जीवन का सुख मिल गया

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Antarvasna, hindi sex story: मेरे पिताजी मुझे कहने लगे कि कमल बेटा आते हुए मेरे लिए दवाई ले आना मैंने पिताजी से कहा ठीक है मैं आपके लिए आते वक्त दवाई ले आऊंगा। मै ऑफिस के लिए तैयार हो चुका था और फिर मैं अपने ऑफिस के लिए निकल गया। मैं जब अपने ऑफिस के लिए घर से निकला तो रास्ते में मुझे मेरा दोस्त आदित्य मिला आदित्य ने मुझे कहा कि कमल मेरी मोटरसाइकिल पर बैठ जाओ और फिर मैं उसके साथ बैठकर अपने ऑफिस के लिए गया। जब हम लोग ऑफिस पहुंचे तो उस दिन मैं थोड़ा जल्दी आ चुका था मैं जब ऑफिस में अपनी डेस्क पर बैठकर काम कर रहा था तो ऑफिस में ही काम करने वाली लता जिसकी पिछले हफ्ते ही हमारे ऑफिस में नौकरी लगी थी वह मेरे पास आकर मुझसे कहने लगी सर क्या आप फ्री हैं। मैंने उसे कहा हां लता कहो वह कहने लगी कि मुझे कुछ काम था तो मैंने उससे कहा हां बताओ क्या काम था क्या तुम्हें मेरी मदद चाहिए थी। मैंने उसकी मदद की उस दिन हमारे बॉस जल्दी ही ऑफिस आ चुके थे वैसे तो वह दोपहर के बाद ही ऑफिस आया करते थे लेकिन उस दिन वह जल्दी आ गए थे और जब शाम हो गई तो आदित्य मुझे कहने लगा कि क्या तुम आज मेरे साथ मेरे दोस्त की पार्टी में चलोगे।

मैंने उसे कहा नहीं आदित्य मैं तुम्हारे साथ नहीं आ पाऊंगा क्योंकि मुझे अपने पापा के लिए दवाई लेकर जानी है तो आदित्य कहने लगा कि ठीक है यदि तुम्हें तुम्हारे पापा के लिए दवाई लेकर जानी है तो कोई बात नहीं फिर तुम घर चले जाओ। आदित्य उस दिन जल्दी ऑफिस से घर निकल चुका था मैं अपने ऑफिस के बाहर आकर बस का इंतजार कर रहा था लता भी बस का इंतजार कर रही थी। लता से मैंने बात की और लता से पूछा कि वह कहां रहती है तो मुझे पता चला की लता मेरे घर के पास ही रहती है। मैंने लता से कहा इससे पहले तुम कहीं जॉब कर रही थी क्या तो वह कहने लगी कि हां सर मैं इससे पहले भी कंपनी में जॉब करती थी वहां पर मैं ज्यादा समय काम नहीं कर पाई करीब 6 महीने बाद मैंने वहां से नौकरी छोड़ दी थी। मैं और लता साथ में ही घर तक आए क्योंकि लता मेरे घर के पास में ही रहती थी इसलिए अब वह अक्सर ऑफिस जाते वक्त मेरे साथ ही ऑफिस जाती थी।

मैं लता को धीरे धीरे समझने लगा था और लता का साथ भी मुझे अच्छा लगने लगा था शायद उसको भी मेरा साथ अच्छा लगने लगा था इसलिए वह अब मुझे सुबह के वक्त फोन करती और मुझे कहती कि सर मैं आपका इंतजार बस स्टॉप पर कर रही हूं। एक दिन लता और मैं ऑफिस जा रहे थे उस दिन हम दोनों साथ में ही सीट पर बैठे हुए थे तो मैंने लता से कहा लता यदि तुम शाम के वक्त मेरे साथ कुछ देर समय बिताओ तो तुम्हें कोई आपत्ति तो नहीं है लता मुझे कहने लगी नहीं सर मुझे भला क्या आपत्ति होगी। शाम के वक्त हम लोगों ने साथ में समय बिताया हम लोग एक कॉफी शॉप में बैठे हुए थे और शाम के वक्त जब हम लोग उस कॉफ़ी शॉप में कॉफी पी रहे थे तो मुझे लता के और ज्यादा करीब आने का मौका मिल गया। लता भी इस बात को जानती थी और मैंने यह फैसला कर लिया था कि कुछ दिनों में मैं लता को अपने दिल की बात बता दूंगा क्योंकि लता का साथ मुझे अच्छा लगने लगा था और उससे पहले एक दिन लता मेरे घर पर भी आई थी। जब लता मेरे घर पर आई तो वह मेरे पापा और मम्मी से मिलकर काफी खुश थी लता और मैं अब अक्सर एक-दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करते। मेरे और लता के बारे में हमारे ऑफिस में सबको पता चल चुका था की और मेरे बीच कुछ तो चल रहा है। एक दिन आदित्य ने मुझसे पूछा कि कमल क्या लता और तुम्हारे बीच में कोई रिलेशन चल रहा है तो मैंने उसे कहा नहीं आदित्य ऐसा तो कुछ भी नहीं है वह मुझे कहने लगा कि देखो कमल तुम मेरे अच्छे दोस्त हो और मुझसे तुम झूठ मत बोलो। मैंने उसे उस दिन सब कुछ बता दिया और कहा कि लता और मैं दूसरे को मिलते हैं लेकिन अभी तक मैंने उससे अपने दिल की बात नहीं कही है। आदित्य कहने लगा कि तुमने अभी तक उससे अपने दिल की बात नहीं कही तुम्हें तो अभी तक उसे अपने दिल की बात कह देनी चाहिए थी मैंने आदित्य से कहा कि यह सब इतना भी आसान नहीं है कि मैं अपने दिल की बात लता को कह दूं। मैंने उस दिन लता को अपने दिल की बात कही तो लता ने भी मेरे प्रपोजल को स्वीकार कर लिया मेरे लिए यह बड़ी ही खुशी की बात थी कि लता ने मेरे प्रपोजल को स्वीकार कर लिया था और मैं इस बात से काफी खुश था।

मैं और लता एक दूसरे के साथ अब ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करते हम लोग जब भी एक दूसरे के साथ होते तो हमें काफी अच्छा लगता। मेरे जीवन में सब कुछ बहुत ही अच्छे से चल रहा था मुझे ऐसा लगता कि शायद मुझसे ज्यादा खुशनसीब कोई भी नहीं है। लता के परिवार में भी मेरे बारे में पता चल चुका था इसलिए मुझे लता के परिवार से मिलने के लिए जाना पड़ा जब मैं लता के परिवार से मिला तो उन्होंने मुझे स्वीकार कर लिया था उन्हें मुझसे कोई भी आपत्ति नहीं थी। अब हम दोनों के रिश्ते में और भी ज्यादा मजबूती आ गई थी हम दोनों अब ज्यादा से ज्यादा एक दूसरे के साथ समय बिताने लगे थे। एक दिन लता मुझे कहने लगी कि कमल मुझे आपका साथ बहुत ही अच्छा लगता है तो मैंने लता को कहा मुझे भी तो तुम्हारा साथ काफी अच्छा लगता है। लता मुझे कहने लगी कि मुझे लगने लगा है कि अब हम दोनों को एक हो जाना चाहिए और हमें अब शादी कर लेनी चाहिए मैंने लता को कहा लता मैं भी यही चाहता हूं कि मैं तुमसे शादी कर लूं लेकिन अभी मेरी बहन है इसलिए पहले मैं उसकी शादी करवाना चाहता हूं उसके बाद ही मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं।

लता कहने लगी ठीक है तुम अपनी बहन के लिए लड़का देख लो उसके बाद हम दोनों शादी कर लेंगे। मेरी बहन के लिए भी मैंने काफी लड़के देखे लेकिन कोई लड़का पसंद आया ही नहीं और उसे भी कोई लड़का पसंद नहीं आ रहा था मेरी खोज अभी भी जारी थी और अभी तक मेरी बहन की शादी नहीं हो पाई थी। कुछ समय बाद मेरी बहन के लिए एक अच्छा रिश्ता आया उसकी सगाई हो चुकी थी। लता ने मुझे कहा कि चलो अब तुम्हारी बहन की तो सगाई हो ही चुकी है जल्द ही हम दोनों भी अब शादी कर लेंगे। हम लोग एक दूसरे से अब कुछ ज्यादा ही मिलने लगे थे। एक दिन ऑफिस से लौटते वक्त मैंने लता के होठों को चूम लिया जब उसके होठों को मैंने किस किया तो उस दिन वह अपने आपको रोक ना सकी। हम दोनों की अब फोन पर अश्लील बातें होने लगी थी हम दोनों एक दूसरे को फोन पर ही गर्म कर देते और फोन पर ही हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बुझाने लगे थे। मैंने भी लता के साथ सेक्स संबंध बनाने के बारे में सोच लिया था। जब लता ने एक दिन मुझे अपने घर पर बुलाया तो उस दिन उसके घर पर कोई भी नहीं था। हम दोनों के लिए यह बहुत ही अच्छा मौका था हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स कर पाए। उस दिन जब लता को मैंने अपनी बाहों मे लिया और मै उसकी जांघों को सहलाने लगा तो वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैंने लता के नरम होठों को चूम कर उसके बदन की गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा दिया था। उसके बदन की गर्मी बढने लगी वह अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पा रही थी। उसने मुझे कहा तुम अपने लंड को मेरी चूत मे डाल दो मैंने लता को कहा क्या तुमने कभी किसी के लंड को अपने मुंह में लिया है?

वह शर्माने लगी उसने कोई जवाब नहीं दिया मैंने अपने लंड को उसके मुंह के पास लगा दिया और उसने मेरे लंड को अपने मुंह मे लेकर चूसना शुरू किया। वह पहले मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर नहीं ले रही थी लेकिन फिर उसने अपने मुंह के अंदर मेरे पूरे लंड को लेना शुरू कर दिया। मैं बहुत ही खुश था और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से लता ने मेरा साथ दिया और लता ने मेरी गर्मी को बढ़ाया। मैं लता को बड़े ही अच्छे से मजे देना चाहता था लता ने मेरे लंड से पूरा पानी बाहर निकाल कर रख दिया था। अब मैं उसकी चूत पर अपने लंड को लगाना चाहता था मैंने उसकी चूत पर जब अपने लंड को लगाया तो मेरे लंड पर उसकी चूत की गर्मी का एहसास हो रहा था। मैंने लता की चूत के अंदर लंड को घुसाना चाहा मेरा लंड उसकी योनि के अंदर नहीं जा पा रहा था लेकिन मैंने जब तेजी से धक्के देते हुए अपने लंड को उसकी चूत के अंदर डाला तो वह जोर से चिल्लाई और उसकी सील टूट चुकी थी। उसकी सील टूटते ही मैंने उसे अब और भी तेजी से धक्के देने शुरू कर दिए।

मैं उसे बड़ी तेज गति से धक्के मार रहा था वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी उसकी मादक आवाज मेरे अंदर की गर्मी को और भी ज्यादा बढ़ा रही थी। मेरे अंदर की गर्मी अब इस कदर बढ़ चुकी थी कि मैं अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पा रहा था मैंने पूरी ताकत के साथ उसे धक्के देने शुरू कर दिए थे। लता की चूत से लगातार खून बाहर की तरफ को बह रहा था वह अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाने लगी। मैंने उसे कहा क्या तुम्हारी गर्मी बुझ चुकी है। वह मुझे कहने लगी हां मेरी गर्मी बुझ चुकी है। मैंने उसे कहा मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है मैं उसे लगातार तेजी से धक्के मार रहा था उसकी चूत से मैंने इतना ज्यादा खून बाहर निकाल दिया था कि वह अपने आपको बिल्कुल भी ना रोक सकी। उसने अपने पैरों के बीच में मुझे जकड़ लिया मेरा वीर्य भी अब बाहर आने वाला था। मेरा वीर्य मेरे अंडकोषो से बाहर आ चुका था मैंने अपने वीर्य को लता के स्तनों पर गिरा दिया। लता के स्तनों पर मेरा वीर्य गिरते ही वह कहने लगी आज ऐसा लग रहा है जैसे कि जीवन का सबसे ज्यादा सुख मिला हो। मैं भी लता की चूत मारकर बहुत ज्यादा खुश था।
 
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