भाभी की चूत की चाबी मेरा लंड [भाग-1]

sexstories

Administrator
Staff member
सरला भाभी की चूत मारना मुहल्ले में एक क्रेज था। सरला भाभी को मैं जवान होने से पहले से और जवान होने के बाद तक देखता आ रहा था। अक्सर मेरे पडोस की सरला भाभी एक मदमस्त जवानी वाली दिल दार महिला थीं जिनके दिल और चूत की दरियादिली के किस्से हम गाहे बगाहे अक्सर ही सुन लिया करते थे। अठारह के होने के बाद मेरे कल्पनाओं और फ़ैंटासियों में सरला भाभी की भीगी गांड, और अधखुली ब्लाउज ही आकर मेरी रातें गीली कर जाया करते थे। अक्सर सपनों में उनके चूंचों के बीच अपना सर रख कर चूसते हुए मेरी पैंट गीली हो जाती और मैं स्वप्न दोष का शिकार हो जाता। तो उस शाम मैं छत पर सरला भाभी की चूत याद करके मूठ मार रहा था कि सामने से वो आती दिखाई दे गयी। मुझे आवाज देकर बोलीं अरे पप्पू जरा आना मेरी लाईट नहीं जल रही है।

तेरे भैया हैं नहीं और मुझे बनानी नहीं आती। मैं खुश होकर उनके साथ चला गया। अंदर जाकर थोड़ी बहुत सेटिंग करके लाईट जला दी। भाभी खुश हो गयीं और मेरे लिये चाय बनाकर लायीं। चाय पकड़ते समय मैंन्ने उनकी उंगलियां जानबूझकर टच कर लीं और दबा दीं। वो मुस्करा कर बोलीं छोकरा जवान हो गया है, क्यूं पप्पू तेरा पप्पू कैसा है रे? मैं अच कचा गया। वो अपने होट काटते हुए बोलीं तेरा पप्पू मतलब कि वो जिसे तूने छुपा रखा है। मेरी लाईट खराब नहीं हुई थी मैंने तेरे को ऐसे ही मजे करने के लिये बुलाया था। आज मैं अकेली थी तो मन नहीं लग रहा था मैं जानती हूं तू मेरे को हमेशा घूरता रहता है। बता क्यूं घूरता है मेरे को। मेरे पैरों तले जमीन खिसक गयी। पर हिम्मत करके बोला बस भाभी एक बार बस... वो बोली क्या एक बार मैं हकलाने लगा मैं कहने वाला था कि मैंने एक बार ही तो आपको देखा था घूरकर लेकिन वो बोली - बस तेरे को एक बार चाहिए? चूत? कमीने इधर आ और उसने मेरा हाथ पकड़ के खींच लिया और सीधा मेरे जिप पर हाथ लगाती हुई मेरे सहमे हुए लंड को अपने हाथों में दबोच लिया ठीक उसी तरह जैसे बिल्ली चूहे को दबोचती है। मेरे मुह से कराह निकल चुकी थी, उसके हाथ में लंड बहुत सख्ती से दबा हुआ था। मैं डर गया। तो वो मुझे पुचकारती हुई बोली अले ले ले मेरे लल्लू देवर डरो मत मैं वही सब करने जा रही हू जिसकी तेरे को तमन्न्ना है। मेरा डर हल्का हल्का जा रहा था। मैने उसके चूंचों की तरफ़ घूरना शुरु किया तो उसने अपने ब्लाउज के बटन खोल दिए। ब्रा सामने आ गयी और उसमें अधढंके चूंचे। मेरा मन ललच गया, लंड में पानी भर आया और मैने अपना हाथ उसके ब्रा के हुक पर लगा उसे खोल दिया। वो बोली शाबाश अब चल डर नहीं जो मन मे आये कर, मैं काप्ते हाथों से उसके साड़ी को ह्टाने लगा। वो बोली तेरे चाल से तो सालों लग जायेंगे मेरा चिरहरण करने में ले मैंने खुद ही खोल दिया और वो बिल्कुल नंगी हो गयी। उसकी चूत नंगी मेरे सामने थी। पढिये अगले भाग 2 में अपनी चूत से कैसे मेरा मनचाहा काम कर दिया सरला भाभी ने
 
Back
Top