चूत के अन्दर वीर्य डाल दिया

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Antarvasna, hindi sex story: सुबह के 9:00 बजे के आसपास मैं जब अपने घर की छत पर गया तो मैंने देखा कुछ लोग आपस में झगड़ रहे थे। मैं अपनी छत से नीचे आया तो मैंने देखा हमारे पड़ोस में रहने वाले गुप्ता जी किसी व्यक्ति के साथ किसी बात को लेकर झगड़ रहे थे। मुझे कुछ समझ नहीं आया लेकिन जब मैंने गुप्ता जी से इस बारे में पूछा तो वह कहने लगे कि इन्होंने मुझे अपनी कार से टक्कर मार दी। मैंने उन व्यक्ति को उससे पहले कभी वहां देखा नहीं था लेकिन मैंने किसी तरीके से गुप्ता जी को समझाया और उसके बाद वह अपने घर चले गए। अब मामला शांत हो चुका था और सब लोग अपने घर जा चुके थे मैं भी अपने घर लौट आया था। मैं जब अपने घर लौटा तो उस वक्त करीब 10:00 बज रहे थे भाभी ने मुझे कहा कि भैया आप नाश्ता कर लीजिए।

मैंने भी अपना नाश्ता किया और उसके बाद मैं अपने रूम में बैठा हुआ था लेकिन मैं घर पर बोर हो रहा था तो सोचा कि अपने दोस्तों के साथ चला जाऊं और उस दिन मैं अपने दोस्तों से मिलने के लिए चला गया। मैं जब अपने दोस्त रोहित से मिला तो मुझे रोहित से मिलकर अच्छा लगा रोहित मेरा काफी पुराना दोस्त है और रोहित से मैं करीब एक हफ्ते बाद मिल रहा था। रोहित से मिलकर हमेशा ही मुझे अच्छा लगता है रोहित ने मुझे बताया कि वह कुछ दिनों बाद दुबई जा रहा है। मैंने रोहित को कहा कि चलो यह तो बहुत अच्छी बात है। रोहित अपनी फैमिली के साथ दुबई घूमने के लिए जा रहा था। तभी अमन भी वहां आ चुका था हमारी कॉलनी के बाहर कैंटीन है हम लोग अक्सर वहां पर मिला करते हैं। मैंने उस दिन अपने दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताया और फिर मैं घर लौट आया था।

मैं जब घर लौटा तो काफी रात हो चुकी थी। मैं घर आकर थोड़ी देर छत पर चला गया, करीब आधे घंटे तक छत में रहने के बाद मैं अपने रूम में आ चुका था। मुझे काफी गहरी नींद आ रही थी तो मैं सो चुका था। अगले दिन मुझे अपने ऑफिस भी जाना था तो मैं सुबह 7:00 बजे उठ गया था और फिर मैं अखबार पढ़ने लगा। करीब आधे घंटे तक मैंने अखबार पढ़ा उसके बाद मैं नहाने के लिए चला गया। जब मैं तैयार हुआ तो उसके बाद मैंने नाश्ता किया और अपने ऑफिस के लिए निकल पड़ा। मैं उस दिन अपने ऑफिस जा रहा था तो रास्ते में ही एक लड़की ने मुझसे लिफ्ट मांगी। मैंने उसे लिफ्ट दी लेकिन हम लोगों की ज्यादा बात नहीं हुई। जब उस लड़की को मैंने उसके ऑफिस तक छोड़ा तो वह उसके बाद मुझे देख रही थी और मैं वहां से अपने ऑफिस के लिए निकल चुका था। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि उस लड़की से मेरी दोबारा मुलाकात हो जाएगी। उस दिन मैंने उसका नाम भी नहीं पूछा था और ना हीं मेरी उससे ज्यादा बात हो पाई थी लेकिन जब मैं कंचन से दोबारा मिला तो मुझे अच्छा लगा और हम दोनों ने एक दूसरे से बात की।

वह अजीब इत्तेफाक था कि हम दोनों एक दूसरे को कुछ ही दिनों बाद मिले और हम दोनों ने एक दूसरे से बातें की। मुझे बहुत अच्छा लगता है जब हम एक दूसरे से बातें करते है। हम दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताने की कोशिश किया करते। मैं कंचन को चाहने लगा था तो मैने कंचन को प्रपोज भी कर दिया था। जिस तरीके से मैं और कंचन एक दूसरे के साथ रिलेशन में है उससे हम दोनों को बहुत अच्छा लगता है। हम दोनों का प्यार दिन-ब-दिन परवान चढ़ता जा रहा था और मेरे लिए यह बहुत ही अच्छा रहा जिस तरीके से कंचन मुझे मिली थी। हम लोग एक दूसरे के बिना बिल्कुल भी रह नहीं पाते थे। मैं जब भी कंचन से नहीं मिलता या फिर उससे मेरी फोन पर बातें नहीं होती तो मुझे ऐसा महसूस होता जैसे कि मेरा दिन अधूरा सा रह गया हो। कुछ दिनों के लिए कंचन अपने ऑफिस के काम से जयपुर गई हुई थी इसलिए उससे मेरी मुलाकात हो नहीं पाई थी और ना ही उससे मेरी फोन पर बातें हो पा रही थी।

जब कंचन वापस लौटी तो उसके बाद हम दोनों फोन पर बातें कर रहे थे और मैंने कंचन से कहा कि मैं तुम्हें कल मिलता हूं तो कंचन ने कहा कि ठीक है हम लोग कल मुलाकात करते हैं। अगले दिन हम दोनों मिलने वाले थे लेकिन उस दिन मैं अपने ऑफिस में अपने काम के चलते बिजी था इसलिए मुझे ऑफिस में काफी देर हो गई। जब मैं कंचन को मिला तो कंचन से मैंने इस बात के लिए माफी मांगी कि मुझे ऑफिस में लेट हो गई थी। कंचन ने मुझे कहा कि कोई बात नहीं। मैंने कंचन से पूछा कि तुम्हारा जयपुर का टूर कैसा रहा तो वह मुझे कहने लगी कि मेरा टूर काफी अच्छा था। मैं कंचन से बातें कर रहा था तो मैंने कंचन से कहा कि मैं तुम्हें बहुत ज्यादा मिस कर रहा था कंचन मुझे कहने लगी मैं भी तुम्हें बहुत ज्यादा मिस कर रही थी। मैं और कंचन एक दूसरे से बातें कर रहे थे हम दोनों को एक दूसरे से बातें कर के अच्छा लग रहा था और जिस तरीके से हमने उस दिन साथ में समय बिताया उससे मुझे बहुत ही अच्छा लगा और कंचन भी बहुत ज्यादा खुश थी। मैंने कंचन को उसके घर छोड़ दिया था और फिर मैं अपने घर आ चुका था। कंचन और मेरी मुलाकात तो हमेशा होती ही रहती थी। जब भी मैं कंचन से मिलता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता और कंचन भी मेरे साथ बहुत ज्यादा खुश रहती। हम दोनों एक दूसरे से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं हमारा रिलेशन बहुत ही अच्छी तरीके से चल रहा है और हम दोनों बहुत खुश हैं।

मुझे बहुत ही अच्छा लगता है जब मैं और कंचन एक दूसरे से अपनी बातों को शेयर किया करते हैं। कंचन और मेरे रिलेशन की मजबूत बुनियाद यही है कि हम दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छे से समझते हैं। जिस तरीके से मैं कंचन को समझता हूं उससे वह मुझ पर पूरा भरोसा करती है और मुझे इस बात की खुशी है कि कंचन को मुझ पर पूरा भरोसा है। कंचन और मेरा मिलना तो हमेशा होता ही रहता है। एक दिन जब हम दोनों एक दूसरे से मिले तो कहीं ना कहीं हम दोनों के बीच सेक्स होने वाला था। कंचन को भी यह बात पता थी कंचन को मैंने अपने घर पर ही मिलने के लिए बुला लिया था। वह जब मुझसे मिलने के लिए घर पर आई थी तो मैं उसकी जांघ को सहलाने लगा था और उसकी गर्मी को बढा रहा था। वह बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी और मेरी गर्मी बढ़ने लगी थी। कंचन और मैं एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा खुश थे और जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे उस से हम दोनों को मजा आने लगा था। मैं बहुत ज्यादा गर्म हो चुका था मैंने अपने मोटे लंड को कंचन के सामने किया तो कंचन मेरे मोटे लंड को देखकर तडपने लगी थी। कंचन की गर्मी बढ रही थी और मेरी गर्मी भी बहुत ज्यादा बढने लगी थी। मैंने उस से कहा मैं तुम्हारी चूत में लंड को घुसाना चाहता हूं। कंचन ने मेरे मोटे लंड को चूसना शुरु किया और जिस तरीके से वह मेरे लंड को सकिंग कर रही थी उससे मैं बहुत ज्यादा खुश था और वह भी बहुत खुश थी। हम दोनों की तडप बढ़ती ही जा रही थी और मैंने उस से कहा मेरी गर्मी को तुमने पूरी तरीके से बढ़ा दिया है।

कंचन भी इस बात पर मुस्कुराने लगी मैंने जब कंचन के स्तनों को चूसना शुरू किया तो मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। कंचन को भी बहुत अच्छा लग रहा था मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को लगाते हुए अंदर की तरफ डाला। जब मैंने कंचन की चूत के अंदर लंड डाला तो कंचन की चूत मे मेरा मोटा लंड जाते ही वह जोर से चिल्लाने लगी। मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी। हम दोनों की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी। मैंने कंचन से कहा मेरी गर्मी को तुमने बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है। कंचन मुझे कहने लगी मुझे और तेजी से चोदो। कंचन की सील पैक चूत से खून बाहर की तरफ निकल रहा था और उसे मैं बहुत ज्यादा तेजी से धक्के दिए जा रहा था। मैं जिस तेजी से उसे धक्के दे रहा था उससे कंचन को बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। कंचन और मैं एक दूसरे के साथ बड़े अच्छे तरीके से सेक्स संबंध बनाए जा रहे थे और उसकी गर्मी बढ़ती ही जा रही थी।

हम दोनों जिस तरीके से एक दूसरे के साथ सेक्स संबंध बना रहे थे उससे मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और मैं उसे तेजी से धक्के दिए जा रहे थे। कंचन की सिसकारियां बढ़ती जा रही थी वह बहुत अधिक उत्तेजित होते जा रही थी मैं कंचन को तेजी से धक्के दिए जा रहा था। मैंने उसके दोनों पैरो को अपने कंधों पर रख लिया था जिस से मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था मुझे बहुत ज्यादा मजा आता। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा है। अब हम दोनों एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा ले रहे थे और एक दूसरे की गर्मी को हम दोनों बढा रहे थे। जब मैंने कंचन की चूत के अंदर अपने वीर्य को गिराया तो हम दोनों खुश हो गए। मैंने कंचन को अपनी बाहों में समा लिया कंचन बहुत ज्यादा खुश थी। वह कहने लगी आज तुमने मेरी इच्छा को पूरा कर दिया है। वह मेरे साथ सेक्स करने के लिए तड़प रही थी। हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगा मैं खुश था।
 
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