तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो

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Antarvasna, desi kahnai: कॉलेज पूरा हो जाने के बाद ही मेरी जॉब एक अच्छी कंपनी में लग चुकी थी और मैं जॉब करने के लिए बेंगलुरु आ चुका था। शुरुआत में मुझे बेंगलुरु में रहने में थोड़ी बहुत दिक्कतें हुई थी लेकिन मेरे दोस्त आकाश ने मेरी उसमें काफी ज्यादा मदद की और मैं भी आकाश के साथ ही रहता था हम दोनों साथ में रहते थे। हम दोनों स्कूल के समय से एक दूसरे को जानते हैं और आकाश भी बेंगलुरु में ही जॉब करता है वह मेरा बहुत अच्छा दोस्त है। एक दिन मैं अपने ऑफिस से शाम को घर लौटा तो उस दिन आकाश घर पर ही था मैंने आकाश को कहा कि क्या आज तुम ऑफिस नहीं गए थे तो आकाश ने मुझे कहा कि नहीं आज मैं ऑफिस नहीं जा पाया। मैंने आकाश को कहा कि लेकिन तुम आज ऑफिस क्यों नहीं गए तो आकाश ने मुझे बताया कि उसको कुछ जरूरी काम था इसलिए वह ऑफिस नहीं गया था।

मैंने आकाश को उसके बाद ज्यादा कुछ नहीं पूछा लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि आकाश कुछ ज्यादा ही परेशानियों से जूझ रहा है। आकाश एक लड़की को बहुत ज्यादा प्यार करता है उसका नाम सुहानी है लेकिन जब आकाश से एक दिन मैंने इस बारे में पूछा तो आकाश ने मुझे सारी सच्चाई बताई। आकाश ने मुझे बताया कि सुहानी उससे दूर हो चुकी है जिस वजह से वह काफी ज्यादा परेशान है। आकाश को ऐसी परेशानी में देख कर मुझे भी बिल्कुल अच्छा नहीं लगा और मैंने आकाश को कहा कि देखो आकाश तुम कुछ दिनों के लिए घर चले जाओ। आकाश ने कहा कि हां रमेश तुम ठीक कह रहे हो मुझे कुछ दिनों के लिए घर चले जाना चाहिए मैं कुछ दिनों के लिए घर चला जाता हूं। आकाश मेरी बात मान चुका था और वह कुछ दिनों के लिए घर चला गया। जब आकाश घर गया तो मैं बेंगलुरु में अकेला ही था आकाश कुछ दिनों तक घर पर रुका और फिर वह वापस लौट आया था। वापस लौटने के बाद आकाश अपने काम पर पूरी तरीके से ध्यान देने लगा था और वह अपनी जॉब पर पूरी तरीके से ध्यान दे रहा था। आकाश सुहानी को भूल चुका था और वह उसे भूलकर आगे बढ़ चुका था।

कुछ समय बाद ही आकाश के परिवार वालों ने उसके लिए एक रिश्ता देखा और आकाश ने भी शादी के लिये हां कर दी थी और उसके बाद आकाश की सगाई हो गयी। आकाश की सगाई हो जाने के बाद उसकी शादी भी नजदीक आने वाली थी इसलिए मुझे भी कुछ दिनों के लिए पुणे जाना पड़ा। हम लोग आकाश की शादी को खास बनाना चाहते थे आकाश की शादी हो जाने के बाद वह बहुत ही खुश है और अपनी पत्नी के साथ वह बेंगलुरु में ही रहने लगा था इसलिए मैं अगल रहने लगा था। कभी कबार मैं आकाश को मिलने के लिए चला जाया करता था। जब भी मैं आकाश को मिलने के लिए जाता तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता है और उसे भी बड़ा अच्छा लगता था जब मैं उसको मिलने के लिए जाया करता था। आकाश कई बार मुझे मजाक ही मजाक में कह दिया करता कि तुम भी अब शादी कर लो लेकिन मैंने आकाश को कहा कि अभी तो मैंने ऐसा कुछ भी नहीं सोचा है। मेरी जिंदगी में ऐसा कोई भी नहीं था जिससे कि मैं शादी करने के बारे में सोच सकता।

एक बार मुझे अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए बाहर जाना था और मैं कुछ दिनों के लिए बाहर चला गया। मैं जब वहां से वापस लौटा तो हमारी ही कॉलोनी में मुझे एक दिन एक लड़की दिखाई दी उसे पहली ही नजर में मैंने पसंद कर लिया था और जब पहली बार मैंने सुरभि को देखा तो मुझे अच्छा लगा। हालांकि उससे मेरी बात नहीं हो पाई थी काफी समय तक तो मैं उसे देखता ही रहा लेकिन उसके बाद मेरी सुरभि से बात हो गई थी।

सुरभि से मेरी बात हमारी कॉलोनी में मेरे एक दोस्त ने करवाई थी और जब सुरभि से मेरी बात हो गई तो मुझे बड़ा अच्छा लगा जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ में समय बिताया करते। एक दूसरे के साथ जब भी हम दोनों होते तो हम लोगों को बहुत ही अच्छा लगता सुरभि और मैं एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते हैं। अब मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक से चल रहा था सुरभि मेरी जिंदगी में आ चुकी थी जब से सुरभि मेरी लाइफ में आई तब से मैं बहुत ही ज्यादा खुश हूं और मेरी जिंदगी बहुत ही अच्छे से चल रही है। जिस तरीके से मेरी लाइफ चल रही है उसमें कहीं ना कहीं सुरभि का भी बहुत अहम योगदान है। सुरभि मेरी लाइफ में जब से आई है तब से मेरी लाइफ बहुत ही अच्छे से चलने लगी है और सब कुछ बहुत ही अच्छा हो चुका है।

सुरभि और मैं ज्यादा से ज्यादा समय साथ में बिताया करते थे तो मैं चाहता था कि सुरभि से मैं शादी की बात करूं। मैंने जब सुरभि से इस बारे में बात की तो सुरभि भी मेरी बात को मना ना कर सकी और वह मेरे साथ में शादी करने के लिए तैयार हो चुकी थी।

सुरभि की फैमिली उसे बहुत ज्यादा प्यार करती है और उन्हें उसके फैसले से कोई एतराज नहीं है उन्होंने हमेशा ही सुरभि का साथ दिया है। जब भी सुरभि और मैं एक दूसरे के साथ में होते तो हम दोनों को अच्छा लगता है। सुरभि की फैमिली चाहती थी कि हम दोनों शादी कर ले और सुरभि का भी यही फैसला था कि हम लोगों को शादी कर लेनी चाहिए। मैंने भी सुरभि की बात को मान लिया था पापा और मम्मी भी शादी के लिए तैयार हो चुके थे। मैंने और सुरभि ने कोर्ट मैरिज की हालांकि उसके बाद हम दोनों ने अपनी शादी का रिसेप्शन पुणे में दिया था क्योंकि पापा चाहते थे कि वह हम लोगों की शादी की पार्टी दे। हम लोगों ने अपने रिसेप्शन की पार्टी पुणे में दी जिससे कि सब लोग बहुत खुश थे हमारे रिश्तेदार भी काफी खुश थे। सुरभि मेरी पत्नी बन चुकी थी और मेरे लिए इससे ज्यादा खुशी की बात और कुछ थी ही नहीं कि सुरभि मेरी जिंदगी में आ चुकी है।

सुरभि और मेरे बीच अभी तक सेक्स संबंध नहीं बन पाया था और हम दोनों चाहते थे एक दूसरे के साथ हम दोनों सेक्स कर ले इसलिए मैंने जब सुरभि को पहली बार किस किया तो मुझे बड़ा अच्छा लगा। सुरभि और मेरा रिलेशन काफी समय से चल रहा था लेकिन मैंने उसे कभी छुआ तक नहीं था जब सुरभि और मैं एक दूसरे की बाहों में थे तो हम दोनों को बड़ा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से मैं सुरभि के होठों को चूम रहा था उससे उसकी गर्मी बढ़ती जा रही थी और वह बहुत ही ज्यादा तड़पने लगी थी। मैं उसके होंठों को चूमता जा रहा था और जब मै उसके होठों को चूम रहा था तो उससे मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और सुरभि की गर्मी को मैं पूरी तरीके से बढा चुका था।

हम दोनों बहुत ज्यादा गरम हो चुके थे। मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो सुरभि ने उसे अपने हाथों में ले लिया और वह उसे हिलाने लगी। कुछ देर तक सुरभि ने मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाया लेकिन फिर उसे मैंने कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो। सुरभि ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया था और उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो मुझे मजा आने लगा था और सुरभि को भी बहुत ज्यादा आनंद आ रहा था जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी। अब सुरभि और मैं एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे।

जब हम दोनों की गर्मी बढ रही थी तो मैं बिल्कुल भी नहीं रह पा रहा था और सुरभि ने मेरे लंड को बहुत देर तक चूसा सुरभि ने मेरे माल को भी बाहर निकाल दिया था। हम दोनों बहुत ज्यादा गरम हो चुके थे हम लोगों की गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ चुकी थी। सुरभि ने भी अपनी पैंटी को नीचे किया उसकी गुलाबी चूत को देखकर मैं बिल्कुल भी रह ना सका और उसकी चूत को मुझे चाटने का मन होने लगा। मैंने उसकी चूत को चाटा जिससे वह बहुत ज्यादा गर्म होने लगी और वह तड़पने लगी थी।

वह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है अब हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होते चले गए और मेरी गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी थी। सुरभि की योनि से बहुत ज्यादा पानी बाहर की तरफ को निकल आया था इसलिए वह बिल्कुल भी रह ना सकी और मैंने उसकी योनि में अपने लंड को घुसा दिया था। मेरा लंड उसकी योनि में घुसा तो वह जोर से चिल्ला कर मुझे बोली मेरी चूत में दर्द होने लगा है। मैंने देखा सुरभि की योनि से खून निकल आया है जिससे कि वह पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी और मैं उसे बड़ी ही तेजी से चोद रहा था। मैं उसे जिस तरीके से चोद रहा था उससे वह बहुत गर्म हो रही थी और मुझे कहने लगी मुझे तुम ऐसे ही धक्के मारते जाओ। मैंने सुरभि को बहुत देर तक चोदा।

जब मुझे एहसास होने लगा मैं उसकी टाइट चूत का मजा ले नहीं पाऊंगा तो मैंने सुरभि की योनि में अपने माल को गिराने का फैसला कर लिया था और मैं उसे बड़ी ही तेजी से धक्के दिए जा रहा था। उसकी गर्म सिसकारियां बढ रही थी और मेरी गर्मी को भी वह बहुत ज्यादा बढ़ा चुकी थी। मेरा वीर्य मेरे लंड को तक आ चुका था। जैसे ही मेरा वीर्य सुरभि की योनि में गिरा तो मुझे मजा आ गया। उसके बाद मेरा मन उसे दोबारा से चोदने का हुआ।

मैंने सुरभि की योनि को साफ करते हुए अपने मोटे लंड को उसकी चूत में ही घुसा दिया था। जब मेरा लंड उसकी योनि में घुसा तो मुझे बड़ा ही मजा आया और मैं अच्छी तरीके से उसको चोदने लगा था। मैंने सुरभि के दोनों पैरों को चौडा कर लिया था और उसकी जांघे मेरे हाथों में थी। जब मैं उसे चोद रहा था उसका शरीर हिल रहा था और उसकी गर्मी बहुत ज्यादा बढती जा रही थी। जैसे ही मैंने अपने वीर्य को उसकी चूत में गिराया तो सुरभि को मजा आने लगा था और वह कहने लगी आज हम दोनों ने बहुत ही अच्छे से सेक्स किया है। सुरभि के चेहरे की खुशी बता रही थी वह बहुत ही ज्यादा खुश है और मैं भी बहुत ज्यादा खुश था जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में सेक्स किया था।
 
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