तुम्हारी चूत सिर्फ मेरी है

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Antarvasna, hindi sex story मैं लखनऊ का रहने वाला हूं और मेरे पिताजी एक प्राइवेट कंपनी में जॉब किया करते थे लेकिन कुछ समय पहले उन्होंने जॉब छोड़ दी। मैं भी छोटे-मोटे काम कर के अपना गुजारा चला लिया करता था लेकिन जब से पिताजी ने काम छोड़ा तबसे मेरे ऊपर ही घर की सारी जिम्मेदारियां आन पड़ी थी। उसी वक्त मेरी बहन की शादी तय हो गई जब मेरी बहन की शादी तय हुई तो उसकी शादी में काफी खर्चा हो गया जिसकी वजह से पिताजी ने मुझे कहा कि बेटा मेरे पास तो बिलकुल भी पैसे नहीं बचे हैं। मैंने अपने पिताजी से कहा आप इस चीज की चिंता ना करें अब मैं कमा सकता हूं मैं अपने मामा के साथ दिल्ली चला गया मेरे मामा दिल्ली में ही जॉब करते हैं और मैं उनके साथ ही रहने लगा। कुछ समय बाद मुझे एक कंपनी में जॉब मिली वहां पर मैं जॉब करने लगा वहां पर मैं ड्राइवर की नौकरी करने लगा मुझे उस कंपनी में काफी समय हो चुका था।

सब कुछ ठीक चल रहा था मैं घर भी पैसे भेज दिया करता था मेरे माता-पिता इस चीज से बहुत ही खुश थे कि कम से कम मैं उन लोगों का ध्यान तो रख रहा हूं लेकिन उसी दौरान मेरी मुलाकात जब रचना से हुई तो शायद मेरी जिंदगी पूरी तरीके से बदलने वाली थी और मैं रचना से शादी करने के ख्वाब देखने लगा। रचना एक अमीर घर की लड़की है और मैं एक ड्राइवर था इसलिए हम दोनों का दूर-दूर तक कोई रिश्ता ही नहीं हो सकता था। मैंने यह बात किसी को भी नहीं बताई थी लेकिन रचना भी मुझे जब देखती तो वह ना जाने मुझे देख कर क्यों मुस्कुरा दिया करती थी मैं जिस जगह नौकरी करता था उसी कंपनी में रचना भी जॉब करती थी और वह एक अच्छे पद पर थी लेकिन मैं एक मामूली सा ड्राइवर था। मैंने अपने पैर पीछे कर लिए थे मैं नहीं चाहता था कि हम दोनों का रिश्ता आगे बढ़े और हमारे रिश्ते की वजह से रचना को कोई दिक्कत हो या फिर मुझे ही खुद कोई समस्या हो इसलिए मैंने अपने आपको रचना से दूर रहना ही बेहतर समझा। फिर भी उसके दिल में मेरे लिए ना जाने इतनी इज्जत और प्यार क्यों था वह जब भी मुझे देखती तो वह मुस्कुरा दिया करती थी।

एक दिन रचना ने मुझसे कहा क्या आप आज शाम को मुझसे मिल सकते हैं मैं घबरा गया क्योंकि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि रचना मुझे यह कहेगी उसके दिल में ना जाने क्या चल रहा था। मैंने रचना को उस वक्त हां कह दिया और जब शाम को हम दोनों मिले तो मुझे बड़ा ही अजीब सा महसूस हो रहा था रचना ने मुझसे कहा मुझे ना जाने आप क्यों इतने अच्छे लगते हैं मैंने रचना से कहा देखिए मैडम मैं तो बहुत ही मामूली सा ड्राइवर हूं और मैं नहीं चाहता कि आपके और मेरे बीच में ऐसा कोई भी रिश्ता हो जिससे कि हम दोनों को ही तकलीफो का सामना करना पड़े। रचना मुझे कहने लगी इस में दिक्कत की क्या बात है रचना मुझे समझाने लगी और उसने मुझे कहा आप अपने आप को छोटा क्यों समझते हैं यदि आप मेहनत करें तो आप भी अपने जीवन में कुछ कर सकते हैं और यदि आप एक ड्राइवर है तो इसमें अपने आप को छोटा समझने की कोई बात नहीं है आप मेहनत कीजिए आप जरूर आगे बढ़ेंगे। रचना ने मेरे अंदर एक हलचल पैदा कर दी थी मैं तो अपनी छोटी सी नौकरी से खुश था लेकिन रचना ने मेरे अंदर शायद एक हौसला भर दिया था जिससे कि मैं अपने आप को बड़ा आदमी साबित करना चाहता था लेकिन मेरे पास पैसों का अभाव था। रचना ने मुझे कहा आपको किसी भी चीज की कोई समस्या हो तो आप मुझे कह सकते हैं मैंने रचना से कहा कि मैं अपना कोई काम शुरू करना चाहता हूं लेकिन मेरे पास इतने पैसे नहीं है। रचना को मुझ पर पूरा भरोसा था और वह कहने लगी आपको जब भी पैसों की आवश्यकता हो आप मुझसे ले सकते हैं और जब आपका काम चल पड़े तो आप मुझे वह पैसे लौटा दीजिएगा। मुझे लग रहा था कि मुझे रचना से पैसे नहीं लेने चाहिए परंतु फिर भी मैंने रचना से पैसे ले ही लिये और मैंने ड्राइवर की नौकरी भी छोड़ दी थी मैंने अपना ट्रांसफर का काम शुरू किया। शुरुआत में तो मुझे ज्यादा कुछ मुनाफा नहीं हुआ क्योंकि गौशाला कंपीटीशन होने के कारण मेरा काम कुछ अच्छे से नहीं चल रहा था परन्तु उसके बावजूद मैंने हिम्मत नहीं हारी और रचना का साथ तो मेरे साथ हमेशा ही था।

एक शाम मुझे रचना मिली और वह मुझे कहने लगी आपका काम कैसा चल रहा है तो मैंने उसे बताया अभी तो कोई ज्यादा अच्छा नहीं चल रहा है लेकिन फिर भी मैं मैनेज कर रहा हूं रचना मुझे कहने लगी आप मेहनत करते रहिए जरूर काम अच्छा चलेगा। मैंने रचना से कहा आपने मेरी बहुत मदद की है रचना मुझे कहने लगी आप मुझे अच्छे लगते हैं और मैं आपसे प्यार भी करने लगी हूं रचना मुझसे प्यार करती थी इसीलिए तो उसने मेरे लिए इतना कुछ किया था वह चाहती थी कि मैं अपने ही बलबूते कुछ अच्छा काम करुं जिससे की वह मेंरे साथ अपना जीवन बिता सके। फिलहाल तो मेरी जिंदगी में ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा था जिससे कि मैं कुछ अच्छा कर पाता लेकिन उसी बीच मेरा काम अच्छा चलने लगा, मेरा काम अब अच्छा चलने लगा था और मैं बहुत खुश हो चुका था क्योंकि मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि मेरा काम इतना अच्छा चलने लगेगा। जब आप कुछ सोच नहीं पाते हैं तो उस वक्त आपको कुछ ऐसा मिल जाए तो आप बहुत खुश हो जाते हैं वही मेरे साथ भी हुआ मैंने कभी उम्मीद भी नहीं की थी कि मेरे साथ इतना अच्छा होगा। मेरा काम अब अच्छे से चलने लगा था रचना और मैं अब एक दूसरे से हर रोज मिलने लगे थे मेरे जीवन में रचना से ज्यादा जरूरी कोई भी चीज नहीं थी क्योंकि उसने मेरी बहुत मदद की थी और उसी की वजह से मैं अपने जीवन में कुछ कर पाया।

उसकी वजह से मैं अपने जीवन में एक मुकाम हासिल कर पाया अब मेरे पास पैसे भी आने लगे थे और उसी बीच मैंने अपने माता पिता को भी अपने पास दिल्ली बुला लिया वह लोग भी मेरे पास आ गए मैं चाहता था कि मैं उनकी सेवा करूं। एक दिन मुझे रचना ने कहा क्या तुम मुझे अपने मम्मी पापा से नहीं मिलाओगे मैंने रचना से कहा क्यों नहीं मैं जरूर तुम्हें अपने मम्मी पापा से मिलवाऊँगा। रचना और मेरे बीच में अब रिलेशन काफी आगे बढ़ चुका था हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझने लगे थे, मैं उस दिन रचना को अपने साथ अपने घर पर ले गया जब मैं अपने घर पर उसे लेकर गया तो मैंने अपने मम्मी पापा से उसे मिलवाया। वह लोग मुझसे पूछने लगे कि क्या तुम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हो क्योंकि मैंने उनको अपने और रचना के रिलेशन के बारे में बता दिया था। मैंने उन्हें सब कुछ बताया कि रचना ने किस प्रकार मेरी मदद की और आज मैं रचना की बदौलत ही एक सफल आदमी बन पाया हूं। रचना ने मेरे मम्मी पापा से कहा हम लोग शादी करना चाहते हैं लेकिन अभी मेरे परिवार वाले शायद हमारे रिश्ते को मंजूरी ना दे इसीलिए हम दोनों थोड़ा समय चाहते हैं। जब मुझे लगेगा कि मुझे मेरे पापा मम्मी से बात करनी चाहिए तो उस वक्त मैं उनसे बात कर लूंगी और मैं वैसे भी राहुल से बहुत ज्यादा प्यार करती हूँ और उससे ही मैं शादी करना चाहती हूं। मुझे बहुत खुशी थी की रचना मेरे साथ है और वह मेरा बहुत ख्याल भी रखती है।

हम दोनों एक दूसरे से मिला ही लिया करते थे एक दिन रचना मेरे साथ ऑफिस में बैठी हुई थी उस दिन ज्यादा कुछ काम नहीं था। मैं रचना की तरफ देखे जा रहा था और वह मेरी तरफ देख रही थी हम दोनो एक दूसरे की आंखों में आंखें डालकर देख कर बात कर रहे थे। मैने रचना का हाथ पकडा तो रचना को भी बड़ा अलग ही फिल होने लगा उस दिन हम दोनों ने एक दूसरे को किस कर लिया। जब हम दोनों ने एक दूसरे को किस किया तो हम दोनों को ही अच्छा लगने लगा और बड़ा मजा आने लगा हम दोनों पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुके थे जैसे ही मैंने रचना के स्तनों को दबाना शुरू किया तो वह पूरे मजे में आ गई और मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा है। मैंने उससे कहा कोई बात नहीं तुम मेरा पूरा साथ दो उसने मेरा साथ दिया और उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो उसकी उत्तेजना और भी बढ़ने लगी, उसकी उत्तेजना इतनी ज्यादा बढ़ गई कि उसने मेरे लंड को अपन चूत पर रगडना शुरु किया जैसे ही मैंने रचना की योनि में अपने लंड को डाला तो वह कहने लगी और भी तेजी से मुझे धक्के दो मैंने उसे बड़ी तेज गति से धक्के देना शुरू किया। उसका बदन पूरा हिल जाता उसका बदन इतना ज्याता हिल जाता कि मुझे बड़ा मजा आता मैं उसे तेज गति से धक्के दिए जाता कुछ देर तक मैंने उसे अपने नीचे लेटा कर चोदा।

जब हम दोनों की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ गई तो मैंने उसे घोड़ी बना दिया और घोड़ी बनाते ही उसकी चूत में अपने लंड को प्रवेश करवाया तो मुझे उसकी गोरी चूत मारने में बड़ा मजा आ रहा था। मैं तेज गति से उसे धक्के दिए जाता वह भी मुझसे अपनी चूतडो को मिलाने लगी उसके मुंह से एक अलग ही आवाज निकलने लगी जिससे कि हम दोनों के शरीर में गर्मी बहत बढने लगी हम दोनों ही पसीना पसीना होने लगे। कुछ क्षण बाद वह झड़ चुकी थी वह चुपचाप खड़ी रही लेकिन मैं उसे बड़ी तेजी से धकके दिए जा रहा था मैंने उसे काफी देर तक धक्के दिए जिससे कि मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका था मुझे रचना को धक्के मारने में बड़ा मजा आ रहा था। काफी देर तक ऐसा ही चलता रहा जैसे ही मेरा वीर्य रचना की योनि में गिरा तो वह खुश हो गई और मुझे कहने लगी मुझे बड़ा मजा आ गया मैंने उसे कहा आगे भी हम दोनों ऐसे ही मजे लेते रहेंगे। अब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते रहते हैं और मुझे उसे चोदने में बड़ा मजा आता है।
 
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