चूत मरवाना पसंद है मुझे

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Antarvasna, hindi sex story: मेरी जॉब कुछ दिनों पहले ही एक मल्टीनेशनल कंपनी में लगी थी मैं काफी समय से इस कंपनी में इंटरव्यू देने के बारे में सोच रही थी और अब जाकर मेरा सिलेक्शन इस कंपनी में हो पाया। मैं बहुत ही खुश थी और मेरे पापा मम्मी भी इस बात से खुश थे कि मैं एक अच्छी कंपनी में लग चुकी हूं पापा भी कुछ सालों बाद अपनी जॉब से रिटायर होने वाले हैं। पापा मुझे कहने लगे कि सुरभि बेटा मैं चाहता हूं कि मेरी रिटायरमेंट से पहले हम तुम्हारे हाथ पीले कर देते है। जब यह बात पापा ने कही तो मैंने पापा को कहा पापा अभी तो मैंने जॉब शुरू की है इतने समय से मैं किसी अच्छी कंपनी में जॉब के लिए ट्राई कर रही थी लेकिन अभी तक मेरा कहीं पर भी नहीं हो पाया था परंतु अब इतने सालों बाद जब मेरा एक अच्छी कंपनी में जॉब के लिए हुआ है तो आप मुझे कह रहे हैं कि मैं शादी कर लूं, मैं फिलहाल तो शादी करना नहीं चाहती और आप भी मुझे कम से कम दो साल तक तो बिल्कुल भी इस बारे में मत कहिएगा। मां मुझे कहने लगी कि सुरभि बेटा अब तुम्हारी उम्र हो चुकी है और तुम्हें भी शादी के बारे में सोच लेना चाहिए मैंने मां को कहा मां मुझे मालूम है लेकिन मुझे भी तो थोड़ा समय दीजिए, आप लोग तो शादी के लिए मेरे पीछे ही पड़ गए।

मेरे भैया उसी वक्त आए और कहने लगे कि मां सुरभि बिल्कुल ठीक कह रही है आप लोगों को सुरभि को थोड़ा समय तो देना चाहिए तभी तो वह अपने जीवन में कुछ कर पाएगी। भैया के कहने पर मम्मी पापा कहने लगे कि हम सुरभि को थोड़ा समय दे देते हैं उन्होंने मुझे कम से कम दो वर्ष का समय तो दे ही दिया था और मैं खुश थी क्योंकि मैं चाहती थी कि मैं अपनी जॉब पर पूरी तरीके से ध्यान दूँ। अब मैं अपने काम पर पूरा मन लगा पा रही थी और मैं खुश थी कि कम से कम मैं अपने काम पर मन लगा पा रही हूं थोड़े ही समय बाद मेरा प्रमोशन हो गया। जब मेरा प्रमोशन हुआ तो पापा मम्मी इस बात से खुश थे और भैया कहने लगे कि देखा ना मैं नहीं कहता था आपको कि आपको सुरभि को थोड़ा समय देना चाहिए सुरभि ने अपने आप को साबित कर के दिखाया है। पापा और मम्मी कहने लगे कि हमें सुरभि की काबिलियत पर पूरा भरोसा है लेकिन बेटा अच्छा लड़का ढूंढने में भी तो समय लगता है आजकल का समय कुछ ठीक नहीं है तुम्हें मालूम है ना कि तुम्हारी मौसी की बेटी रचना की शादी पिछले वर्ष एक एन आर आई लड़के से हुई थी लेकिन उनका डिवोर्स हो चुका है अब तुम ही बताओ कि क्या आजकल जमाना कुछ ठीक है।

मैंने अपनी मां से कहा कि मां आप हर वक्त शादी की बात ही करती रहती हैं क्या कुछ और बात नहीं है पापा मुझे कहने लगे कि बेटा जल्दी मैं रिटायर होने वाला हूं मैं सोच रहा हूं कि जब मैं रिटायर हो जाऊंगा तो क्या उसके बाद भी हम लोग ऐसे ही एक दूसरे के साथ समय बिता पाएंगे। मैंने पापा से कहा क्यों नहीं जब आप रिटायर हो जाएंगे तो उसके बाद भी तो हम लोग एक दूसरे के साथ समय बिता पाएंगे लेकिन पापा कहने लगे कि बेटा आप सब लोगों के पास समय नहीं होगा मैंने पापा से कहा पापा ऐसा नहीं है। पापा ने अपने जीवन में बहुत ही ज्यादा संघर्ष किया है और वह अपने संघर्ष के बदौलत ही हम लोगों को एक अच्छी जिंदगी दे पाए और हमेशा से ही वह मेहनती रहे हैं। मैं चाहती थी कि हम लोग कहीं घूमने के लिए जाएं लेकिन ऐसा काफी समय से संभव नहीं हो पाया था लेकिन जब मैंने यह बात पापा से कहीं तो पापा कहने लगे कि ठीक है बेटा मैं कहीं घूमने का प्लान बनाता हूं। हम लोग घूमने के लिए केरल जाने के लिए तैयार हो चुके थे और मैं बहुत ज्यादा खुश थी मैं पहली बार ही केरल घूमने के लिए जा रही थी। जब हम केरल घूमने के लिए गए तो हम लोगों ने काफी एंजॉय किया और घर वापस लौटने के बाद मैं अपने काम पर जाने लगी थी। मुझे अपने लिए बहुत कम समय मिल पाता था क्योंकि मुझे अपने काम से बिलकुल फुर्सत नहीं मिलती थी मैंने पापा से कहा कि पापा आजकल मैं कुछ ज्यादा ही बिजी होने लगी हूं। पापा कहने लगे की देखा ना बेटा मैंने तुम्हें कहा नहीं था कि तुम लोग बिजी हो जाओगे भैया कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस के काम से कहीं गए हुए थे और घर पर मम्मी अकेली रहती थी पापा भी अपने ऑफिस चले जाया करते थे और शाम को लौटते थे।

एक दिन मम्मी की तबीयत ज्यादा ही खराब हो गई तो मम्मी ने मुझे फोन किया और कहा कि सुरभि बेटा तुम आज घर जल्दी आ जाओगी। मैंने मां से कहा हां मैं घर आ जाऊंगी मैं जब घर आई तो मैंने देखा मां की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है मुझे उन्हें डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा। हमारे पुराने फैमिली डॉक्टर है मैं जब उनके पास गई तो उन्होंने मुझे कहा कि बेटा तुम्हारी मम्मी को बुखार है मैं बुखार की दवाई दे देता देता हूं। उन्होंने मां को बुखार की दवाई दे दी और मैं मां को घर ले आई जब मैं मां को घर लेकर आई तो मां मुझे कहने लगी कि बेटा तुम मेरे पास ही बैठी रहो। मैं मम्मी के पास ही बैठी हुई थी मैंने उन्हें कहा कि मैं आपके लिए कुछ बनाकर लेकर आती हूं आप थोड़ा सा कुछ खा लीजिए उसके बाद आप दवाई ले लीजिएगा। मम्मी कहने लगी कि ठीक है बेटा तुम मेरे लिए कुछ बना कर ले आओ मैंने मम्मी के लिए थोड़ी सी खिचड़ी बना दी और जब उन्होंने खिचड़ी खाई तो उसके थोड़ी देर बाद उन्होंने दवाई भी खा ली। दवाई खा कर उन्हें बड़ी गहरी नींद आ गई थी और वह सो चुकी थी मैं भी अपने कमरे में आकर लेट गई।

मैं अपने रूम में लेटी हुई थी तभी मेरे फोन पर मेरी सहेली का फोन आया। जब उसका फोन आया तो वह मुझसे पूछने लगी सुरभि तुम क्या कर रही हो? मैंने उसे बताया मैं तो घर पर ही हूं वह कहने लगी तुम मुझसे मिलने आ जाओ काफी समय हो गया है हम लोग मिले भी नहीं है। मैंने अपनी सहेली को कहा ठीक है मैं तुमसे मिलने के लिए आती हूं जब मैं अपनी सहेली से मिलने के लिए गई तो मुझे बहुत अच्छा लगा उससे मिलकर मैं बहुत ज्यादा खुश थी। काफी समय बाद हम लोग एक दूसरे को मिले थे इतने लंबे अरसे बाद एक दूसरे को मिलना बहुत ही अच्छा था मैंने उसे कहा तुम आजकल क्या कर रही हो? वह मुझे कहने लगी कुछ नहीं बस अपना बुटीक संभाल रही हूं। मैंने उसे कहा यह अच्छा है तुम अपना बुटीक संभाल रही हो। वह मुझे कहने लगी मैं तुम्हारे लिए कुछ लेकर आती हूं। जब वह अपने किचन में गई तो मैंने उसका फोन को देखा उसके फोन में मैंने उसकी अंतरंग तस्वीरें एक लडके के साथ देखी मैं यह सब देख कर हैरान रह गई। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह इतनी सेक्स की भूखी होगी लेकिन उस तस्वीर ने मेरे अंदर भी एक आग पैदा कर दी थी। मैंने सोच लिया था मैं भी शारीरिक संबंध बनाकर रहूंगी उसी के चलते मैंने अपने ऑफिस में काम करने वाले मोहित को अपने घर पर बुलाया मोहित बडा खुश था। मोहित मुझे दिल ही दिल चाहता था लेकिन मैं उसे प्यार नहीं करती थी मैं सिर्फ उससे अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करना चाहती थी मैंने यह बात उससे पहले ही कह दी थी। मोहित ने मेरे बदन को सहलाना शुरू किया और उसने मेरे होठों को चूसना शुरू किया तो मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा काफ़ी देर तक वह मेरे होठों को एक चूसता रहा। जब उसने मेरे स्तनों पर अपने होठों को लगाया तो मैं पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी उसने काफी देर तक मेरे बड़े स्तनों का रसपान किया। वह मेरे स्तनों को बड़े अच्छे से चूस रहा था उसने मेरे स्तनों से पानी बाहर निकाल कर रख दिया था मैंने जैसे ही अपनी सलवार को उतारा तो उसने मेरी पैंटी को नीचे उतारते हुए मुझे कहा कि तुम्हारी चूत बड़ी टाइट है।

उसने मेरी चूत पर जीभ लगाना शुरू किया तो वह मेरी चूत को चाटता तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। वह काफी देर तक मेरी चूत को ऐसे ही चाटता रहा मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई थी मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी मेरी चूत से पानी बाहर निकल रहा था मैं बहुत ही ज्यादा गर्म होने लगी थी। मैंने उसे कहा मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी तो उसने कहा कि मैं तुम्हें अभी खुश कर देता हूं उसने अपने मोटे लंड को मेरी चूत के अंदर डालना शुरु किया उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर घुसने लगा। जब उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर घुसा तो वह मुझे कहने लगा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है लेकिन मेरी चूत से खून बाहर निकलने लगा था। मैंने किसी से भी अपनी चूत नही मरवाई थी मोहित ने मेरी चूत मारी उस से मैं बहुत ज्यादा खुश हो गई थी।

मेरी चूत से खून बाहर निकल रहा था लेकिन उसके बावजूद भी मैं पूरे मजे में थी मैंने अपने दोनों पैरों के बीच में मोहित को जकड़ लिया। मोहित को जब मैंने अपने पैरों के बीच में जकड़ा तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था वह लगातार तेजी से मुझे चोद रहा था उसने मुझे बहुत देर तक ऐसे ही धक्के मारे़ मैंने मोहित को कहा मैं अब रह नहीं पाऊंगी, वह मुझे कहने लगा तुम्हारी चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर निकालने लगा है। मोहित भी अपने आपको रोक नहीं पा रहा था मोहित मुझे कहने लगा मैं अपने आप को बिल्कुल रोक नहीं पा रहा हूं जब उसका वीर्य अंदर से बाहर निकलने लगा था तो उसने अपने वीर्य को मेरी चूत के अंदर ही गिरा दिया। मैंने उसे कहा तुमने आज मेरी इच्छा को पूरा किया उसके लिए मैं तुम्हें थैंक्यू कहना चाहती हूं। मोहित कहने लगा कोई बात नहीं उस दिन के बाद जब भी मेरी इच्छा होती तो मैं मोहित को बुला लेती मैं प्यार में बिल्कुल भी भरोसा नहीं करती थी इसलिए मोहित को अपने पास बुला लिया करती थी और मोहित मुझे खुश कर दिया करता था।
 
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