sexstories

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मेरा नाम राजा है. मैं २८ साल का हु. किस्सा थोडा लम्बा है. इसलिए धेर्य के साथ सुनिए (पढ़िए). ये किस्सा ३ साल पहले का है और सच है. तब मैं एक ग्रेजुएशन कॉलेज में जूनियर लेक्चरर था. कॉलेज के फैकल्टी में सबसे कम आयु में, मैं ही था और स्टूडेंट फ्रेंडली था. इसलिए सब स्टूडेंट(खासकर लडकिया) मुझे पसंद करती थी. साल २०११ में, मुझे बीऍससी सेकंड इयर में कंप्यूटर का क्लास लेने के लिए कहा गया. उस क्लास में रूपा नाम की एक लड़की थी. उस क्लास की सारी लडकियों में, वो सबसे खुबसूरत लड़की थी. दिखने में ज्यादा गोरी तो नहीं थी. लेकिन उसकी फिगर, लम्बे बाल, बातें करने का स्टाइल.. उफ्फ्फ!!! शायद हर जवान लड़के को अट्रेक्ट करने के लिए काफी है. वो पतली थी. उसके बूब्स शायद ३४ के होंगे. पता नहीं, वो अन्दर ब्रा पहनती थी कि नहीं. क्योंकि जब भी वो जोर से चलती थी उसके बूब्स जोर से हिलते रहते थे. क्लास के बहुत से लड़के उसको लाइन मारते थे. यहाँ तक की, कुछ टीचर लोग भी उसको लाइन मारते थे. जब मैं अपना पहला क्लास लेने गया, मेरी नज़र उस पर पड़ी.

वो फर्स्ट बेंच पर बैठती थी. क्लास में वो मुझे हमेशा घूरती रहती थी. लेकिन जब मैं उसको देखता, तो वो शर्माकर नज़रे झुका लेती थी. एक हफ्ते की क्लास की बाद, एक दिन रूपा मेरे पास आई. उसदिनमैंने पहली बार उसकी आवाज़ सुनी.वो बोली - सर, एक प्रॉब्लम है. मुझे सारे सब्जेक्ट समझ आते है, लेकिन मैं कंप्यूटर में बहुत विक हु. प्लीज आप मुझे एक्स्ट्रा टाइम देके समझा देंगे. मैंने कहा - कॉलेज में तो एक्स्ट्रा टाइम देना थोड़ा मुश्किल है. तो उसने बोला - फिर आप मुझे हमारे घर पर प्राइवेट टूशन पढ़ा दीजिये. मैं सोचने लगा, वो बहुत रिक्वेस्ट कर रही थी. ये सुनकर मैं खुश भी हुआ. मुझे थोड़े पैसों की जरूरत भी थी. मैंने उसको कहा - ठीक है, आज शाम को ६ बजे मैं तुम्हारे घर आऊंगा. तब शुरू हुआ, मेरा और रूपा के घर रोज आना जाना. उसके मम्मी- पापा दोनों ही जॉब करते थे और वो उनकी अकेली लाडली लड़की थी. हम लोग रोज़ २ से २:३० घंटे साथ में बिताते थे. थोडा पढ़ते और बहुत बातें करते थे. रात को वो मुझसे फ़ोन पर भी बातें करने लगी थी.

धीरे- धीरे वो मेरी स्टूडेंट कम और गर्लफ्रेंड लगने लगी. एकदिन, जब मैं उसके घर गया. तो वो बड़ी खुश थी.वो स्कर्ट और टाइट टॉप में थी. मुझे देखकर बोलने लगी - "आज कोई पढाई नहीं होगी". मैं कहा - क्यों? वो बोली - आज घर में कोई नहीं है. मम्मी और पापा शादी अटेंड करने के लिए गाँव गये है. कल सुबह तक वापिस लौटेंगे. मैंने घर में अकेले हु और फुल मस्ती के मूड में हु. मैं कहा - फिर, पढाई का क्या होगा? वो बोली - रोज तो पढ़ती हु. आज एक दिन के लिए छुट्टी. बस इतना कहकर उसने मुझे कसकर हग कर लिया. मैं अपने आप को संभाल नहीं पाया और पास पड़े बेड पर गिर पड़ा और वो मेरे ऊपर गिरी. उसके बड़े- बड़े बूब्स मेरी छाती में धस गये थे और हम दोनों के होठ बिलकुल पास पास थे और हम एकदूसरे की साँसों को महसूस कर सकते थे. मुझे पता नहीं क्या हुआ और मैंने उसके होठो पर अपने होठ रख दिए और किस करने लगा. वो भी आँख बंद करके मुझे किस कर रही थी. मेरे हाथ उसकी गांड को दबाने लगे. उसने मेरे शर्ट के बटन खोल दिए. फिर मेरी छाती को किस करने लगी. तब तक मेरा लंड पूरा खड़ा हो चूका था.

उसने भी अपनी टॉप और स्कर्ट खोल दी और वो बोली - सब कुछ मैं ही खोलूंगी क्या? आप कुछ नहीं खोलेगे? ये सुनकर मैंने उसको उठाया और बेडरूम में ले गया. तुरंत उसकी ब्रा को खोल दिया. क्या गजब की लग रही थी वो! मेरा अनुमान सही था, उसके बूब्स ३४ के ही थे. उसके बूब्स मैंने अपने हाथो में ले लिए और दबाने लगा. वो बोली - सिर्फ दबाओगे क्या? थोडा किस कीजिये. ये कह कर अपने बूब्स को मेरे फेस के पास ले आई. मैंने उसके निप्पल को चूमना शुरू किया. वो ख़ुशी से पागल हो रही थी. मेरा हाथ उसकी पेंटी की तरफ गया. वो थोडा शर्मा कर बोली - बस ऊपर तक ही ठीक है. नीचे मत जाओ. शर्म आ रही है. अब तक जो मैं पूरा आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो चूका था. मुझे रोकना अब मुश्किल था. मैंने उसकी पेंटी को जबरदस्ती खोल दिया. ये देखकर वो थोडा डर गयी और बोली - प्लीज, इतना तक ठीक है. और आगे मत कीजिये. मैं अभी तक विर्जिन हु. इससे आगे कुछ करने की हिम्मत नहीं हो रही है. मैं कहा - डोंट वोर्री, कुछ नहीं होगा, देखना बहुत मज़ा आएगा.. प्रॉमिस.

फिर, मैंने उसके दोनों पैर को खोला के उसकी चूत को देखा. वाह! क्या चूत थी. एक भी बाल नहीं. पूरी साफ़. मैं उसकी चूत को चाटने लगा. क्या टेस्ट था. मैं तो बस चाटे जा रहा था. रूपा पूरी पागल हो गयी थी. उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था. वो बोल रही थी - अहहः अहहः अच्छा लग रहा है और करो प्लीज. और थोडा करो. मैं बस उसके चूत को चाट रहा था. वो पुरे पसीने से लाल हो गयी थी. अब चाटने की बारी उसकी थी. मैंने अपना पेंट और चड्डी खोल दी. कसम से, उसे दिन मेरा लंड कुछ ज्यादा ही बड़ा लग रहा था. मैंने रूपा के फेस की तरफ अपने लंड को किया और बोला - इसे जरा किस करो. शायद वो इतने बड़े लंड को पहली बार देख रही थी. डरके बोली - नहीं, मैं इसे नहीं चूस सकती. मैंने जबरदस्ती उसके मुह में अपने लंड को घुसा दिया. वो धीरे- धीरे चाटने लगी. अब उसे भी मज़ा आने लगा. फिर, मैंने अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया. वो बहुत जोर से चिल्लाई. मुझे कसकर पकड़ी हुई थी. पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया.

हम दोनों को मज़ा आ रहा था. वो प्यार से मुझे चूमती रही और बोली - और जोर से, प्लीज. मज़ा आ रहा है. मैं पागलो की तरह बेड पर उसको चोदे जा रहा था. मैंने अपना सारा स्पर्म उसकी चूत के ऊपर डाल दिया. वो हंसकर बोली - अपना लंड दीजिये..मुझे उसको चाटना है. तब तक रात के ९ बज चुके थे. हम दोनों बेड पर पुरे नंगे बेहाल से पड़े हुए थे. वो फिर मेरे कान के पास आकर बोली - आज रात, मैं घर में अकेले नहीं सोना चाहती हु. प्लीज आज रात रुक जाईये ना. मैं राजी हो गया और रात भर रूपा को चोदा. अब तो वो ना ही डरती थी और ना ही शर्माती थी. अपने आप ही कपड़े खोल के मुझे चूमने लगती. वो हमेशा मजाक में कहती - आप मेरे टीचर है और एक स्टूडेंट का ये धर्म है, कि वो अपने गुरु को तरह से खुश करे. पिछले साल उसकी शादी हो गयी. वो अब यूऍस में है और हमेशा फ़ोन पर बोलती है.

"आप जैसा ख़ुशी वो (उसका हसबैंड) नहीं दे पाता है. जब इंडिया आउंगी, तो आप मुझे जी भरकर चोदना" और आई ऍम आल्सो वेटिंग फॉर डेट.
 
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