मेरे अंदर की गर्मी बढ़ा दी

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Hindi sex stories, antarvasna: मैं भैया के साथ एक दिन दुकान पर जा रहा था भैया ने मुझे कहा कि रोहित आज तुम दुकान संभाल लेना क्योंकि मैं आज तुम्हारी भाभी को लेकर उनके मायके जा रहा हूं मैंने भैया से कहा ठीक है। हम लोग डिपार्टमेंटल स्टोर चलाते हैं और काफी समय से हम लोग उसे चला रहे हैं मैंने भी अपनी पढ़ाई के बाद भैया के साथ हाथ बढ़ाना शुरू कर दिया था। पहले पापा ही दुकान को संभाला करते थे जब पापा दुकान को संभाला करते थे उस वक्त दुकान पुरानी थी और उसके बाद हम लोगों ने उसे बदलकर डिपार्टमेंट स्टोर बना दिया। अब हमारा काम भी अच्छे से चलने लगा है और घर में सब लोग इस बात से बड़े खुश हैं। पहले पापा इस बात से बहुत ही गुस्सा हो गए थे लेकिन फिर हमने उन्हें मना लिया था। उस दिन मैं ही दुकान पर बैठने वाला था और मैं ही दुकान को संभालने वाला था। मैं जब शाम के वक्त दुकान से घर लौटा तो भैया ने कहा कि रोहित दुकान में कोई परेशानी तो नहीं हुई मैंने भैया को कहा नहीं भैया मुझे क्या परेशानी हुई। थोड़ी देर बाद हम लोगों ने डिनर किया भैया भाभी को कुछ दिनों के लिए उनके मायके छोड़ आए थे और वह अगले दिन से मेरे साथ स्टोर पर आने लगे। हम दोनों साथ में ही स्टोर पर जाते हैं और साथ में ही हम लोग घर लौटा करते है।

एक दिन भैया की तबीयत ठीक नहीं थी तो उन्होंने मुझे कहा कि रोहित आज तुम दुकान संभाल लेना मैंने भैया से कहा ठीक है और उस दिन मैं हीं दुकान सम्भाल रहा था। कुछ दिन बाद भाभी भी घर लौट चुकी थी और मैं जब भी दुकान पर होता तो मुझे काफी अच्छा लगता था मैं दुकान का काम अच्छे से संभाल रहा था। एक दिन हमारे स्टोर पर एक लड़की आई हुई थी उसे देखकर मैं बहुत ही खुश था क्योंकि उस लड़की ने जब मुझसे बात की तो मुझे उससे बात कर के बड़ा ही अच्छा लगा। मैंने उससे बात की उसके बाद मेरी मनीषा से बातें होने लगी थी और मनीषा और मेरी काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी। हम दोनों एक दूसरे से चैट करने लगे थे और यह बात भैया को भी पता चल चुकी थी। जब भैया ने मुझसे इस बारे में पूछा तो मैंने भैया को इस बारे में सब कुछ बता दिया। मनीषा के बारे में मेरे घर पर सबको पता चल चुका था। मनीषा के साथ जब भी मैं होता तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता। एक दिन मैं और मनीषा साथ में बैठे हुए थे उस दिन हम दोनों बातें कर रहे थे तो मनीषा ने मुझे कहा कि रोहित अब मेरे कॉलेज की पढ़ाई भी पूरी हो चुकी है और मैं नौकरी की तलाश में हूं। मैंने मनीषा को कहा कि तुम्हे नौकरी मिल जाएगी तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो।

उस दिन हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा समय बिताया फिर मैंने मनीषा को उसके घर छोड़ा और मैं अपने घर लौट आया। जब मैं अपने घर लौटा तो उसके बाद मैं और मनीषा एक दूसरे से फोन पर बातें करने लगे थे हम दोनों फोन पर एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो हम दोनों को ही अच्छा लग रहा था। हमारी अक्सर फोन पर बातें होती रहती थी और मैं मनीषा को मिलने के लिए जाता रहता था। मैं जब मनीषा को मिला तो मैं और मनीषा साथ में ही थे हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा समय बिताया और उसके बाद मुझे और मनीषा को बहुत ही अच्छा लगा। मैं मनीषा के साथ जब भी होता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता। जल्द ही मनीषा की जॉब लग चुकी थी और वह मुझे हर रोज शाम के वक्त मिला करती लेकिन काफी दिन हो गए थे मैं मनीषा को मिल नहीं पाया था। मैं इस बात को लेकर परेशान भी था कि मैं मनीषा के साथ में कैसे टाइम स्पेंट करूं क्योंकि मनीष और मैं कुछ दिनों से मिल नहीं पा रहे थे। मनीषा के ऑफिस में कुछ ज्यादा ही काम है इसलिए वह ज्यादा ही बिजी हो गई थी। मैंने मनीषा को कहा भी था कि अगर तुम बिजी हो तो हम लोग कुछ दिनों बाद मिलेंगे। जिस दिन मनीषा की छुट्टी थी उस दिन हम दोनों ने मिलने का फैसला किया और हम दोनों काफी समय के बाद मिल रहे थे। जब हम दोनों मिले तो उस दिन मैं मनीषा के साथ बात कर रहा था और हम दोनों को काफी अच्छा लग रहा था। मनीषा ने जब मुझसे शादी की बात की तो मैंने मनीषा को कहा कि मनीषा यह फैसला मैं इतनी जल्दी नहीं ले सकता हूं मुझे उसके लिए थोड़ा समय चाहिए होगा। मनीषा ने कहा कि ठीक है तुम्हें जितना समय चाहिए तुम ले लो लेकिन मुझे लगता है कि हम लोगों को शादी कर लेनी चाहिए। मैंने उसके बाद मनीषा को घर छोड़ा और फिर मैं अपने घर लौट आया।

मैं चाहता था कि मैं भैया से पहले इस बारे में बात करूं और मैंने उस दिन भैया से इस बारे में बात की। जब मैंने भैया से इस बारे में बात की तो भैया ने मुझे कहा कि रोहित अगर तुम्हें लगने लगा है कि तुम्हें शादी कर लेनी चाहिए तो तुम शादी कर लो। मैंने भैया से कहा कि भैया वह सब तो ठीक है लेकिन क्या पापा मनीषा के साथ मेरी शादी करवाने के लिए मान जाएंगे। मैंने जब यह बात भैया को पूछी तो भैया कहने लगे कि हां क्यों नहीं मनीषा एक अच्छी लड़की है और वह एक अच्छे घर से भी है। मनीषा को भैया पहले भी मिल चुके थे इसलिए मनीषा को भैया जानते हैं। मैंने भी अपनी शादी की बात को आगे बढ़ाने का फैसला किया और मैंने खुद ही पापा से इस बारे में बात की। जब मैंने उनसे इस बारे में बात की तो पापा ने मुझे कहा कि बेटा तुम अगर मनीषा से शादी करना चाहते हो तो हमें पहले उसके परिवार वालों से मिलना होगा। पापा भी हमारी शादी के लिए तैयार हो चुके थे और जब वह मनीषा के परिवार वालों से मिले तो उन लोगों को भी कोई एतराज नहीं था और हम दोनों की सगाई जल्दी हो गई। हम दोनों की सगाई हो जाने के बाद हम दोनों बड़े खुश थे मनीषा भी बहुत ज्यादा खुश थी। जिस तरीके से हम दोनों का रिलेशन आगे बढ़ रहा था उससे हम दोनों बहुत ज्यादा खुश है।

मनीषा और मै साथ में समय बिताया करते तो हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता था। एक दिन मनीषा और मैं साथ में थे उस दिन हम दोनों ने लॉन्ग ड्राइव पर जाने का फैसला किया हम लोगों लॉन्ग ड्राइव पर चले गए। हम दोनों काफी आगे निकल चुके थे मैंने मनीषा को कहा हम लोगों को वापिस चलना चाहिए काफी रात भी हो चुकी है लेकिन मनीषा मेरी बात कहां मानने वाली थी उसने मुझे कहा आज हम लोग कहीं बाहर ही रूक जाते हैं। हम दोनों ने वहीं पर एक होटल ले लिया हम लोगों ने होटल ले लिया था लेकिन मुझे बिल्कुल भी ठीक नहीं लग रहा था। मनीषा मेरे साथ में बैठी हुई थी मैं मनीषा के बदन को महसूस करना चाहता था उसके होठों को किस करने के दौरान मनीषा गरम होती जा रही थी। हम दोनों बहुत ज्यादा गरम हो गए थे जिससे कि मैं अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पा रहा था ना तो मनीषा अपने आपको रोक पा रही थी और ना ही मैं अपने आपको रोक पा रहा था। हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स करने का फैसला कर लिया था जब मैंने मनीषा के बदन से उसके कपडो को उतारा तो मनीषा के नंगे बदन को देखकर मैं बहुत ही ज्यादा खुश था और उसके होठों को चूमने लगा। मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया मैं उसके बूब्स को चूसता तो वह मुझे कहती मुझे अच्छा लग रहा है। मैंने जब मनीषा के स्तनो को चूसना शुरू किया तो वह कहने लगी तुम ऐसी मेरे निप्पल को चूसते रहो।

मैं काफी देर तक उसके निप्पल को ऐसे ही चूसता रहा फिर मैंने मनीषा के होठों को भी चूमना शुरू कर दिया। काफी देर तक मैंने उसकी चूत को चाटा उसकी चूत से बहुत ज्यादा गर्म पानी बाहर की तरफ कर निकलने लगा था वह गर्म होती जा रही थी। मैंने मनीषा को कहा मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है अब मैंने मनीषा की चूत पर अपने लंड को लगाया तो मनीषा की चूत से गर्म पानी बाहर निकाल रहा था जैसे ही मैंने उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया तो मुझे मजा आने लगा और उसको भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी। हम दोनों एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे मैंने देखा मनीषा की चूत से खून बाहर की तरफ को निकल रहा है जिस से कि मनीषा बड़ी खुश नजर आ रही थी और वह मेरा साथ बडे ही अच्छे से रही थी। वह मुझे कहने लगी मुझे और भी तेजी से चोदते जाओ। मैंने उसे बड़ी तेज गति से चोदना शुरू कर दिया था मैं उसे बड़ी तेज गति से चोद रहा था। जब मैं उसे धक्के मारता तो हम दोनों की गर्मी बढ़ती जा रही थी अब मैंने मनीषा के दोनों पैरो को आपस मे मिला लिया था।

हम दोनो एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे। मनीषा ने अपने पैरों से मुझे जकडना शुरु कर दिया था। मेरा लंड आसानी से उसकी योनि के अंदर प्रवेश होने लगा। जब मेरा लंग उसकी योनि के अंदर जा रहा था तो मुझे अच्छा लग रहा था मैं मनीषा की चूत के अंदर बाहर लंड को किए जा रहा था। मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर आसानी से जा रहा था जब मेरा लंड उसकी योनि में जाता तो मुझे बड़ा ही मजा आता और मनीषा को भी बहुत अच्छा लग रहा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे थे उससे हम दोनों ही बड़े खुश थे और मनीषा भी बहुत ज्यादा खुश थी। जब वह मेरे साथ सेक्स कर रही थी लेकिन जल्द ही मेरे वीर्य की पिचकारी ने मनीषा की चूत को भर कर रख दिया जिसके बाद मनीषा मेरे गले लग गई। मैं मनीषा के ऊपर ही लेटा हुआ था और उसके होठों को चूम रहा था मुझे अच्छा लग रहा था जब मैं मनीषा के होठों को चूम रहा तो वह मुझे आई लव यू बोली मै बडा ही खुश था।
 
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