नौकरानी रखैल बन गई मेरी

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Antarvasna, hindi sex stories: कुछ दिनों से मेरी पत्नी की तबीयत ठीक नहीं चल रही थी तो मैंने अपनी पत्नी मधु को कहा कि क्या हम लोग किसी को घर पर काम के लिए रख ले। मधु चाहती ही नहीं थी कि हम लोग किसी को घर पर काम के लिए रखें क्योंकि मधु मुझे कहने लगी कि मैं काम संभाल लूंगी लेकिन मधु की तबीयत ठीक नहीं थी और मधु को डॉक्टर ने आराम करने के लिए कहा था पर मधु कहां मानने वाली थी। मधु मुझे कहने लगी कि नहीं मैं घर का सारा काम संभाल लूंगी लेकिन मैं नहीं चाहता था कि मधु की तबीयत और खराब हो। मधु इतने वर्षों से घर का काम संभालती आई थी और उसने मुझे कभी भी कोई परेशानी नहीं होने दी इसलिए मैंने एक नौकरानी को घर पर काम पर रखने के लिए सोच लिया था। उसके लिए मैंने अपने दोस्त से बात की तो वह कहने लगा कि मैं अपनी पत्नी से इस बारे में बात करता हूं। शाम के वक्त जब मैं ऑफिस से घर लौटा तो मेरे दोस्त माधव का मुझे फोन आया और वह कहने लगा कि मेरी पत्नी ने एक नौकरानी से बात तो की है यदि तुम्हें ठीक लगता है तो मैं कल उसे तुम्हारे घर पर भेज देता हूं।

मैंने उसे कहा लेकिन कल तो हमारी ऑफिस में मीटिंग है परसों छुट्टी रहेगी तो परसों के दिन तुम उसे भेज दो माधव कहने लगा हां यह ठीक रहेगा मैं अपनी पत्नी को कह देता हूं कि परसों वह उसे तुम्हारे घर पर भेज दे। अगले दिन मैं सुबह अपनी मीटिंग पर जा चुका था और ऑफिस से आते वक्त मुझे देर हो गई थी मधु की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी। मधु की तबियत कुछ समय से बिल्कुल भी ठीक नहीं चल रही थी और वह काफी बीमार थी डॉक्टर ने उसे आराम करने की सलाह भी दी थी लेकिन वह मेरी बात बिल्कुल भी नहीं मानती थी। अब मुझे लगने लगा कि उसे आराम की जरूरत है अगले दिन सुबह मैं जल्दी उठ चुका था और मैं नहा धोकर हॉल में बैठा हुआ था कि तभी घर की डोर बेल बजी जैसे ही डोर बेल बजी तो मैंने दरवाजा खोला। मैंने जब दरवाजा खोलकर देखा तो सामने एक महिला खड़ी थी वह मुझे कहने लगी कि साहब मुझे माधव जी ने आपके पास भेजा है।

मैंने उसे अंदर आने के लिए कहा और जब वह अंदर आ गई तो मैंने उसे कहा बैठो वह बैठ गई मैंने उससे पूछा तुम कितने वर्षों से काम कर रही हो तो वह मुझे कहने लगी कि साहब मैं माधव जी के घर पर पिछले 5 वर्षों से काम कर रही हूं। मैंने उसे कहा लेकिन तुम यहां पर कैसे काम संभालोगी तो वह मुझे कहने लगी कि मैं तो आपके घर पर नहीं आ पाऊंगी लेकिन मेरी बहन है जो आपके घर पर काम कर लेगी। मैंने उसे कहा लेकिन तुमने उसे क्यों नहीं भेजा वह कहने लगी कि वह किसी जरूरी काम से आज गई हुई है तो मैंने उसे कहा ठीक है तुम अपनी बहन को कल से काम पर भेज देना। अब वह महिला घर से जा चुकी थी मधु मेरे पास आई और कहने लगी तुम किस से बात कर रहे थे। मैंने मधु को सारी बात बताई मधु मुझे कहने लगी कि मैं घर का काम संभाल लूंगी तुम बेवजह ही चिंता कर रहे हो लेकिन मेरी चिंता बिल्कुल जायज थी मुझे लगता था कि मधु अब बहुत ज्यादा बीमार हो चुकी है इसलिए मैंने नौकरानी को रखने का फैसला कर लिया था। अगले दिन वह महिला हमारे घर आ गई और मैंने उसे सारा कुछ समझा दिया था उसका नाम शांता है सुबह के वक्त उसने नाश्ता बना दिया था। मैंने अब टिफिन पैक किया और मैं अपने ऑफिस चला गया जब मैं अपने ऑफिस पहुंचा तो माधव मुझे कहने लगा तुम्हारे घर पर वह काम करने के लिए तो आने लगी है ना। मैंने माधव को कहा हां शांता हमारे घर पर काम करने के लिए आने लगी है माधव मुझसे पूछने लगा कि अब भाभी की तबीयत कैसी है तो मैंने माधव को कहा उसकी तबीयत अब पहले से ठीक है लेकिन डॉक्टर ने उसे आराम करने के लिए कहा है। कुछ समय पहले ही मधु का एक बड़ा ऑपरेशन हुआ था और उसी के चलते वह काफी ज्यादा बीमार रहने लगी और अभी तक वह बीमार रहती है इसलिए मैं कोई भी जोखिम मधु को लेकर नहीं उठा सकता था। जब मैं घर लौटा तो मैंने देखा शांता घर का काम अच्छे से कर रही थी मधु की तबीयत अब पहले से तो ठीक थी लेकिन फिर भी मुझे हमेशा उसकी चिंता सताती रहती थी। बच्चों की देखभाल भी अब शांता ही किया करती थी, मुझे अपने काम के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए घर से दूर जाना था तो मैंने शांता को कह दिया था कि तुम मधु की देखभाल अच्छे से करना वह कहने लगी कि साहब आप चिंता ना करें।

मुझे भी अब मधु की चिंता नहीं थी कि मधु की देखभाल के लिए मुझे घर पर रुकना पड़ रहा था मैं अब अपने काम के सिलसिले में अपने घर से दूर था लेकिन फिर भी मेरा मन घर पर ही लगा रहता था। मैंने मधु को फोन किया और उससे पूछा सब कुछ ठीक तो है ना तो मधु कहने लगी हां मैं ठीक हूं तुम अपना ध्यान रखो। कुछ दिनों बाद मैं घर लौट आया जब मैं घर लौटा तो मुझे काफी अच्छा लग रहा था इतने समय बाद मैं और मधु साथ में बैठे हुए थे। मधु की तबीयत भी पहले से ठीक थी और वह मुझसे अच्छे से बात कर पा रही थी डॉक्टर से लगातार उसका चेकअप चल रहा था और अब धीरे-धीरे उसकी तबीयत में भी सुधार आने लगा। शांता घर का सारा काम संभालती थी और कभी-कबार हमारे घर पर माधव भी आ जाया करता था। जब भी माधव घर पर आता तो वह घर के माहौल को ही बदल दिया करता था वह हंसी मजाक बहुत ज्यादा किया करता था जिससे कि मधु खुश हो जाती थी।

एक दिन माधव और मैं ऑफिस में बैठे हुए थे हम लोग आपस में बात कर रहे थे माधव मुझे कहने लगा तुमने कभी शांता की तरफ गलत नजर से देखा है। मैंने माधव को जवाब दिया और कहा नहीं यार मैंने शांता की तरफ नहीं देखा है। वह कहने लगा यदि तुम शांता से पैसे की बात करोगे तो वह तुम्हें सेक्स का सुख जरूर देगी। मैंने उसे कहा क्या तुम भी शांता की बहन के साथ ऐसा ही करते हो? वह मुझे कहने लगा हां मैं तो अपनी पत्नी की गैरमौजूदगी में ऐसा ही करता हूं। माधव ने मुझे पहली बार ही यह सब बताया था मैं यह बात सुनकर थोड़ा हैरान जरूर था लेकिन मैंने भी सोचा कि क्यों ना कोशिश कर ली जाए वैसे भी तो काफी दिनों से मैंने शारीरिक सुख का आनंद नहीं लिया है और इसी के चलते मैंने शांता को अपने कमरे में बुलाया। मधु उस वक्त दूसरे कमरे में लेटी हुई थी जब मैंने उसे बुलाया तो वह मेरे पास आई और कहने लगी हां साहब कहिए ना क्या काम था। मैंने शांता को कहा शांता तुम एक बात बताओ तुम कितना कमा लेती हो? वह कहने लगी साहब यही कोई 10, 12 हजार रुपए कमा लेती हूं मैंने शांता के कंधे पर हाथ रखा और कहा यदि मैं तुम्हें और पैसे दू तो क्या तुम मेरी खुशी का ध्यान रखोगी। शांता ने कुछ देर अपने दिमाग पर जोर डाला और वह सोचने लगी वह मेरी बात मान चुकी थी वह मुझे कहने लगी हां साहब। जब उसने मुझे कहा तो मैंने उसे अपने पास बैठने के लिए कहा वह मेरे पास आकर बैठी तो वह मुझे कहने लगी साहब आपने मेरे बदन को तो देख लिया है। मैंने उसे कहा हां मैंने तुम्हारे नंगे बदन को तो देख लिया है अब तुम्हारे स्तनों को मै महसूस करना चाहता हूं मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया वह बिस्तर पर लेटी हुई थी। मैंने उसे कहा तुम्हारे स्तन बड़े ही लाजवाब है मैंने उसके स्तनों का बहुत देर तक रसपान किया जब वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी तो मैंने उसकी चूत के अंदर उंगली घुसा ने शुरू की उसकी चूत के अंदर उंगली डाल दी थी वह तड़पने लगी थी।

वह मुझे कहने लगी मैं बहुत ज्यादा तड़प रही हूं मैंने उससे कहा तुम मेरे लंड का रसपान करो तो उसने मेरे लंड को मुंह मे ले लिया उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसा। उसके बाद वह मुझे कहने लगी कि मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है उसने मेरे लंड से पानी बाहर निकाल कर रख दिया था मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था मरी उत्तेजना इतनी ज्यादा बढ़ गई थी की मैंने शांता से कहा तुम मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर घुसा लो। उसने अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया जब शांता की चूत के अंदर मैंने अपने लंड को घुसा दिया तो वह चिल्लाने लगी। मै उसे धक्के देता तो वह चिल्ला रहे थे और मुझे कहने लगी कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है मैं उसे लगातार तेजी से धक्के मार रहा था। मेरे धक्के इतने तेज होते कि वह अपने पैरों को और भी चौड़ा कर लेती मैंने जब उसे घोड़ी बनाया तो उसकी मोटी चूतड़ों को देखकर मेरा मन उसकी गांड मारने का होने लगा।

मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया था और लगातार उसे तेजी से चोद रहा था लेकिन कुछ देर बाद मैंने उसे कहा कि मुझे तुम्हारी गांड मारनी है। वह कहने लगी साहब रहने दीजिए लेकिन मैंने उसे कुछ पैसे और दिए तो वह लालच में आ गई वह मुझे कहने लगी लेकिन आप जल्दी से कारो कहीं मेम साहब को पता चल गया। मैने उसे कहा मेम साहब को नहीं मालूम चलेगा मैंने उसकी गांड के अंदर अपने लंड को घुसाया तो मेरा लंड उसकी गांड के अंदर जा चुका था। मै उसे तेजी से धक्के मार रहा था और मुझे उसे धक्के मारने मे बड़ा मजा आता। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही मजा आ रहा है मैंने उसकी गांड के मजे करीब 5 मिनट तक लिए और 5 मिनट के बाद जब मेरा वीर्य पतन बाहर की तरफ को निकलने वाला था तो मैंने उसे कहा मेरे वीर्य में तुम्हारी गांड मे गिरा रहा हूं। वह कहने लगी हां साहब गिरा दीजिए मैंने उसकी गांड में अपने वीर्य को गिराया तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा। मैंने उसे अपनी रखैल बना लिया है।
 
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