बिंदास किस्म की ललिता

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Antarvasna, hindi sex story: मैं और कावेरी साथ में बैठे हुए बातें कर रहे थे कावेरी बहुत ज्यादा परेशान थी कावेरी की परेशानी की वजह यह थी कि उसके और सुभाष के रिश्ते में दरार पैदा हो चुकी थी और वह दोनों एक दूसरे से अलग हो चुके थे। कावेरी और सुभाष एक दूसरे को पिछले 3 वर्षों से डेट कर रहे हैं लेकिन अब ना जाने उन दोनों के बीच ऐसा क्या हो गया जिस वजह से कावेरी और सुभाष अलग हो चुके थे। मैंने सुभाष से भी इस बारे में बात की थी लेकिन वह मेरी बात ना माना। उसके और कावेरी के अलग हो जाने के बाद कावेरी बहुत ही ज्यादा परेशान थी। कावेरी मुझे अपना सबसे अच्छा दोस्त मानती हैं शायद इस वजह से उसने मुझे अपने और सुभाष के रिश्ते के बारे में बताया। जब उसने मुझसे यह बात शेयर की तो मैंने कावेरी को समझाया और कावेरी भी धीरे धीरे अब इस सदमे से उभरने लगी थी।

मैंने कावेरी को कहा कि तुम्हें जिंदगी में आगे तो बढ़ना ही होगा और कावेरी अब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुकी थी। कावेरी ने शादी करने का फैसला कर लिया था और कावेरी भी शादी करने के बाद चंडीगढ़ चली गई थी। कावेरी अब अपने पति के साथ चंडीगढ़ में ही रहती है और उससे मेरी सिर्फ फोन पर ही बात हो पाती है। मेरी भी जॉब बेंगलुरु में लग चुकी थी और मैं बेंगलुरु चला गया था इसलिए कावेरी से काफी लंबे समय से मेरी मुलाकात नहीं हो पाई थी लेकिन फिर भी हम दोनों की फोन पर बातें हो ही जाया करती थी। जब भी हम दोनों की फोन पर बातें होती तो हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता है। एक दिन मैं अपने दोस्त की पार्टी में गया हुआ था वहां पर मेरे दोस्त ने मुझे अपनी फ्रेंड ललिता से मिलवाया। जब मैं ललिता से मिला तो ललिता से मिलकर मुझे अच्छा लगा और वह भी मुझसे मिलकर बहुत ही खुश थी।

ललिता बड़ी ही बिंदास किस्म की है और जब मैं उससे मिला तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा यह हम दोनों की पहली मुलाकात थी। उसके काफी दिनों बाद एक दिन मुझे ललिता मिली और जब वह मुझे मिली तो मैंने उससे बात की। उस दिन हम लोगों की मुलाकात मॉल में हुई और यह इत्तेफाक हीं था कि हम दोनों की मुलाकात उस दिन मॉल में हुई थी। एक दूसरे से मिलकर हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगा मैंने उस दिन ललिता से उसका नंबर भी ले लिया था। मेरे पास ललिता का नंबर भी आ चुका था और मैं उससे फोन पर बातें करने लगा था, हम दोनों की फोन पर बातें होने लगी थी। मैं ललिता को मिलने भी लगा था जब मैं और ललिता एक दूसरे से मिलते तो हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता है और हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश है।

जिस तरीके से मैं और ललिता एक दूसरे के साथ अपनी जिंदगी को बिता रहे हैं उससे हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता है। हम दोनों के बीच में प्यार भी होने लगा था और हमारा प्यार दिन-ब-दिन गहरा होने लगा था।

मैं ललिता के साथ बहुत ही ज्यादा खुश हूं और वह भी मेरे साथ बहुत ज्यादा खुश है। जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ होते हैं और एक दूसरे के साथ हम लोग समय बिताने की कोशिश करते हैं उससे हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता है और मैं ललिता को बहुत ज्यादा प्यार करने लगा था। एक दिन ललिता और मैं साथ में बैठे हुए बातें कर रहे थे उस दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी तो मैंने ललिता से मिलने का फैसला किया था और हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे। ललिता ने मुझे बताया कि वह आज अपने मामा जी के घर जा रही है। मैंने ललिता से कहा कि क्या तुम आज अपने मामा जी के घर पर ही रहने वाली हो तो वह मुझे कहने लगी कि आज मैं मामा जी के घर पर ही रहूंगी। मैंने ललिता को उसके मामा जी के घर पर छोड़ दिया था उसके बाद मैं वापस घर लौट आया था। अगले दिन ललिता से मैं मिल नहीं पाया था क्योंकि ऑफिस में काफी सारा काम था और इस वजह से मैं ललिता को मिल भी नहीं पाया था।

जब मैं ललिता को मिला तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा और हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिता रहे थे। मैं ललिता के साथ बैठा हुआ था और वह मुझसे बात कर रही थी तो वह कहने लगी कि आज मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैंने ललिता को कहा तुम आज बहुत खुश नजर आ रही हो? वह मुझे कहने लगी हां मैं आज बहुत ज्यादा खुश हूं। मैंने ललिता को कहा आखिर तुम्हारी खुशी की क्या वजह है तो वह कहने लगी मेरा ऑफिस में प्रमोशन हुआ है। मैंने ललिता को कहा यह तो बहुत ही अच्छा है। मैंने ललिता को उसके ऑफिस में प्रमोशन के लिए बधाई दी और उसे कहा यह बहुत ही अच्छा है तुम्हारा आज प्रमोशन हुआ है। ललिता बहुत ही ज्यादा खुश थी और मुझे भी इस बात की बड़ी खुशी थी कि ललिता का उसके ऑफिस में प्रमोशन हुआ है। ललिता के प्रमोशन को हम दोनों सेलिब्रेट करना चाहते थे उस दिन हम लोगों ने साथ में समय बिताने का फैसला किया।

हम दोनो पब में चले गए वहां पर हम दोनों ने शराब भी पी ली थी। उस दिन ललिता ने कुछ ज्यादा ही शराब पी ली थी इसलिए उसे नशा हो चुका था। अब ललिता घर नहीं जा सकती थी उसने घर पर कह दिया था। वह मेरे साथ ही रुकना चाहती थी। मैं और ललिता साथ में रुकने वाले थे अब हम दोनों साथ में थे। उस रात ललिता ने मेरे होठों को चूम लिया था जब उसने मुझे किस किया तो मैं भी अब अपने आपको रोक नहीं पा रहा था और मैं उसके नरम होंठों को बड़े अच्छे तरीके से चूसने लगा था। मैं जिस तरीके से उसके होंठों को चूम रहा था उससे उसे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। हम दोनों की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी मैं इस बात से खुश था जिस तरीके से वह मेरे होंठो को चूमने लगी थी। अब हम दोनों से बिल्कुल भी रहा नहीं गया मैंने ललिता के बदन से उसके कपड़े उतार दिए थे। जब मैंने उसके कपड़ों को उतारा तो उसके स्तनों को देख कर मेरा लंड तन कर खड़ा होने लगा था।

अब मेरा लंड तनकर खडा हो चुका था मैंने ललिता से कहा तुम मेरे लंड को चूस लो। उसने मेरे लंड को चूसना शुरू किया। वह मेरे लंड को अपने गले तक लेने लगी थी। वह जिस तरीके से मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर लेने लगी और उसे चूस रही थी उस से मुझे मजा आ रहा था। मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था हम दोनो एक दूसरे की गर्मी को बढाए जा रहे थे। हम दोनों को बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था मैंने ललिता के स्तनों का रसपान किया और कुछ देर तक उसके स्तनों पर को चूसने के बाद मेरे लंड से पानी बाहर निकलने लगा था। मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को टच किया। मैंने जैसे ही उसकी योनि पर अपने लंड को टच किया तो मेरा लंड आसानी से उसकी योनि में चला गया था। अब मैं उसे तेजी से धक्के मारने लगा था उसकी चूत से खून बाहर निकल रही थी और मेरी गर्मी बढ़ती जा रही थी। उसकी योनि से निकलता हुआ खून मेरी गर्मी को बढाए जा रहा था मुझे मजा आने लगा था। वह मेरा साथ अच्छे से दिए जा रही थी उसने अपने पैरों को खोला हुआ था। जिस तरीके से ललिता और मैं साथ मे सेक्स के मज़े ले रहे थे उससे हम दोनों को मजा आ रहा था।

हम दोनों से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों को रख लिया था। जब मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा तो मुझे मजा आने लगा और ललिता को अच्छा लग रहा था। वह मेरा साथ दे रही थी उसकी सिसकारियां बढ रही थी और ललिता का बदन गरम हो चुका था। वह जिस तरीके से मेरा साथ दे रही थी उससे मुझे मजा आ रहा था और ललिता को भी अच्छा लग रहा था। मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर बड़ी तेजी से अपने लंड को करना शुरू कर दिया था। अब मुझे एहसास हो चुका था मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगा। जब मैंने उसकी योनि में अपने माल को गिराया तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगा। ललिता की चूत में माल गिर जाने के बाद मैंने अपने लंड को उसकी योनि से बाहर निकाल लिया था। ललिता ने मुझे कहा मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है और हम दोनों ने दोबारा से एक दूसरे के साथ सेक्स के मजे लिए। मैंने जिस तरीके से उसके साथ सेक्स किया उससे हम दोनों का बहुत अच्छा लगा था।
 
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