी मेरे साथ चलेंगे तो पापा कहने लगे कि हां हम लोग भी कल तुम्हारे साथ चलते हैं। अगले दिन हम सब लोग दीदी के घर पर गए यह पहला मौका था जब शादी के बाद हम लोग दीदी से मिलने के लिए उनके घर पर गए थे और उस दिन हम लोगों ने उन्हीं के घर पर डिनर किया और फिर हम लोग रात को घर वापस लौट आए। जब हम लोग घर लौटे तो उस वक्त काफी ज्यादा रात हो चुकी थी और अगले दिन मुझे ऑफिस भी जाना था। मैं जब अगले दिन सुबह ऑफिस गया तो मुझे पता चला कि मुझे कुछ दिनों के लिए दिल्ली जाना पड़ेगा उसके बाद मैं दिल्ली जाने के लिए अपना सामान पैक करने लगा तो मां मेरे कमरे में आई और कहने लगी कि बेटा तुम सामान पैक कर रहे हो क्या तुम कहीं जा रहे हो। मैंने मां को कहा हां मां मैं कल दिल्ली जा रहा हूं मां मुझे कहने लगी कि लेकिन बेटा तुमने तो मुझे कुछ भी नहीं बताया। मैंने मां से कहा कि मां मैं वहां पर सिर्फ दो दिन रुकूंगा और फिर वापस लौट आऊंगा। मां कहने लगी कि कल तुम कितने बजे जाओगे तो मैंने मां से कहा मैं कल सुबह ही चला जाऊंगा मां कहने लगी कि ठीक है मैं तुम्हारे लिए कल सुबह नाश्ता बना दूंगी। मैंने मां से कहा नहीं मां रहने देना मैं बाहर ही कुछ खा लूंगा क्योंकि सुबह मेरे खाने की बिल्कुल इच्छा नहीं होती। मां मुझे कहने लगी कि बेटा अगर तुम दिल्ली जा रहे हो तो तुम अपने चाचा के घर भी हो आना मैंने मां से कहा ठीक है मां मैं चाचा के घर भी चला जाऊंगा।

मैं अगले दिन सुबह एयरपोर्ट गया वहां से मैंने दिल्ली की फ्लाइट ले ली और फिर मैं दिल्ली पहुंच गया। मैंने अपने चाचा जी को फोन किया उसके बाद मैं उनके घर पर चला गया मैं जब उनके घर पर गया तो चाचा जी घर पर ही थे। मुझे अगले दिन अपने ऑफिस की मीटिंग से जाना था तो मैं उस दिन घर पर ही था काफी समय बाद मैं चाचा जी और चाची से मिल रहा था तो मुझे उनसे मिलकर बहुत ही अच्छा लगा इतने लंबे अरसे बाद मैं उन लोगों से मुलाकात कर रहा था। चाचा जी का बड़ा बेटा जो कि कॉलेज में पढ़ता है वह उस दिन शाम के वक्त जब घर लौटा तो वह मुझे देख कर खुश हो गया और कहने लगा कि राजेश भैया तुम कब आए। मैंने रोहित को बताया कि मैं तो आज सुबह ही आया हूं वह मुझे कहने लगा कि चलो भैया कहीं घूमने के लिए चलते हैं। मैंने रोहित से कहा नहीं रोहित रहने दो लेकिन रोहित कहां मेरी बात मानने वाला था और उस दिन हम दोनों ही शाम के वक्त घूमने के लिए चले गए। जब हम दोनों शाम के वक्त घूमने के लिए गए तो रोहित ने मुझे अपने दोस्तों से भी मिलवाया और जब उसने मुझे अपने दोस्तों से मिलवाया तो मुझे रोहित के दोस्तों से मिल कर बहुत अच्छा लगा। उस दिन मैं काफी ज्यादा खुश था कि मैं अपने चाचा और चाची से मिल पाया।

रोहित और मैं देर रात को घर लौटे थे जब हम लोग घर लौटे तो उसके बाद हम लोगों ने डिनर किया। अगले दिन सुबह मुझे जल्दी अपनी मीटिंग के लिए जाना था तो मैं सुबह जल्दी ही अपनी मीटिंग में चला गया। जब मैं शाम के वक्त घर लौटा तो चाचा जी भी अपने ऑफिस से घर लौट चुके थे और रोहित भी घर पर ही था मुझे अगले दिन की फ्लाइट से मुंबई निकलना था तो मैंने चाचा जी से कहा कि कल मैं मुंबई चला जाऊंगा। चाचा जी कहने लगे कि बेटा तुम एक दो दिन और यहां रुक जाते तो अच्छा रहता मैंने चाचा जी से कहा कि मेरा यहां रुकना मुश्किल हो पाएगा। उन्होंने उस दिन मुझसे जिद की तो मुझे वहां रुकना पड़ा इसलिए मुझे अपने ऑफिस से कुछ दिनों की छुट्टी लेनी पड़ी। चाचा जी के कहने पर मुझे चाचा जी के घर पर ही रुकना पड़ा। उस दिन शाम के वक्त जब चाचा जी के पड़ोस में रहने वाली पायल घर पर आई तो रोहित ने मेरा परिचय पायल से करवाया। रोहित पायल को अच्छे से जानता है क्योंकि वह दोनों साथ में ही पढ़ा करते थे लेकिन पायल की नजरों में कुछ तो ऐसी बात थी जो मुझे अपनी और खींच रही थी। उस दिन पायल ने मुझसे मेरा नंबर ले लिया जब उसने मेरा नंबर मुझसे लिया तो उस रात हम दोनों ने फोन पर खूब बातें की। जिस से कि पायल को भी अच्छा लग रहा था और मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका थे। पायल के साथ मुझे शारीरिक संबंध बनाना ही था।

पायल ने अगले दिन मुझे अपने घर पर बुला लिया अगले दिन मै पायल के घर पर चला गया। जब मैं पायल के घर पर गया तो उसके घर पर कोई भी नहीं था मैंने पायल से पूछा क्या घर पर कोई भी नहीं है? उसने कहा नहीं घर पर कोई भी नहीं है हम दोनों के लिए यह बड़ा अच्छा मौका था इससे पहले ना जाना पायल ने कितने लोगों के साथ ही शारीरिक संबंध बनाए थे लेकिन अब वो मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहती थी। मैंने जब पायल की जांघो को सहलाना शुरु किया तो उसे भी मजा आने लगा और मुझे भी बहुत ज्यादा आनंद आने लगा था। पायल पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी वह मुझे कहने लगी मुझे बहुतअच्छा लग रहा है। मैं और पायल पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुके थे हम दोनों इतने ज्यादा उत्तेजना में आ चुके थे कि पायल ने मेरे मोटा लंड को बाहर निकालकर उसे अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया था। वह जब मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर उसे सकिंग कर रही थी तो मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और पायल को भी आनंद आने लगा था। उसके अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी और मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। पायल ने बदन से सारे कपड़े उतार दिए। पायल मेरे सामने नंगी लेटी हुई थी मैं पायल के बदन को महसूस कर रहा था। मैंने उसकी योनि पर अपनी उंगली का स्पर्श किया तो वह मुझे कहने लगी अपनी उंगली को मेरी चूत में घुसा दो। मैंने अपनी उंगली को पायल की चूत के अंदर डाला तो वह पैरो को खोलने लगी। जब मैंने पायल की योनि में अंदर उंगली घुसाता तो वह बहुत जोर से चिल्ला कर मुझे बोलती अब मुझसे रहा नहीं जाएगा तुम अपने लंड को मेरी योनि में डाल दो। मैंने पायल से कहा अच्छा ठीक है मैं तुम्हारी चूत मे अब अपने लंड को घुसा देता हूं। मैंने पायल के स्तनों का रसपान करना शुरू कर दिया पायल के स्तनों का रसपान कर के मुझे मजा आने लगा था। पायल को भी बहुत आनंद आ रहा था।

वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो रही थी और मुझे कहने लगी मेरे अंदर की उत्तेजना पूरी तरीके से बढ़ रही है। मैंने पायल को कहा अभी तुम्हारी गर्मी को शांत कर देता हूं। मैंने पायल को कहा मै अपने लंड को तुम्हारी चूत मे डाल देता हूं। पायल की चूत पर अपने लंड को लगाने मे मुझे मजा आ रहा था। जब मै पायल की चूत पर लंड को रगडता तो मुझे एहसास होने लगा था उसकी योनि से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर को निकल आया है। जिससे कि मैंने पायल की चूत के अंदर अपने मोटे लंड को डाल दिया। पायल की योनि के अंदर मेरा मोटा लंड जाते ही वह जोर से चिल्लाकर मुझे बोलने लगी आज मुझे मजा आ गया कितने दिनों बाद मैंने इतने मोटे लंड को अपनी चूत में लिया है। पायल को बहुत ज्यादा मजा आने लगा था और मुझे भी बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था। मेरे धक्को मे तेजी आ रही थी वह जोर से सिसकारियां लेकर मुझे बोलती मुझे मजा आ रहा है। मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। मैंने पायल के पैरो को ऊपर उठा कर उसकी चूतडो पर तेजी से प्रहार करना शुरु कर दिया था और उसको तेज गति से चोदने मे एक अलग ही आंनद की अनुभूती हो रही थी। मैने उसे तेज गति से धक्के मारने शुरू कर दिए थे। मैंने जब उसकी योनि के अंदर अपने माल को गिराया तो पायल खुश होकर मुझे बोली मुझे अच्छा लग रहा है। उसके बाद भी मैंने और पायल ने एक दूसरे के साथ दो बार और सेक्स का मजा लिया। हम दोनों पूरी तरीके से संतुष्ट हो चुके थे जिस प्रकार से मैंने पायल के साथ सेक्स का मजा लिया था। पायल की कोमल चूत मुझे आज भी याद है। अब हम दोनो की बात तो नहीं हो पाती।
 
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