चूत फाड़ चुदाई के मजे

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Desi kahani, antarvasna: मेरी दोस्ती रजत के साथ अपने कॉलेज के दिनों में हुई थी रजत और मैं काफी अच्छे दोस्त बन गए, हम दोनों की दोस्ती काफी ज्यादा गहरी हो चुकी थी। रजत और मेरे बीच बिजनेस को लेकर भी पार्टनरशिप हो चुकी थी हम दोनों साथ में ही बिजनेस कर रहे थे। हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे कि हम दोनों का बिजनेस बहुत ही अच्छा चल रहा है लेकिन एक समय ऐसा आया जब हमारा बिजनेस में काफी घाटा होने लगा जिससे उभर पाना हम दोनों के लिए मुश्किल था लेकिन मैंने और रजत ने हार नहीं मानी और हम दोनों ने अपने बिजनेस को दोबारा से पहले की तरह ही अपने बिजनेस को अच्छे से शुरू किया और हमारे बीच में सब अच्छे से चलने लगा। हम दोनों बहुत खुश थे कि अब हमारा बिज़नेस पहले की तरह ही दोबारा से चलने लगा है। एक दिन मैं और रजत एक पार्टी में गए हुए थे हम दोनों की अभी तक शादी नहीं हुई थी। रजत और मैं जब उस पार्टी में गए तो वहां पर रजत ने मुझे महिमा से मिलवाया, रजत महिमा को पहले से ही पहचानता था।

वह उसके मामा की लड़की की शादी थी और इसी वजह से उसने मुझे महिमा से मिलवाया महिमा से मिलकर मैं काफी खुश था और महिमा भी मुझसे मिलकर बहुत खुश थी। हम दोनों में बातचीत शुरू हो गई उसके बाद भी हम दोनों एक दो बार मिले फिर यह मुलाकात अब कुछ ज्यादा ही होने लगी थी मुझे भी महिमा का साथ अच्छा लगने लगा और महिमा को भी मेरा साथ बहुत ही अच्छा लगता एक दिन मैं महिमा से मिलने के लिए उसके ऑफिस के बाहर महिमा का इंतजार कर रहा था महिमा अभी तक आई नहीं थी महिमा जिस कंपनी में जॉब करती है उसी कंपनी में मेरे दोस्त के पिताजी भी मैनेजर हैं और जब उन्होंने मुझे महिमा के साथ देखा तो उन्होंने उसे मुझे बताया कि महिमा बहुत ही अच्छी लड़की है और मुझे अब महिमा के साथ बहुत ही अच्छा लगता। एक दिन महिमा और मैं साथ में मूवी देखने के लिए गए जब हम दोनों मूवी देखने के लिए उस दिन साथ में गए तो रास्ते में लौटते वक्त मेरी कार खराब हो गई।

जब मेरी कार खराब हुई तो महिमा घबरा गई थी वह मुझे कहने लगी कि संतोष मुझे घर जल्दी जाना है मैंने महिमा को कहा कि यहां आस-पास कोई मैकेनिक भी तो नहीं दिखाई दे रहा। हम दोनों थोड़ा वहां से आगे की तरफ आए तो वहां पर एक मैकेनिक था और उस मैकेनिक को मैंने अपने साथ चलने के लिए कहा उसके बाद उसने मेरी कार ठीक कर दी और हम दोनों घर लौट आए। उस दिन घर लौटने में हम दोनों को काफी देर हो गई थी जिस वजह से महिमा की मां ने महिमा को काफी डांटा भी था। मुझे जब महिमा ने यह बात फोन पर बताई तो मैंने महिमा को कहा कि क्या हम लोगों को अपने रिलेशन के बारे में तुम्हारे मम्मी पापा से बात करनी चाहिए? महिमा मुझे कहने लगी कि संतोष तुम जानते हो मैं अपने करियर को लेकर कितनी ज्यादा सीरियस हूं और मैं अभी शादी नहीं करना चाहती हूं। मुझे यह बात अच्छे से पता थी की महिमा अभी शादी नहीं करना चाहती है लेकिन हम दोनों का प्यार अब काफी ज्यादा परवान चढ़ने लगा था और हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत समय बिताने लगे थे। एक दिन महिमा और मैं साथ में थे उस दिन जब हम दोनों साथ में समय बिता रहे थे तो मैंने महिमा से कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए अपने बिजनेस टूर के लिए जा रहा हूं। महिमा कहने लगी कि लेकिन संतोष तुम वहां से वापस कब लौटोगे तो मैंने महिमा से कहा कि मुझे वहां से वापस लौटने में थोड़ा समय लग सकता है। उसके बाद मैं अपने बिजनेस के सिलसिले में चेन्नई चला गया। कुछ दिनों के लिए मैं चेन्नई में ही रुका उस दौरान मेरी महिमा से फोन पर ही बात हो रही थी मेरे और महिमा के रिलेशन के बारे में रजत को भी पता था। जब उस दिन रजत का मुझे फोन आया तो वह मुझे कहने लगा कि तुम चेन्नई पहुंच गए थे तो मैंने रजत को कहा हां मैं चेन्नई पहुंच गया था। चेन्नई में ही हमें एक बड़ा प्रोजेक्ट मिलने वाला था जिसके लिए मैं चेन्नई गया हुआ था और मैं काफी खुश था कि मुझे वह प्रोजेक्ट मिल चुका था।

कुछ ही दिन में मैं वापस मुंबई लौट आया जब मैं वापस मुंबई लौटा तो रजत और मैंने छोटी सी पार्टी देने के बारे में सोचा। हम दोनों काफी खुश थे हम दोनों ने अपने दोस्तों और अपने परिवार के लोगों को उस पार्टी में इनवाइट किया और उस दिन मैंने महिमा को भी इनवाइट किया था। महिमा जब उस दिन पार्टी में आई तो वह बहुत ही ज्यादा सुंदर लग रही थी उसे देखकर मैंने महिमा से कहा कि आज तुम बहुत ही ज्यादा सुंदर लग रही हो। महिमा कहने लगी कि मैं तो हमेशा ही सुंदर लगती हूं लेकिन शायद तुम मेरी तरफ देखते ही नहीं हो। इस बात से मैंने जब महिमा को कहा कि ऐसा तो कुछ भी नहीं है मैं तो हमेशा तुम्हारी तरफ देखता हूं लेकिन तुम जानती हो कि हम दोनो काफी दिनों से मिल नहीं पाए हैं। महिमा मुझे कहने लगी कि क्या कल तुम फ्री हो तो मैंने महिमा से कहा हां कल मैं फ्री हूं। हम दोनों ने अगले दिन साथ में समय बिताने का फैसला कर लिया था क्योंकि काफी दिन हो गए थे मैं महिमा के साथ अच्छे से टाइम स्पेंड भी नहीं कर पाया था इसलिए हम दोनों साथ में टाइम स्पेंड करना चाहते थे। पार्टी बड़े ही अच्छे से हुई और सारा कुछ अरेंजमेंट बहुत ही अच्छे से हुआ था इसलिए हम दोनों बड़े खुश थे कि पार्टी बहुत ही अच्छे से हुई है।

अगले दिन हम दोनो मिलते है उस दिन महिमा और साथ मै थे लेकिन उस दिन बहुत तेज बारिश हो रही थी। मौसम बहुत सुहाना था और मै चाहता था महिमा के साथ अकेल मे समय बिताऊ। मैने महिमा के साथ उस दिन समय बिताने के बारे मे सोचा और हम दोनो वहा से एक होटल मे चले गए। महिमा मेरे साथ थी और मै बहुत खुश था। हम दोनो होटल के रूम मे थे मैने महिमा के होंठो को चूमा और उसको गरम कर दिया महिमा कि चूत से निकलता पानी बढ चुका था और महिमा बहुत ही ज्यादा खुश थी और मै भी उत्तेजित हो गया था। मैने महिमा को अब गरम कर दिया था और वह बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी। मेरा लंड मेरे अडरवीयर को फाड कर बाहर आ रहा था मैने अपने लंड को बाहर निकल दिया। महिमा मेरे मोटे लंड को देख कर बोली लंड बहुत मोटा है। महिमा मेरे लंड को अपने मुंह में लेना चाहती थी महिमा ने मेरे लंड को चूसना शुरू किया तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगने लगा था। वह मेरे लंड को बड़े अच्छे तरीके से चूस रही थी महिमा ने मेरे लंड को चूसकर पानी बाहर निकाल दिया उसने मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढा दिया था। महिमा की चूत से निकलता हुआ पानी भी अब बढ चुका था। अब वह मेरे गोद में आकर बैठ गई मेरे लंड से उसकी गांड टकरा रही थी। मेरे अंदर की आग बढ़ने लगी थी मैंने उसकी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ाकर रख दिया था। महिमा मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए तड़प रही थी मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत मारने के लिए तैयार हूं। मैंने महिमा के कपड़े उतारने शुरू किए मैने महिमा के गोरे बदन को देखा तो मेरा लंड हिलोरे मारने लगा और मै उसके बदन को बड़े अच्छे तरीके से महसूस करने लगा था। मैने उसके होठों को चूमा उसके होठों को चूमकर मेरे अंदर की गर्मी बढ़ने लगी थी मुझे मजा आने लगा था। मैने महिमा की चूत से पानी निकाल दिया था। मैं जिस प्रकार से उसके होठों को चूम रहा था उससे मेरे अंदर की आग बहुत बढ़ चुकी थी। अब मैं उसकी चूत मारने के लिए तैयार था। मैंने महिमा के गोरे बदन को महसूस करना शुरू कर दिया था। मेरे अंदर की आग अब इतनी ज्यादा बढ़ने लगी थी कि वह रह नहीं पा रही थी।

मैंने उसके बदन से सारे कपड़े उतार दिए और उसकी चूत को मैं चाटने लगा। जब मैं उसकी चूत को चाटने लगा तो मुझे इतना मजा आने लगा था कि मेरे अंदर की गर्मी बहुत बढ़ने लगी और उसकी चूत से निकलता हुआ पानी पूरी तरीके से बढ़ चुका था। मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत के अंदर अपने लंड को डालना चाहता हूं मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर डाल दिया था। मेरा लंड महिमा की चूत के अंदर चला गया मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। वह जिस तरह से मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में जकडने की कोशिश करती मुझे बहुत मजा आने लगा था। महिमा के अंदर की आग बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही थी। मैने देखा महिमा की चूत से पानी निकल आया था और खून भी निकल रहा था। मैंने अब उसके पैरों को अपने कंधों पर रखा और उसे तेजी से धक्के मारने शुरू किए करीब 5 मिनट की चुदाई का आनंद लेने के बाद मेरा माल बाहर गिर गया था।

जब मेरा माल गिरा तो उसके बाद मैंने महिमा की चूत से लंड को निकालकर उसने अपने मुंह से मेरे लंड को चूसा। महिमा को अच्छा लग रहा था वह बड़े ही अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसती तो मुझे बहुत ही अधिक मज़ा आने लगा था। मैने महिमा की चूत कि तरफ देखा तो उसकी चूत से पानी निकल रहा था। मैने महिमा की चूत को दोबारा से चाटा अब उसकी चूत का लावा बाहर निकल आया था। मैंने महिमा को घोडी बना दिया। घोडी बनाने के बाद मैने महिमा की चूत को सहलाया जब मैने उसकी चूत के अंदर लंड डाला तो वह चिल्लाई। मैं उसे चोदने लगा मुझे मजा आने लगा था। महिमा की चूत मारकर मुझे मजा आने लगा था मैं एक पल भी अब रह नहीं पा रहा था। मैंने महिमा को बड़ी तेज गति से चोदना शुरू किया। मेरे लंड मे अब दर्द हो चुका था। मैने उसके बदन को गर्म कर दिया था। मेरा माल अब बाहर गिरने को था मैंने जैसे ही अपने वीर्य की पिचकारी महिमा की चूत के अंदर गिराया तो वह खुश हो गई। महिमा की चूत से मेरा माल अब भी टपक रहा था।
 
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