चूत की कसावट अधिक थी

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Antarvasna, sex stories in hindi: बारात ने बैंक्विट हॉल के अंदर एंट्री ही की थी कि मुझे सामने से एक लड़की दिखाई दी मैं नाचने में इतना व्यस्त था कि उसके बाद वह लड़की मुझे काफी देर तक नहीं दिखी लेकिन जब उसे मैंने ढूंढा तो आखिरकार वह मुझे मिल ही गई लेकिन ऐसे ही मैं किसी से भी बात तो नहीं कर सकता था इसलिए मैं उसके इर्द-गिर्द काफी चक्कर मारता रहा लेकिन बात नहीं बन रही थी। मैंने सोचा कि ऐसा क्या किया जाए कि जिससे बात बन जाए तभी एक छोटा बच्चा वहीं पास से गुजर रहा था मैंने उसे कहा कि बेटा जरा इधर आना। वह मेरे पास आया और मैंने उसे कहा मैं तुम्हें चाकलेट दूंगा तुम उस दीदी का नाम मुझे पता कर के बता दो वह मेरी बात मान गया और वह उस लड़की से उसका नाम पूछ लाया। वह लड़की मेरी तरफ देखने लगी उसका नाम सुहानी है लेकिन मुझे उम्मीद नहीं थी कि सुहानी मेरे पास आएगी और वह मुझसे बात करने लगेगी।

वह मुझसे बात करने लगी थी और मुझे भी इस बात की खुशी थी कि सुहानी मुझसे बात कर रही है क्योंकि यह बिल्कुल ही मेरी उम्मीद से परे था कि सुहानी से क्या मैं बात कर भी पाऊंगा। हम दोनों की बात होने लगी और सुहानी ने मुझे अपने बारे में बताया, सुहानी ने मुझे बताया कि वह अपने मामा जी के साथ रहती है और उसके माता पिता का देहांत बचपन में ही हो गया था उन्होंने ही उसकी परवरिश की है। सुहानी ने मुझे काफी कुछ अपने बारे में बता दिया था मैं सुहानी को दिल से चाहने लगा था और उसे पहली नजर में देखते ही मुझे प्यार हो गया था। यह सब उस वक्त हुआ जब मेरे परिवार वालों ने मेरे लिए लड़की देख ली थी और हमारी कुछ दिनों बाद सगाई होने वाली थी मैं इस चिंता में डूबा हुआ था कि अब मैं ऐसे समय में क्या करूं क्योंकि एक तरफ से मेरी सगाई होने वाली थी और दूसरी तरफ सुहानी थी और सुहानी से भी अब तक मैंने अपने दिल की बात नहीं कही थी और ना ही उसे इस बारे में कुछ मालूम था।

मैं बहुत ही ज्यादा परेशान होने लगा लेकिन मैंने उस वक्त अपने दिल की ही बात सुनी और अपनी सगाई ना करने का मैंने फैसला कर लिया उसके लिए मुझे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन वह सब भी मैं झेलने के लिए तैयार था। अब मेरी असली परीक्षा शुरू होने वाली थी क्योंकि सुहानी को अपने दिल की बात कह पाना शायद मेरे बस की बात नहीं थी। मैंने सुहानी से अपने दिल की बात कहने के बारे में सोच ही लिया था उसके लिए मैं उससे अक्सर मिला करता था। एक दिन सुहानी के मामा जी ने हमे साथ में देख लिया और वह सुहानी पर बहुत ही गुस्सा हुए। मैंने उन्हें समझाते हुए कहा कि आप सुहानी पर इतना गुस्सा ना होइए उन्होंने मुझे कहा आखिर तुम होते ही कौन हो जो मुझे समझाओगे। सुहानी ने भी अपने कदम आगे बढ़ाये और अपने मामा जी से कहा मामाजी मैं आकाश से प्यार करती हूं यह बात सुनकर मैं खुश हो गया क्योंकि मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि मेरे कहने से पहले ही सुहानी अपने मामा जी से यह बात कर लेगी। सुहानी के मामा जी ने भी उसके बाद मुझे कुछ नहीं कहा और उन्होंने मुझे अपने घर पर बुला लिया जब उन्होंने मुझे अपने घर पर बुलाया तो वह मुझे कहने लगे देखो बेटा हमने सुहानी को बचपन से बहुत ही प्यार से पाला है और कभी भी सुहानी में हमने भेदभाव नहीं किया हमने अपने बच्चों की तरह ही सुहानी को पाला है सुहानी के माता पिता बचपन में ही गुजर गए थे लेकिन हम लोगों ने उसे कभी भी मां-बाप की कमी महसूस नहीं होने दी। सुहानी भी भावुक हो गई थी और उसकी आंखों में भी नमी थी उसकी आंखों की नमी मैं समझ सकता था और मुझे भी इस बात की खुशी थी कि सुहानी के मामा जी भी मेरे साथ सुहानी का रिश्ता करने के लिए मान चुके हैं। मेरे लिए यह किसी सपने जैसा ही था और यह मेरे सपने सच होने जैसा था क्योंकि मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि इतनी जल्दी मेरा सपना सच भी हो जाएगा।

यह सब बड़ी जल्दी में हो रहा था मैं उस आने वाले तूफान से अनजान था जो मेरे जीवन में आने वाला था और उसी दौरान मेरा एक्सीडेंट भी हो गया। मेरा एक्सीडेंट होने के बाद सुहानी मुझसे मिलने के लिए आया करती थी लेकिन डॉक्टरों ने मुझे कहा था कि तुम्हें कुछ समय के लिए आराम करना होगा। मुझे यह उम्मीद भी नहीं थी कि मैं जल्दी ठीक होने वाला हूं लेकिन सुहानी ने मेरा बहुत साथ दिया और मैं धीरे-धीरे ठीक होने लगा था। सुहानी के मामा जी चाहते थे कि हम लोगों की शादी जल्द से जल्द हो जाए लेकिन अभी तो यह सब हो पाना मुश्किल ही था, मैंने सुहानी से कहा कि सुहानी तुम क्या चाहती हो। वह कहने लगी देखो आकाश मैं चाहती हूं कि पहले तुम अच्छी तरीके से ठीक हो जाओ उसके बाद ही हम लोग इस बारे में कोई बात करेंगे और जब मैं पूरी तरीके से ठीक हो गया तो हम लोगों ने सगाई करने का फैसला कर लिया। मेरे परिवार वाले भी मान चुके थे और सुहानी के मामा जी तो हमारी सगाई के लिए बहुत ही ज्यादा उत्सुक थे आखिरकार अब हम दोनों की सगाई हो ही गई। जब हम दोनों की सगाई हुई तो उसके बाद जल्द ही हम दोनों की शादी का दिन भी तय हो चुका था और हम लोगों ने अपनी शादी के लिए तैयारी शुरू कर दी थी।

सुहानी मुझे कहने लगी कि आकाश मुझे इस बात का डर है कि कहीं मेरी वजह से तुम्हारे साथ भी कुछ बुरा ना हो जाए। मैंने सुहानी से कहा तुम इस बात से क्यों घबरा रही हो और फिर हम लोगों की शादी हो गई। सुहानी और मेरी शादी हो चुकी थी और मैं अपनी सुहागरात के दिन सुहानी को गिफ्ट देना चाहता था मैंने उसे गिफ्ट दिया था वह खुश हो गई। मैंने उसके होठों को चूमा तो उसके होठों की लिपस्टिक मेरे होठों पर लगने लगी थी अब हम दोनों ही रह नहीं पा रहे थे। सुहानी मुझसे कहने लगी कि थोड़ा सब्र तो कर लीजिए आराम से कीजिए मैं कौन सा कहीं भागे जा रही हूं। मैंने सुहानी से कहा लेकिन मै सब्र नही कर पा रहा हूं तो सुहानी कहने लगी आप मेरे होंठो को अच्छे से चूसो। मैंने सुहानी के होठों को बड़े अच्छे से चूसा जब उसके होठों से मैंने खून निकालकर रख दिया तो वह कहने लगी यह हुई ना बात सुहानी उत्तेजना में आ चुकी थी। सुहानी ने मुझसे मेरे लंड को चूसने की इच्छा जाहिर की तो मैं बहुत खुश था क्योंकि उसने खुद ही मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर मेरे लंड को हिलाना शुरू किया और मेरे लंड को जिस प्रकार से वह हिला रही थी उससे मेरा लंड पूरी तरीके से तन कर खड़ा हो चुका था। जब सुहानी ने मेरे लंड को अपने मुंह मे लेना शुरू किया तो मैंने उससे कहा तुम्हारी चूत को तो मुझे चाटने दो। मैं सुहानी की चूत को चाटा सुहानी की चूत से मैंने पानी बाहर निकाल दिया था उसकी चूत से गर्म पानी निकल रहा था। मैंने सुहानी की योनि को चाट कर पूरा चिकना बना दिया था उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और मुझे उसकी चूत को चाटने में अच्छे लग रहा था उसकी चूत से जो नमकीन पानी बाहर निकल रहा था उसे मैंने बड़ी देर तक चाटा। जब मैंने सुहानी से कहा कि अब मैं तुम्हारी चूत में अपने लंड को घुसा रहा हूं तो उसने कहा हां घुसा दीजिए मुझसे भी अब रहा नहीं जा रहा। मैंने अपने लंड को सुहानी की चूत में घुसा दिया जब सुहानी की चूत में मेरा लंड घुसा तो मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था उसकी सील टूट चुकी थी और सील टूटने के साथ ही उसकी योनि से खून बाहर की तरफ को निकलने लगा था।

उसकी चूत से जितना खून निकल रहा था उससे मेरी उत्तेजना और भी बढ़ती जा रही थी मैंने सुहानी के दोनों पैरों को खोला और बड़ी तेजी से उसे धक्के देना शुरू कर दिए सुहानी को भी अच्छा लग रहा था और मुझे भी बहुत अच्छा लगता। सुहानी की चूत से लगातार खून बाहर की तरफ निकल रहा था मैंने सुहानी को घोड़ी बनाकर उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया तो उसकी चूत के अंदर मेरा लंड घुस चुका था। अब आसानी से मेरा लंड सुहाने की चूत के अंदर बाहर हो रहा था लेकिन सुहानी ने अपनी चूत को टाइट कर लिया और मैं ज्यादा देर तक उसकी चूत की गर्मी को बर्दाश्त ना कर सका। जब मैंने सुहानी से कहा कि मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है तो सुहानी मुझे कहने लगी कि लेकिन तुम्हारा वीर्य मेरी योनि में गिर चुका है।

मैंने सुहानी से कहा तुम थोड़ी देर ऐसे ही रहो मैंने सुहाने की चूत के अंदर लंड को डाला तो मैंने सुहानी की चूत मे अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरु किया सुहानी की चूत से पानी बाहर निकल रहा था और मेरा वीर्य सुहानी की चूत से बाहर की तरफ नकल रहा था लेकिन मुझे अच्छा लग रहा था। मैंने अपने लंड को सुहानी को घोडी बनाते ही उसकी गीली चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया। मैंने उसकी चूतडो को पकडा और बड़ी तेजी से मैं उसे धक्के देने लगा मुझे उसे चोदने में मजा आ रहा था और वह भी बहुत ज्यादा खुश नजर आ रही थी। मैंने उसके दोनों पैरो को खोलकर रखा था ताकि आसानी से मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर होता रहे वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी। मैने उसे बिस्तर पर लेटाया तो उसने मुझे बाहों में समा लिया जब उसने अपनी चूत को कस लिया तो मैंने उसे कहा थोड़ा अपनी चूत को ढिला करो लेकिन सुहानी कहने लगी मैं आपको मजा देना चाहती हूं और इसीलिए मैंने अपनी चूत को टाइट कर लिया है। सुहानी की चूत मारने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था इतनी आसानी से मेरा वीर्य बाहर गिरने वाला नहीं था जब मेरा माल गिरने वाला था तो सुहानी ने अपने पैर के बीच में मुझे जकड़ लिया और मेरा माल सुहानी की टाइट चूत मे गिर गया।
 
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