पेशाब की धार और चुदाई की मार

sexstories

Administrator
Staff member
जैसे ही मैं ससुराल में घुसा, मेरी साली पेशाब की धार मारती हुई दरवाजे के पास नाले पर ही दिख गयी, खुली हुई चूत में से सीधी चमकदार पानी की धार किसी झरने जैसी छर्र छर्र बहती हुई नाले में जा रही थी। अब जिनको पेशाब कभी तेज तेज लगा हो तो वो जानते ही होंगे कि उस समय मूत को रोकना कितना कठिन होता है और कितना उत्तेजक्। वो अगर खड़ी होती तो उसकी सलवार भीग जाती और मूतते हुए घर में भागती तो कोई न कोई देख लेता। बेचारी कुछ नही कर सकती थी और चूप चाप तेजी से धार मारने लगी। मुझे हंसी तो आई ही, मेरी टाईट जीन का जिप और भी टाईट हो गया वो क्यूं आप समझ सकते होंगे।

मैं जाके सामने खड़ा हो गया और मूत मारती उसकी बूर को घूर के बोला क्यों साली साहिबा दुआ सलाम नही होगा क्या? वो अपना हाथ अपने मुह पर रख कर हसते हुए बोली छि: आपको शरम नही आती जीजू!! मजबूरी का फ़ायदा उठाते हुए। मुझे जोर से लगी थी, लेकिन मैंने उसकी लाल लाल चूत की खुली फ़ांके और किनार किनारे सतपुड़ा के घने जंगलों जैसे बालवाली चूत के दीदार के बाद मेरा लंड उसकी चुदाई को बेकरार हो गया्। इससे पहले कि वो उट के खड़ी होती मैंने उसे पीछे से वही नाले पर ही दबोच के एक जोरदार चुम्मा ले डाला और बोला ये है मुझे दीवाना करने की सजा और इसके बाद आज रात को मेरे कमरे मे आ जाना क्यूकि तेरी दीदी को आई हुई है माहवारी मेरी जान्। वो समझ दार हो चली थी और शायद उसे सेक्स का किताबी ज्ञान तो था ही, कुछ ही दिनो में उसकी शादी होने वाली थी और दहेज में मैं इस लड़की की चूत पहले ही मार लेना चाहता था जिससे कि मेरे साढू को सेकंड हैँड माल मिले।

रात के बारह बजे दरवाजे पर हुई हलचल और मैंने अपने लंड को सतर्क किया, दरवाजा खोलते ही मेरी बाहों में मेरी साली की कमसिन जवानी लुड्कती हुई आ गिरी। मैंने उसे गेंद की तरह उठाया और बेड पर ले जाकर पटक दिया और चढ बैठा। उसके कपड़े खोलने के बाद मैंने उसकी झांटो वाली चूत पर हाथ फ़िराना शुरु किया और वो मचलने लगी, थोड़ी देर बाद मैंने उसकी झांटों को किनार करते हुए उसकी चूत पे जीभ को फ़िसलाने लगा और वह उफ़्फ़ उम्म्म आह्ह्ह्ह्ह्ह!! प्लीज जीजू डान्ट डू दिस, वगैरह वगैरह करने लगी। मैंने ऐसा करने से खुद को न रोका और मेरी हिम्मत बढती गयी। फ़िर बारी थी, उसके नादान मम्मो और चूंचे की। मैंने उन्हे दोनो मुटटियो में दबा लिया और अपने होट उसके होटो स्से लगा दिये। उसे मस्ती आ रही थी और वह अपने चूतड़ हवा में उछाल उछाल के मुझे कुछ संकेत दे रही थी। मैने तुरत अपना लंड का सुपाड़ा उसके मुह में दे दिया और हलक में ठेल दिया वह उसे चूस पा रही थी।

नरम नरम लार लगा चिकना लंड उसकी चूत में जाने को तैयार था। उसकी टांगे उटा कर अपने कंधे पर रखी और धीरे से अप्ना सुपाड़ा उसके छोटे से छेद पर रखकर धक्के देने शुरु किये। उसकी चीख बढती गयी और जब मैंन्ने एक फ़ाइनल झटका दिया वह मुह फ़ाडकर चिल्लाई मम्मी!!!!!!!! और फ़िर फ़चाक से मेरा लंड अंदर था। मैंने उसका मुह अपने हाथो से बंद कर दिया और चोदने लगा, पहले उसके पैर लाक थे लेकिन हर चोट के साथ खुलती जाती चूत में अब उसे मजा आने लगा था और वह अपने टांगे फ़ैला के आराम से ले रही थी। हद्द है, जो उस दिन उसने चूतड़ उछालने शुरु किये तो मैंने बैठ कर उसे अपनी गोद में बिठा लिया। कप्पा स्टाइल में बिठा कर उछाल उछालके चोदा जिससे कि उसका पानी बेडशीट और मेरे अंड्कोषो को भिगोता हुआ बहकर उसे संतुष्टी दे गया। थोड़ी देर बाद मैंने उसके मूह में मूट छोड़ दिया और उसकी शादी से पहले की ट्रेंनिंग समाप्त हो चुकी थी। मेरा एक पर्शनल टिप लीजिए, सालियो का बाथरुम तक पेशाब करते हुए भी पीछा करिये
 
Back
Top