Antarvasna, hindi sex stories: मैं कुछ दिनों पहले अपने मामा जी से मिलने के लिए उनके घर पर गया था मुझे उनसे कुछ जरूरी काम था लेकिन वह उस दिन घर पर नहीं थे फिर मैं वापस घर लौट आया था। मामा जी का फोन मुझे करीब एक हफ्ते बाद आया और वह मुझे कहने लगे कि अजीत बेटा तुम घर पर आए थे मैं उस वक्त अपने किसी जरूरी काम से कहीं गया हुआ था तुम्हारी मम्मी ने मुझे बताया कि तुम घर पर आए थे मैं तुम्हें फोन करने वाला था लेकिन काम की व्यवस्था के चलते मैं भूल गया। मैंने मामा जी से कहा कि मामा जी मैंने अपनी कंपनी से रिजाइन दे दिया है। मामा जी एक मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर हैं उनकी काफी पहचान है तो उन्होंने मेरी मदद की और कहने लगे कि बेटा तुम मुझे अपना रिज्यूम भेज देना मैं तुम्हारे लिए कहीं और बात कर लेता हूं हालांकि मेरे काम का अनुभव भी करीब 5 वर्ष का था लेकिन उसके बावजूद भी मुझे कहीं अच्छी नौकरी नहीं मिल पा रही थी लेकिन मामा जी के रेफरेंस से मुझे एक कंपनी में अच्छी नौकरी मिल गई और वहां पर मेरी तनख्वाह भी अच्छी थी।
मैं उस कंपनी में काम करने लगा मुझे उस कंपनी में काम करते हुए करीब एक हफ्ता ही हुआ था तो उसी दौरान सुरभि से मेरी मुलाकात हुई। सुरभि और मैंने एक ही दिन ऑफिस ज्वाइन किया था लेकिन हम दोनों की इतनी बातचीत नहीं होती थी। एक दिन मैं दोपहर के वक्त अपने ऑफिस के बाहर ही सिगरेट पी रहा था तभी सुरभि आई और उसने मुझसे कहा कि तुम बहुत कम बात करते हो तो मैंने उसे कहा नहीं ऐसा तो कुछ भी नहीं है। उस दिन के बाद तो सुरभि और मेरे बीच काफी बात शुरू हो गई थी सुरभि को मैं धीरे-धीरे जानने भी लगा था अक्सर हम लोग एक दूसरे के साथ समय बिताया करते थे। एक दिन सुरभि ने मुझे बताया कि उसकी इंगेजमेंट होने वाली है मैं इस बात से बड़ा हैरान था मुझे कुछ समझ ही नहीं आया कि अचानक सुरभि की इंगेजमेंट हो गई और उसने मुझे कुछ बताया भी नहीं। उस दिन हम दोनों कॉफी शॉप में बैठे हुए थे और एक दूसरे से बात कर रहे थे तो मैंने सुरभि से पूछा कि तुम अचानक से इंगेजमेंट करने जा रही हो।
मुझे कुछ समझ नहीं आया मुझे तो लगता था कि सुरभि और मेरे बीच कुछ चल रहा है और मैं कुछ दिनों बाद सुरभि को प्रपोज करने वाला था लेकिन उससे पहले ही सुरभि ने मुझे यह बात बता कर मेरा दिल तोड़ दिया था। मैंने सुरभि से इस बारे में पूछा तो उसने मुझे बताया कि वह विक्रम को काफी समय से जानती है। इससे पहले उसने कभी मुझे विक्रम के बारे में कुछ बताया नहीं था विक्रम उसके पापा के दोस्त का लड़का है उस दिन मुझे उसने उसके बारे में सब कुछ बताया और मेरा दिल जैसे बैठ जा गया था। मैं सुरभि से उस दिन ज्यादा बात नहीं कर सका और मैं अपने घर लौट आया था मैं यही सोचता रहा कि क्या मैंने सुरभि को अपने दिल की बात कहने में देर कर दी। ना जाने मेरे मन में कितने ही सवाल दौड़ रहे थे मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर मुझे ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए लेकिन मेरे पास कोई जवाब नहीं था। मैंने भी सब कुछ समय पर छोड़ दिया था कि मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं लेकिन समय उस वक्त मेरे साथ नहीं था इसलिए सुरभि की इंगेजमेंट हो गई। उसकी इंगेजमेंट में उसने मुझे भी बुलाया था और मैं उसकी इंगेजमेंट में गया भी था हालांकि मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था लेकिन मैं कुछ कर भी तो नहीं सकता था। यह सुरभि का फैसला था और उसकी मर्जी के बिना मैं कुछ भी नहीं कर सकता था। मैंने यह बात अपने दिल में ही दबा कर रख ली थी किसी को भी मैंने इस बारे में नहीं बताया लेकिन सुरभि के लिए मेरे दिल में आज भी वही आदर और प्यार था। उसकी इंगेजमेंट हो चुकी थी और वह अभी भी मेरे साथ पहले की तरह ही बातें किया करती उसके व्यवहार में कोई भी बदलाव नहीं आया था। मैंने भी उसे कभी इस बात का पता नहीं चलने दिया कि मैं उससे प्यार करता हूं हम दोनों की जिंदगी बिल्कुल अलग रास्ते पर जा चुकी थी और अब सुरभि की शादी भी होने वाली थी। शादी से कुछ दिनों पहले ही उसने ऑफिस से रिजाइन दे दिया था और फिर उसके बाद वह शादी कर चुकी थी। सुरभि मेरी जिंदगी से चली गई और मेरी जिंदगी जैसे वीरान सी हो गई मेरी जिंदगी में कुछ भी नया नहीं था। सुबह के वक्त मैं ऑफिस जाता और शाम को मैं घर लौटता तो मेरे चेहरे पर थकान साफ नजर आती थी मेरे पापा मम्मी मुझे कई बार इस बारे में पूछते भी थे लेकिन मैंने कभी उन्हें कुछ नहीं बताया और ना ही मैं इस बारे में किसी को कुछ बताना चाहता था।
काफी समय बाद मुझे सुरभि का फोन आया उसकी शादी के करीब 3 महीने बाद उसका मुझे फोन आया था वह मुझसे मेरा हालचाल पूछने लगी तो मैंने उसे बताया कि मैं तो ठीक हूं लेकिन तुमने आज मुझे कैसे फोन कर दिया। उसने मुझे बताया कि बस ऐसे ही तुमसे बात करने का मन था तो तुम्हें आज फोन कर लिया। मेरी और सुरभि की बात काफी देर तक हुई और फिर थोड़ी देर बाद मैंने फोन रख दिया। सुरभि के मेरी जिंदगी से चले जाने के बाद मैं अपने आपको काफी अकेला महसूस किया करता मैं ज्यादा किसी के साथ बात नहीं करता था लेकिन एक दिन मैं अपने किसी दोस्त की पार्टी में गया हुआ था वहां पर जब मेरी मुलाकात गरिमा से हुई तो मुझे ऐसा लगा जैसे गरिमा को मैं कई सालों से जानता हूं। गरिमा बडी बिंदास है उसने मुझे अपनी और पूरी तरीके से आकर्षित कर लिया था वह मुझे बहुत पसंद आने लगी थी मैं उससे बात करता मैं जैसे अपनी सारी तकलीफ भूल जाता।
गरिमा इतनी बिंदास थी कि उसे किसी भी चीज का कोई फर्क नहीं पड़ता उस दिन के बाद मै गरिमा का दीवाना हो गया मैं उससे बातें करने लगा हम दोनों की बातें होने लगी थी और हम दोनों एक दूसरे को मिलने लगे थे। वह रिलेशन में बिलीव नहीं करती और उसके साथ भी पहले ऐसे ही धोखा हो चुका था। मैंने उसे कहा मैं बहुत ज्यादा परेशान हूं तो उसने मुझे कहा तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारी सारी परेशानी को दूर कर दूंगी। एक दिन उसने मुझे कहा चलो आज कहीं चलते हैं हम लोग साथ में ही थे लेकिन वह चाहती थी कि हम लोग साथ में रुके। मैंने होटल में रूम ले लिया हम दोनों साथ में रूके गरिमा मेरे साथ ही थी मैं अपने आप को कैसे रोक सकता था मै उसको चोदने के लिए तैयार था। मैं उसकी चूत मारना चाहता था वह भी मेरी बाहों में आने के लिए बहुत ज्यादा बेताब थी। अब हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे अब हम दोनों एक दूसरे को चुम्मा चाटी करते रहे हम दोनों की आग बढ़ने लगी थी। मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था वह भी अब रह नही पा रही थी। वह मुझे कहने लगी चलो मेरी चूत चाटो मैने उसके कपडे उतारे उसकी चूत से पानी बाहर बाहर निकल रहा था वह बहुत ज्यादा तड़प रह थी। उसने मेरे लंड को बाहर निकाल लिया उसने मेरे लंड को बाहर निकालकर हिलाना शुरू किया वह मेरे लंड को देखकर बोली तुम्हारा लंड तो बहुत ही ज्यादा मोटा है। उसने बहुत देर तक लंड हिलाया फिर उसने अपने मुंह में लंड ले लिया उसने मेरे लंड से पानी निकाल दिया था हम दोनो एक दूसरे के हो चुके थे उसकी चूत से पानी बाहर निकालने लगा था। मैंने अब उसके बूब्स को अपने हाथों से दबाना शुरू किया जब मैं ऐसा करता तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और उसे भी बड़ा मजा आ रहा था उसके निप्पल खडे होने लगे थे। मेरे अंदर का ज्वालामुखी फूटने वाला था उसे इतना मजा आने लगा था वह मुझे कहने लगी मुझे अब तुम्हारे लंड की तडप होने लगी है।
मैने उसकी चूत को देखा तो उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था जब मैंने उस पर अपनी उंगली का स्पर्श किया तो वह सिसकिया लेने लगी मैंने धीरे से अपनी उंगली को उसकी चूत मे डालने की कोशिश की तो वह उछल पड़ी अब मेरी उंगली उसकी चूत मे चली गई मै उसकी चूत मे अंदर बाहर करने लगा। उसकी चूत ने आग छोडना शुरु कर दिया मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया था मैं जब उसकी योनि को चाट रहा था तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था। उसे भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था वह उत्तेजित होने लगी थी वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही मजा आ रहा है तुम ऐसे ही मेरी चूत को चाटकर अपना बना लो। मै उसके लिए तडपने लगा था मैं भी अपने आपको रोक नहीं पाया। मैंने जैसे ही उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो वह जोर से चिल्लाई वह चिल्लाते हुए बोली तुमने मेरी चूत फाड दी उसको बड़ा ही मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था।
मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करना शुरू कर दिया था जिससे कि मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था वह उत्तेजित होने लगी थी। वह चाहती थी मै और जोर से उसे चोदू मैंने उसके दोनों पैरों को आपस में मिला लिया उसके पैरों को आपस में मिलाने के बाद मै उसको तेजी से चोद रहा था उससे वह उत्तेजित होती जा रही थी। मेरा माल गिर जाने के बाद उसकी चूतडो को मैंने अपनी तरफ किया उसकी चूत के अंदर मैंने अपने लंड को डाला। उसकी चूतड़ों पर मैं प्रहार करता तो उसकी चूतड़ों का रंग लाल होने लगा था मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था। मुझे ऐसा लगता बस उसको चोदता जाऊ मै उसकी चूत का मजा लिए जा रहा था अब मेरा माल गिरने को था मैंने अपने माल को उसकी चूत पर गिरा दिया। मेरा माल उसकी चूत मे गिर तो मै बहुत खुश था मै सब भूलकर उसके साथ लेटा था।
मैं उस कंपनी में काम करने लगा मुझे उस कंपनी में काम करते हुए करीब एक हफ्ता ही हुआ था तो उसी दौरान सुरभि से मेरी मुलाकात हुई। सुरभि और मैंने एक ही दिन ऑफिस ज्वाइन किया था लेकिन हम दोनों की इतनी बातचीत नहीं होती थी। एक दिन मैं दोपहर के वक्त अपने ऑफिस के बाहर ही सिगरेट पी रहा था तभी सुरभि आई और उसने मुझसे कहा कि तुम बहुत कम बात करते हो तो मैंने उसे कहा नहीं ऐसा तो कुछ भी नहीं है। उस दिन के बाद तो सुरभि और मेरे बीच काफी बात शुरू हो गई थी सुरभि को मैं धीरे-धीरे जानने भी लगा था अक्सर हम लोग एक दूसरे के साथ समय बिताया करते थे। एक दिन सुरभि ने मुझे बताया कि उसकी इंगेजमेंट होने वाली है मैं इस बात से बड़ा हैरान था मुझे कुछ समझ ही नहीं आया कि अचानक सुरभि की इंगेजमेंट हो गई और उसने मुझे कुछ बताया भी नहीं। उस दिन हम दोनों कॉफी शॉप में बैठे हुए थे और एक दूसरे से बात कर रहे थे तो मैंने सुरभि से पूछा कि तुम अचानक से इंगेजमेंट करने जा रही हो।
मुझे कुछ समझ नहीं आया मुझे तो लगता था कि सुरभि और मेरे बीच कुछ चल रहा है और मैं कुछ दिनों बाद सुरभि को प्रपोज करने वाला था लेकिन उससे पहले ही सुरभि ने मुझे यह बात बता कर मेरा दिल तोड़ दिया था। मैंने सुरभि से इस बारे में पूछा तो उसने मुझे बताया कि वह विक्रम को काफी समय से जानती है। इससे पहले उसने कभी मुझे विक्रम के बारे में कुछ बताया नहीं था विक्रम उसके पापा के दोस्त का लड़का है उस दिन मुझे उसने उसके बारे में सब कुछ बताया और मेरा दिल जैसे बैठ जा गया था। मैं सुरभि से उस दिन ज्यादा बात नहीं कर सका और मैं अपने घर लौट आया था मैं यही सोचता रहा कि क्या मैंने सुरभि को अपने दिल की बात कहने में देर कर दी। ना जाने मेरे मन में कितने ही सवाल दौड़ रहे थे मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर मुझे ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए लेकिन मेरे पास कोई जवाब नहीं था। मैंने भी सब कुछ समय पर छोड़ दिया था कि मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं लेकिन समय उस वक्त मेरे साथ नहीं था इसलिए सुरभि की इंगेजमेंट हो गई। उसकी इंगेजमेंट में उसने मुझे भी बुलाया था और मैं उसकी इंगेजमेंट में गया भी था हालांकि मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था लेकिन मैं कुछ कर भी तो नहीं सकता था। यह सुरभि का फैसला था और उसकी मर्जी के बिना मैं कुछ भी नहीं कर सकता था। मैंने यह बात अपने दिल में ही दबा कर रख ली थी किसी को भी मैंने इस बारे में नहीं बताया लेकिन सुरभि के लिए मेरे दिल में आज भी वही आदर और प्यार था। उसकी इंगेजमेंट हो चुकी थी और वह अभी भी मेरे साथ पहले की तरह ही बातें किया करती उसके व्यवहार में कोई भी बदलाव नहीं आया था। मैंने भी उसे कभी इस बात का पता नहीं चलने दिया कि मैं उससे प्यार करता हूं हम दोनों की जिंदगी बिल्कुल अलग रास्ते पर जा चुकी थी और अब सुरभि की शादी भी होने वाली थी। शादी से कुछ दिनों पहले ही उसने ऑफिस से रिजाइन दे दिया था और फिर उसके बाद वह शादी कर चुकी थी। सुरभि मेरी जिंदगी से चली गई और मेरी जिंदगी जैसे वीरान सी हो गई मेरी जिंदगी में कुछ भी नया नहीं था। सुबह के वक्त मैं ऑफिस जाता और शाम को मैं घर लौटता तो मेरे चेहरे पर थकान साफ नजर आती थी मेरे पापा मम्मी मुझे कई बार इस बारे में पूछते भी थे लेकिन मैंने कभी उन्हें कुछ नहीं बताया और ना ही मैं इस बारे में किसी को कुछ बताना चाहता था।
काफी समय बाद मुझे सुरभि का फोन आया उसकी शादी के करीब 3 महीने बाद उसका मुझे फोन आया था वह मुझसे मेरा हालचाल पूछने लगी तो मैंने उसे बताया कि मैं तो ठीक हूं लेकिन तुमने आज मुझे कैसे फोन कर दिया। उसने मुझे बताया कि बस ऐसे ही तुमसे बात करने का मन था तो तुम्हें आज फोन कर लिया। मेरी और सुरभि की बात काफी देर तक हुई और फिर थोड़ी देर बाद मैंने फोन रख दिया। सुरभि के मेरी जिंदगी से चले जाने के बाद मैं अपने आपको काफी अकेला महसूस किया करता मैं ज्यादा किसी के साथ बात नहीं करता था लेकिन एक दिन मैं अपने किसी दोस्त की पार्टी में गया हुआ था वहां पर जब मेरी मुलाकात गरिमा से हुई तो मुझे ऐसा लगा जैसे गरिमा को मैं कई सालों से जानता हूं। गरिमा बडी बिंदास है उसने मुझे अपनी और पूरी तरीके से आकर्षित कर लिया था वह मुझे बहुत पसंद आने लगी थी मैं उससे बात करता मैं जैसे अपनी सारी तकलीफ भूल जाता।
गरिमा इतनी बिंदास थी कि उसे किसी भी चीज का कोई फर्क नहीं पड़ता उस दिन के बाद मै गरिमा का दीवाना हो गया मैं उससे बातें करने लगा हम दोनों की बातें होने लगी थी और हम दोनों एक दूसरे को मिलने लगे थे। वह रिलेशन में बिलीव नहीं करती और उसके साथ भी पहले ऐसे ही धोखा हो चुका था। मैंने उसे कहा मैं बहुत ज्यादा परेशान हूं तो उसने मुझे कहा तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारी सारी परेशानी को दूर कर दूंगी। एक दिन उसने मुझे कहा चलो आज कहीं चलते हैं हम लोग साथ में ही थे लेकिन वह चाहती थी कि हम लोग साथ में रुके। मैंने होटल में रूम ले लिया हम दोनों साथ में रूके गरिमा मेरे साथ ही थी मैं अपने आप को कैसे रोक सकता था मै उसको चोदने के लिए तैयार था। मैं उसकी चूत मारना चाहता था वह भी मेरी बाहों में आने के लिए बहुत ज्यादा बेताब थी। अब हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे अब हम दोनों एक दूसरे को चुम्मा चाटी करते रहे हम दोनों की आग बढ़ने लगी थी। मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था वह भी अब रह नही पा रही थी। वह मुझे कहने लगी चलो मेरी चूत चाटो मैने उसके कपडे उतारे उसकी चूत से पानी बाहर बाहर निकल रहा था वह बहुत ज्यादा तड़प रह थी। उसने मेरे लंड को बाहर निकाल लिया उसने मेरे लंड को बाहर निकालकर हिलाना शुरू किया वह मेरे लंड को देखकर बोली तुम्हारा लंड तो बहुत ही ज्यादा मोटा है। उसने बहुत देर तक लंड हिलाया फिर उसने अपने मुंह में लंड ले लिया उसने मेरे लंड से पानी निकाल दिया था हम दोनो एक दूसरे के हो चुके थे उसकी चूत से पानी बाहर निकालने लगा था। मैंने अब उसके बूब्स को अपने हाथों से दबाना शुरू किया जब मैं ऐसा करता तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और उसे भी बड़ा मजा आ रहा था उसके निप्पल खडे होने लगे थे। मेरे अंदर का ज्वालामुखी फूटने वाला था उसे इतना मजा आने लगा था वह मुझे कहने लगी मुझे अब तुम्हारे लंड की तडप होने लगी है।
मैने उसकी चूत को देखा तो उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था जब मैंने उस पर अपनी उंगली का स्पर्श किया तो वह सिसकिया लेने लगी मैंने धीरे से अपनी उंगली को उसकी चूत मे डालने की कोशिश की तो वह उछल पड़ी अब मेरी उंगली उसकी चूत मे चली गई मै उसकी चूत मे अंदर बाहर करने लगा। उसकी चूत ने आग छोडना शुरु कर दिया मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया था मैं जब उसकी योनि को चाट रहा था तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था। उसे भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था वह उत्तेजित होने लगी थी वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही मजा आ रहा है तुम ऐसे ही मेरी चूत को चाटकर अपना बना लो। मै उसके लिए तडपने लगा था मैं भी अपने आपको रोक नहीं पाया। मैंने जैसे ही उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो वह जोर से चिल्लाई वह चिल्लाते हुए बोली तुमने मेरी चूत फाड दी उसको बड़ा ही मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था।
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