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Mummy aur uski dost dono ko choda - Hindi incest story

मेरा नाम दिव्य (दिव्य प्रकाश) है. मेरी उम्र १९ साल है और यह सेक्स स्टोरी मेरी मम्मी और उनकी सहेली मीना की चुदाई की है. मेरी मम्मी का नाम दिव्यांशी है और उनकी उम्र ३८ साल है, चूत एक दम गोरी और सिल्की, एक दम क्रीम जैसी, मन करता है चूसते रहे.

अब मैं कहानी पर आता हूँ, मैं उनको बचपन से ही कपडे बदलते, नहाते हुए देखा करता था. उनके बूब्स दबा भी दिया करता था १० साल तक, अब बड़ा हो गया हु. मेरा लंड ९ इंच का हो गया है. एक दिन मैंने देखा माँ नहाने जा रही थी, तब उन्होंने बाथरूम में जाकर अपनी मैक्सी उतार दी, अब वो ब्रा और पेटीकोट में थी.

माँ ने पहले बगले साफ़ की मतलब शेविंग की और यह सब मैं डोर के की- होल से देख रहा था. अब माँ ने अपना पेटीकोट उतारा, उन्होंने पिंक कलर की पेंटी पहन रखी थी. उन्होंने उसे भी उतार दिया और शेविंग की. उसके बाद जब मैंने उनकी चूत देखी पहली बार . क्या चूत थी.. की देख कर मुठ निकल जाये. सब मुठ मरो और किसने मारी यह भी बताना.

फिर माँ ने नहाना शुरू किया और वो अपनी चूत और बूब्स पर साबुन लगा कर साफ़ करने लगी.

उसके बाद जब वो तोवेल लपेट कर बहार आई, तो मैंने माँ से कहा कि मैं राज के घर जा रहा हूँ और मैं चला गया. १ घंटे बाद जब लौट कर आया तो देखा की माँ ने आसमानी रंग की सारी पहन राखी थी. क्या. लग रही थी वो इस साड़ी में.

मन कर रहा था साली को अभी नंगा कर चोदु पर ऐसा कर नहीं सकता था. मैं रूम में जाकर सोचने लगा कैसे चोदु कैसे इसकी चूत फाडू. फिर मैंने सोच ही लिया. मैंने माँ को रूम में बुलाया मम्मी. मुम्मी यहाँ आयो.

मम्मी बोली बेटा आ रही हूँ. मैं बोला जल्दी आयो मैंने उनको बेड पे बिठाया और बोला आप से एक बात कहनी है. माँ बोली- हा बोलो बेटा. मैंने बोला कि आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो, आप बहुत सुंदर हो. तो वो हसने लगी बोली मस्का न लगा काम बतायो क्या है.

मैं डरते डरते बोला- माँ मुझे आपके साथ सेक्स करना है. जैसे ही मैंने यह बोला माँ ३-४ सेकंड में उठी और २-३ कंटाप मार के मेरे कमरे से बाहर चली गयी. मैंने सोच लिया अब कुछ भी हो जाये, चाहे मुझे रेप करना पड़े, पर इसको चोदुंगा जरुर. एक जिद सी हो गयी थी.

फिर उस दिन से मैं मम्मी से बात नहीं करता था, घर पर भी कम ही रहने लगा था. माँ इस बात से बहुत उदास थी. उन्होंने बहुत माने की कोशीश की पर मैं नहीं माना. मैं रोज़ रात को देर से घर आता और खाना भी नहीं खाता था. मैं खाना अपने दोस्त राज के यहाँ खा लेता था.

मम्मी भी शायद सोच रही होंगी की एसा कब तक चलेगा. एक दिन मैं रात को घर आया तो देखा सारे डोर खुले. घर पर कोई भी नहीं दिख रहा था. मैंने मम्मी के रूम में देखा, गेस्ट रूम चेक किया फिर बाथरूम में देखा और किचेन में भी पर कही पर कोई नहीं था.

मैं रोने लगा मुझे लगा माँ घर छोड़ कर चली गयी है. और ऐसे ही रोते हुए अपने कमरे में गया. वहां की लाइट ऑफ थी. मैंने जैसे ही लाइट ओन की थी और मुडने ही वाला था किसी ने मुझे पीछे से आकर पकड़ लिया. मुझे तो २५० वाल्ट का झटका लगा.

मेरे पीछे एक लेडी थी और वो पूरी नंगी थी. मेरा हाथ उसके बूब्स पर लगा. मैंने पीछे मुद कर देखा तो वो मेरी मम्मी थी, पूरी नंगी पर माँ के चेहरे पर वो ख़ुशी नहीं थी. वो मुझ से बोली एक रात के लिए मैं तेरी हु उसके बाद मुझे कभी मत बोलना तू जो कर रहा है यह गलत है तेरी ख़ुशी ले लिए कर रही हु मैं यह सब.

फिर माँ जाकर बेड पर बैठ गयी. वो मेरे से नज़रे नहीं मिला रही थी. फिर माँ ने बोला खड़ा क्या है, जो करना है कर ले. फिर मैंने मम्मी से कहा- मम्मी मेरे कपडे तो उतारो और मैं मम्मी के पास गया. उन्होंने मेरी जीन्स का बटन खोला तो देख कर ऐसे हटी जैसे बम हो. फिर माँ ने मेरे सारे कपडे उतार दिए और मैं माँ के बूब्स दबाने लगा.

माँ सिस्कारिया लेने लगी आह्ह्ह्ह... उहुहुह... आह.. और कह रही थी, बेटा मत कर यह सब गलत है. पर मैं तो कुछ भी नहीं सुन रहा था. और एक हाथ से बूब्स दबाते हुए मैं उनकी चूत भी चूसने लगा. मस्त. चूत थी मज़ा आ रहा था. पर माँ साथ नहीं दे रही थी इसलिए मज़ा कम आ रहा था.

१५- २० मिनट लिप्स किस करते हुए, जब मैंने माँ को बोला आप मेरा चुसो तो माँ मना करने लगी. नहीं बेटा मत कर गलत है, पर मैंने नहीं सुना और उनके मुह में रख दिया और अंदर बाहर करने लगा जब माँ को देखा की वो अब अपने आप चूस रही है तब मुझे लगा मेरा ९ इंच का लंड माँ की चूत चोदने को तैयार है.

मैंने माँ को बेड पे लिटा दिया और लंड माँ की चूत पे लगाया और एक झटका दिया तो आधा अंदर चला गया. मेरा टोपा खुल चूका था और दुसरे धक्के के साथ मैं मज़े लेने लगा और अब माँ भी मेरा साथ दे रही थी. उसको भी ९ इंच का जो मिल गया था. उनको भी मज़ा आने लगा था, उनको मैंने घोड़ी कुतिया सब पोज मैं चोदा.

अब मम्मी बहुत खुश थी और मुझे रोक के मेरे लिप्स पे कास के किस करने लगी अह्ह्ह्ह.. क्या लम्हा लग रहा था. एसा लग रहा था की यह लम्हा अभी यही रुक जाये. मैंने माँ को उस रात ३ बार छोड़ा और रात को २ बजे हम नंगे हो सो गए बिस्टर पर

फिर सुबह ५ बजे उठे और माँ मेरा लंड चूसने लगी. मुझे गुदगुदी हो रही थी, वो बोली चलो एक राउंड और हो जाए. मैं बहुत खुश था तो मैंने सोचा की अब मैं मम्मी को रोज़ चोदुंगा. मैंने माँ से बोला अब तो आप मेरे से कभी नहीं चुदोगी. तो माँ बोली नहीं और मेरी सांस अटक गयी. पर मम्मी बोली नहीं पगले आज के बाद मैं तेरी बीवी हु, तेरे साथ ही सोयुंगी और जब तेरा मन करे तब मुझे चोदना. फिर हम डेली सेक्स करने लगे. मेरे घर में कैमरे लगे थे इसलिए रूम लॉक नहीं होता था.

एक दिन मैं और मम्मी सेक्स कर रहे थे और माँ के मुह से जोर से सिस्कारिया निकल रही थी दिव्यययय. आह्ह. बेटा.. धीरे. दिन का टाइम था मेरी माँ की सहेली यानी मेरे दोस्त की माँ मीना आ गयी. हमे पता ही नहीं चला वो बिना कोई आवाज़ दिए अंदर आ गयी जैसे अक्सर आया करती है.

पहले वो माँ के रूम में गयी तो माँ नहीं मिली फिर और कमरों में देखा उन्होंने. फिर शायद उन्हें हमारी आवाज़े सुनाई पड़ी और ऊपर आ गयी पर वो वही खड़ी रही वह से गयी नहीं.

वो भी हमे देख कर गरम हो चुकी थी. पहले तो उनको देख कर हम डर गए मैंने सोचा की यह सब को बता ना दे. माँ भी डर गयी थी. फिर वो वहां से जाने लगी तो मैं नंगा उठा और उनके पीछे भागा और उनको जीने के पास से पकड़ लिया. आंटी बोली दिव्य बेटा छोड़ दे पर मैंने उनकी एक न सुनी. और उनको ऊपर खींचने लगा, वो भी चुदना चाहती थी. बस नखरे कर रही थी. मीना आंटी की उम्र बता दू वो ४२ की है.

थोड़ी सी मोती पर फिगर बहुत मस्त ३२- ३६- ३४, गांड तो मस्त थी. पिंक सूट और पिंक पय्जामी में थी. क्या लग रही पय्जामी में उसकी गांड मनो पय्जामी फाड़ के बाहर आ जाये गांड. फिर ऊपर रूम में ले जाकर उनको किस करने लगा वो भी मेरा साथ देने लगी. मम्मी ने उसकी पय्जामी और पेंटी निकल दी और चूत चूसने लगी. मैंने उसकी कुर्ती उतर दी और बूब्स चूसने लगा.

फिर माँ ने नीचे जाकर फ्रीज से केक ले आई और अपनी और आंटी की चूत पर लगा दिया. मैं आंटी की चूत चाट रहा था और और आंटी मेरी माँ की चूत चाट रही थी. फिर मैंने अपना लंड केक में घुसा दिया और जब बाहर निकाला तो केक लंड पे लग गया.

मैंने आंटी से कहा आप लो चुसो, आंटी ने मेरा लंड चुसना शुरू किया तो केक चाट के पूरा साफ़ कर दिया, बहुत मस्त लंड चुस्ती है साली रांड. फिर मैंने उनको बेड पर लिटा दिया और लंड उनकी चूत में खुसा दिया और बहुत सेक्स किया और बहुत मज़े लिए. अब तो हम अक्सर सेक्स किया करते है.

आंटी मुझ से कहती की बेटा अपनी बहिन को कब बीवी बनायोगे मतलब राज की सिस्टर तन्वी अभी १८ साल की है और मैं उसको सेट कर रहा हु पर अभी थोडा टाइम लगेगा क्यूंकि वो अभी सिर्फ बात करती है पूरी तरह सेट नहीं हुई.

तो दोस्तों कैसे कगी आपको मेरी सेक्स स्टोरी मुझे बताइयेगा जरुर और अपने कमेंट्स जरुर भेजिएगा....
 
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