जोसेफ के ऐसा कहते ही मुझे तो डर सा लगा. क्या वो सच में मेरी चूत फाड़ना चाहता था. उसकी हरकतों से तो लगता ही था की वो मुझे जोर से चोदना चाहता था. मैं यही सोचते हुए उसके लंड को कुल्फी की माफक चूस रही थी. वो किसी बड़ी चोकोबार कैंडी के जैसा ही लंड था. बहार से काला और अंदर से मलाई तो सब की सफ़ेद ही निकलती हैं. जोसेफ ने मेरे बाल पकडे और वो मुझे अपने लंड की और जोर जोर से खिंच रहा था. बाल खींचे जाने से मुझे दर्द हो रहा था लेकिन उसे इसकी जरा भी परवाह नहीं थी. जोसेफ का लंड अब मैंने और थोडा मुहं के अंदर लिया और मुझे लगा की कहीं मेरा मुहं ना फट जाएँ. एकदम मोटा लंड था उसका जो मेरे मुहं में मुश्किल से फिट आ रहा था. लेकिन जोसेफ को उसकी जरा भी परवाह नहीं थी वो तो मेरे मुहं में लंड को जैसे और भी जोर से घुसेड़ना चाहता था. मैंने अब अपनी जबान से उस चौड़े लौड़े को ख़ुश करना चाहा. मैं अपनी जबान को लंड के ऊपर रगड़ के उसे जोर जोर से चाटने लगी. जोसेफ के मुहं से आह आह निकलने लगी और उसका मोटा लंड जैसे की और भी मोटा होने लगा.
काला मोटा लंड
जोसेफ को अपना लंड चूसा के बहुत ही मजा आ रहा था. हम दोनों ही अब गाडी की पिछली सिट पे थे जहां इस काले ने अपनी पतलून को निकाल के कार की खिड़की के ऊपर टांग दी थी. मैं अभी भी उसकी टांगो के बिच में बैठी हुई वो मोटा लंड अपने मुहं के अन्दर चला रही थी. तभी जोसेफ ने मुझे कंधे से पकड के ऊपर किया. उसने मुझे सिट के ऊपर बिठाया और मेरी जांघ पकड के ऊपर उठाया. उसने मुझे एक कोने पे धकेल दिया और मेरी टांग उठा के चुदाई का एंगल सही करने में लग गया. उसने मुझे साइड में किया था और वो इसी स्टाइल में मेरी चूत में अपना मोटा लंड देना चाहता था. मैंने कई हॉट मूवीज में देखा हैं यह काले साले अलग अलग शॉट में ही चोदने का मजा लेते हैं. उसका लंड अब मेरी चूत में जैसे की दस्तक दे रहा था. मोटे लंड की मोटी नली चूत को छू रही थी. सच कहूँ तो मैं अभी भी सोच रही थी की उसका यह मोटा लंड मेरी चूत में आयेंगा कैसे..!
जोसेफ ने अब लंड को धीरे से अंदर किया. मुझे बहुत सारा दर्द हुआ और मैं कराह उठी. लेकिन उसको जैसे इस कुछ फ़िक्र ही नहीं थी. उसने फिर एक झटका दिया और लंड का सुपाड़ा और कुछ हिस्सा मेरे चूत में आ गया. मुझे लगा की अब चूत से खून निकल जायेंगा, अरे बाप रे कितना मोटा लंड था उसका. मेरी चूत के अंदर एकदम चपोचप टाईट बैठा हुआ था उसका लंड, एक आधी मिलीमीटर जगह भी नहीं बची थी. जोसेफ ने एक झटका और दिया और अब की तो मुझ से रहा नहीं गया. मेरे मुहं से पीड़ा भरी चीख निकल पड़ी. जोसेफ ने अपनी ऊँगली मेरे मुहं में डाली ताकि मैं बोल ना सकूँ. मैं दर्द को कम करने के लिए उसकी ऊँगली को ही सक करने लगी. जोसेफ का लंड अब मेरी चूत को रौंद रहा था. जोसेफ ने एक और सटीक निशान लिया और चूत में लंड ने अपनी खुद की जगह बना ली. पूरा लंड मेरी चूत में आते ही मुझे बहुत ही दर्द हो रहा था. मैंने इस से पहले कई बार चुदाई की हैं लेकिन ऐसा लंड आज तक मुझे नहीं मिला था. जोसेफ एक मिनिट ऐसे ही पड़ा रहा. उसने चूत में झटके नहीं मारें, लेकिन वो मेरी चुन्चियों के साथ खेल रहा था. अपने दोनों ही हाथ से वो मेरे बड़े बड़े मम्मे दबा रहा था. अब मुझे कुछ राहत सा लग रहा था क्यूंकि चूत ने कुछ चिकना पानी छोड़ा था और मैं एडजस्ट हो रही थी.
चूत का पानी निकाल डाला
जोसेफ भी यह समझ चूका था. उसका मोटा लंड अब मेरी चूत में धीरे धीरे अंदर बहार होने लगा, वो अपने लंड को जोर जोर से चूत के अंदर ठोक रहा था. मुझे लग रहा था की उसका लंड जा के मेरे पेट को टकरा रहा हैं और फिर बहार आ रहा हैं. इतने मोटे लंड से चुदने का मजा मुझे भी अब आने लगा था. मैं भी अब चाह रही थी की जोसेफ मुझे अपने काले डंडे से जोर जोर से रौंद दे. जोसेफ ने मेरे कंधे को पकड़ा और वो एक्सप्रेस ट्रेन के जैसे लंड को चूत से टकराने लगा. उसका लंड जैसे जैसे अंदर बहार हो रहा था मुझे उत्तेजना का अलग ही नशा चढ़ रहा था.
अब जोसेफ ने मुझे अपनी गोदी में बिठा लिया और वो मेरे चुंचे मसलते हुए अपना मोटा लंड चूत में देने लगा. मैंने दोनों हाथों को जोसेफ के कंधो के ऊपर रख दिए और मैं खुद उसके लंड के ऊपर जोर जोर से उछलने लगी. जोसेफ को पसीना हो रहा था इतनी ठंडी में भी और मैं भी अब थक चुकी थी. लेकिन यह काला हब्सी थका नहीं था. वो मुझे कमर से पकड के अपने लंड के ऊपर उछाल रहा था और उसका लंड पूरा बहार आके वापस मेरी चूत के अंदर घुस रहा था. 2 मिनिट के उछलने के भीतर ही मेरी चूत से पानी की धार छुट पड़ी. मैं उसके लंड के ऊपर ही झड़ चुकी थी. जोसेफ ने पानी का अहसास पाके अपने झटके और भी तेज कर दिए. उसका मोटा लंड फिर से पीड़ा दे रहा था मुझे अब. और दुसरे ही पल एक गरम पानी का झरना मेरी चूत के अंदर ही छुट पड़ा. जोसेफ ने अपने वीर्य की नदी को चूत की गली में उड़ेल दिया. मैं थक के वही सिट पे लेट गई. जोसेफ ने पतलून पहनी और वो गाडी को ड्राइव करने लगा. मैंने चलती गाडी में ही अपने कपडे ठीक किये.
मुझे लगा की एक चुदाई के बाद मेरा कोई ब्लेकमेल नहीं होंगा. लेकिन मैं गलत थी; जोसेफ को मेरी चूत की आदत सी हो गई हैं अब तो. उसका मोटा लंड हर महीने अलग अलग जगह पे मेरी चूत को टटोल आता हैं..!
काला मोटा लंड
जोसेफ को अपना लंड चूसा के बहुत ही मजा आ रहा था. हम दोनों ही अब गाडी की पिछली सिट पे थे जहां इस काले ने अपनी पतलून को निकाल के कार की खिड़की के ऊपर टांग दी थी. मैं अभी भी उसकी टांगो के बिच में बैठी हुई वो मोटा लंड अपने मुहं के अन्दर चला रही थी. तभी जोसेफ ने मुझे कंधे से पकड के ऊपर किया. उसने मुझे सिट के ऊपर बिठाया और मेरी जांघ पकड के ऊपर उठाया. उसने मुझे एक कोने पे धकेल दिया और मेरी टांग उठा के चुदाई का एंगल सही करने में लग गया. उसने मुझे साइड में किया था और वो इसी स्टाइल में मेरी चूत में अपना मोटा लंड देना चाहता था. मैंने कई हॉट मूवीज में देखा हैं यह काले साले अलग अलग शॉट में ही चोदने का मजा लेते हैं. उसका लंड अब मेरी चूत में जैसे की दस्तक दे रहा था. मोटे लंड की मोटी नली चूत को छू रही थी. सच कहूँ तो मैं अभी भी सोच रही थी की उसका यह मोटा लंड मेरी चूत में आयेंगा कैसे..!
जोसेफ ने अब लंड को धीरे से अंदर किया. मुझे बहुत सारा दर्द हुआ और मैं कराह उठी. लेकिन उसको जैसे इस कुछ फ़िक्र ही नहीं थी. उसने फिर एक झटका दिया और लंड का सुपाड़ा और कुछ हिस्सा मेरे चूत में आ गया. मुझे लगा की अब चूत से खून निकल जायेंगा, अरे बाप रे कितना मोटा लंड था उसका. मेरी चूत के अंदर एकदम चपोचप टाईट बैठा हुआ था उसका लंड, एक आधी मिलीमीटर जगह भी नहीं बची थी. जोसेफ ने एक झटका और दिया और अब की तो मुझ से रहा नहीं गया. मेरे मुहं से पीड़ा भरी चीख निकल पड़ी. जोसेफ ने अपनी ऊँगली मेरे मुहं में डाली ताकि मैं बोल ना सकूँ. मैं दर्द को कम करने के लिए उसकी ऊँगली को ही सक करने लगी. जोसेफ का लंड अब मेरी चूत को रौंद रहा था. जोसेफ ने एक और सटीक निशान लिया और चूत में लंड ने अपनी खुद की जगह बना ली. पूरा लंड मेरी चूत में आते ही मुझे बहुत ही दर्द हो रहा था. मैंने इस से पहले कई बार चुदाई की हैं लेकिन ऐसा लंड आज तक मुझे नहीं मिला था. जोसेफ एक मिनिट ऐसे ही पड़ा रहा. उसने चूत में झटके नहीं मारें, लेकिन वो मेरी चुन्चियों के साथ खेल रहा था. अपने दोनों ही हाथ से वो मेरे बड़े बड़े मम्मे दबा रहा था. अब मुझे कुछ राहत सा लग रहा था क्यूंकि चूत ने कुछ चिकना पानी छोड़ा था और मैं एडजस्ट हो रही थी.
चूत का पानी निकाल डाला
जोसेफ भी यह समझ चूका था. उसका मोटा लंड अब मेरी चूत में धीरे धीरे अंदर बहार होने लगा, वो अपने लंड को जोर जोर से चूत के अंदर ठोक रहा था. मुझे लग रहा था की उसका लंड जा के मेरे पेट को टकरा रहा हैं और फिर बहार आ रहा हैं. इतने मोटे लंड से चुदने का मजा मुझे भी अब आने लगा था. मैं भी अब चाह रही थी की जोसेफ मुझे अपने काले डंडे से जोर जोर से रौंद दे. जोसेफ ने मेरे कंधे को पकड़ा और वो एक्सप्रेस ट्रेन के जैसे लंड को चूत से टकराने लगा. उसका लंड जैसे जैसे अंदर बहार हो रहा था मुझे उत्तेजना का अलग ही नशा चढ़ रहा था.
अब जोसेफ ने मुझे अपनी गोदी में बिठा लिया और वो मेरे चुंचे मसलते हुए अपना मोटा लंड चूत में देने लगा. मैंने दोनों हाथों को जोसेफ के कंधो के ऊपर रख दिए और मैं खुद उसके लंड के ऊपर जोर जोर से उछलने लगी. जोसेफ को पसीना हो रहा था इतनी ठंडी में भी और मैं भी अब थक चुकी थी. लेकिन यह काला हब्सी थका नहीं था. वो मुझे कमर से पकड के अपने लंड के ऊपर उछाल रहा था और उसका लंड पूरा बहार आके वापस मेरी चूत के अंदर घुस रहा था. 2 मिनिट के उछलने के भीतर ही मेरी चूत से पानी की धार छुट पड़ी. मैं उसके लंड के ऊपर ही झड़ चुकी थी. जोसेफ ने पानी का अहसास पाके अपने झटके और भी तेज कर दिए. उसका मोटा लंड फिर से पीड़ा दे रहा था मुझे अब. और दुसरे ही पल एक गरम पानी का झरना मेरी चूत के अंदर ही छुट पड़ा. जोसेफ ने अपने वीर्य की नदी को चूत की गली में उड़ेल दिया. मैं थक के वही सिट पे लेट गई. जोसेफ ने पतलून पहनी और वो गाडी को ड्राइव करने लगा. मैंने चलती गाडी में ही अपने कपडे ठीक किये.
मुझे लगा की एक चुदाई के बाद मेरा कोई ब्लेकमेल नहीं होंगा. लेकिन मैं गलत थी; जोसेफ को मेरी चूत की आदत सी हो गई हैं अब तो. उसका मोटा लंड हर महीने अलग अलग जगह पे मेरी चूत को टटोल आता हैं..!