जन्मदिन खास बना दिया

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Antarvasna, sex stories in hindi: कुछ समय से मैं घर पर ही था मैंने अपने ऑफिस से रिजाइन दे दिया था क्योंकि ऑफिस में मेरी किसी बात को लेकर अनबन हो गई थी जिस वजह से मैंने अपने ऑफिस से रिजाइन दे दिया था। मेरे पास अभिषेक आया अभिषेक मुझे कहने लगा कि रजत क्या तुमने अपने ऑफिस से रिजाइन दे दिया है तो मैंने उसे बताया कि हां मैंने अपने ऑफिस से रिजाइन दे दिया है। मैंने अभिषेक को पूछा लेकिन यह बात तुम्हें किसने बताई तो अभिषेक ने मुझे कहा कि मुझे यह बात सुहानी ने बताई थी मैंने अभिषेक से कहा अच्छा तो तुम्हें यह सब सुहानी ने बताया है उसने मुझे कहा हां मुझे आज ही इस बारे में सुहानी ने बताया था। मैंने अभिषेक से कहा कि हो सके तो तुम मेरे लिए कहीं जॉब देखने की कोशिश करना वह मुझे कहने लगा कि ठीक है रजत यदि हमारे ऑफिस में वैकेंसी हुई तो मैं तुम्हें जरूर बताऊंगा। कुछ समय मैं घर पर ही रहना चाहता था पापा की भी तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए मैं पापा के साथ ही उनकी देखभाल कर रहा था मां भी बीमार रहती हैं और उन्हें भी डॉक्टर ने आराम करने के लिए कहा है।

पापा जब से रिटायर हुए हैं उसके बाद से उनकी तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब रहने लगी है और घर में उनकी देखभाल के लिए मुझे अब रहना पड़ रहा था। एक दिन मुझे अभिषेक का फोन आया और अभिषेक मुझे कहने लगा कि रजत हमारी कंपनी में वैकेंसी निकली हुई है यदि तुम कहो तो मैं तुम्हारा रिज्यूम भी अपने बॉस को दे देता हूं और तुम कल इंटरव्यू देने के लिए आ जाना। मैंने अभिषेक से कहा ठीक है मैं कल इंटरव्यू देने के लिए आ जाऊंगा, अभिषेक कि अपने बॉस के साथ काफी अच्छी बनती थी इसलिए वहां मेरा सिलेक्शन हो गया और अब मैं अभिषेक की कंपनी में ही जॉब करने लगा। पापा की तबीयत ठीक नहीं रहती थी एक दिन पापा ने मुझे कहा कि रजत बेटा क्या तुम मेरे लिए ऑफिस से आते वक्त दवाई ले आओगे तो मैंने पापा से कहा ठीक है पापा मैं आपके लिए ऑफिस से आते हुए दवाई ले आऊंगा। मैं जब उस दिन ऑफिस से घर लौट रहा था तो मैंने पापा के लिए दवाई ले ली मैं जब मेडिकल शॉप से बाहर निकला तो मैंने देखा कि सुहानी भी वहीं से गुजर रही थी सुहानी ने मुझे देख लिया था।

मैंने सुहानी से कहा कि तुम क्या यहां किसी काम से आई हुई थी तो वह कहने लगी कि नहीं मैं भी घर जा रही थी मैंने सुहानी से कहा कि मैं तुमसे काफी दिनों से बात करने की सोच रहा था लेकिन मुझे समय ही नहीं मिल पाया। सुहानी ने मुझे कहा कि तुमने अभिषेक के ऑफिस में ही ज्वाइन कर लिया है तो मैंने सुहानी को कहा हां मैंने अभिषेक के ऑफिस में ही ज्वाइन कर लिया है। मैं और सुहानी काफी देर तक बात करते रहे फिर वह चली गई और मैं भी अपने घर वापस लौट आया। मैं जब घर लौटा तो मैंने पापा को दवाई दे दी और उसके कुछ दिनों के बाद मुझे ऑफिस के टूर के सिलसिले में बेंगलुरु जाना था ऑफिस कि वहां एक जरूरी मीटिंग थी इसलिए मेरे बॉस चाहते थे कि मैं वहां जाऊं और मैं उस मीटिंग के लिए बेंगलुरु चला गया। मैं जब बेंगलुरु पहुंचा तो वहां पर मैं जिस होटल में रुका हुआ था उसी होटल में मेरे सामने वाले रूम में एक लड़की भी रुकी हुई थी जब मैंने उसे देखा तो वह मुझे अच्छी लगी लेकिन हम लोगों की कोई बात नहीं हो पाई थी। मैं करीब एक हफ्ते तक उसी होटल में रुकने वाला था मैं अपनी मीटिंग खत्म कर के वहां से होटल में लौट आया था क्योंकि मैं बेंगलुरु में किसी को नहीं जानता था इसलिए मैं होटल के रूम में ही था। मैंने सोचा कि अपने लिए कुछ आर्डर करवा देता हूं फिर मैंने अपने लिए खाना ऑर्डर करवा दिया था लेकिन काफी देर हो गई खाना नहीं आया तो मैंने रिसेप्शन पर इस बारे में जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने मुझे बताया कि सर हमने तो आपका खाना कब का भिजवा दिया था। थोड़ी देर बाद एक लड़का आया और वह मुझे कहने लगा कि सर हम गलती से आपका खाना बगल के रूम में लेकर चले गए थे और उन्होंने हमें कहा कि यहां पर कोई आर्डर नहीं मंगवाया है इसलिए हम उस खाने को वापस ले गए। उसने मुझ से माफी मांगी और कहा कि सर मैं आपका दोबारा से ऑर्डर ले आता हूं आप आर्डर मुझे दे दीजिए। मैंने उस वेटर को ऑर्डर दिया और करीब 15 मिनट के बाद खाना तैयार होकर आ चुका था मैं अब खाना खाने लगा खाना खाने के बाद मैं जब बाहर की तरफ गया तो मैंने सोचा कि मैं लॉन में चला जाता हूं।

मैं होटल में बैठा हुआ था मुझे वहां पर काफी देर हो गई थी क्योंकि बाहर अंधेरा भी था इसलिए कहीं जाना ठीक नहीं था तभी मेरे सामने वाले रुम में जो लड़की रह रही थी वह भी लॉन में आ गई। मेरे सामने ही वह बैठी हुई थी काफी देर तक तो मैं उसे देखता रहा लेकिन हम दोनों ने आपस में कोई बात नहीं की फिर वह मेरे पास आई और मुझसे कहने लगी कि मौसम कितना सुहावना है। मैंने उससे कहा कि हां मौसम तो काफी अच्छा है मैंने उससे हाथ मिलाते हुए अपना परिचय दिया उसने मुझे कहा कि मेरा नाम अवंतिका है मैंने अवंतिका से पूछा कि तुम कहां रहती हो तो उसने मुझे बताया कि मैं मुंबई में रहती हूं और अपने ऑफिस के टूर से मैं यहां आई हुई हूं। मैंने उसे कहा कि यह भी बड़ा अजीब इत्तेफाक है मैं भी अपने ऑफिस की एक जरूरी मीटिंग से यहां आया हुआ हूं और एक हफ्ते के बाद मैं वापस लौटने वाला हूं। अवंतिका के साथ मैं काफी देर तक बैठा रहा फिर मैं अपने रूम में चला गया मुझे अवंतिका के साथ बात करके अच्छा लगा हम लोगों की बात ज्यादा देर तक तो नहीं हो पाई लेकिन जितनी देर भी हम लोगों ने बात की मुझे काफी अच्छा लगा था।

अवंतिका से मेरी बातचीत होने लगी। अवंतिका ने मुझे कहा कि मेरा जन्मदिन है। मैंने अवंतिका से कहां क्या हम लोग तुम्हारा जन्मदिन आज सेलिब्रेट कर सकते हैं तो अवंतिका कहने लगी मुझे आज अपने घर की बहुत याद आ रही है। उस दिन मैंने और अवंतिका ने साथ मे जन्मदिन सेलिब्रेट किया। मैं अवंतिका के साथ ही उसके रूम में था वह बहुत ही खुश थी और उसने मुझे गले लगा कर कहा आज तुमने मेरा जन्मदिन सेलिब्रेट किया मैं तुम्हें धन्यवाद देना चाहती हूं। उसने मेरा धन्यवाद दिया जब मैं उसकी तरफ देख रहा था तो उसने मेरी तरफ देखा और मेरे होठों को चूम लिया। जब उसने मुझे किस किया तो मुझे भी बहुत अच्छा लगा और मैं भी उसे बड़ी अच्छी तरीके से किस करने लगा वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो रही थी। मैंने जब उसके स्तनों को मसलना शुरू किया तो वह मुझे कहने लगी आज मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है और जिस प्रकार से तुम मेरे स्तनों को मसल रहे हो उससे मैं बहुत खुश हूं मैं आज अपने जन्मदिन को कुछ खास बनाना चाहती हूं। मैंने अवंतिका से कहा मैं भी आज तुम्हारे साथ संभोग करना चाहता हूं अवंतिका बहुत खुश थी मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया। जब मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया तो मैं उसके कपड़े उतारने लगा उसने अपनी ब्रा को खोल दिया मैंने उसके स्तनों को जब चूसना शुरू किया तो उसे बहुत ही अच्छा लग रहा और मुझे भी बहुत आनंद आ रहा था। मैंने उसके स्तनों को बहुत देर तक चूसा जब वह गर्म होने लगी तो मुझे कहने लगी मुझे तुम्हारे लंड को चूसना है। हम दोनों के बदन की गर्माहट पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी मैंने अवंतिका के स्तनों का रसपान करने के बाद उसे कहा तुम मेरे लंड को चूसो उसने मेरे लंड को मुंह के अंदर लेकर उसे चूसना शुरू किया तो उसने मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढा दिया। मेरी गर्मी बढने लगी मैंने उसे कहा मुझे लगता है मैं ज्यादा देर तक अपने आपको नहीं रोक पाऊगा।

उसने मेरे सामने अपनी चूतड़ों को किया जब मैंने उसकी चूतड़ों के बीच में से अपनी जीभ को लगाकर उसकी चूत को चाटना शुरू किया और उसकी चूत को मैं काफी देर तक चाटता रहा। मैंने अब अपने लंड पर तेल लगाया और जब मेरा लंड पूरी तरीके से चिकना हो गया तो मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया तो मुझे एहसास हो रहा था उसकी चूत बहुत ज्यादा गरम हो चुकी है। मैंने उसकी योनि के अंदर अपने मोटे लंड को घुसा दिया जब मेरा मोटा लंड उसकी चूत के अंदर घुसा तो वह कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है और ऐसा लग रहा है तुम बस मेरे साथ सेक्स करते रहो। मैंने उसे कहा अभी तक मैंने तुम्हें चोदना शुरू भी नहीं किया है लेकिन जब मैं उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाल रहा था तो मुझे बहुत मजा आ रहा था।

अब मैं अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करता तो मेरे लंड की गर्मी बढ़ने लगी थी। वह भी बहुत ज्यादा गर्म होने लगी थी उसकी गर्मी इतनी अधिक बढ़ने लगी की वह पूरी तरीके जोश मे आ गई। मैंने उसे कहा मुझे बहुत मजा आ रहा है तो वह कहने लगी तुम जिस प्रकार से मुझे चोद रहे हो उस से मैं बहुत ज्यादा खुश हूं। मैं अवंतिका की बड़ी चूतड़ों पर अपने लंड को टकरा रहा था तो वह मुझसे कहने लगी तुम ऐसे ही अपने लंड को चूत के अंदर बाहर घुसाते रहो। मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को काफी देर तक किया उसकी चूत से निकलती हुई गर्मी अब कुछ अधिक हो चुकी थी जिससे कि मैं उसकी चूत से निकलते हुए लावे को बर्दाश्त ना कर सका और मेरा माल उसकी चूत मे ही गिर गया लेकिन अवंतिका के साथ सेक्स कर के मुझे मजा आया। मैने उसके जन्मदिन को खास बना दिया वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी।
 
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