मेरा दिल पागल हो गया

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Antarvasna, desi kahani: मैं दिल्ली में अपने मामा जी के घर पर रहता हूं और उनके घर से ही मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की। हमारे घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए मामा जी ने हीं मेरी पढ़ाई का खर्चा उठाया। अब मेरी पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद मैंने नौकरी की तलाश शुरू कर दी लेकिन मुझे उसके लिए काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ी। जब मेरी नौकरी एक अच्छी कंपनी में लग गई तो मैं काफी ज्यादा खुश था कि मेंरी नौकरी लग चुकी है मामा जी भी इस बात से बहुत ज्यादा खुश थे उन्होंने हमेशा ही मेरे और मेरे परिवार का साथ दिया है। अगर मामा जी का हाथ हम लोगों के सर पर नहीं होता तो शायद ही मैं अपनी पढ़ाई पूरी कर पाता। पापा की मृत्यु के बाद हमारे घर की स्थिति ठीक नहीं थी मां की तबीयत भी ज्यादातर खराब ही रहती है लेकिन अब मेरी नौकरी लग चुकी थी तो मैं चाहता था कि अपनी छोटी बहन और मां को अपने साथ ही दिल्ली बुला लूं।

मैंने भी मामा जी से इस बारे में बात की तो उन्होंने मुझे कहा कि बेटा तुम देख लो जैसा तुम्हें ठीक लगता है। मामा जी ने अब यह सब मुझ पर ही छोड़ दिया था फिर मैंने भी सोचा कि मैं मां से एक बार बात कर लेता हूं। मैंने उस दिन जब मां से बात की तो मां ने मुझे कहा कि हर्षित बेटा तुम अच्छा कमाने लगे हो और मैं इस बात से काफी ज्यादा खुश हूं लेकिन मैं तुम्हारे साथ नहीं आ सकती। मैंने मां से कहा कि मां अगर तुम और लता मेरे साथ आ जाओगे तो मुझे काफी अच्छा लगेगा। मैंने किसी प्रकार से मां को मना लिया था और फिर वह लोग मेरे पास दिल्ली आ गए। मैंने एक घर किराए पर ले लिया और वहां पर मैं मां और अपनी छोटी बहन लता के साथ रहने लगा। सब कुछ बहुत ही अच्छे से चल रहा था और मैं भी काफी ज्यादा खुश था कि अब मेरी मां और मेरी बहन मेरे साथ रहती है।

मैं बहुत खुश था और जल्द ही मेरा प्रमोशन भी हो गया था मेरा प्रमोशन इतनी जल्दी हुआ की मैंने कभी सोचा भी नहीं था लेकिन अब मेरा प्रमोशन हो चुका था और मेरी जिंदगी पूरी तरीके से बदल चुकी थी। लता की भी शादी की उम्र हो चुकी थी इसलिए मैंने जब मां से इस बारे में बात की तो मां मुझे कहने लगी कि बेटा अगर तुमने लता की शादी के बारे में सोचा है तो तुमने ठीक ही सोचा होगा लेकिन मेरी नजर में फिलहाल तो ऐसा कोई लड़का नहीं था। मैंने जब मामा से इस बारे में बात की तो उन्होंने मुझे कहा कि हर्षित बेटा यह सब तुम मुझ पर छोड़ दो मैं लता के लिए कोई अच्छा सा लड़का देखकर उसकी शादी करवा दूंगा। मामा जी ने अपने ही किसी परिचित के लड़के से लता के बारे में बात की तो वह लोग लता को देखने के लिए घर आए और उन लोगो को लता काफी ज्यादा अच्छी लगी उसके बाद लता और मनीष की सगाई तय हो गई। मनीष और लता की सगाई हो चुकी थी मैं इस बात से काफी खुश था कि लता की सगाई हो चुकी है और जल्द ही उन लोगों की शादी होने वाली थी। मैंने जो भी पैसे जमा किए थे वह सब मैंने लता की शादी में लगा दिए और लता की शादी में मैंने किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रहने दी। उसकी शादी बड़ी धूमधाम से हो चुकी थी और फिर वह अपने ससुराल जा चुकी थी उसके बाद मां और मैं ही घर पर रह गए थे। एक दिन मां मुझसे कहने लगी कि बेटा तुम भी अब शादी कर लो तुम्हारी उम्र भी तो शादी की हो चुकी है।

मैंने मां से कहा कि हां मुझे पता है कि मेरी उम्र भी शादी की हो चुकी है लेकिन फिलहाल मैं शादी नहीं करना चाहता मैं अभी आपके ऊपर पूरा ध्यान देना चाहता हूं। मैं मां का ध्यान रख रहा था और अपनी नौकरी पर मैं पूरी तरीके से फोकस कर रहा था जिससे कि मेरे ऑफिस में मेरे बॉस भी मुझसे काफी ज्यादा खुश रहते हैं। मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन जब मेरी जिंदगी में शोभिता आई तो मेरी जिंदगी और भी ज्यादा बदलने लगी। शोभिता के मेरी जिंदगी में आने से मेरी जिंदगी पूरी तरीके से बदलने लगी शोभिता और मेरी मुलाकात हमारे ऑफिस में काम करने वाले रमन ने करवाई। जब रमन ने मुझे शोभिता से मिलवाया तो मुझे शोभिता काफी अच्छी लगी लेकिन मुझे नही पता था कि शोभिता और मैं एक दूसरे के इतने ज्यादा करीब आ जाएंगे। पहले हम लोग सिर्फ मैसेज पर एक दूसरे से बातें किया करते थे उसके बाद मैं और शोभिता एक दूसरे से मिलने लगे। जब हम दोनों एक दूसरे को मिलने लगे तो हम दोनों को एक दूसरे का साथ काफी अच्छा लगने लगा। अब हम दोनों को एक दूसरे का साथ बहुत ही अच्छा लगने लगा था और फिर मैंने शोभिता को अपने दिल की बात कह दी। जब मैंने शोभिता को अपने दिल की बात कही तो शोभिता भी तुरंत मेरी बात मान गई और मुझे कहने लगी कि मैं भी तो तुमसे प्यार करने लगी हूं। शोभिता और मेरे बीच काफी ज्यादा प्यार होने लगा था इसलिए हम दोनों एक दूसरे के बिना बिल्कुल भी रह नहीं सकते थे। जब भी मैं शोभिता से मिलता तो हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी अच्छा समय बिताया करते। हम दोनों के बीच इतनी ज्यादा नजदीकियां बढ़ चुकी थी कि मैंने फैसला किया कि मैं शोभिता को अपनी मां से मिलवाऊंगा और जब मैंने शोभिता को मां से मिलवाया तो मां मुझे कहने लगी कि क्या तुम दोनों एक दूसरे को प्यार करते हो। मैंने मां से कहा कि हां मां हम दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं। हम लोग बहुत ही ज्यादा खुश थे क्योंकि मां ने शोभिता को स्वीकार कर लिया था और इस बात से मैं काफी ज्यादा खुश था।

हम दोनों की जिंदगी में सब कुछ अच्छा चल रहा था और मैं और शोभिता एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते। एक दिन मैंने जब शोभिता को घर पर बुलाया तो उस दिन मां मामा जी के घर पर गई हुई थी। शोभिता और मैं घर पर अकेले थे। उस दिन ना चाहते हुए भी मैं शोभिता की तरफ खींचा चला गया और मैंने शोभिता के होठों को किस कर लिया। जब मैंने जब शोभिता के होठों को चूमा तो उसे भी काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था और हम दोनों एक दूसरे के साथ चुम्मा चाटी करने लगे। हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाते जा रहे थे अब हम दोनों की गर्मी इस कदर बढ़ने लगी थी कि मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था और ना ही शोभित अपने आपको रोक पा रही थी। मैंने शोभिता से कहा क्यों ना हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा ले लेकिन शोभिता इस बात के लिए तैयार नहीं थी। वह डर रही थी परंतु मैंने शोभिता को किसी प्रकार से मना लिया और उसे कहा मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है। मैंने शोभिता के साथ सेक्स करने की बात कही तो वह भी मेरी बात मान गई है। अब मैंने उसके बदन से कपड़े उतारे और उसके नंगे बदन को देखा तो मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया था। मेरी उत्तेजना बहुत बढ़ने लगी मैंने शोभिता के स्तनो को अपने हाथों से दबाना शुरू किया। जब मैं उसके स्तनो को दबा रहा था तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था और शोभिता को भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लगने लगा है। मैंने अब शोभिता के स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया। जब मैं शोभिता के स्तनों को चूस रहा था तो मुझे मजा आता। शोभिता के स्तनों को मैं चूस रहा था जब मैं शोभिता के स्तनों को चूस रहा था तो मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और शोभिता को भी बड़ा मजा आने लगा था। मैंने शोभिता की पैंटी को उतारकर उसकी चूत को सहलाना शुरू किया।

मैने शोभिता की चूत को सहलाना शुरु किया तो उसकी योनि से बहुत ज्यादा पानी बाहर निकलने लगा। वह मुझे कहने लगी तुमने मेरी चूत की गर्मी को पूरी तरीके से बढा कर दिया है। मैंने शोभिता को कहा अब तुम भी नहीं रह पा रही हो और ना ही मै रह पा रहा हूं। मैंने शोभिता की चूत के अंदर अपने लंड को डालना शुरु किया। मेरा लंड उसकी योनि के अंदर जा चुका था और उसकी चूत के अंदर मेरा लंड जाते ही वह बहुत जोर से चिल्ला कर मुझे बोली मेरी योनि से खून निकलने लगा है मुझे बहुत डर लग रहा है। शोभित ने पहले कभी किसी के साथ सेक्स नहीं किया था मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था जब शोभिता और मैं एक दूसरे के साथ मजे ले रहे थे। हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढाए जा रहे थे। अब हम दोनों की गर्मी इस कदर बढ़ने लगी थी मैंने शोभिता से कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है। शोभिता मुझे कहने लगी मुझसे भी रहा नहीं जा रहा है। मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को बड़ी तेजी से करने लगा।

मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था जिससे कि उसकी सिसकारियां बढ़ती जा रही थी और मेरे अंदर की आग भी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। शोभिता के अंदर की गर्मी इस कदर बढ़ने लगी की वह मुझे कहने लगी मुझे अब बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा है। मैंने उसके पैरों को अपने कंधों पर रख लिया शोभिता के पैरो को मैंने अपने कंधों पर रख लिया था जिससे मुझे उसकी चूत और भी ज्यादा टाइट महसूस होने लगी थी। मैं शोभिता की योनि के अंदर बाहर अपने लंड को किए जा रहा था और शोभिता को बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। जब मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था तो मुझे वह कहती बस ऐसे ही मुझे तुम चोदते जाओ। मैने शोभिता को बहुत ज्यादा तेज गति से धक्के मारने शुरू कर दिए। मै शोभिता को बडे ही तेजी से चोद रहा था और शोभिता को बहुत मजा आ रहा था और मुझे भी काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था। मैंने शोभिता को काफी देर तक चोदा और उसकी गर्मी को पूरी तरीके से बढा कर रख दिया था। शोभित मेरी गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी हम दोनों ही एक दूसरे के साथ सेक्स कर कू खुश थे। मैंने शोभिता की चूत में अपने माल को गिराकर उसकी चूत को पूरी तरीके से अपनी माल से भर दिया था।
 
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