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नमस्कार दोस्तों आप सब के लिए मै आज एक नई कहानी लेकर आपके सामने हाजिर हूं। पिछली कहानी श्रंखला के कुछ भागों में कमेंट में पूछा था, क्या यह सच्ची कहानी है। तो उनको मै बताना चाहूंगी, हां यह मेरे साथ घटित सच्ची कहानी है। और कोई भी अपने बारे में ऐसी झूठी चुदाई की कहानी नही बताना चाहेगा। मै अपनी कहानियों के जरिए अपने जीवन के कुछ भागों को आपके सामने रखने की कोशिश करती रहती हूं। जैसा कि आप लोगों ने पहले पढा है, मेरे सगे भाई ने साजिश करके मेरी चुदास जगाई, और फिर मेरे साथ सुहागरात मनाई। सुहागरात में मेरी जमकर चुदाई करने के बाद मै तो भैया के लंड की दीवानी हो गई। उस दिन के बाद तो हम रोज ही रात में अपने कमरे में चुदाई करते। एक दिन चुदाई करते समय भैया ने मुझे बताया, "वो मुझे चोदने के लिए बहुत दिनों से बेकरार थे, लेकिन मौका नही मिल रहा था। तो यह सब उन्होंने अपने दोस्त संजू के साथ मिलकर साजिश बनाई थी। जिससे वो मुझे आसानी से अपने जाल में फांस सके।" यह सुनकर मै तो हैरान रह गई, मेरे मन मे भैया के लिए कभी कोई गलत खयाल नही आया था। लेकिन भैया का मन रखने के लिए मैने भी कह दिया, "भैया आप अगर सीधे भी आकर मुझसे कहते तो भी मै मान जाती। मै खुद ही आपसे चुदवाने के लिए बेताब थी।" यह सुनते ही भैया ने खुश होकर मुझे अपने पास खींच लिया और कसकर गले लग गए। फिर मैने भैया से पूछा, "कहीं हमारे बीच जो भी हुआ वह संजू को पता तो नही है ना?" इस पर भैया हंसते हुए कहने लगे, "उसी की वजह से तो मुझे तुम मिली हो। उसे सब पता है, और वह भी मेरी तरह तुम्हारा दीवाना है। वह भी तुझे चोदना चाहता है, लेकिन तेरी मर्जी से।" इस पर मैने कहा, "अच्छा अगर मै उससे ना चुदवाऊं तो?" तो भैया कहने लगे, "उसके पास हम दोनों की एक वीडियो है। मैने उसे यह कहकर रोके रखा है, की मुझे थोडा समय चाहिए तुझे मनाने के लिए।" भैया मेरी तरफ देखते हुए आगे बोलने लगे, "देख रश्मि, बात सीधी है, एक बार उसके साथ भी यह कर ले। और फिर वो वीडियो उससे ले लेना। फिर आगे तेरी मर्जी, उसके बाद वो भी तुझसे कुछ नही बोल पाएगा।" मुझे भी यह बात सही लगी, तो मैंने भैया को अपने पास खींच लिया और उनके होंठों पर अपने होंठ रखकर चूमने लगी। उसके बाद उसी रात मैने भैया के साथ दो बार चुदाई की, लेकिन इस चुदाई के दौरान मै भैया की जगह संजू को सोच रही थी। इस सोच मात्र से मेरी चुत अंदर तक गीली हो जाती। अब मुझमे भी किसी पराए मर्द से चुदवाने की इच्छा घर करने लगी। मैने भैया को बोल दिया था, जब मेरा मन करेगा, मै खुद आपको बताऊंगी, संजू को बुलाने के लिए। और पूरी चुदाई के दौरान आप भी वहीं होंगे।
भैया कुछ बोल नही पाए, उन्होंने भी मेरी बात मान ली। लेकिन अब मेरी चुत संजू की कल्पना कर-करके ही गीली हो जाती। उसके वह पहले स्पर्श को याद करके ही मै स्खलित हो जाती। तो अब मै जल्द से जल्द संजू को अपना हमबिस्तर बनाना चाहती थी। उधर संजू का भी यही हाल था, रोज रात मुझे चोदते समय भैया मुझसे बोलते कि, आज संजू तुम्हे याद कर रहा था। वह बहुत बेताब है, तुम्हे चोद कर अपना हमबिस्तर बनाने के लिए। तो अब मैने भी संजू और अपने आप को ज्यादा ना तडपाते हुए, भैया को बोल दिया कि, मैं तैयार हूं। लेकिन हमारे पास कोई जगह नही थी, जहां हम खुलकर चुदाई का मजा ले सके। उस एक परेशानी को लेकर मै थोडा चिंतित थी, लेकिन संजू ने इस बात का भी हल निकाल लिया। उसके मामा विदेश में रहते है, और यहां साल में एक बार ही आते है, तो उनका घर खाली ही रहता था। संजू ने वहां चलने का ही प्लान बनाया। तो अगले दिन मै भैया के साथ संजू के मामा के घर पहुंच गए। संजू पहले से ही वहां मौजूद था, हमे देखते ही वह आगे आया और हमारा स्वागत किया। संजू ने पहले आकर थोडी साफ सफाई कर दी थी, जिस वजह घर इतने दिन बन्द रहने के बावजूद अच्छा दिख रहा था। संजू के मामा का घर काफी बडा था, हम जाकर हॉल में बैठ गए। और संजू घर का दरवाजा बंद करने लगा। दरवाजा बंद करते ही उसने हमारी ओर देखकर कहा, "तुम लोग यहां क्यों बैठ रहे हो? मैने अपने लिए ऊपर का एक बेडरूम साफ करवा दिया है।" इतना कहकर उसने हमें उसके पीछे आने का इशारा किया और बेडरूम की तरफ चलने लगा। बेडरूम पहुंचकर देखा, तो वह कमरा अंदर से पूरी तरह से बिल्कुल सुहागरात की तरह सजा हुआ था। ऐसा लग रहा था कि, किसी के सुहागरात के लिए यह कमरा सजाया गया हो। कमरे में जाते ही संजू ने हमे बैठने के लिए बोल दिया। बैठकर ऐसे ही नॉर्मल बातें चलने लगी, संजू उसके मामा के घर के बारे में बताने लगा। थोडी देर बैठने के बाद उसने मुझे नहाकर आने के लिए बोला। बाथरूम बेडरूम से लगा हुआ ही था, मै बाथरूम में जाकर दरवाजा बंद करने लगी। तो संजू ने मुझे दरवाजा बंद करने से रोका और बोलने लगा, "अब हमसे क्या शरमाना, अभी थोडी देर बाद तो हम सभी नंगे हो जाएंगे।" मुझे भला क्या दिक्कत हो सकती थी, तो मै भी ओके कहकर दरवाजा खुला छोडकर ही अपने कपडे उतारने लगी। बाथरूम में पहले से सब रखा हुआ था, नहाने के लिए। तो मै कपडे उतारकर सीधे बाथटब में जाकर बैठ गई। और अपने बदन पर साबुन लगाने लगी। बेडरूम से भैया और संजू दोनों ही मुझे घूरते जा रहे थे। संजू तो लार टपकाने की हालत में था, उसे देखकर मै और उत्तेजित हो रही थी। पता नही क्यों लेकिन मै उसे अपने कामुक बदन के जलवे दिखाने लगी। उसके सामने मै अपने हाथों से अपनी चूचियों पर साबुन रगड रगडकर लगाती। संजू अब बेड पर बैठकर अपने लंड को पैंट के ऊपर सहला रहा था। अब तक उसका लंड पैंट में ही तंबू बना चुका था, जिसे पैंट के ऊपर से ही देखा जा सकता था। अब मैने संजू को और तडपाने के लिए बाथटब के बाहर अपना साबुन गिरा दिया, और साबुन उठाने के बहाने भैया और संजू के सामने अपने चूचियों का प्रदर्शन करने लगी। मैने जानबूझकर ही साबुन उठाने में समय लगा दिया, जिससे संजू भी मेरी चूचियों को अच्छे से देख सके। जैसे ही मैने साबुन उठा लिया, मैने बाहर बेडरूम में देखा तो दोनों ही अपने कपडे उतार रहे थे। इस समय मुझे बस संजू को देखना था, भैया को तो मैने हर हालत में पहले ही देख लिया था। संजू ने अब तक अपनी शर्ट उतार दी थी, अब वो ऊपर से पूरी तरह नंगा था। शर्ट उतारने के बाद तुरंत ही उसने अपनी पैंट भी उतार दी। अब संजू सिर्फ अपनी अंडरवियर में था, जो उसने अगले ही पल अपने पैरों से अलग कर दिया और पूरी तरह से नंगा हो गया। संजू का लौडा भैया के लंड से भी लंबा था, लेकिन मोटाई थोडी कम थी। संजू का लंड अपने पूरे जोश में आकर फुंफकार मार रहा था। थोडी देर संजू बेड पर बैठकर ही मेरी तरफ देखते हुए अपने लंड को सहला रहा था।
फिर उठकर वह मेरी तरफ बढने लगा, और बाथरूम में आकर उसने मुझे बाथटब में ही खडी कर दिया। बाथटब में खडी होते ही वह मुझसे हटकर थोडी दूरी पर जाकर मुझे नीचे से ऊपर तक देखने लगा। मैने शर्म के मारे अपने चूचियों को एक हाथ से ढक लिया और दूसरे हाथ को अपनी चुत के सामने रख दिया। इस पर संजू बोला, "अब हमसे क्या शरमा रही है? अभी थोडी देर में सारी शरम उतारूंगा तेरी, अभी जितने नखरे करेगी उतना ही ज्यादा दर्द दूंगा।" संजू की यह बात सुनकर मै घबराकर नीचे बैठने लगी, तो संजू भी बाथटब में आ गया और उसने मुझे गले लगा लिया। फिर उसने मुझे बाथटब से बाहर निकाला और शावर के नीचे नहाने का आदेश दिया। मेरे बदन पर अभी भी साबुन लगा हुआ था, तो मैने शावर चालू कर दिया और बदन पर लगे साबुन को शावर से साफ करने लगी। संजू बाथरूम के एक कोने में जाकर मेरी तरफ देखते हुए अपने लंड को मुठिया रहा था। और बाहर भाई बेड पर बैठकर मुझे देखते हुए अपने लंड को सहला रहे थे।
उन दोनों की हरकतें देखकर मुझ पर भी हवस हावी होने लगी थी। मैं भी अब उनकी तरफ देखकर अपने होंठ को दातों से चबा देती, तो कभी अपनी चूचियों को दबा देती। अब धीरे धीरे मेरी चुत भी पानी छोडने लगी थी। आपको यह कहानी कैसी लगी, हमे कमेंट करके जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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