नौकरानी की देसी गांड: सेक्स एजुकेशन[भाग1]

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मेरी प्यारी नौकरानी की देसी गांड

हेलो दोस्तों मेरी उमर लगभग 40 साल है और इस उमर में भी मुझे टाइट देसी गांड बहुत पसंद है। सच तो ये है कि देसी गांड मारने का ये पैसन मुझे अपने मोटे लंड से मिला है। मोटा तगड़ा लन्ड जब तक किसी गांड की ऐसी की तैसीनहीं करता मुझे चैन नहीं आता। एक्चुअली इस समय तक मै अपनी बीबी की गांड मारकर हौदा कर चुका हूं और यह तय नहीं कर पा रहा था कि किसकी टाइट गांड अब मैं मारुं। इस गांड के अकाल के दौर में मैने कई हफ्ते मूठ मारते हुए बिताये और संयोग से एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि बस मुझे मौका मिल गया एक नयी गांड़ के सपने देखने का। मेरी पुरानी बुढिया नौकरानी सीमा जिसकी गाड़ में मुझे कोई दिलचस्पी न थी, उसने अपनी जगह अपनी बहू को भेजना शुरु कर दिया था। उसकी बहू देखने में कोई खास तो न थी, पर अगर आपकी दिलचस्पी सिर्फ और सिर्फ पिछवाड़े में हो मेरी तरह तो आपको कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए इस प्रकार की माल से सेवा लेने में। अक्सर उसकी बहू रीना मेरे कमरे में झाड़ू लगाती, जब वो पीछे होकर निहुर कर के झाड़ू लगाती तो उसकी बड़ी बड़ी गाड़ के फांक मेरे आंखों के सामने मटक जाते। मैं बस उन्हें चोदने के बारे में सपना देखता रहता।

एक दिन जब वो झाड़ू लगा रही थी तो मैने उसको अपने पास बुलाया। उसे कुर्सी पर बैठने को कहा तो बोली ' नहीं साहब आपके सामने कुर्सी पर बैठने की मेरी औकात नहीं'। मैने कहा कि बैठ, अब बता पति क्या करता है तेरा/ तो बोली - साहब करता क्या है, मैं और मां जी कमा के लाते हैं और वो मुफ्त की रोटी तोड़ता है। उसे तो नशे में धुत्त रहने से ही फुर्सत नहीं मिलती, हमारी तो जिन्दगी भी नरक लगती है। आए दिन मुझे पीटता भी है। मैने पूछा ' पीटता है/' तो बोली की हां, और उसने अपना आंचल ढलका दिया। मेरा दिल उसके मस्त मस्त बड़े चूंचों और देसी गांड को देख कर डोल गया। उसने आंचल उठाने की तहमत न उठाई और बोलती रही। साहब अब तो मेरी बेटी भी जवान हो गयी है, उसकी शादी की भी फिकर है। महल्ले के लड़के आंखें गड़ाए रहते हैं और उसे कालेज जाना होता है। इस बार तो उसके एडमिशन के पैसे भि नाहीं है। मैने कहा, कभी उसको यहां ले आओ तो देखते हैं उसमें पढने लिखने का कितना टैलेंट है/' अगर पढने में अच्छी हुई तो मैं उसे कालेज में एडमिशन के खर्चे भी दूंगा और उसकी पढाई के भी। बाद में मैं उसकी शादी भी किसी अच्छे लड़के से देख कर करा दूंगा।

अगले दिन उसकी बेटी सुषमा आई, संयोग से मेरी बीबी मायके थी और आज मैं घर में अकेला। उसकी मां ने उसको भेजा था कि जाके साहब के घर का काम कर देना और उनसे बात भी कर लेना, पढाई लिखाई की। अगर कुछ पूंछे तो बताना वो तुम्हारा टैलेंट देखना चाहते हैं। सुषमा पूरी तैयार होकर के आई थी, मोटी लिपस्टिक और मस्त टाईट सलवार। मैने अपने कमरे में एक दो सेक्सी और नंगी तस्वीरें टांग दीं, खजुराहो की और अपने आलमीरा में तमाम सेक्स की किताबें सजां दीं। मुझे आज एक लड़की को चुदने के लिए तैयार करना था और उसकी देसी गांड बजानी थी। सुषमा ने आते ही मुझे सलाम किया और फर्श पर बैठ गयी ' बोली, अम्मी ने कहा कि साहेब तुम्हारा टेस्ट लेंगे।' मैने कहा, हां जी तुम्हें पढना आता है कि नही, पहले चलो मेरे पास बैठो, यहां बैठो बेटी। वो सकुचाते हुए मेरे पास बैठ गयी। फिर मैने स्नेह पूर्वक उसकी पीठ थपथपाने के बहाने उसके ब्रा के उभरे हुए फीतों को टच करते हुए कहा - तुम तो बहुत टैलेंटेड लग रही हो। चलो तुम्हें कुछ पढाते हैं, तुम्हें बोल बोल कर पढना होगा और उसका अर्थ मुझे बताना होगा। तो सुषमा बोली, ठीक है सर। मैने उसके कंधे पर हाथ रख कर अपना हाथ उसके आगे वक्षस्थल पर लट्का लिया, पर मेरा भाव कुछ ऐसा था कि उसको अपनापन सा लगा। मैने उसको कहा कि रेक में से कोई भी किताब उठा ले। उसने जो किताब उठाई वो हार्डकोर सेक्स की तस्वीरों वाली किताब थी जिसमें सेक्सी गांड मरवाने के विभिन्न क्रियाकलापों और तरीकों के बारें में सचित्र वर्णन था। उसने किताब खोली तो उसकी आंखें खुली रह गयीं, देसी गांड और चुदाई के तरीके।

पढाई सेक्स एजुकेशन की किताब के बहाने देसी गांड की पोर्न स्टोरी

यह शीर्षक था पहले पाठ का। वो बोली, साहेब इ कैसी किताब है/ हमने कहा, सुषमा ये सेक्स एजुकेशन की किताब है और इसको हम लोग कालेजों में लागू करने जा रहे हैं, तुम नि शंक होकर पढो और बताओ, क्या दिक्कत है। उसने पढना शुरु किया। वो बेलन बाबा की लिखी हुई एक किताब थी जिसमें देसी गांड के एडवेंचर्स के बारे में वर्णन था। तो सुषमा ने पढा ' देसी गांड एक ऐसा साधन है जिसको आप एक टाईट और बेहतरीन चूत के विकल्प के रुप में इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपकी वाईफ, गर्लफ्रेंड या साथी की चूत ढीली हो गयी है तो इसे अवश्य इस्तेमाल करें, फिर विश्वास करें। मेरा मानना है कि' इतना पढ के सुषमा की आवाज भर्राई और वो उत्तेजित होकर रुक गयी। मेरे हाथ उसके कंधे पर थे और उसके स्तन को स्पर्श कर रहे थे। मेरा लंड उस पन्ने पर बनी तस्वीर को देख कर पहले से खड़ा था। वैसे भी मैं सुषमा के बड़े चूंचे को देख कर पहले ही उत्तेजित हो चुका था। मैने उसको ढांढस बढाने के बहाने कहा ' बेटा आराम से पढो, मैं तुम्हारी नौकरी लगवा दूंगा अपने कालेज में, तुम आज मुझे यह किताब पढ के बताओ कि तुम्हें कैसी लगी। क्योंकि मुझे जानना है कि लड़के और लड़कियां इस किताब के बारे में क्या कह रहे हैं। उसने आगे पढना शुरु किया और मैं उसकी नंगी पीठ के हिस्से को सहलाता रहा। उसने पढा ' तो देसी गांड मारने के लिए आप पहले अपने पार्टनर को तैयार करें इसके बाद आपको अपने आप को इसके लिए तैयार करना होगा। हालांकि टाइट गांड को छेदना कोई बड़ी बात नहीं पर इसमें आपके पार्टनर के कोमल अंग को छति न पहुंचे इसका खयाल रखा जाना चाहिए'। इतना पढते पढते, उसका चेहरा लाल हो गया, अब अगले भाग में पढिए कैसे मैने उसको देसी गांड की सेक्स एजुकेशन का प्रैक्टिकल कराया।
 
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