बेलन बाबा के चूत के लिए लंडवचन
अक्षत योनि की भेंट पाकर अत्यंत प्रसन्न होने वाले प्रचंड लंड धारी बेलन बाबा ने अपने भक्तों के कल्याण के लिये कुछ 'बोल वचन' पिलाए हैं। ये सूक्तियां आपके अंतरंग जीवन को हमेशा चूतमय और लंड मय रखेंगी। इनकी श्रृंखला और भी कड़ियों में प्रकाशित की जाएगी। चूतान्वित और लंडावनत होकर चूत्सूकता से पढें-
लंड बहुत ही महान है, सदा राखियो संग; गांडूओं की ये गांड मारे, फ़रकट चूत के संग्। और भी सुनिये- तेरा मेरा कुछ नहीं सांडा तेल लगाय, चढ जायो जब चूत पर पेलो जोर लगाय्। पुनश्च- रंडी जहां भी देखिए, पेलो थूक लगाय; ऐसा लौड़ा डाल दो, गांड भी जाए बवाय्। इसके बाद बेलन बाबा कहते हैं- गांड मार ताखा रखो, मेडल लेहू सजाय; बेलन लंड न सांचियो इसका करो उपाय्। आगे भक्तों पर वासना वर्षा करते हुए बेलन बाबा कहते हैं- चूत की गद्दी बैठिये, सिंहासन को लगाय, झांट वांट सब साफ़ कर, लौंडा देहू घुसाय।c
फ़रस्टेट क्लब के नाकाम आशिकों को अपनी घुट्टी पिलाते हुए बाबा कहते हैं- हे नर लंड के वास्ते काहे होत निराश, छोड़ तू आशा माल का, जा रंडी के पास्। मतलब कि एक महबूबा के चूत के पीछे निराश न हो, अगला रास्ता देख। ऐसी बहुत चूत जगत में घूम रही हैं। बेलन बाबा के लौंडे के शरण आने वाली फ़्रस्ट्रेट औरतों के लिये बेलन बाबा ने कहा है- बेलन लंड अपार है, अगम अपार अनंत, सबकी चूत को छूट है, ले लो परचंड लंड्। मतलब कि कुंटित मत होवो, बेलन बाबा जी के प्रचंड लौड़े के पास आयो जिसकी पावर और लंबाई की थाह लेना किसी के चूत की वस की बात नहीं है। नारी शक्ति निराश न हो मेरे लौड़े की शरण में आये और लौड़ामृत लेकर जाये। पारिवारिक, दाम्पत्य और आंगन सब भर जाएंगे। गोद भी भर जायेगी। बोलो बेलन बाबा के प्रचंड लंड की। इस प्रकार हर तरह के पाठकों और भक्तों हेतु बाबा बेलन ने अपने बोलवचन पिलाये हैं। बोलवचन के अमृत सकसेक्स पर पीते रहिये और अपने दुखों को दूर करते रहिये। बोलवचन का पाठ आपके व्यक्तित्व और स्पेशली लौड़े के व्यक्तित्व को बेलन का प्रताप देगा।
महिलाओं के बारे में बेलन बाबा की प्रसिद्ध उक्ति है जिसे लोगो ने सालो से उपयोग में लाया है- बेलन ताज ना चाहिए, उसे न चाहे तख्त; दुनिया के धन एक तरफ़, लौड़ा हो पर सख्त्। मतलब कि हे बेलन उस सुन्दरी कामुक स्त्री को ताजो तख्त की चाह नही है, न हीं उसे धन की चाह है, उसे सिर्फ़ और सिर्फ़ बेलन का लंड चाहिए जो सख्त से भी सख्त सजा देने की कूब्बत रखता है। देसी महिलाओं के बारे में बेलन कहते हैं- देसी मुर्गी खाइये डन डन लौंडा होय, इसके चूत का कामरस पीबे मुक्ति होय्। मतलब कि देसी महिलाओं को देखकर ही लंड डन डना जाता है, खड़ा हो जाता है, वो बहुत कामोत्तेजक होती है, इसलिये ज्यादा से ज्यादा उन्हें ही चोदिये। बेलन बाबा अपने बोल वचन और कामना वर्षा आपके लिये सकसेक्स पर बरसाते रहेंगे। अवश्य पढिये और जो चूक्ति मतलब की सूक्ति समझ ना आये, उसे चूत्सूकता से मतलब की उत्सूकता से कमेंट में पूछ लीजिए। काम काम और सिर्फ़ काम!!
बेलन बाबा द्वारा जूनूनी चुदाई का एक सीन का वर्णन
एक अन्जान दीवानी लड़की ने बनारस में मुझे अपने घर बुला लिया था और हम दोनों चुम्मा चाटी शुरु कर चुके थे। मैने अब उसके कानों के लबों को अपने मुह में लिया और चूसने लगा, वह एक दम गरम होने लगी आह आह क्या कर रहे हो। मैने कहा जानेमन रुको प्यार तो करने दो अच्छा नहीं लग रहा है क्या? तो वो मुस्करा के बोली, क्यो नहीं। मैने उसे फर्श पर लिटा दिया, कालीन पड़ा हुआ था। उसकी स्कर्ट खींच कर नंगा किया और उसकी चड्ढी फाड़ डाली। अब उसकी मलाई जैसी कोमल उजली गांड और खोये जैसी फुद्दी मेरे सामने थी। मैंने अपनी एक उंगली से उसकी गांड के छेद की गोलाई महसूस करने की कोशिश की। वह एकदम बंद थी। फुद्दी में अपनी बीच वाली उंगली से उसकी पत्तियां खोलने के लिये हल्का हल्का सहलाया तो वह फड़फड़ाने लगी। उसकी गोरी गांड के बीच उसकी लाल लाल फुद्दी ऐसे लग रही थी जैसे कि रुई के फूलों के बीच पलाश के फूल खिल गये हों। खैर मैने अपना एक प्यारा सा चुम्मा उसकी इस कमसिन चुत पर न्योछावर कर दिया।
वह तड़प उठी। मैं उसे कुछ खास प्यार देना चाह रहा था इसलिये मैने उसकी गांड को मुठ्ठी में भरते हुए हल्का थपथपाना शुरु किया। थोड़ी देर में वह लाल हो गयी। मैने अब वहां हल्के हल्के दांत गड़ाने शुरु किये वह एक दम जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी। उसकी चूत से उजला उजला धागे सा कुछ निकल रहा था। मैने समझ लिया था कि लौँडिया गरम हो चुकी है। उसने कहना शुरु किया रहमान प्लीज मुझे चोद दो, प्लीज कुछ करो ना अजीब लग रहा है। अब मैने अपना लंड निकाल उसका पिछवाड़ा पर पीटना शुरु कर दिया। वह आह आह कर रही थी कि उसे पलट कर बिठा दिया और अपना लंड उसके मुह में डाल दिया। वह पीने के लिये बेकरार हो रही थी, मेरा सुपाड़ा एक दम लोहे के गोले की तरह हो चुका था। अब मैने उसे अपनी गोद में उठा लिया।
फूल कुमारी थी वो वजन ही नहीं था मानो। उसकी चूत पर अपना लंड रख कर मैने नीचे से धक्का दिया, वह पहले से चुदी चुदाई माल थी, सील खुली थी पर मोटा लंड चीरते हुए अंदर गया। वो चिल्लाई ओ माय गाड मार डाला रे। मैने कहा जानेमन अभी कहां मारा है, अभी तो सिर्फ डाला है। और उसने अपनी नितम्ब उछाल उछाल कर लंड को अंदर बाहर लेना शुरु किया। उसने अप्ने पैर मेरे कमर के गिर्द फंसा रखे थे। आधे घंटे तक उसकी चूत ऐसे चोदने के बाद मैने उसे लिटा कर देसी मिशनरी स्टाइल में मतलब कि लिटा कर उपर से चोदना शूरु किया। थोड़ी देर बाद वो झड़ गयी और मैने उसे पलट कर उसकी गाँड में लंड घुसाना शुरु किया। गांड उसकी कवारी थी और काफी मेहनत करनी पड़ी। तीन चार बार अपना थूक लेकर उस्की गांड में मला, दो उंगलियां अंदर कर के उसे चौड़ा किया और फिर भी कुछ फायेदा नहीं हुआ तो मैने वैसेलिन जेली लगा कर अपना लौड़ा अंदर ठोंक दिया।
वह दर्द के मारे चौहरी हो गयी। धीरे धीरे पूरा दस इंच अंदर करके मैने उसकी फुद्दी में अपना हाथ घुसाना शुरु किया। दो उंगली, तीन उंगली, चार उंगली और फिर पूरी हथेली। जोर जोर से गांड मारते हुए मैने उसकी फुद्दी में पूरी पांचों उंगलियां खोंस कर उसको झड़ा दिया और फिर वह निढाल हो गयी। अपना टट्टी लगा लंड उसके मुह में डाल मैने चार पांच ध्क्के और दिये और खल्लास हो गया। वह मुम्बैया चूत थी और मेरा लुंगी वाला लंड उसे भा गया था। आज भी जब वह बनारस आती है अपनी चूत मारने का मौका जरुर देती है।
अक्षत योनि की भेंट पाकर अत्यंत प्रसन्न होने वाले प्रचंड लंड धारी बेलन बाबा ने अपने भक्तों के कल्याण के लिये कुछ 'बोल वचन' पिलाए हैं। ये सूक्तियां आपके अंतरंग जीवन को हमेशा चूतमय और लंड मय रखेंगी। इनकी श्रृंखला और भी कड़ियों में प्रकाशित की जाएगी। चूतान्वित और लंडावनत होकर चूत्सूकता से पढें-
लंड बहुत ही महान है, सदा राखियो संग; गांडूओं की ये गांड मारे, फ़रकट चूत के संग्। और भी सुनिये- तेरा मेरा कुछ नहीं सांडा तेल लगाय, चढ जायो जब चूत पर पेलो जोर लगाय्। पुनश्च- रंडी जहां भी देखिए, पेलो थूक लगाय; ऐसा लौड़ा डाल दो, गांड भी जाए बवाय्। इसके बाद बेलन बाबा कहते हैं- गांड मार ताखा रखो, मेडल लेहू सजाय; बेलन लंड न सांचियो इसका करो उपाय्। आगे भक्तों पर वासना वर्षा करते हुए बेलन बाबा कहते हैं- चूत की गद्दी बैठिये, सिंहासन को लगाय, झांट वांट सब साफ़ कर, लौंडा देहू घुसाय।c
फ़रस्टेट क्लब के नाकाम आशिकों को अपनी घुट्टी पिलाते हुए बाबा कहते हैं- हे नर लंड के वास्ते काहे होत निराश, छोड़ तू आशा माल का, जा रंडी के पास्। मतलब कि एक महबूबा के चूत के पीछे निराश न हो, अगला रास्ता देख। ऐसी बहुत चूत जगत में घूम रही हैं। बेलन बाबा के लौंडे के शरण आने वाली फ़्रस्ट्रेट औरतों के लिये बेलन बाबा ने कहा है- बेलन लंड अपार है, अगम अपार अनंत, सबकी चूत को छूट है, ले लो परचंड लंड्। मतलब कि कुंटित मत होवो, बेलन बाबा जी के प्रचंड लौड़े के पास आयो जिसकी पावर और लंबाई की थाह लेना किसी के चूत की वस की बात नहीं है। नारी शक्ति निराश न हो मेरे लौड़े की शरण में आये और लौड़ामृत लेकर जाये। पारिवारिक, दाम्पत्य और आंगन सब भर जाएंगे। गोद भी भर जायेगी। बोलो बेलन बाबा के प्रचंड लंड की। इस प्रकार हर तरह के पाठकों और भक्तों हेतु बाबा बेलन ने अपने बोलवचन पिलाये हैं। बोलवचन के अमृत सकसेक्स पर पीते रहिये और अपने दुखों को दूर करते रहिये। बोलवचन का पाठ आपके व्यक्तित्व और स्पेशली लौड़े के व्यक्तित्व को बेलन का प्रताप देगा।
महिलाओं के बारे में बेलन बाबा की प्रसिद्ध उक्ति है जिसे लोगो ने सालो से उपयोग में लाया है- बेलन ताज ना चाहिए, उसे न चाहे तख्त; दुनिया के धन एक तरफ़, लौड़ा हो पर सख्त्। मतलब कि हे बेलन उस सुन्दरी कामुक स्त्री को ताजो तख्त की चाह नही है, न हीं उसे धन की चाह है, उसे सिर्फ़ और सिर्फ़ बेलन का लंड चाहिए जो सख्त से भी सख्त सजा देने की कूब्बत रखता है। देसी महिलाओं के बारे में बेलन कहते हैं- देसी मुर्गी खाइये डन डन लौंडा होय, इसके चूत का कामरस पीबे मुक्ति होय्। मतलब कि देसी महिलाओं को देखकर ही लंड डन डना जाता है, खड़ा हो जाता है, वो बहुत कामोत्तेजक होती है, इसलिये ज्यादा से ज्यादा उन्हें ही चोदिये। बेलन बाबा अपने बोल वचन और कामना वर्षा आपके लिये सकसेक्स पर बरसाते रहेंगे। अवश्य पढिये और जो चूक्ति मतलब की सूक्ति समझ ना आये, उसे चूत्सूकता से मतलब की उत्सूकता से कमेंट में पूछ लीजिए। काम काम और सिर्फ़ काम!!
बेलन बाबा द्वारा जूनूनी चुदाई का एक सीन का वर्णन
एक अन्जान दीवानी लड़की ने बनारस में मुझे अपने घर बुला लिया था और हम दोनों चुम्मा चाटी शुरु कर चुके थे। मैने अब उसके कानों के लबों को अपने मुह में लिया और चूसने लगा, वह एक दम गरम होने लगी आह आह क्या कर रहे हो। मैने कहा जानेमन रुको प्यार तो करने दो अच्छा नहीं लग रहा है क्या? तो वो मुस्करा के बोली, क्यो नहीं। मैने उसे फर्श पर लिटा दिया, कालीन पड़ा हुआ था। उसकी स्कर्ट खींच कर नंगा किया और उसकी चड्ढी फाड़ डाली। अब उसकी मलाई जैसी कोमल उजली गांड और खोये जैसी फुद्दी मेरे सामने थी। मैंने अपनी एक उंगली से उसकी गांड के छेद की गोलाई महसूस करने की कोशिश की। वह एकदम बंद थी। फुद्दी में अपनी बीच वाली उंगली से उसकी पत्तियां खोलने के लिये हल्का हल्का सहलाया तो वह फड़फड़ाने लगी। उसकी गोरी गांड के बीच उसकी लाल लाल फुद्दी ऐसे लग रही थी जैसे कि रुई के फूलों के बीच पलाश के फूल खिल गये हों। खैर मैने अपना एक प्यारा सा चुम्मा उसकी इस कमसिन चुत पर न्योछावर कर दिया।
वह तड़प उठी। मैं उसे कुछ खास प्यार देना चाह रहा था इसलिये मैने उसकी गांड को मुठ्ठी में भरते हुए हल्का थपथपाना शुरु किया। थोड़ी देर में वह लाल हो गयी। मैने अब वहां हल्के हल्के दांत गड़ाने शुरु किये वह एक दम जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी। उसकी चूत से उजला उजला धागे सा कुछ निकल रहा था। मैने समझ लिया था कि लौँडिया गरम हो चुकी है। उसने कहना शुरु किया रहमान प्लीज मुझे चोद दो, प्लीज कुछ करो ना अजीब लग रहा है। अब मैने अपना लंड निकाल उसका पिछवाड़ा पर पीटना शुरु कर दिया। वह आह आह कर रही थी कि उसे पलट कर बिठा दिया और अपना लंड उसके मुह में डाल दिया। वह पीने के लिये बेकरार हो रही थी, मेरा सुपाड़ा एक दम लोहे के गोले की तरह हो चुका था। अब मैने उसे अपनी गोद में उठा लिया।
फूल कुमारी थी वो वजन ही नहीं था मानो। उसकी चूत पर अपना लंड रख कर मैने नीचे से धक्का दिया, वह पहले से चुदी चुदाई माल थी, सील खुली थी पर मोटा लंड चीरते हुए अंदर गया। वो चिल्लाई ओ माय गाड मार डाला रे। मैने कहा जानेमन अभी कहां मारा है, अभी तो सिर्फ डाला है। और उसने अपनी नितम्ब उछाल उछाल कर लंड को अंदर बाहर लेना शुरु किया। उसने अप्ने पैर मेरे कमर के गिर्द फंसा रखे थे। आधे घंटे तक उसकी चूत ऐसे चोदने के बाद मैने उसे लिटा कर देसी मिशनरी स्टाइल में मतलब कि लिटा कर उपर से चोदना शूरु किया। थोड़ी देर बाद वो झड़ गयी और मैने उसे पलट कर उसकी गाँड में लंड घुसाना शुरु किया। गांड उसकी कवारी थी और काफी मेहनत करनी पड़ी। तीन चार बार अपना थूक लेकर उस्की गांड में मला, दो उंगलियां अंदर कर के उसे चौड़ा किया और फिर भी कुछ फायेदा नहीं हुआ तो मैने वैसेलिन जेली लगा कर अपना लौड़ा अंदर ठोंक दिया।
वह दर्द के मारे चौहरी हो गयी। धीरे धीरे पूरा दस इंच अंदर करके मैने उसकी फुद्दी में अपना हाथ घुसाना शुरु किया। दो उंगली, तीन उंगली, चार उंगली और फिर पूरी हथेली। जोर जोर से गांड मारते हुए मैने उसकी फुद्दी में पूरी पांचों उंगलियां खोंस कर उसको झड़ा दिया और फिर वह निढाल हो गयी। अपना टट्टी लगा लंड उसके मुह में डाल मैने चार पांच ध्क्के और दिये और खल्लास हो गया। वह मुम्बैया चूत थी और मेरा लुंगी वाला लंड उसे भा गया था। आज भी जब वह बनारस आती है अपनी चूत मारने का मौका जरुर देती है।