नीना को ना नहीं कहा

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Neena ko birthday gift me chod diya - Hot kahani

अपनी पिछली कहानी में मैंने जिस नीना का ज़िक्र किया था उस से मुझे मोनू भैया नए मिलवाया था और ये मेरा इंसेंटिव था जो मुझे मोनू भैया को बाप और शिखा भाभी को माँ बनाने के एवज़ में मिला था, नीना हालाँकि देखने में उतनी सुन्दर नहीं थी लेकिन उसके चुचे तो जैसे खुद भगवान् नए बैठ कर तराशे हो ऐसे सुन्दर थे और उन्ही चूचों के पीछे मैं पागल हो गया था. नीना नए मुझे उसी दिन पार्टी में बताया कि जैसे मुझे फँसाया गया था वैसे ही उसे भी भैया भाभी को माँ बाप बनाने के लिए फंसाया गया था लेकीन बाद में मुझे मालूम चला की नीना तोपहले से ही चुदैल थी जिस ने अपने मुहाले और कॉलेज के लडको तो छोडो टीचर और चपरासी से भी चुदाई करवाई थी.

मैंने नीना को पहले दिन ही किस कर दिया और उसके चुचे दबा दिए थे जिस से वो हंस पड़ी, लेकिन जब एक दिन भैया भाभी ने उसे ख़ास मेरे लिए अपने घर पर बुलवाया और अपना बेडरूम हम लोगों को चुदाई मचाने को दिया तब असली सेक्स हुआ. नीना वैसे तो बड़ी नाराज़ नाराज़ सी दिखती थी लेकिन उस दिन उसने अपने बॉडी की वैक्सिंग करवाई थी और खुश भी बहुत थी, उसी नए मुझे बताया की उसका बर्थडे है तो मैंने कहा "सॉरी पता होता तो गिफ्ट लाता ज़रूर" नीना मेरे करीब आई और मेरे लंड पर हाथ रख कर बोली "ये है ना मेरा गिफ्ट लास्ट टाइम रह गया था ना ये लेना". हम दोनों हँसे और जैसे सुहागरात में एक एक कर के कपडे उतारते है वैसे ही हम दोनों नए एक दुसरे के कपडे उतारे और खूब प्यार से एक दुसरे के जिस्म को सहलाया.

मैंने नीना को कहा "तुम क्या चाहती हो मैं क्या करूँ" तो अपनी ब्रा उतारते हुए बोली "इन्हें पियो ना मुझे यही सबसे ज्यादा पसंद है", मैंने उसके बड़े बड़े स्तनों को अपने हाथों में लिया और उन्हें चाटना शुरू किया तो उसकी आहें कमरे में गूंजने लगी ये सुन कर भैया भाभी अन्दर आए और हमें देख कर मुस्कुराए और साथ में लाया श्री खंड का डिब्बा मुझे दे कर बोले अब करो जो करना है. मैंने नीना के चूचों पर श्री खंड लगाया और उसके ठन्डे स्पर्श से वो गनगना उठी, अब मैं उस श्री खंड को नीना के चूचों पर से चाटने लगा उसके चुचे अब तन चुके थे और मैं उसकी निप्पलों को अपने दांतों में हलके से दबा दबा कर काट रहा था तो नीना की सिस्कारियों की आवाजें और तेज़ हो गईं. नीना नए मुझे कहा "मेरी जान संजू आज तुमने वो सब कर दिया है जो आज तक किसी नए भी नहीं किया" मैं और खुश हुआ और बचा खुचा श्री खंड भी मैंने उसके चूचों से चाट चाट कर साफ़ कर दिया. अब मैंने उसके शरीर को चूम रहा था और बीच बीच में मैं उसके जगह जगह काट भी लेता था जैसे मैं उसकी गांड पर अपने दांत गडाए और ज़ोर से अकट लिया.

नीना अब पागल हो चुकी थी और उसने मेरे लंड को मसल असल कर उसकी हालत खराब कर दी थी, उसने भी मेरे लंड पर श्री खंड लगाया और अपने मुंह में ले कर पूरा का पूरा चाट गयी वो ऐसा बार बार कर रही थी मेरे लंड को तो उसने श्री खंड खाने का चम्मच ही बना डाला था. अब उसने मेरे लंड को चूस चूस के लोहा करने के बाद अपनी चूत में फंसाया और मुझसे कहा "जितने ज़ोर से पेल सकते हो पेलो" वाकई उसकी चूत काफी ढीली थी, मेरा मतलब है शिखा भाभी के मुकाबले दुगुनी ढीली आखिर इतने लंड जो लिए थे अलग अलग साइज़ क. फिर भी मैंने अपना लंड उसकी चूत में पेला और इस बुरी कदर धक्के लगाए की वो तो तुरंत ही झड़ गयी.

मैं हालाँकि हैरान था लेकिन उसने समझाया की उसके चुचे उसकी चूत से ज्यादा सेंसिटिव हैं तो उसका झड़ना लंड की वजह से नहीं बल्कि चूचों की सर्विसिंग की वजह से हुआ है, पर मेरा लंड नहीं समझ रहा था तो उसने फिर से अपना एक बेहतरीन पोज़ बनाया और मेरे लंड को अपनी चूत के हवाले कर दिया और दस मिनट लगातार ट्रेन चलने के बाद मैं भी हल्का हो गया. भैया भाभी भी बाहर चुदाई कर रहे थे और जब मैं और नीना वहां पहुंचे तो उन्होंने बेशर्मी से अपना काम जारी रखा उन्हें चुदै करते देख मेरे लंड नए फिर से सलामी दी तो नीना ने कहा "मेरी गांड मारो" मैंने पूरे जोश में उसकी गांड में अपना लंड फँसाया और उसके चूचों पर अपना हाथ बराबर जमाए रखा जिस से हम दोनों ही लगभग एक दो मिनट के अंतराल में झड़ गए. इसके बाद भैया भाभी मैं और नीना उसी हॉल में शाम तक चुदाई करते रहे, लास्ट में भैया नए नीना को और मैंने भाभी को भी चोदा भाभी के एक बच्चा हो चूका था तो भी उनकी चूत नीना से तो टाइट ही थी.
 
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