antarvasna hindi sex story मैं 12वीं परीक्षा के बाद होटल मैनेजमेंट का कोर्स करता हूं मैं दिल्ली का ही रहने वाला हूं और मेरी पैदाइश भी दिल्ली में ही हुई है। मैंने जब होटल मैनेजमेंट का कोर्स ज्वाइन किया तो उस वक्त मेरे अंदर बिलकुल कॉन्फिडेंस नहीं था लेकिन जैसे जैसे मेरा होटल मैनेजमेंट का कोर्स पूरा होता रहा तो मेरे अंदर पूरी तरीके से कॉन्फिडेंस आ चुका था। एक दिन हम लोगों को ट्रेनिंग के लिए एक फाइव स्टार होटल में जाना था जो कि हमारे कॉलेज की तरफ से ही था तो मेरी वह ट्रेनिंग भी बहुत अच्छे से रही उसके बाद मैंने कोलकाता के होटल में जॉइनिंग कर ली। वहां पर मुझे ठीक ठाक तनख्वा मिल रही थी क्योंकि मेरे पास इतना ज्यादा एक्सपीरियंस नहीं था तो मैंने सोचा मैं यहीं पर जॉब कर लेता हूं और मैंने वहीं पर जॉब करने की सोच ली।
मुझे वहां काम करते हुए करीब दो महीने ही हुए थे इन दो महीनों में मेरी लगभग सारे स्टाफ से अच्छी बातचीत हो चुकी थी और उसी दौरान मेरी मुलाकात अंशिका से हुई जब मैं पहली बार अंशिका से मिला तो मैं उसके चेहरे की तरफ ही देखता रहा। वह मुझे बहुत पसंद आई लेकिन मुझे उस वक्त यह नहीं पता था कि मैं अंशिका से दोस्ती कर भी पाऊंगा या नहीं, अंशिका हाउसकीपिंग का काम देखती है। हम दोनों की दोस्ती हो गई तो हम दोनों एक दूसरे से अक्सर मिलने लगे थे सब कुछ बड़े ही अच्छे से चल रहा था अंशिका और मेरी अच्छी दोस्ती हो चुकी थी कुछ ही समय बाद मैं अंशिका को अपने दिल की बात कहने वाला था लेकिन ना जाने मेरी किस्मत में ही अंशिका नहीं थी या फिर उस वक्त मेरी किस्मत ही ठीक नहीं थी। मैंने जब अंशिका से अपने दिल की बात कही तो वह मुझे कहने लगी मैं किसी और को चाहती हूं मैं यह बात सुनकर पूरी तरीके से शॉक्ड हो गया मैंने अंशिका से कहा मैं जब से तुम्हें मिला हूं तब से ही मैं तुमसे प्यार कर बैठा था लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि तुम किसी और को प्यार करती हो। मैं अंशिका से उसके बाद बहुत कम बात करता था अंशिका और मेरी कम बात हुआ करती थी लेकिन मैंने अंशिका से कभी उसके पर्सनल लाइफ के बारे में नहीं पूछा कि वह किसके साथ रिलेशन में है।
हम दोनों के बीच बहुत कम बात होती थी एक दिन अंशिका ने मुझे कहा मेरा ब्रिथडे आने वाला है तो क्या तुम मेरे घर पर आओगे मैंने अंशिका से कहा हां क्यों नहीं। अंशिका को लगता था कि शायद मैंने उसके साथ पूरी तरीके से अपने संबंध खत्म कर लिए है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था अंशिका के लिए मेरे दिल में अब भी उतना ही प्यार था जितना पहले था। अंशिका ने मुझे इनवाइट किया था तो मुझे उसके घर पर जाना ही था मैं पहली बार ही उसके घर पर जा रहा था मैं जब अंशिका के घर पर गया तो उसके घर में काफी लोग आए हुए थे अंशिका का घर काफी बड़ा है। उसने मुझे अनिल से मिलवाया मैं जब अनिल से मिला तो वह बड़ा ही सिंपल और अच्छा लड़का था। मैंने अंशिका से कहा तुम्हारी पसंद बहुत अच्छी है लेकिन मुझे बहुत तकलीफ हो रही थी क्योंकि अंशिका से बहुत प्यार करता था उसके बावजूद भी अंशिका और मेरा रिलेशन आगे नहीं बढ़ पाया। हम दोनों के रिलेशन ना बढ़ने का कारण यह था कि मैंने अंशिका को अपने दिल की बात बताने में काफी देर कर दी थी लेकिन अनिल अंशिका को बहुत पहले से जानता है। उस दिन सब लोगों ने पार्टी में बहुत ही इंजॉय किया मैं नहीं चाहता था कि अंशिका को मेरी वजह से कुछ बुरा लगे, अंशिका जब मेरे साथ बैठी हुई थी तो अंशिका मुझे कहने लगी देखो सुमित तुम बहुत अच्छे लड़के हो मैं तुम्हारी बहुत इज्जत करती हूं मैं नहीं चाहती कि तुम अपने दिल में मेरे लिए कोई भी गलतफहमी रखो। मैंने अंशिका से कहा ऐसा कुछ भी नहीं है मैं तुमसे प्यार करता हूं और प्यार करता ही रहूंगा लेकिन तुम किसी और को चाहती हो यह तुम्हारी लाइफ है तो तुम्हे जो अच्छा लगे तुम वह कर सकती हो। मेरे दिल में तुम्हारे लिए ऐसा कुछ भी गलत नहीं है मैं तुम्हारी रिस्पेक्ट हमेशा करता हूं उसके बाद अंशिका और मेरी बातचीत तो सामान्य हो चुकी थी और कुछ दिनों बाद अंशिका ने मुझे कहा अनिल जॉब करने के लिए इंग्लैंड जा रहा है।
मैंने अंशिका से कहा क्या मैं अनिल से एक बार में मिल सकता हूं अंशिका कहने लगी क्यों नहीं अनिल तुम्हारी बहुत तारीफ कर रहा था वह कह रहा था कि सुमित बहुत ही समझदार है। मैं जब अनिल से मिला तो मैंने अनिल को बधाई दी और कहा कि तुम अपनी जिंदगी में और भी तरक्की करो मैं चाहता हूं कि जितना प्यार तुम अंशिका से करते हो उतना ही हमेशा करते रहो। अनिल और मेरी बहुत अच्छी बातचीत हुई उसके कुछ समय बाद ही अनिल इंग्लैंड चला गया अंशिका और मेरी बातचीत पहले जैसी हो चुकी थी हम दोनों एक दूसरे के साथ बात किया करते थे। अंशिका मुझे अनिल के बारे में बताती रहती थी वह कहती थी कि अनिल मुझे रोज फोन किया करता है और हम लोगों की फोन पर बात होती रहती है मैंने अंशिका से कहा तुम बहुत ही खुशनसीब हो जो तुम्हें अनिल जैसा लड़का मिल रहा है। अंशिका कहने लगी हां मैं पहले से ही अनिल को जानती हूं लेकिन अनिल ने कभी भी मुझे अपने दिल की बात नहीं कही थी परन्तु जब अनिल ने मुझे अपने दिल की बात कही तो मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं उस वक्त अनिल को मना ना कर सकी। अंशिका और मेरे बीच में अब ऐसा कुछ भी रिलेशन नहीं था लेकिन उसी बीच मुझे कुछ दिनों के लिए घर जाना पड़ा क्योंकि मैं काफी समय से घर भी नहीं गया था तो मैंने सोचा की मैं कुछ दिनों के लिए घर चला जाता हूं।
मैं जब अपने घर आया तो मेरे मम्मी पापा बहुत खुश हुए मेरे बड़े भैया मुझसे पूछने लगे सुमित काम कैसे चल रहा है तो मैंने उन्हें कहा भैया सब कुछ ठीक चल रहा है मेरी भाभी भी मुझसे कहने लगी सुमित तुम ठीक तो हो ना मैंने उन्हें कहा हां भाभी मैं ठीक हूं। मैं कुछ समय तक अपने घर पर रहने के बाद जब वापस कोलकाता गया तो मैं उस दिन अपने रूम में ही था तभी मुझे अंशिका का फोन आया अंशिका कहने लगी सुमित क्या तुम अभी भी दिल्ली में हो। मैंने अंशिका से कहा नहीं अंशिका मैं तो कोलकाता आ चुका हूं आज मेरा मन नहीं हो रहा था तो मैं घर पर ही था अंशिका मुझे कहने लगी कि मैं भी आज होटल नहीं गई मैं भी आज घर पर ही हूं। मैंने अंशिका से कहा क्यों तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ना वह कहने लगी हां मेरी तबीयत तो ठीक है लेकिन ना जाने क्यों मेरा भी मन आज काम करने का नहीं था तो मैंने आज छुट्टी ले ली। अंशिका मुझसे कहने लगी शाम के वक्त तुम क्या कर रहे हो मैंने उसे कहा कुछ नहीं मैं तो घर पर ही रेस्ट कर रहा था और मेरा ऐसा कोई प्लान नहीं है। वह कहने लगी ठीक है यदि तुम्हें टाइम मिले तो हम लोग शाम के वक्त मिल लेते है मैंने अंशिका से कहा ठीक है मैं तुम्हें शाम को फोन करूंगा और मैंने फोन रख दिया। शाम के वक्त मैंने अंशिका को फोन किया तो वह मुझे कहने लगी ठीक है मैं तुमसे मिलने के लिए आती हूं, मेरे घर के पास ही एक रेस्टोरेंट है वहां पर हम लोग मिलने वाले थे मैंने अंशिका को वहीं बुला लिया था। जब हम दोनों मिले तो अंशिका मुझसे पूछने लगी कि तुम्हारे घर में सब कुछ ठीक तो है ना मैंने अंशिका से कहा हां घर में सब लोग ठीक हैं हम लोगों ने उस दिन साथ मे अच्छा समय बिताया अंशिका ने मुझे अनिल के बारे में भी बताया।
हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे लेकिन ना जाने अंशिका को क्यों ऐसा महसूस हो रहा था कि वह बहुत अकेली है उसने मुझसे कहा मुझे कई बार अनिल की याद आती है। मैंन अंशिका से कहा कोई बात नहीं है सब कुछ ठीक हो जाएगा मैंने उसकी जांघ पर अपने हाथ को रखा तो उसने टाइट जींस पहनी हुई थी लेकिन ना जाने उस दिन हम दोनों के अंदर ऐसी फीलिंग आई की हम दोनों ही अपने आपको ना रोक सके मेरे अंदर से करंट दौड़ने लगा और अंशिका मुझे कहने लगी क्या हम लोग तुम्हारे रूम पर चले। हम दोनों मेरे रूम पर चले आए जैसे ही मैंने अंशिका के गुलाबी होठों का रसपान किया तो मुझे बड़ा अच्छा लगा मैं उसके होठों का रसपान काफी देर तक करता रहा। अंशिका ने अपने कपड़े खोल दिए जब उसने अपने कपड़े खोले तो मैं उसके बदन को देखता रहा। मैंने उसके बदन को महसूस करना शुरू किया जब मैं उसके स्तनों को अपने हाथों से दबाता तो मेरे अंदर एक अलग जोश जाग जाता। मैंने जब उसके निप्पल को अपने मुंह मे लेकर चूसना शुरू किया तो अंशिका मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपनी उंगली को लगाना शुरू किया तो वह मचलने लगी।
उसकी योनि से पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा मैने अंशिका से कहा क्या कभी तुमने किसी के लंड को अपने मुंह में लिया है तो वह कहने लगी नहीं। मैंने उसे कहा तुम आज मेरे लंड को मुंह में लो ना उसने मेरे लंड को सकिंग करना शुरू किया और उसे अच्छे से चूसने लगी उसे बहुत अच्छा लग रहा था और मुझे भी बड़ा आनंदा आता। जब मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा करके उसकी योनि के अंदर अपने लंड को धकेलना शुरू किया तो मुझे महसूस हुआ कि उसकी योनि बड़ी टाइट है मेरा लंड उसकी योनि के अंदर तक जाता तो वह मचलने लगी। मैं उसे धक्के देने लगा मुझे उसे धक्के देने में बड़ा मजा आता मैं उसे बड़ी तेज गति से धक्का देता जाता हम दोनों के शरीर से इतना ज्यादा पसीना निकलने लगा कि उसे हम दोनों ही बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। जैसे ही मेरा वीर्य पतन अंशिका की योनि में हुआ तो वह बहुत ज्यादा खुश हो गई वह मुझसे नजरें मिले ना सकी लेकिन उसके बाद हम दोनों के बीच कई बार सेक्स संबध बने परंतु वह अब भी अनिल के इंतजार में है।
मुझे वहां काम करते हुए करीब दो महीने ही हुए थे इन दो महीनों में मेरी लगभग सारे स्टाफ से अच्छी बातचीत हो चुकी थी और उसी दौरान मेरी मुलाकात अंशिका से हुई जब मैं पहली बार अंशिका से मिला तो मैं उसके चेहरे की तरफ ही देखता रहा। वह मुझे बहुत पसंद आई लेकिन मुझे उस वक्त यह नहीं पता था कि मैं अंशिका से दोस्ती कर भी पाऊंगा या नहीं, अंशिका हाउसकीपिंग का काम देखती है। हम दोनों की दोस्ती हो गई तो हम दोनों एक दूसरे से अक्सर मिलने लगे थे सब कुछ बड़े ही अच्छे से चल रहा था अंशिका और मेरी अच्छी दोस्ती हो चुकी थी कुछ ही समय बाद मैं अंशिका को अपने दिल की बात कहने वाला था लेकिन ना जाने मेरी किस्मत में ही अंशिका नहीं थी या फिर उस वक्त मेरी किस्मत ही ठीक नहीं थी। मैंने जब अंशिका से अपने दिल की बात कही तो वह मुझे कहने लगी मैं किसी और को चाहती हूं मैं यह बात सुनकर पूरी तरीके से शॉक्ड हो गया मैंने अंशिका से कहा मैं जब से तुम्हें मिला हूं तब से ही मैं तुमसे प्यार कर बैठा था लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि तुम किसी और को प्यार करती हो। मैं अंशिका से उसके बाद बहुत कम बात करता था अंशिका और मेरी कम बात हुआ करती थी लेकिन मैंने अंशिका से कभी उसके पर्सनल लाइफ के बारे में नहीं पूछा कि वह किसके साथ रिलेशन में है।
हम दोनों के बीच बहुत कम बात होती थी एक दिन अंशिका ने मुझे कहा मेरा ब्रिथडे आने वाला है तो क्या तुम मेरे घर पर आओगे मैंने अंशिका से कहा हां क्यों नहीं। अंशिका को लगता था कि शायद मैंने उसके साथ पूरी तरीके से अपने संबंध खत्म कर लिए है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था अंशिका के लिए मेरे दिल में अब भी उतना ही प्यार था जितना पहले था। अंशिका ने मुझे इनवाइट किया था तो मुझे उसके घर पर जाना ही था मैं पहली बार ही उसके घर पर जा रहा था मैं जब अंशिका के घर पर गया तो उसके घर में काफी लोग आए हुए थे अंशिका का घर काफी बड़ा है। उसने मुझे अनिल से मिलवाया मैं जब अनिल से मिला तो वह बड़ा ही सिंपल और अच्छा लड़का था। मैंने अंशिका से कहा तुम्हारी पसंद बहुत अच्छी है लेकिन मुझे बहुत तकलीफ हो रही थी क्योंकि अंशिका से बहुत प्यार करता था उसके बावजूद भी अंशिका और मेरा रिलेशन आगे नहीं बढ़ पाया। हम दोनों के रिलेशन ना बढ़ने का कारण यह था कि मैंने अंशिका को अपने दिल की बात बताने में काफी देर कर दी थी लेकिन अनिल अंशिका को बहुत पहले से जानता है। उस दिन सब लोगों ने पार्टी में बहुत ही इंजॉय किया मैं नहीं चाहता था कि अंशिका को मेरी वजह से कुछ बुरा लगे, अंशिका जब मेरे साथ बैठी हुई थी तो अंशिका मुझे कहने लगी देखो सुमित तुम बहुत अच्छे लड़के हो मैं तुम्हारी बहुत इज्जत करती हूं मैं नहीं चाहती कि तुम अपने दिल में मेरे लिए कोई भी गलतफहमी रखो। मैंने अंशिका से कहा ऐसा कुछ भी नहीं है मैं तुमसे प्यार करता हूं और प्यार करता ही रहूंगा लेकिन तुम किसी और को चाहती हो यह तुम्हारी लाइफ है तो तुम्हे जो अच्छा लगे तुम वह कर सकती हो। मेरे दिल में तुम्हारे लिए ऐसा कुछ भी गलत नहीं है मैं तुम्हारी रिस्पेक्ट हमेशा करता हूं उसके बाद अंशिका और मेरी बातचीत तो सामान्य हो चुकी थी और कुछ दिनों बाद अंशिका ने मुझे कहा अनिल जॉब करने के लिए इंग्लैंड जा रहा है।
मैंने अंशिका से कहा क्या मैं अनिल से एक बार में मिल सकता हूं अंशिका कहने लगी क्यों नहीं अनिल तुम्हारी बहुत तारीफ कर रहा था वह कह रहा था कि सुमित बहुत ही समझदार है। मैं जब अनिल से मिला तो मैंने अनिल को बधाई दी और कहा कि तुम अपनी जिंदगी में और भी तरक्की करो मैं चाहता हूं कि जितना प्यार तुम अंशिका से करते हो उतना ही हमेशा करते रहो। अनिल और मेरी बहुत अच्छी बातचीत हुई उसके कुछ समय बाद ही अनिल इंग्लैंड चला गया अंशिका और मेरी बातचीत पहले जैसी हो चुकी थी हम दोनों एक दूसरे के साथ बात किया करते थे। अंशिका मुझे अनिल के बारे में बताती रहती थी वह कहती थी कि अनिल मुझे रोज फोन किया करता है और हम लोगों की फोन पर बात होती रहती है मैंने अंशिका से कहा तुम बहुत ही खुशनसीब हो जो तुम्हें अनिल जैसा लड़का मिल रहा है। अंशिका कहने लगी हां मैं पहले से ही अनिल को जानती हूं लेकिन अनिल ने कभी भी मुझे अपने दिल की बात नहीं कही थी परन्तु जब अनिल ने मुझे अपने दिल की बात कही तो मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं उस वक्त अनिल को मना ना कर सकी। अंशिका और मेरे बीच में अब ऐसा कुछ भी रिलेशन नहीं था लेकिन उसी बीच मुझे कुछ दिनों के लिए घर जाना पड़ा क्योंकि मैं काफी समय से घर भी नहीं गया था तो मैंने सोचा की मैं कुछ दिनों के लिए घर चला जाता हूं।
मैं जब अपने घर आया तो मेरे मम्मी पापा बहुत खुश हुए मेरे बड़े भैया मुझसे पूछने लगे सुमित काम कैसे चल रहा है तो मैंने उन्हें कहा भैया सब कुछ ठीक चल रहा है मेरी भाभी भी मुझसे कहने लगी सुमित तुम ठीक तो हो ना मैंने उन्हें कहा हां भाभी मैं ठीक हूं। मैं कुछ समय तक अपने घर पर रहने के बाद जब वापस कोलकाता गया तो मैं उस दिन अपने रूम में ही था तभी मुझे अंशिका का फोन आया अंशिका कहने लगी सुमित क्या तुम अभी भी दिल्ली में हो। मैंने अंशिका से कहा नहीं अंशिका मैं तो कोलकाता आ चुका हूं आज मेरा मन नहीं हो रहा था तो मैं घर पर ही था अंशिका मुझे कहने लगी कि मैं भी आज होटल नहीं गई मैं भी आज घर पर ही हूं। मैंने अंशिका से कहा क्यों तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ना वह कहने लगी हां मेरी तबीयत तो ठीक है लेकिन ना जाने क्यों मेरा भी मन आज काम करने का नहीं था तो मैंने आज छुट्टी ले ली। अंशिका मुझसे कहने लगी शाम के वक्त तुम क्या कर रहे हो मैंने उसे कहा कुछ नहीं मैं तो घर पर ही रेस्ट कर रहा था और मेरा ऐसा कोई प्लान नहीं है। वह कहने लगी ठीक है यदि तुम्हें टाइम मिले तो हम लोग शाम के वक्त मिल लेते है मैंने अंशिका से कहा ठीक है मैं तुम्हें शाम को फोन करूंगा और मैंने फोन रख दिया। शाम के वक्त मैंने अंशिका को फोन किया तो वह मुझे कहने लगी ठीक है मैं तुमसे मिलने के लिए आती हूं, मेरे घर के पास ही एक रेस्टोरेंट है वहां पर हम लोग मिलने वाले थे मैंने अंशिका को वहीं बुला लिया था। जब हम दोनों मिले तो अंशिका मुझसे पूछने लगी कि तुम्हारे घर में सब कुछ ठीक तो है ना मैंने अंशिका से कहा हां घर में सब लोग ठीक हैं हम लोगों ने उस दिन साथ मे अच्छा समय बिताया अंशिका ने मुझे अनिल के बारे में भी बताया।
हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे लेकिन ना जाने अंशिका को क्यों ऐसा महसूस हो रहा था कि वह बहुत अकेली है उसने मुझसे कहा मुझे कई बार अनिल की याद आती है। मैंन अंशिका से कहा कोई बात नहीं है सब कुछ ठीक हो जाएगा मैंने उसकी जांघ पर अपने हाथ को रखा तो उसने टाइट जींस पहनी हुई थी लेकिन ना जाने उस दिन हम दोनों के अंदर ऐसी फीलिंग आई की हम दोनों ही अपने आपको ना रोक सके मेरे अंदर से करंट दौड़ने लगा और अंशिका मुझे कहने लगी क्या हम लोग तुम्हारे रूम पर चले। हम दोनों मेरे रूम पर चले आए जैसे ही मैंने अंशिका के गुलाबी होठों का रसपान किया तो मुझे बड़ा अच्छा लगा मैं उसके होठों का रसपान काफी देर तक करता रहा। अंशिका ने अपने कपड़े खोल दिए जब उसने अपने कपड़े खोले तो मैं उसके बदन को देखता रहा। मैंने उसके बदन को महसूस करना शुरू किया जब मैं उसके स्तनों को अपने हाथों से दबाता तो मेरे अंदर एक अलग जोश जाग जाता। मैंने जब उसके निप्पल को अपने मुंह मे लेकर चूसना शुरू किया तो अंशिका मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपनी उंगली को लगाना शुरू किया तो वह मचलने लगी।
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