दिल दरिया और गांड समंदर कालेज के दिन [ भाग-2]

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तो कहानी के पहले भाग में मैंने बताया कि कैसे मेरी बीएड की लेक्चरर रश्मि मैडम साइकोलोजी लैब के केबिन में मुझे प्रैक्टिकल करवा रही थी और मैं उनकी चूत की सेटिंग करने के जुगत में लगा था कि मेरे लंड से उनका सैंडल टकराया। वो बोली सौरी और मैंने टेबल के नीचे हाथ लगा कर उसका पैर पकड़ लिया और सहलाने लगा। मैंने उल्टा ये मौका गंवाना नहीं चाहा और पकड़कर उसका तलवा सहलाने लगा। उसके पैरों की उंगलियों के बीच अपने उंगलियों से गरमा गर्म मसाज देने लगा और पूछा मैम आपको चोट तो नहीं लगी। लेकिन ये सब तो उसने जान बूझ कर ही किया था। हम दोनो ही एक दूसरे को चोदने की फ़िराक में थे और एक दूसरे को धोका दे रहे थे। वह कराहने लगी, उपर दरद हो रहा है जरा सा उपर हाथ लगाओ, मैंने कहा कहां मैडम तो उसने अपनी चिकनी जांघ की तरफ़ इशारा करके कहा - यहां! मैंने उसकी भरी हुई जांघ पर हाथ लगाया और उसका पेटीकोट उपर सरकाने लगा। मस्ती का ज्वार छा रहा था मेरे लौड़े को और सीधा एक बार हाथ लगाने की देर थी, जैसे पानी डालो तो गड़ढे में गिरता है वैसे ही मेरा हाथ फ़िसलते हुए उसके टांगों के बीच चूत के होटो तक जा पहुंचा।

उसकी नकली कराह सिसकारी में बदल चुकी थी। यही तो चाहती थी वो रांड्। मैंने उसकी आंखों मे गहरा झांका तो लाल डोरे तैर रहे थे और वो अब स्माईल मार रही थी। मेरे लौड़े के उपर उसकी जीत पर यह मुस्कान घमंड से भरी थी्। मैंने उसे कुर्सी पर से उठा कर टेबल पर रख दिया। अब वो खुद ही मेरी जींस से मेरे लंड के उपकरण को निकालने लगी थी। इसी हथियार से उसे अपनी गांड तहस नहस करवानी थी और चूत की बैँड बजवानी थी। मैंने उसका पेटीकोट केले के छिलके की तरह उठा दिया। अब मेरे सामने उसकी काले बालों वाली इंडियन चूत नग्न थी। उफ़्फ़ वो सुगंधित थी, उसकी अच्छी बास मेरे नथुनों में घुस रही थी और मैंने अपना लंड का सुपाड़ा उसके पकड़ से निकाला। हल्का सा उसकी रसभरी अन्नानास जैसी चूत पर रगड़ा और फ़िर उसके मुह में देने के लिये उसे टेबल पर लिटा दिया। वो अपने चूत के रस से लिपटे सुपाड़े को चूसने के लिये बेताब दिखी। जैसे ही उसने सुपड़ सुपड़ करके चटपटा लौड़ा चूसना शुरु किया, वो लोहे की तरह सख्त होने लग गया। मैंने आव देखा ना ताब उसकी नंगी गांड पर हल्की चपत लगानी शुरु कर दी और अपने उंगलियों से उसकी गांड की स्वास्थ्य की परख करने लगा। खायी पीयी घर की मैडम की गांड बिल्कुल दुरुस्त थी। न कटी न फ़टी और न सूखी। मजा आने वाला था इस खेल मे मुझे।

और फ़िर उसे मैंने पीठ के बल ऐसे लिटाया कि उसका मुह नीचे टेबल के किनारे आ गया। मैंने लोहे सा सख्त लंड उसके मुह मे दिया और उसकी कमर उठा कर उसे चक्र की तरह मोडते हुए उसकी चूत को अपने मुह पर ले आया। अब ये 69 पोजिशन की स्पेशल स्टाइल थी मेरा लौड़ा उसके गरदन में अंदर था और मेरी जीभ कभी उसकी गांड और कभी चूत की गहराई नाप रही थी। वह सिस्कारियां निकाल रही थी पर मुह भरा होने के चलते असंभव था चिल्लाना। पांच मिनट तक एक दूसरे की चुसाई के बाद हम दोनो चुदाई के लिये तैयार थे। मैंने उसे केबिन के शीशे का सहारा देकर खड़ा किया और पीछे से चूत में बड़ा लौड़ा घुसाया। अब वो मरमराने लगी थी उसकी चूत की लिजलिजी पंखुड़ियों को कुचलते हुए मेरा अनाकोंडा जैसा लंड अंदर घुसने लगा, शायद उसकी मोटाई बिल्कुल उसे फ़िट आ रही थी। धकपक करते हुए अंदर जाने के साथ ही मैंने पीछे से उसकी चूंचियां कस कर पकड़ लीं। उसने अपनी गरदन पीछे करके अपने होट मेरे होटों से छुआ दिये। चूत, होट और चूंचियां तीनो जगह से मजे लेते हुए उसने जबरदस्त चुदास का परिचय दिया। लंबे मोटे लंड से उसकी चूत भर आयी थी मारे मजे के उसकी आंख भर आयी थी। बीस मिनट तक ऐसी ही गंभीर घमासान चुदाई के बाद मैंने उसकी गांड को अपनी सेवाएं दीं और फ़िर अपनी मलाई उसे पिला दी। उसके बाद कभी मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई बरोबर मार्क्स मिले और मैं हो गया बीएड टापर जब मन चाहा मैडम को चोदा। क्या आपने भी किसी प्रोफ़ेशनल कोर्स मे कभी किसी मैडम को चोदा है? अगर हां तो जरुर बतायें
 
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