मल्लू गरम मसाला

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Mallu Garam Masala

नमस्ते मित्रों। मैंने आप लोगों के लिए एक ज़बरदस्त कहानी पेश की है। मेरी कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें मार-काट हो जाने के कारण मैंने किसी भी जगह या व्यक्ति का यहाँ तक की ख़ुद का नाम भी नहीं बताया है।

घटना कुछ इस प्रकार हुई थी।

रात का समय था, मैं अपने पिताजी के साथ करीब ०९: ३० बजे बस स्टैंड पर हमारे गाँव जाने वाली बस का इंतज़ार कर रहे थे। बस स्टैंड पर उस समय काफी लोग थे जो हमारी तरह अपने-अपने बस की राह देख रहे थे।

मैं यहाँ-वहाँ देखकर टाइम-पास कर रहा था और पिताजी रेडियो सुन रहे थे। कुछ देर बाद, मेरी नज़र एक मल्लू भाभी पर पड़ी जो अपने पति और परिवार समेत बस स्टैंड पर टिकट काउंटर के पास खड़ी थी।

ज़मीन पर पेपर बिछाकर मल्लू भाभी और उसके परिवार के सदस्य बैठकर अपनी बस की राह देख रही थी। मल्लू भाभी का फिगर सुडौल और कामुक था। ठीक जैसे बी-ग्रेड फ़िल्म्स में होता है वैसे।

मैं मल्लू भाभी को हवस की नज़रों से ताड़ने लग गया। मुझे थोड़ी देर बाद पता चला की मल्लू भाभी उसके ठीक सामने बैठे हुए आदमी को अपनी सेक्सी बदन की तरफ आकर्षित कर रही थी।

उसका पति पत्ते खेलने में मशगूल था इसलिए वह इस बात से अनजान था कि उसकी बीवी अपने शरीर की हलचल से किसी अनजान मर्द को लुभा रही थी। मल्लू भाभी अपना पल्लू बार-बार गिराकर उस आदमी को उकसाह रही थी।

वह आदमी अपनी धोती को अपने लौड़े के हिस्से से दबाकर मल्लू भाभी के मोटे चूचियों को घूर रहा था। थोड़ी देर बाद, मल्लू भाभी उठकर एक दुकान के पास जाकर खड़ी हो गई जहाँ पर वह आदमी भी पहुँच गया था।

मल्लू भाभी पानी की बोतल को दुकानदार के हाथ से लेने के लिए आगे झुकी थी। वह आदमी मौका देखकर पीछे से मल्लू भाभी की गाँड़ से चिपक गया।

उसने अपने लौड़े से मल्लू भाभी को आगे धक्का मारा और जब भाभी आगे की ओर गिर रही थी, तब उसे चूचियों से पकड़कर सहारा दिया। मल्लू भाभी उस आदमी को देखकर मुस्कुराई और उस आदमी ने पानी की बोतल के पैसे दे दिए।

फिर वह आदमी दूकान के पीछे की गली में जाने लगा। मल्लू भाभी अपने पति को देखकर (जो तभी भी पत्ते खेलने में मशगूल था) उस आदमी के पीछे चली गई।

मैं अपने पिताजी से कहा कि मुझे हगने जाना है और उठकर उस दूकान के पीछे वाली गली में चला गया। उस गली के पीछे कई सारे ट्रक और टेम्पो पार्क किए थे। मैंने देखा कि मल्लू को उठाकर वह आदमी एक ट्रक के पीछे लेकर जा रहा था।

मैंने दबे पाँव उसका पीछा किया और उस ट्रक के पास आकर खड़ा हो गया। मैंने झाँककर देखा तो पता चला की उस आदमी ने मल्लू भाभी को अपनी बाहों में कसकर भर लिया था।

मल्लू भाभी की कमर को कसके पकड़कर उसके होठों की चुम्मियाँ लेने लगा। चुम्मियाँ लेते वक़्त, उस आदमी ने मल्लू भाभी की गाँड़ को पकड़कर उसे दबाना शुरू किया।

उस आदमी ने मल्लू भाभी की साड़ी के अंदर अपने हाथों को घुसा दिया और उसके चुत्तड़ों को दबाने लगा। उसके मुँह से निलती सिसकियों की आवाज़ सुनकर वह आदमी मल्लू भाभी को ज़ोर से पकड़कर अपनी तरफ़ दबाने लगा था।

गर्मी की वजह से मल्लू भाभी की गाँड़ पसीने से चिकनी हो चुकी थी। वह आदमी अपनी उँगली को मल्लू भाभी की गाँड़ की छेद में घुसाकर अंदर-बाहर करने लगा। मल्लू भाभी ने अपनी साड़ी उतारी और उस आदमी को फिरसे कसकर पकड़ लिया था।

उस आदमी ने अपना एक हाथ मल्लू भाभी की गाँड़ से हटाकर उसकी चूची दबाने लगा। मल्लू भाभी ने अपना टाइट ब्रा निकालकर अपने चूचियों को आज़ाद कर दिया। उसकी मोटी लटकती चूचियों को देखकर मेरा भी लौड़ा उठ गया था।

मल्लू भाभी ने उस आदमी की पैंट के अंदर हाथ ड़ालकर उसके लौड़े को पकड़ लिया। उसे सहलाते, हिलाते हुए एकदम कड़क कर दिया। फिर उस आदमी की गोटियों को सहलाते हुए उनकी मालिश करने लगी थी।

अपने दोनों हाथों से वह आदमी मल्लू भाभी की चूचियाँ दबाकर उसे गरम कर रहा था।

उस आदमी ने मल्लू भाभी की निप्पल को बारी-बारी करके चूसना शुरू किया। उत्साह में आकर उसने मल्लू भाभी की निप्पल को काट लिया। दर्द के मारे मल्लू भाभी की चीख़ निकल गई थी।

वह आदमी निचे ज़मीन पर बैठ गया और मल्लू भाभी उसकी पैंट उतारकर उसके सामने बैठ गई। उस आदमी की गोटियों को अपने मुँह में भरकर उन्हें ज़ुबान से चाटने लगी।

आगे झुककर वह आदमी मल्लू भाभी की गाँड़ की दरार रगड़ रहा था। कुछ देर बाद, उस आदमी ने मल्लू भाभी की गोरी गाँड़ को अपने मुँह के ऊपर रखकर मल्लू भाभी को अपने ऊपर चढ़ाकर बिठा दिया।

वह आदमी उसकी चूतड़ों को फैलाकर उसकी गाँड़ की छेद में अपनी ज़ुबान घुसाकर उसे अंदर-बाहर करने लगा। मल्लू भाभी उस आदमी के लौड़े को अच्छी तरह से चूस रही थी। उसकी चूत को वह आदमी अपनी उँगली से फैलाकर रगड़ रहा था।

मल्लू भाभी जोश में आकर चीख़ने लगी और साथ में अपनी गाँड़ को उस आदमी के मुँह पर पटकने लगी। थोड़ी देर बाद, मल्लू भाभी की चूत से पानी छूटने लगा था। उस आदमी ने उसे ज़मीन पर लेटा दिया और उसके पैरों को अपने कंधो पर रख दिया।

वह आदमी अपने लौड़े की नोक को मल्लू भाभी के चूत की दरार पर रखकर रगड़ने लगा। फिर धीरे से अपने लौड़े को उसकी गरम चूत में घुसा दिया। धीरे-धीरे धक्के मारकर वह आदमी मल्लू भाभी के ऊपर चढ़ गया।

उसकी मोटी चूचियों को पकड़कर वह आदमी उन्हें दबाने लगा। मल्लू भाभी उस आदमी की काली गाँड़ को पकड़कर उसे दबा रही थी। धीरे से चुदाई करते समय, वह दोनों सिसकियाँ लेने लगे थे।

उस आदमी ने मल्लू भाभी के मंगलसूत्र को अपने हाथ में पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूत में धक्के मारने लगा। मंगलसूत्र को मल्लू भाभी के मुँह में रखकर उस आदमी ने उसे २-३ थप्पड़ मारे।

उस आदमी ने मंगलसूत्र की माला को मल्लू भाभी के मुँह में डाल दिया और उसपर चढ़कर उसके मुँह को चाटने लगा। अपने हाथों से उसकी टाँगे पकड़कर उस आदमी ने ज़ोर-ज़ोर से चोदना जारी रखा था।

कुछ देर बाद, मल्लू भाभी ने मंगलसूत्र की माला को थूक दिया और उस आदमी के मुँह को पकड़कर चाटने लगी। ज़ोर की चुदाई के मज़े लेते हुए वह दोनों, एक दूसरे के होठों को चूसने लगे।

थोड़ी देर बाद, वह आदमी फर्श पर लेट गया और मल्लू भाभी को अपने ऊपर चढ़ा लिया। मल्लू भाभी ने उस आदमी के लौड़े को पकड़कर अपनी चूत के अंदर घुसा दिया और धीरे से उसपर बैठ गई।

२-३ बार धीरे से उठकर-बैठकर उस आदमी के लौड़े को अपनी चूत के अंदर पूरा घुसा दिया।

फिर मल्लू भाभी उस आदमी के लौड़े पर उछलने लगी थी। उस आदमी ने उसकी चूचियों को पकड़कर उन्हें दबाने लगा। मल्लू भाभी अपनी गाँड़ उठा-उठाकर उस आदमी के लौड़े पर उछल रही थी।

उसके चीख़ों की आवाज़ सुनकर मुझसे और रहा नहीं जा रहा था इसलिए मैं अपना लौड़ा ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगा।

उस आदमी ने उसे अपनी तरफ़ खींचकर गले से लगा लिया और उसकी गाँड़ को पकड़कर, ज़ोर-ज़ोर से अपना लौड़ा उसकी चूत के अंदर घुसाने लगा। मल्लू भाभी की चीख़ों को रोकने के लिए उस आदमी ने अपनी ज़ुबान को उसके मुँह के अंदर घुसा दिया था।

उसकी गाँड़ की छेद में अपनी उँगली घुसाकर उसे अपने लौड़े पर पटकता रहा। कुछ देर तक ऐसे ही ज़ोर-ज़ोर से चुदाई करने के बाद, उस आदमी ने मल्लू भाभी को अपने ऊपर से हटाकर उसे घोड़ी बना दिया।

मल्लू भाभी की चुत्तड़ों को फैलाकर वह आदमी उसकी गाँड़ की दरार को चाटने लगा। पसीने से भीगी हुई उसकी गाँड़ की महक सूँघकर उस आदमी ने २-३ थप्पड़ मार दिए थे।

अपनी दो उँगलियों को मल्लू भाभी की गाँड़ की छेद के अंदर घुसाकर उस आदमी ने उन्हें अंदर-बाहर करने लगा। फिर उस आदमी ने उसकी गाँड़ की छेद को खींचकर चौड़ा किया और उसके अंदर थूक मारी।

उस आदमी को अपना लौड़ा मल्लू भाभी की गाँड़ में घुसाना था लेकिन मल्लू भाभी विरोध करने लगी। इसलिए उस आदमी ने अपने लौड़े को उसकी मोटी चुत्तड़ों के बिच घुसाकर हिलाने लगा।

जैसे ही उस आदमी के लौड़े का पानी निकला, उसने मल्लू भाभी की गाँड़ की छेद के पास अपने लौड़े की नोक को रख दिया। उस आदमी के लौड़े से निकला गरम चिपचिपा पानी जाकर मल्लू भाभी की गाँड़ की छेद के ऊपर गिरा।

उस आदमी ने मल्लू भाभी की गाँड़ की छेद को अच्छी तरह से चाटकर साफ़ कर दिया था। दोनों जान अपने-अपने कपड़े-कपड़े पहनकर वहाँ से निकल गए।

वह दिन उस आदमी का आखिरी दिन था क्यूँकि उस दिन उसकी हत्या हो गई थी। यह घटना कुछ महीने पुरानी है, इसलिए यदि आप इसका पता लगाना चाहते हैं, तो आप लगा सकते हैं।
 
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