देसी आंटी की चूत ड्राइव की स्कूटी सिखाने में

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स्कूटी सीखने में देसी आंटी की चूत मारी

हेलो दोस्तों तो आईये आपको सुनाते हैं देसी आंटी की अपनी ताजा सेक्सी कहानी जिसमें मैने एक देसी आंटी की मदमस्त कंवारी गांड को चोद चोद कर हौदे जैसा बना दिया था। मिनीषा आंटी दो बच्चों की मां हैं, उनका जलवा पूरे मुहल्ले में है, दूध वाले से लेकर सब्जी वाले तक सभी उनको एक झलक देखने के लिए बेताब रहते हैं और वो हैं कि अपनी लापरवाह अदाओं से सबको लुभाती और जलाती रहती हैं। अक्सर आप उनके एक बटन खुले देखेंगे,उपर का जिसमें से ब्लाउज में से झांकती उनकी मरमरी दूधियां चूंचियां आपके लंड के सुपाड़े को लोहे जैसा सख्त कर देने की क्षमता रखती हैं। अक्सर अपनी शोख अदाओं से मुहल्लें आग लगाने वाली मिनीषा आंटी को चोदने के लिए लोग लाईन लगाके खड़े रहते हैं पर वो अक्सर किसी के हाथ नही आती, वजह है उनका खड़ूस बुड्ढा खसम,

हाल में ही मिनीषा देसी आंटी ने स्कूटी लिया था। उनकी स्कूटी नयी थी और उनको चलानी भी नहीं आती थी तो मैने उसको स्कूटी सिखाने की इच्छा जाहिर की। काश इसी बहाने नजदीकियां बन जाएं। आंटी ने कहा कि ठीक है, बेटा शाम को आना कालेज के ग्राउंड में सीखेंगे। मैं शाम को उनको लेकर कालेज के ग्राउंड में चला गया। मेरी उम्र अठारह साल की है और मेरे दोस्त वहीं क्रिकेट खेल रहे थे। उन सबने देखते ही मजा लेना शुरु कर दिया। वाह क्या माल है, वाह क्या हाथ मारा है दोस्त, हमें भी दिलाना और वगैरह वगैरह पता नहीं क्या क्या।

डाकबंगले के पास देसी आंटी की स्कूटी और चुदाई की शिक्षा।

मैने देसी आंटी प्यारी मिनीषा को कहा कि दूसरे रोड पर चलते हैं और उनको डाकबंगले वाले सुनसान रोड पर ले गया। अब देसी आंटी को आगे बिठाकर पीछे से उनकी कमर में हाथ डालकर उनकी चूंचियों को छूते हुए उनको ड्राइविंग सिखाने में मेरा लंड एकदम खड़ा हुआ जा रहा था कि मैने उसको अपने लंड का अहसास करते हुए पाया। मेरे नुकीले लंड की तरफ अपनी गान्ड धकेलती हुई मिनीषा आंटी मजे ले रही थी। मैं समझ गया था कि मामला बन रहा है। मैने एक घंटे तक उनकी चूंचियों और गांड को किसी ना किसी बहाने से छूता रहा। सख्त चूंचियां अनार जैसी और मस्त गुदगुदी गांड देख कर मेरा लंड कथत्क करने लगा था। इस देसी आंटी को अगले दिन फिर शाम का वक्त देकर मैं चला आया।

अगले दिन शाम को मेरी प्यारी देसी आंटी ने एक स्कर्ट पहन रखी थी और उपर एक टीशर्ट टाईप की मिनी टाप। अब उसके चूंचे एकदम तीर की तरह से नुकीले और धांसू लग रहे थे। मैने उसको अपने लंड का मजा चखाने का सोच रखा था। और फिर मैने उसको दुबारा ड्राईविंग सीखाने का जिम्मा ले लिया था। आज वो एकदम चुदवासी लग रही थी और उसका जलवा एकदम गजब का लग रहा था। मैने उसको चोदने के लिए अपना लंड एक दम सफाचट कर लिया था और जानता था कि यह आज देगी जरुर। एक किलोमीटर ड्राइव करने के बाद मेरी सेक्सी देसी आंटी ने कहा कि उसे एक नम्बर लगा है और आंख मारकर मुस्करा दी।

मैने कहा कि अच्छा आप बैठ जाओ, मैं पीछे मुंह कर लेता हूं, क्योंकि कोई बाथरुम नहीं था वहां पर और सुनसान रोड था। छिनाल देसी आंटी अपनी स्कर्ट उठा कर छर्र छर्र मूतने लगी थी। मै उसको तिरक्षी नजरों से देख रहा था और उसकी मूत की आवाज सुन कर उसकी सुन्दर चूत की कल्पना में डूब गया था। वो एकद्दम से चिल्लाई, शायद कोई कीड़ा था, मैने पलट कर देखा तो वो अपनी स्कर्ट में हाथ डाले उछल रही थी, आह्ह मार डाला, मम्मी!

देसी आंटी की चूत में काकरोच घुसा।

मैने पूछा क्या हुआ आंटी तो बोली कि देखो ना काकरोच घुस गया स्कर्ट मे। मैने कहा तो निकाल लो, तो बोली मुझे बहुत डर लगता है, प्लीज हेल्प करो ना। मैने उसकी तरफ अब खुल के देखा, उसने अपनी पैंटी घुटनों से नीचे की हुई थी और स्कर्ट उठाई हुई थी। बिना बालों की बुर किसी तसब्बुर जैसी थी। उसको देखने के बाद मेरा लंड मेरी चड्ढी फाड़ने पर उतारु हो गया। मैने तुरत अपनी सपनों की देसीआंटी को सहारा दिया और कहा कि कहां पर कीड़ा है तो उसने अपनी बुर की तरफ उंगली करके सिस्कारियां मारने लगी। मैने जब उसके बुर में हाथ डाला तो वहां काकरोच तो नहीं था, उसकी गीली चूत से टपकता पानी जरुर मेरे हाथ पर लगा। वो मदहोश हो रही थी और उसने मुझे बाहों में कस लिया था। सच में वो वासना की पुतली थी।

फंसा लिया देसी आंटी ने।

उसने मुझे फांस लिया था और मैं खुद ही फसना चाहता था तो फिर मैंने अपना लंड निकाला और अपनी प्यारी देसी आंटी के हाथ में दे दिया। लन्ड को तना देख कर वो मुस्कराई और बोली छोरे तू भी खिलाड़ी ही है। मैने उसे वहीं घास पर लिटाया और उसकी नन्हीं सी टाप खोल कर उसकी गोरी चूंचियां मसलने लगा। उन नाजुक और मस्त चूंचियों को देख कर के मेरा मन एकदम ललच गया था। मैने उनको भरपूर दबाया और चूसा। जब वो चुदने की भीख मांगने लगी तो मैं उसके सीने पर सवार होकर उसके मुह में लंड पेलने लगा। वो अंदर ले रही थी और अपने जीभ के नोक से बार बार सुपाड़े को छेड़ कर मुझे जन्नत का मजा दे रही थी।

अब इस सेक्सी देसी आंटी से देसी मुख मैथुन का मजा लेने के बाद मैने उसको अपने लंड का स्वाद चखाने की सोची। उसकी चूत में दो उन्गलिया डाल कर देखा तो आज भी वह एक हसीन लड़की सी बनावट वाली चूत थी। मैने अपना सुपाड़ा दरवाजे पर और भीगी चूत की होटों पर रगड़ा। वो सिसियाई " उई मां, मार डाल्ला!" और मैने धीरे धीरे सरकते हुए अपना लंड अंदर करना शुरु किया। वो आंखें बंद कर के मजा ले रही थी। हर इंच के बाद उसकी आंखें मूंदती चली जा रही थीं। मैने देखा कि वो एकदम मदहोश होकर चुदने का मजा ले रही है। मैने स्पीड बढाई और उसके दोनों पैर अपने कंधे पर लेकर उचक कर अप्ने लंड की पूरी लंबाई उसकी चूत में किसी तलवार की तरह उतार दी। धकाधक और चपाचप के आवाजों से सूनसान माहोल की शांति भंग हो चुकी थी। मैने उसके मुह में उंगली करते हुए फाईनल शाट्स लगाने शुरु किये और फिर एक झटके में लंड खींच कर उसके गर्दन में ठेल दिया। वो मेरे निकलते लावे को पी गयी। आह्ह!! और यह स्वीट ड्राइविंग की क्लास हर शाम को पिछले एक महीने से चल रही है। मेरी प्यारी देसी आंटी को स्कूटी तो सिखना है नहीं और मुझे उसे चोदने का मजा हर रोज चाहिए। बन गया दोनों का काम।
 
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