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Antarvasna, hindi sex kahani: मैं अपनी शादीशुदा जिंदगी बड़े ही अच्छे से पायल के साथ गुजार रहा था मेरी जिंदगी में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं थी और मैं बहुत खुश था। पायल से मेरी मुलाकात करीब 4 वर्ष पहले हुई थी जब पायल का परिवार हमारे पड़ोस में रहने के लिए आया था, पायल और हमारे परिवार के बीच काफी अच्छी बनने लगी थी जिस वजह से पायल और मैं काफी नजदीक आ चुके थे। हम दोनों एक दूसरे के इतने करीब आ गए कि हम दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया था। हालांकि इस बात से मेरे पापा बिल्कुल भी खुश नहीं थे लेकिन मैंने कभी भी यह बात पायल को पता नहीं चलने दी थी। मेरे पापा चाहते थे कि मैं उनके दोस्त की लड़की से शादी करूं लेकिन फिर भी मैंने उन्हें पायल से शादी के लिए कहा तो वह लोग मान गए और मेरी शादी उन्होंने पायल से करवा दी।

शादी के बाद हम दोनों की जिंदगी अच्छे से चल रही थी लेकिन एक दिन जब मुझे पता चला कि पायल मेरे प्रति बिल्कुल भी वफा दार नहीं है तो मैं पायल से दूरी बनाने लगा। हम दोनों एक ही छत के नीचे रहते लेकिन उसके बावजूद भी हम दोनों एक दूसरे से बात नहीं किया करते हम दोनों सिर्फ नाम के ही पति-पत्नी थे और इसके अलावा हम दोनों ना तो एक दूसरे से कुछ बातें करते और ना ही मुझे पायल से बात करना अच्छा लगता था। मैं चाहता था कि पायल से मैं तलाक ले लूं लेकिन यह सब इतना आसान नहीं था पायल से मैं डिवोर्स तो लेना चाहता था लेकिन मुझे यह भी डर था की मैंने ही पायल को पहले शादी के लिए कहा था लेकिन धीरे-धीरे हम दोनों के बीच अब काफी गहरी खाई बढ़ने लगी थी जिसकी वजह से पायल अब मेरे साथ नहीं रहना चाहती थी। एक दिन पायल ने मुझे कहा कि सुधीर मैं तुम्हारे साथ नहीं रह सकती पायल के ऐसा कहने से मैं काफी खुश था और मैं तो चाहता ही था कि मैं पायल से डिवोर्स ले लूं और मैंने पायल से डिवोर्स ले लिया। पायल से डिवोर्स लेने के बाद मैं अपने काम पर पूरी तरीके से ध्यान देने लगा पायल और मैं अब अलग हो चुके थे और हम दोनों कि मुलाकात कम ही हुआ करती थी। पायल अपनी दीदी के पास इंग्लैंड चली गई थी जिस वजह से हम दोनों की मुलाकात अब काफी कम हुआ करती थी।

एक दिन पायल ने मुझे फोन किया पायल ने जब उसने मुझे फोन किया तो वह मुझे कहने लगी कि सुधीर मुझे तुम्हारे साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था उसके लिए मैं तुमसे माफी मांगना चाहती हूं। मैंने पायल को कहा देखो पायल अब जो होना था वह तो हो चुका है अब हम दोनों को अपनी जिंदगी में आगे बढ़ कर सोचना चाहिए और हम दोनों अब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुके थे। मैं अपने बिजनेस पर पूरा ध्यान लगा रहा था जिससे कि मेरा बिजनेस भी अच्छा चलने लगा था और सब कुछ मेरी जिंदगी में ठीक होने लगा था। एक दिन मेरी मुलाकात पार्क में आकांक्षा से हुई जब मैं आकांक्षा से मिला तो आकांक्षा के साथ बात करना मुझे अच्छा लगने लगा लेकिन आकांक्षा और मेरा इतना भी परिचय नहीं था कि मैं आकांक्षा को मिल पाता। करीब एक महीने बाद आकांशा और मेरी मुलाकात दोबारा से हुई। जब हम दोनों की मुलाकात हुई तो उस दिन मैंने आकांक्षा को अपने साथ डिनर पर इनवाइट किया और आकांक्षा मेरी बात मान गई। उस दिन हम दोनों साथ में थे तो आकांक्षा ने मुझे बताया कि उसका आज बर्थडे भी है यह बात सुनकर मैंने आकांक्षा से कहा मैं बस अभी आता हूं। मैं वही पास के एक स्टोर में गया और वहां से आकांक्षा के लिए गिफ्ट ले लिया उस समय मेरा आकांक्षा के लिए कुछ बड़ा गिफ्ट लेना तो संभव नहीं था लेकिन मुझे जो मिला मैंने वह ले लिया और आकांक्षा को दिया। आकांक्षा बहुत खुश हो गई आकांक्षा मुझे कहने लगी कि सुधीर तुम्हें यह सब करने की क्या जरूरत थी। मैंने आकांक्षा को कहा आकांक्षा अगर मुझे पता होता कि आज तुम्हारा बर्थडे है तो उसे हम और अच्छे से सेलिब्रेट करते आकांक्षा मुझे कहने लगी कि मुझे अकेला ही अच्छा लगता है और मुझे अच्छा लगा कि आज तुम मेरे साथ हो। हम दोनों साथ में थे और हम दोनों ने साथ में अच्छा समय बिताया काफी समय बाद मुझे ऐसा लगा था कि जैसे मैं उस दिन खुश था मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट थी। जब उस दिन मैं देर रात घर लौटा तो मेरी मां कहने लगी कि सुधीर बेटा अभी तुम कहां से आ रहे हो तो मैंने मां को बताया कि मां मैं अपने एक दोस्त के साथ था इसलिए मुझे आने में देर हो गई।

मां और मैं कुछ देर बैठे रहे फिर मां सोने के लिए चली गयी और मैं उस रात सिर्फ आकांशा के बारे में ही सोचता रहा मेरे दिमाग में सिर्फ आकांक्षा का ही ख्याल आ रहा था। अगले दिन मुझे आकांक्षा ने फोन किया और उसने मुझसे मिलने की बात कही तो मैं उससे मिलने के लिए चला गया। जब मैं उससे मिलने के लिए गया तो मुझे आकांक्षा को मिलकर बहुत ही अच्छा लगा और वह भी काफी खुश थी। वह मुझे कहने लगी कि मुझे भी तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है उस दिन हम दोनों ने साथ में समय बिताया। आकांक्षा को मेरे बारे में सब कुछ पता था उसे यह भी मालूम था कि मेरा डिवोर्स हो चुका है और पायल और मैं एक दूसरे से प्यार करते थे हम दोनों ने शादी की लेकिन हम दोनों अपने रिश्ते को आगे ना बढा पाए। आकांक्षा और मेरे बीच बहुत ही ज्यादा नजदीकियां बढ़ती जा रही थी और एक दिन मैंने आकांक्षा को कहा मुझे तुमसे मिलना था। आकांक्षा ने मुझे अपने घर पर बुला लिया हम दोनों साथ में बैठे हुए थे आकांक्षा का भरोसा मैं पूरी तरीके से जीत चुका था।

अब हम दोनों उस दिन साथ में थे मैंने आकांक्षा को कहा तुम्हारे होंठ बहुत ही अच्छे लग रहे हैं उसने अपने होठों पर लाल रंग की लिपस्टिक लगाई हुई थी उसे देख मेरा लंड तन कर खड़ा हो रहा था और मेरा मन कर रहा था कि वह अपने लाल होठों से मेरे लंड को चूसे। मैंने जब उसके हाथ को पकड़ा तो उसके हाथ से काफी ज्यादा गर्मी बाहर निकल रही थी मैं समझ चुका था उसकी गर्माहट बहुत ज्यादा बढ़ने लगी है वह ज्यादा देर तक अपने आपको नहीं रोक पाएगी। मैंने भी उसे अपनी बाहों में लेने की कोशिश की जब मैंने उसे अपनी बाहों में समा लिया तो वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गई। मैंने उसके लाल होंठों को चूमना शुरू किया उसके लाल होठों को चूमकर मुझे अच्छा लग रहा था और उसकी लिपिस्टिक मेरे होठों पर लग चुकी थी काफी देर तक चुम्मा चाटी करने के बाद अब मुझे एहसास होने लगा था कि मुझे उसे अपने लंड को चूसवाना है। मैंने उससे कहा तुम अपने होठों पर लिपस्टिक लगा लो मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो उसने भी अपने होठों पर लिपस्टिक लगाकर अपने होठों को लाल कर लिया और मेरे लंड को चूसने लगी। उसकी लिपस्टिक मेरे लंड पर लगने लगी लेकिन जिस प्रकार से वह लंड को अपने गले के अंदर तक ले रही थी उससे मुझे बड़ा आनंद आ रहा था और वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी। उसने मुझे कहा मुझे बहुत ही मजा आ रहा है अब उसके अंदर की गर्मी इतनी अधिक होने लगी थी कि मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया तो वह बहुत जोर से चिल्लाते हुए कहने लगी कि तुम अपने लंड को मेरी योनि में प्रवेश करवा दो। मैंने जैसे ही अपने लंड को उसकी योनि के अंदर डालना शुरू किया तो वह चिल्लाने लगी मेरा लंड उसकी योनि के अंदर तक जा चुका था मेरा लंड उसकी चूत की दीवार से टकरा था और मेरी गर्मी बढ जाती। मै उसके स्तनों को दबाने लगा वह बहुत ही ज्यादा खुश थी उसके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था। मैंने उसे अब इतनी तीव्रता से चोदना शुरू कर दिया था कि वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और मुझे कहने लगी मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही हूं।

यह बात सुनते ही जैसे मेरे अंदर गर्मी बढ़ती चली गई मैंने उसके दोनों पैरों को आपस में मिलाकर उसे बड़ी तीव्रता से चोदना शुरू किया मैं जिस तेज गति से धक्के मार रहा था उसे बहुत अच्छा लग रहा था कुछ देर तक ऐसे ही मैंने उसे चोदा लेकिन उसकी चूत मेरे लंड से मेरे वीर्य को बाहर निकाल रही थी इसलिए मेरा वीर्य जल्दी बाहर गिर गया। जैसे ही मेरा वीर्य पतन हुआ तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश था और मुझे बहुत ही अच्छा लगा। मैंने उसकी योनि में अपने सफेद माल को गिरा दिया वह खुश हो गई लेकिन कुछ देर के बाद मेरी इच्छा दोबारा उसको चोदने की होने लगी। मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को चूसो उसने बड़े ही अच्छे तरीके से मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसा और उसे बहुत ही मजा आया।

मुझे भी मजा आ रहा था वह मेरे लंड को बड़े अच्छे से चूस रही थी और मेरी गर्मी को बढ़ाती ही जा रही थी। उसने मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा दिया था मेरी गर्मी अब इतनी अधिक हो चुकी थी मैंने उसे कहा तुम अपनी चूतडो को मेरी तरफ कर लो उसने अपनी चूतड़ों को मेरे तरफ किया तो मैंने उसकी चूत की तरफ देखा और अपने लंड को उसकी चूत पर लगाते हुए धीरे धीरे अंदर की तरफ धक्का देना शुरू कर दिया मेरा लंड उसकी योनि के अंदर तक चला गया था। जब मेरा लंड उसकी योनि के अंदर गया तो मुझे मजा आने लगा वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी वह जोर से चिल्लाई और मेरा लंड उसकी योनि को अंदर चला गया था उसने मुझे कहा तुमने मेरी चूत फाड़ दी। मैंने उसे कहा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है अब मैंने उसकी पतली कमर को अपने हाथों में पकड़ लिया था और उसकी चूत में बड़ी तेजी से प्रहार करने लगा था मुझे अच्छा लग रहा था और उसे भी बहुत मजा आ रहा था। उसने मुझे कहा तुम अपने लंड को मेरी चूत के अंदर बाहर करते रहो और मेरी गर्मी को जल्दी मिटा दो मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को बहुत देर तक किया और उसकी गर्मी को शांत कर दिया था। उसकी गर्मी शांत हो गई और मुझे बहुत ही अच्छा लगा आकांक्षा के साथ संभोग कर के मुझे आनंद आ गया।
 
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