पड़ोसन सरिता भाभी ने मेरा लंड चूसा

sexstories

Administrator
Staff member
Desi kahani, antarvasna: मेरी जॉब का पहला ही दिन था और मैं सुबह अपने घर से निकला लेकिन मुझे उस दिन ऑफिस पहुंचने में ही देर हो गई। जब मैं ऑफिस पहुंचा तो पहले दिन ही मेरे बॉस ने मुझे कहा कि तुम बहुत लेट आ रहे हो मैंने उनसे इस बात के लिए माफी मांगी और उन्हें पूरी बात बताई तो उन्होंने मुझे कहा कि आगे से यह सब नहीं चलेगा इस बात का ध्यान रखना।

मैंने उन्हें कहा हां सर आगे से ऐसा कभी नहीं होगा और मैं इस बात का पूरी तरीके से ध्यान रखूंगा। मैं अपने काम पर पूरी तरीके से ध्यान दे रहा था और मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था पापा भी कुछ समय बाद रिटायर आने वाले थे। जब पापा का रिटायरमेंट नजदीक आ गया तो एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि आकाश बेटा मैं चाहता हूं कि मैं एक छोटी सी पार्टी रखूं तो मैंने पापा को कहा कि हां पापा मैं आपके लिए पार्टी का अरेंज कर दूंगा।

मैंने उनके लिए एक पार्टी रखवा दी उनके रिटायरमेंट के बाद वह घर पर ही रहने लगे थे और उस दिन पार्टी भी बड़े अच्छे से हुई। हमारे सारे रिश्तेदार उस पार्टी में आए हुए थे और मुझे बड़ी खुशी थी। पापा घर पर ही ज्यादातर रहते थे उनके पड़ोस में कुछ दोस्त हैं जो कि हमारी कॉलोनी में ही रहते हैं पापा उन लोगों से मिलने के लिए चले जाया करते थे। मेरी जॉब भी अच्छे से चल रही थी और मैं भी बड़ा खुश था कि मेरी नौकरी अच्छे से चल रही है। एक दिन मैं अपने ऑफिस से घर लौट रहा था तो मैंने देखा कि घर पर रोहन आया हुआ था और वह मेरा इंतजार कर रहा था।

मैंने रोहन को कहा कि तुम कब आए तो वह मुझे कहने लगा कि मुझे आये हुए आधा घंटा हो चुका है। मैंने रोहन को कहा कि चलो तुमसे इतने दिनों बाद मुलाकात हो रही है बड़ा अच्छा है। रोहन और मैं एक दूसरे से बातें कर रहे थे मैंने रोहन को पूछा कि तुम आजकल क्या कर रहे हो तो रोहन मुझे कहने लगा कि मैं आजकल जॉब कर रहा हूं। हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे रोहन हमारी कॉलोनी में ही रहता है और उसने मुझे कहा कि आकाश अभी मैं चलता हूं तुमसे कभी और मुलाकात करूंगा।

मैंने रोहन को कहा कि रोहन तुम खाना खा कर जाना लेकिन वह कहने लगा कि नहीं मैं अभी चलता हूं। मां ने भी उसे खाना खाने के लिए कहा लेकिन रोहन कहां मानने वाला था और वह चला गया। अब वह जब जा चुका था तो उसके बाद मां ने मुझे कहा कि आकाश बेटा तुम डिनर कर लो। मैं भी अपने कपड़े चेंज कर के जब डिनर करने के लिए टेबल पर बैठा तो हम लोग बातें करते करते खाना खा रहे थे पापा ने मुझे कहा कि आकाश बेटा तुम कुछ दिनों के लिए ऑफिस से छुट्टी ले लो। मैंने पापा से कहा कि पापा क्या कोई जरूरी काम है तो पापा कहने लगे की आकाश मैं सोच रहा हूं कि तुम्हारी दीदी को मिलने के लिए हम लोग कुछ दिनों के लिए जयपुर चले जाएं।

मैंने पापा से कहा कि पापा ठीक है मैं कोशिश करूंगा कि मुझे जल्दी छुट्टी मिल जाए। पापा चाहते थे कि हम लोग कुछ दिनों के के लिए संगीता दीदी के पास चले जाएं वह जयपुर में रहती हैं और हम लोगों ने वहां जाने का फैसला कर लिया था। मुझे भी ऑफिस से छुट्टी मिल चुकी थी और मैं ट्रेन की टिकट भी करवा चुका था।

जब हम लोग जयपुर जाने की तैयारी कर रहे थे तो उस दिन दीदी का फोन मुझे आया और दीदी को जब मैंने यह बात बताई कि हम लोग जयपुर आ रहे हैं तो वह बहुत खुश हो गई थी। दीदी को मिले हुए एक साल से ऊपर हो चुका था और अभी तक मैं दीदी से मिल नहीं पाया था लेकिन मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी कि हम लोग दीदी को मिलने वाले हैं।

जब हम लोग उस दिन सुबह रेलवे स्टेशन पर गए तो मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था और दीदी का मुझे फोन भी आया वह मुझे कहने लगी कि आकाश तुम कहां पर हो। मैंने दीदी को बताया कि मैं अभी रेलवे स्टेशन पर ही हूं और पापा मम्मी को मैंने ट्रेन में बैठा दिया है। दीदी मुझे कहने लगी कि ट्रेन कितनी देर बाद चलेगी तो मैंने दीदी से कहा कि बस थोड़ी देर बाद ही ट्रेन चलने वाली है।

थोड़ी देर बाद ही ट्रेन का हॉर्न बजा तो मैं भी ट्रेन में बैठ गया और ट्रेन चलने लगी थी। दिल्ली से जयपुर की दूरी ज्यादा नहीं है इसलिए हम लोग दोपहर के वक्त ही जयपुर पहुंच चुके थे। दीदी और जीजा जी हम लोगों को लेने के लिए जयपुर रेलवे स्टेशन पर आए हुए थे और जब उस दिन मैं दीदी को मिला तो मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था और दीदी को भी बहुत अच्छा लगा। जब उस दिन हम लोग दीदी के घर पर गए तो मैं बड़ा ही खुश था दीदी और मैं एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो दीदी ने मुझसे कहा कि तुम्हारी नौकरी कैसी चल रही है।

मैंने दीदी को कहा कि मेरी जॉब तो अच्छी चल रही है और हम लोग बड़े ही खुश हैं। उस दिन का दिन हमारा बड़ा ही अच्छा रहा शाम के वक्त हम लोग वहीं पास में एक पार्क था वहां पर घूमने के लिए चले गए और फिर कुछ देर बाद वापस घर पर लौट आए। रात का डिनर करने के बाद हम लोग सब साथ में बैठे हुए थे और कुछ पुरानी बातें हम लोग ताजा कर रहे थे।

पापा भी बड़े खुश थे और मां भी बहुत ज्यादा खुश नजर आ रही थी लेकिन अब मुझे बहुत तेज नींद आ रही थी इसलिए मैंने मां से कहा कि मां मैं सोने के लिए जा रहा हूं। मैं रूम में सोने के लिए चला गया मुझे बहुत गहरी नींद आ गई थी इसलिए मुझे पता ही नहीं चला की कब मैं सो गया हूं। जब सुबह के वक्त मैं उठा तो उस वक्त सुबह के 7:00 बज रहे थे। मैं उठा तो दीदी ने मुझे कहा कि मैं तुम्हारे लिए चाय बना कर ले आती हूं और दीदी ने मेरे लिए चाय बना दी। मैं चाय पीते पीते दीदी से बात कर रहा था पापा और मम्मी पार्क में टहलने के लिए गए हुए थे।

पापा और मम्मी पार्क में टहलने के लिए गए हुए थे और थोड़ी देर बाद ही वह लोग वहां से वापस लौट आए थे। दीदी नाश्ता बनाने की तैयारी करने लगी थी और नाश्ता करने के बाद हम लोग साथ मे बैठे हुए थे। दीदी के घर पर एक महिला आई जो उनके पड़ोस में ही रहती थी।

दीदी ने मुझे सरिता भाभी से मिलाया तो मुझे बड़ा अच्छा लगा वह उनके पड़ोस में ही रहती थी दीदी के साथ उनकी बड़ी अच्छी बनती है। उनकी नजरो को देखकर मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा था। उनकी नजरे मुझे कुछ ठीक नहीं लग रही थी मैं बिल्कुल रह नहीं पा रही थी।

जब शाम के वक्त मैं बाहर टहलने के लिए जा रहा था तो उन्होंने मुझे अपने घर पर बुला लिया उन्होंने मुझे चाय ऑफर कि मैंने भी चाय पी और उसके बाद हम दोनों साथ में बैठ कर बातें करने लगे थे। मैंने उन्हें कहा क्या घर पर अकेली रहती है? वह मुझे कहने लगी नहीं मेरे पति आज काम के सिलसिले में कहीं बाहर गए है इसलिए मैं घर पर अकेली हूं। वह मुझे अपने स्तनों को दिखाने लगी उनके ब्लाउज उनके स्तन से बाहर की तरफ को दिखाई देने लगे थे मेरा लंड खड़ा होने लगा था।

मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गया था जिस तरीके से मै और वह एक दूसरे के साथ बातें कर रहे थे। मैंने अपने हाथों को उनके स्तनों की ओर बढाया और मैं उनके स्तनों को दबाने लगा मुझे मज़ा आने लगा था। जब मैं सरिता भाभी के स्तनों को दबाकर उनकी गर्मी को बढ़ा रहा था वह मेरी गोद में बैठ गई और मुझे कहने लगी राजा मुझे अब ना तड़पाओ। मैंने भी उन्हें कहा आप को भला कौन तड़पाना चाहता है।

अब वह पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी वह मेरे लंड को जब उन्होंने मेरी पैंट की चैन खोलकर बाहर निकाला वह उसे बहुत अच्छे से सकिंग करने लगी मुझे भी मज़ा आने लगा था जिस तरीके से वह मेरे मोटे लंड को चूस रही थी और मेरी गर्मी को बढ़ाए जा रही थी। मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी मैंने जब उनके कपड़ों को उतारकर उनकी योनि पर अपनी उंगली को लगाया वह मचलने लगी थी। मैंने अपनी उंगली को उनकी चूत के अंदर घुसा दिया। मेरी उंगली उनकी चूत के अंदर घुस चुकी थी जैसे ही मैंने अपनी उंगली को उनकी योनि के अंदर घुसाया तो वह मचलने लगी और मुझे कहने लगी मुझे बड़ा मजा आने लगा है।

उन्हें बहुत ज्यादा मजा आने लगा था मुझे भी बड़ा आनंद आ रहा था जिस तरीके से मैं अपनी उंगली को उनकी चूत में घुसा रहा था। अब वह कहने लगी तुम अपने लंड को योनि में घुसा दो। मैंने अपने लंड को उनकी योनि के अंदर घुसा दिया। मेरा लंड उनकी चूत में जा चुका था जैसे ही मेरा लंड उनकी योनि के अंदर गया वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है। वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी वह मुझे कहने लगी बस तुम ऐसे ही मुझे धक्के देते रहो।

मैंने उन्हें बड़ी तेजी से चोदना शुरू कर दिया था। मैंने उनके पैरों को चौड़ा कर लिया था जब मैंने उनके पैरों को चौड़ा किया तो मैंने उन्हें तेजी से चोदना शुरू किया वह मजे में आने लगी। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है। अब मेरी और उनकी गर्मी बढ़ती ही जा रही थी सरिता भाभी मुझे अपने पैरों के बीच में जकडती जा रही थी।

वह मुझे कहने लगी तुम मुझे और तेजी से चोदते जाओ। उनकी चूत मुझे कुछ ज्यादा ही टाइट महसूस होने लगी थी इसलिए मैंने उनकी योनि में ही अपनी पिचकारी मार कर उनकी इच्छा को पूरा कर दिया था लेकिन मैं समझ चुका था उनको मेरे लंड को दोबारा से अपनी चूत में लेना है इसलिए मैंने उनकी चूत में अपने लंड को दोबारा से लगाते हुए उनकी चूत में लंड घुसा दिया। उनकी चूत में मेरा लंड जाते ही मैं उन्हे तेज गति से धक्के मारने लगा था मै उन्हें बड़ी ही तेजी से धक्के मार रहा था जिस तरीके से मैं उनको चोद रहा था उनकी गर्मी बढती जा रही थी।

मैं भी बहुत ज्यादा गरम हो रहा था मैंने उन्हें कहा मुझे मजा आ रहा है। वह मुझे कहने लगी मुझे भी बड़ा मजा आता जा रहा है हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाए जा रहे थे। हम दोनों ने एक दूसरे को बहुत ही अच्छे से सेक्स किया मेरे वीर्य की पिचकारी जैसे ही गिरी तो वह खुश हो गई और मुझे बोली आज तो मजा आ गया।
 
Back
Top