मेरे अंदर सेक्स की आग जला दी

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Antarvasna, sex stories in hindi: घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी मैं अपने कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था पापा ने दीदी की शादी करवाने के लिए साहूकार से कुछ पैसे ब्याज पर ले लिए थे जो कि उनके लिए सिरदर्द बन चुका था। हालांकि वह अभी भी नौकरी कर रहे थे लेकिन उनकी तनख्वाह में से आधे से ज्यादा पैसा तो साहूकार को देना पड़ता जिस वजह से पिताजी काफी ज्यादा तनाव में रहने लगे थे। वह घर में किसी से भी ज्यादा बात नहीं करते थे उनके चेहरे पर तनाव देखकर मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था वह काफी ज्यादा परेशान रहने लगे थे और दिन-रात वह इसी बारे में सोचते रहते थे कि कैसे वह उन पैसो को लौटाएंगे। पिताजी ने धीरे धीरे उन पैसो को तो लौटा दिया लेकिन उनकी तबीयत खराब होने लगी थी जिस वजह से वह काफी बीमार होने लगे। अब वह रिटायर भी हो चुके थे और जो भी उनकी जमा पूंजी थी वह उनकी बीमारी में लग गई अभी तक वह पूरी तरीके से ठीक नहीं हुए थे।

मेरी कॉलेज की पढ़ाई तो पूरी हो चुकी थी लेकिन मेरे सामने अब यह समस्या थी कि मुझे अपनी जिंदगी में आगे कैसे बढ़ना है मेरे अपने भी कुछ सपने थे मैं उन्हें पूरा करना चाहता था लेकिन यह सब इतना आसान नहीं था। हालांकि हम लोग एक छोटे से शहर के रहने वाले हैं लेकिन मैं हमेशा से ही बड़े सपने देखता था जिस वजह से मैंने दिल्ली का रुख कर लिया। मैं जब दिल्ली गया तो मैंने रहने के लिए एक छोटा सा कमरा लिया मैं अकेले ही वहां पर रह करता था और अपने इंटरव्यू की तैयारी करने लगा। मैंने कई कंपनियों में इंटरव्यू दिया लेकिन कहीं पर भी मेरा सिलेक्शन नहीं हो पाया और अभी तक मेरी नौकरी नहीं लग पाई थी जिस वजह से मैं काफी ज्यादा परेशान था। एक दिन मैंने अखबार में इश्तेहार पड़ा और अगले दिन मैं कंपनी में इंटरव्यू देने के लिए चला गया जब मैं इंटरव्यू देने के लिए गया तो उस कंपनी में मेरा सिलेक्शन भी हो गया और मैं अब अपनी नौकरी में पूरी तरीके से ध्यान देने लगा। मेरी तनख्वा में से आधे से ज्यादा पैसा मैं बचाने लगा था और उन पैसों को मैं घर भेज दिया करता। काफी समय बाद जब मैं घर आया तो मेरी मां काफी खुश थी और पापा भी बहुत खुश थे पापा कहने लगे कि रोशन बेटा हमें तुमसे यही उम्मीद थी।

उन्हें मुझसे काफी उम्मीद थी लेकिन उन्हें इस बात का हमेशा से ही दुख था कि वह मेरे लिए कुछ कर नहीं पाए बहन की शादी का कर्ज इतना सर दर्द बन चुका था कि वह उस तनाव से अभी तक उबर भी नहीं पाए थे। कहीं ना कहीं उनके चेहरे पर वह परेशानी आज भी नजर आ जाती थी लेकिन फिर भी मैंने पूरी मेहनत की और मेरा प्रमोशन भी होने लगा था। मेरा प्रमोशन हो चुका था और जब मेरा प्रमोशन हुआ तो मेरी तनख्वाह बढ़ जाने के बाद मैंने एक बड़ा घर किराए पर ले लिया पहले मैं जिस कमरे में रह रहा था वह काफी छोटा था क्योंकि उस वक्त मेरी तनख्वाह इतनी ज्यादा नहीं थी लेकिन अब मेरा प्रमोशन भी हो चुका था और मेरी तनख्वाह भी बढ़ चुकी थी इसलिए मुझे बड़ा घर किराए पर लेना पड़ा। मैं चाहता था कि मेरे मां और पापा मेरे पास रहने के लिए आ जाएं मैंने उनसे कई बार इस बारे में कहा लेकिन पापा ने कहा कि बेटा हम लोग तुम पर अभी से बोझ नहीं बनना चाहते हैं तुम अपने काम पर ध्यान दो। पापा बहुत ही स्वाभिमानी है इसलिए वह कभी भी नहीं चाहते थे कि वह मुझ पर बोझ बने मैं अपने काम पर पूरी तरीके से ध्यान देने लगा था क्योंकि मुझे दिल्ली में नौकरी करते हुए काफी समय हो चुका था इसलिए अब दिल्ली में मेरे काफी दोस्ती बनने लगे थे। रोहन मेरे सबसे ज्यादा करीब था क्योंकि रोहन हमेशा ही मेरे परेशानी में मेरा साथ देता था रोहन मुझे अच्छी तरीके से समझता था रोहन के घर पर भी मेरा आना-जाना था। रोहन के घर जब भी मैं जाता तो मुझे काफी अच्छा लगता मैंने एक दिन रोहन से कहा कि रोहन मैं कुछ दिनों के लिए घर जा रहा हूं। रोहन मुझे कहने लगा कि रोशन तुम घर से कब लौटोगे? मैंने उससे कहा कि मैं एक हफ्ते में घर से लौट आऊंगा और फिर मैं अपने घर चला आया। घर से एक हफ्ते बाद मैं दिल्ली लौट गया था जब मैं घर से लौटा तो रोहन उस दिन मुझे मिला रोहन ने मुझे कहा कि रोशन घर पर सब लोग ठीक तो है ना, मैंने रोहन से कहा हां घर में सब कुछ ठीक है।

मैं दीदी से भी मिला था और दीदी भी काफी खुश थी पापा की तबीयत पहले से ज्यादा बेहतर है रोहन और मैं उस दिन साथ में ही बैठे हुए थे तो रोहन ने मुझे बताया कि कुछ दिनों बाद उसके मामा जी विलायत से घर लौट रहे हैं मैंने रोहन से कहा यह तो बहुत अच्छी बात है। रोहन के मामा जी विलायत में काफी वर्षों से रहते हैं और वहां पर वह किसी अच्छी कंपनी में नौकरी करते हैं रोहन भी चाहता था कि वह उन्ही के साथ नौकरी करने के लिए चला जाए। कुछ दिनों बाद रोहन के मामा जी घर लौट आए थे वह लोग भी दिल्ली में ही रहते हैं मैं उनसे पहली बार ही रोहन के घर पर मिला रोहन के मामा जी काफी अच्छे हैं और उनसे मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं एक दिन अपने ऑफिस से वापस घर की तरफ लौट रहा था जब मैं घर लौट रहा था तो रोहन का मुझे फोन आया और वह कहने लगा कि मामा जी का एक्सीडेंट हो गया है हमे उनके घर पर जाना पड़ेगा। मैंने उनको कहा बस मैं 10 मिनट में घर पहुंच रहा हूं फिर हम लोग मामा जी से मिलने के लिए चलेंगे रोहन कहने लगा कि रोशन तुम जल्दी आ जाओ। मैं जल्दी से घर पहुंचा फिर रोहन और मैं मामा जी से मिलने के लिए अस्पताल में गए जब हम लोग हॉस्पिटल में गए तो हमे पता चला कि उनका एक्सीडेंट एक कार से हुआ था।

वह अपनी मोटरसाइकिल से जा रहे थे और कार से उनका एक्सीडेंट हो गया जिससे की उन्हें काफी चोट आई थी। हम लोग जब अस्पताल में थे तो उस दौरान रोहन की मामी काफी ज्यादा परेशान थी। रोहन ने उन्हें कहा आप चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा। उस दिन हम अस्पताल मे ही थे अस्पताल में मेरी एक नर्स से काफी अच्छी बातचीत हो गई उसका नाम आशा है। रात के वक्त आशा की ड्यूटी हॉस्पिटल में ही थी मैं उसके स्तनों और उसकी गांड देखकर उसकी चूत मारने के लिए बहुत उतावला था। आशा भी शायद मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए बहुत ही उत्साहित थी ऐसा ही उस वक्त हुआ जब उसने रात को मुझे कहां आप अभी तक सोए नहीं है। मैंने उसे कहा नहीं मुझे अभी तक नींद नहीं आ रही है जब मैंने उसकी बड़ी गांड पर अपने हाथ को रखा तो वह समझ गई मैं उस से क्या चाहता हूं। आशा भी मेरे साथ अपनी चूत मरवाने के लिए बहुत उतावली थी इसलिए उस रात हम दोनों ने सेक्स करने के बारे में सोचा और हम दोनों अस्पताल के बाथरूम में चले गए। जब हम लोग बाथरूम मे गए तो वह इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो उसने उसे तुरंत अपने मुंह के अंदर ले लिया और बड़े अच्छे चूसनी लगी। वह जिस तरह मेरे लंड को सकिंग कर रही थी मुझे बहुत ही मजा आ रहा था और वह बहुत ज्यादा खुश थी वह बहुत ज्यादा गर्म चुकी थी मैंने उससे कहा मैं तुम्हारी चूत मारना चाहता हूं। उसने अपने सलवार को नीचे किया और मेरे सामने जब उसने अपनी बडी चूतडो को किया तो मैने उसकी चूत के अंदर उंगली को घुसा दिया। वह मुझे कहने लगी तुम मेरी चूत के अंदर अपने मोटे लंड को घुसा दो मैंने उसकी चूत पर मोटे लंड को सटाया तो उसकी योनि से काफी ज्यादा पानी निकल रहा था। मैंने उसे कहा तुम्हारी योनि से काफी पानी बाहर की तरफ निकल रहा है वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी।

मैंने जब उसकी योनि के अंदर धक्का देकर अपने लंड को अंदर घुसाया तो वह बड़ी जोर से चिल्लाई और मुझे कहने लगी तुमने तो मेरी चूत को फाड दिया है। मैंने उसे कहा तुम्हारी चूत बहुत ज्यादा टाइट है। वह इस बात से खुश थी उसने अपनी लंबी टांगों को मेरी तरफ किया हुआ था उसकी बड़ी चूतडो को मैंने अपने हाथों में पकड़ा हुआ था मैं उसे धक्के मार रहा था। वह मुझे कहने लगी मुझे काफी मजा आ रहा है और मुझे भी बहुत ज्यादा आनंद आता। मुझे उसे धक्के मारने मे इतना आनंद आ रहा था कि मैं अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पा रहा था और ना ही वह अपनी गर्मी को रोक पा रही थी आशा ने मुझसे कहा मेरे अंदर की गर्मी तो लगातार बढ़ती ही जा रही है। मैं आशा की चूत के अंदर की गर्मी को बढ़ चुका था इसलिए मुझे लगता शायद मैं ज्यादा देर तक अपने आपको नहीं रोक पाऊंगा। मैं उसकी चूत के अंदर बाहर बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही मजा आ रहा है। वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी उसकी गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है।

जब मेरा वीर्य गिरने वाला था तो उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर हिलाना शुरू किया और उसे अपने मुंह में ले लिया तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था। वह मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी तो मेरे लंड से पानी बाहर निकलने लगा था और थोड़ी देर बाद मुझे एहसास होने लगा कि मेरा अंडकोषो से मेरा वीर्य बाहर की तरफ गिरने वाला है और थोड़ी ही देर बाद मेरा वीर्य बड़ी तेजी से बाहर की तरफ गिरा। जैसे कि उसने अपने मुंह के अंदर मेरे वीर्य को लिया तो वह मुझे बोली आपका वीर्य बड़ा ही स्वादिष्ट है। कुछ देर बाद मेरे आग दोबारा से बढ़ने लगी थी मैंने दोबारा से उसकी चूत मारनी शुरू की काफी देर तक उसकी चूत मारना के बाद जब मैं पूरी तरीके से संतुष्ट हो गया तो मुझे काफी अच्छा लगा और वह भी बड़ी खुश थी मैं उसकी चूत मार पाया।
 
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