चूत मरवाने आ जाती

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Kamukta, antarvasna मैं अपने स्कूल से लौटता हूं मैं जैसे ही घर पहुंचता हूं तो मेरा दोस्त घर पर आ जाता है मेरा दोस्त मेरे घर से कुछ ही दूरी पर रहता है मैंने उसे कहा आज तुम घर पर कैसे आ गए तो वह कहने लगा बस तुमसे कुछ काम था। मैंने उसे कहा बैठो तुम्हारे लिए चाय बनवाते हैं मैंने अपनी पत्नी से कहा रमेश के लिए चाय बना देना मेरी पत्नी ने कहा ठीक है अभी बना कर लाती हूं। रमेश और मैं बैठे हुए थे मैंने रमेश से पूछा तुम्हारा आने का क्या कारण था तो वह कहने लगा यार मुझे तुमसे एक जरूरी काम था मैंने उसे कहा लेकिन मुझसे ऐसा क्या काम आन पड़ा है जो तुम मुझे फोन पर नहीं बता सकते थे वह मुझे कहने लगा दरअसल मुझे अपनी बेटी के लिए तुमसे बात करनी थी मेरी बेटी की 12वीं की परीक्षा है और वह अच्छे से पढ़ाई नहीं कर रही है ना जाने उसके दिमाग में क्या ख्याल चल रहा है जिससे कि वह पढ़ाई ही नहीं कर पाती।

मैंने उसे कहा तो तुम उसे मेरे पास भेज दो रमेश कहने लगा मैं इसीलिए तो तुम्हारे पास आया था मुझे लगा तुम से बेहतर शायद ही कोई इस वक्त उसे समझ सकता है और उसे पढ़ा सकता है। मैं स्कूल में अध्यापक हूं इसलिए मेरे दोस्त रमेश को मुझ पर पूरा भरोसा था और जब मैं और रमेश बात कर रहे थे तभी मेरी पत्नी ने मुझे कहा आप चाय लीजिए मेरी पत्नी ने हम दोनों को चाय दी और हम दोनों ने वह चाय पी हम दोनों चाय पीते पीते बात कर रहे थे। मैंने रमेश से पूछा तुम्हारा काम कैसा चल रहा है तो वह कहने लगा काम तो ठीक चल रहा है लेकिन बेटी की ही चिंता है तुम्हें तो मालूम है इस वक्त उसकी 12वीं की परीक्षा है यदि इस बार वह फेल हो गई तो मुझे बहुत बुरा लगेगा और मैं नहीं चाहता कि वह फेल हो। मैं उसकी बेटी राधिका से एक दो बार मिला हूं लेकिन उस वक्त मैं उसे इतनी बात नहीं कर पाया था मैंने रमेश से कहा तुम एक काम करना राधिका को कल से मेरे पास ट्यूशन भेज देना रमेश मुझे कहने लगा मैं कल खुद ही तुम्हारे पास आऊंगा और राधिका को भी अपने साथ ले आऊंगा मैंने रमेश से कहा ठीक है तुम राधिका को अपने साथ ले आना।

अगले दिन जब मैं स्कूल से लौटा तो रमेश और उसकी बेटी घर पर बैठे हुए थे वह लोग मुझसे पहले ही घर पर आ गए थे मैंने रमेश से कहा तुम लोग तो बड़ी जल्दी आ गए इतनी जल्दी आने की क्या जरूरत थी गर्मी भी तो बहुत ज्यादा हो रही है थोड़ा रुक कर आते। वह कहने लगा मुझे कहीं जाना था तो मैंने सोचा तुमसे भी मिलना जरूरी है इसलिए पहले तुम से ही मिल लेता हूं उसके बाद मैं यहां से अपने काम पर निकल जाऊंगा मैंने रमेश से कहा चलो ठीक है कोई बात नहीं अब तुम आ ही गए हो तो थोड़ा इंतजार करो मैं बस फ्रेश होकर 10 मिनट में आता हूं। मैं बाथरूम में चला गया और जब मैं वहां से बाहर आया तो मैं राधिका से पूछ रहा था कि क्या तुम्हें कुछ पढ़ने में दिक्कत होती है वह कहने लगी नहीं ऐसा तो नहीं है लेकिन मेरा मन ही नहीं लगता है और मुझे कुछ याद भी नहीं हो पाता है। मैंने राधिका से कहा चलो कोई बात नहीं हम लोग इस बार मेहनत करते हैं क्योंकि तुम्हारे पापा ने मुझे बताया कि तुम्हारे एग्जाम नजदीक आने वाले हैं तो तुम्हें अब तैयारी करनी पड़ेगी और तुम अच्छे से तैयारी करो। वह कहने लगी मैं तो पढ़ाई करती हूं लेकिन मेरे दिमाग में कुछ भी नहीं आता और मैं कुछ ही देर बाद सब कुछ भूल जाती हूं मैंने राधिका से कहा कोई बात नहीं यह सब ठीक हो जाएगा तुम उसकी चिंता मत करो। रमेश मुझे कहने लगा मैं अब चलता हूं मैं शाम को लौटूंगा और राधिका को ले जाऊंगा मैंने रमेश से कहा ठीक है तुम चले जाओ, मैं राधिका को पढ़ाने लगा मेरी पत्नी कहने लगी कि आपके लिए मैं कुछ बना दूं मैंने उसे कहा तुम मेरे लिए चाय बना देना और राधिका के लिए भी चाय बना दो। मैं देखना चाहता था कि राधिका की क्या परेशानी है राधिका को जितना पढ़ाता उस वक्त उसे सारी चीजें समझ आ जाती थी लेकिन कुछ देर बाद फिर दोबारा से वह भूल जाया करती थी राधिका को मेहनत करने की जरूरत थी। राधिका ने कहा मैं तो मेहनत करने के लिए तैयार हूं और उसी के साथ राधिका को मैं अगले दिन से पढ़ाने लगा वह पढ़ने में ठीक थी लेकिन ना जाने उसके दिमाग में क्या चल रहा था।

मैंने एक दिन उसे पूछा कि क्या तुम्हारे दिमाग में कुछ ऐसा चल रहा है जिससे कि तुम्हें कुछ परेशानी है उसने मुझे कुछ भी नहीं बताया वह गुमसुम सी रहा करती थी और पढ़ाई में भी उसका बिल्कुल मन नहीं लगता था मैं सोचने लगा कि मैं राधिका को कैसे समझाऊँ फिर उसी बीच मुझे पता चला कि राधिका का किसी लड़के के साथ अफेयर चल रहा था। मैंने राधिका को बहुत समझाया और कहा देखो बेटा अभी तुम छोटी हो और यह सब चीजें बिल्कुल ठीक नहीं है अब इन सब चीजों के बारे में भूल जाओ तुम्हारे पापा तुम्हे एक अच्छे स्कूल में पढ़ा रहे हैं और तुम सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दो। शायद मेरी बात का उस पर कुछ असर हुआ और वह पढ़ाई पर ध्यान देने लगी वह पढ़ने लगी थी और वह बहुत मेहनत भी करने लगी उसने अपने दिमाग से शायद प्यार का ख्याल निकाल दिया था। मैं उसे अच्छे से पढ़ाने लगा था और वह ध्यान भी देने लगी थी उसके एग्जाम नजदीक आने वाले थे और जब उसके एग्जाम हुए तो मैंने राधिका से पूछा तुम्हारे एग्जाम तो सही हुए वह कहने लगी हां मेरे एग्जाम तो बहुत अच्छे हो गए हैं और मुझे उम्मीद है कि मेरे अच्छे नंबर आएंगे। मैंने उसे कहा चलो देखते हैं रिजल्ट भी कुछ समय बाद ही आ जाएगा कुछ महीनों बाद रिजल्ट भी आ गया और राधिका अच्छे नंबरों से पास हो गई।

रमेश मेरे घर पर मिठाई लेकर आया और कहने लगा यार यह सब तुम्हारी वजह से ही हो पाया है मैंने रमेश से कहा तुम मेरे दोस्त हो क्या मैं तुम्हारे लिए इतना भी नहीं कर सकता। रमेश कहने लगा यार मुझे तो उम्मीद ही नहीं थी कि राधिका इस बार पास होगी लेकिन तुमने उसे बड़े ही अच्छी तरीका से पढ़ाया तो उसके अच्छे नंबर आ गए, राधिका कॉलेज में जा चुकी थी मैंने राधिका से कहा तुम्हें जब भी कोई जरूरत हो तो तुम मुझसे पूछ लिया करना। राधिका को जब भी हेल्प की जरूरत होती तो वह मुझसे पूछ लिया करती मैं राधिका से दोस्त की तरह पेश आता था और वह भी मुझसे अपनी बातें शेयर कर लिया करती थी। मैंने रमेश से भी कई बार कहा कि तुम्हें भी राधिका के साथ दोस्ताना रिश्ते रखने होंगे तभी वह तुमसे खुलकर बात कर पाएगी यदि तुम उसे डांटोगे और हर चीज के लिए उस पर दबाव बनाओगे तो शायद वह तुमसे कभी भी कुछ नहीं कहेगी। रमेश ने बहुत कोशिश की लेकिन उसके बावजूद भी रमेश उसे समझ नहीं पाया लेकिन राधिका को जब भी कोई जरूरत या तकलीफ होती तो वह मुझे बता दिया करती थी मुझे इस बात की खुशी थी कि कम से कम राधिका को मुझ पर पूरा भरोसा था वह मुझ पर बहुत भरोसा करती थी। कॉलेज में एक बार उसका फंक्शन था उस फंक्शन में रमेश और उसकी पत्नी भी गए हुए थे राधिका ने मुझे भी इनवाइट किया था क्योंकि राधिका का कोई दोस्त उसमे पार्टिसिपेंट कर रहा था इसलिए राधिका ने हमें भी बुलाया था हमने वह प्रोग्राम देखा तो हमे बहुत अच्छा लगा। मैंने राधिका से कहा तुम्हारे दोस्त ने तो वाकई में कमाल कर दिया उसने मुझे रमेश और उसकी पत्नी को अपने दोस्तों से भी मिलवाया। राधिका को जब भी मेरी जरूरत होती तो वह मुझसे मिलने आ जाती थी शायद वह फिर से किसी लड़के के चक्कर में पड़ चुकी थी जब उसने मुझे उस लड़के के बारे में बताया तो मैंने उसके बारे में मालूम किया वह लड़का बिल्कुल भी ठीक नहीं था वह एक नंबर का आवारा था।

मैंने राधिका को समझाया और कहा तुम उसके चक्कर में ना ही पडो तो ही ठीक होगा लेकिन वह मेरी एक बात ना मानी। मैंने भी अब राधिका से बात करना बंद कर दिया था लेकिन कुछ समय बाद उसका फोन मुझे आया वह कहने लगी आप बिल्कुल ठीक कह रहे थे उस लड़के ने मुझे बहुत बड़ा धोखा दिया उसने मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाए और अब वह किसी और लड़की के चक्कर में पड़ा हुआ है। मैंने राधिका से कहा तुम इस बारे में भूल जाओ लेकिन वह बिल्कुल भी अपने दिमाग से उसका ख्याल नहीं निकाल पा रही थी अब वह एक नंबर की जुगाड़ बन चुकी थी उसे सिर्फ लंड लेने की आदत हो चुकी थी। वह मेरे ऊपर भी डोरे डालने लगी लेकिन मैं भी अपने आपको कब तक रोकता एक दिन उसने मुझे कहा मुझे आपकी गोद में बैठना है मैंने उसे कहा तुम्हारा दिमाग सही है लेकिन वह मेरी गोद में बैठ गई। जब वह मेरी गोद में बैठी तो उसकी गांड मेरे लंड से टकराने लगी जब उसकी गांड मेरे लंड से टकराती तो मेरे अंदर उत्तेजना पैदा होने लगी।

उसने मेरे लंड को बाहर निकाला और अपने हाथों से हिलाने लगी वह मेरे लंड को जब अपने हाथों से हिलाती तो मुझे बड़ा मजा आता उसने मेरे लंड को अपने गले तक ले लिया और उसे अच्छे से चूसने लगी मुझे बहुत मजा आया। काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे के साथ नंगे लेटे रहे उसने अपने दोनों पैरों को खोला तो उसकी चूत में मैंने अपने लंड को डाल दिया उसकी चूत बहुत टाइट थी। मुझे उसे धक्के देने में बहुत मजा आ रहा था उसने मुझे कसकर पकड़ा हुआ था मैंने काफी देर तक उसे अपने नीचे लेटाकर चोदा लेकिन जब मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया तो उसकी बड़ी चूतड़ों का रंग मैंने लाल कर दिया। उसे बहुत देर तक मैने चोदा उसकी चूत मारने में जो मजा आया मैंने काफी सालो से टाइट चूत के मजे नहीं लिए थे मेरी पत्नी की चूत में अब वो बात नहीं थी जो राधिका की चूत में थी इसलिए मैं उसे धक्के मारते रहा। मेरा वीर्य पतन कुछ ही क्षणों बाद हो गया राधिका मुझसे अब अपनी चूत मरवाने भी आ जाया करती है।
 
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