लंड चूत के बीच प्यार बढ़ता चला गया

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Antarvasna, desi kahani: पारस के साथ मेंरी मुलाकात काफी समय बाद हो रही थी पारस और मैं दिल्ली में ही रहते है और वह मुझसे मिलने के लिए आया हुआ था। हम लोगों की मुलाकात करीब दो महीने बाद हो रही थी मैंने पारस को कहा तुम मुझसे मिलने के लिए आते ही नहीं हो तो वह मुझे कहने लगा कि राहुल तुम जानते तो हो की मेरे पास बिल्कुल भी समय नहीं हो पाता है इसलिए मैं तुम्हें मिल नहीं पाता हूं। मैंने पारस को कहा खैर यह बात छोड़ो और तुम मुझे यह बताओ कि तुमने सगाई कर ली और मुझे इस बारे में कुछ बताया भी नहीं। पारस मुझे कहने लगा कि राहुल यह सब बड़ी जल्दी में हुआ मैंने पारस को कहा लेकिन यह सब कितनी जल्दी हुआ तुम मुझे एक बार फोन करके बता तो सकते थे कि तुम सगाई करने वाले हो। पारस मुझसे कहने लगा की मैं कुछ दिनों के लिए घर गया हुआ था उस समय पापा और मम्मी ने मेरी मुलाकात सुरभि से करवाई तो सुरभि मुझे काफी पसंद आई और मैंने सुरभि के साथ शादी करने का फैसला कर लिया। मैंने पारस को कहा कि आखिर तुम एक बार मुझे इस बारे में बता तो देते वह मुझे कहने लगा कि अब तुम्हें क्या बताऊं तुम तो जानते ही की पापा और मम्मी के अलावा घर में किसी की चलती नहीं है और उन्होंने मेरी सगाई सुरभि से करवा दी।

पारस कहने लगा कि मैंने इस बारे में तुम्हे बताया नही उसके लिए मैं तुमसे माफी मांगता हूं लेकिन जब मेरी शादी होगी तो सबसे पहले मैं तुम्हें ही उसका कार्ड दूंगा। मुझे पारस ने मुझे यह कहा तो मैंने पारस को कहा कि देखते हैं तुम्हें कितना याद रहता है पारस मुझे कहने लगा कि मुझे यह बात याद रहेगी। पारस और मैं दिल्ली में ही जॉब करते हैं और हम दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ा करते थे कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद हम दोनों का कॉलेज में कैंपस प्लेसमेंट में सलेक्शन हो गया और हम दोनों ही दिल्ली आ गए लेकिन समय के अभाव के चलते हम दोनों एक दूसरे को बहुत कम मिल पाते हैं। पारस उस दिन मेरे साथ काफी देर तक रहा फिर वह चला गया जब पारस चला गया तो मैंने पारस को फोन किया और कहा कि पारस तुम्हारा बैग मेरे घर पर ही रह गया है।

पारस कहने लगा कोई बात नहीं तुम उसे अपने पास ही रख लो और कल जब तुम मुझसे मिलने के लिए आओगे तो वह बैग लेते हुए आना मैंने पास को कहा ठीक है। अगले दिन मुझे पारस के पास जाना था उससे मेरा एक जरूरी काम था इसलिए मैं पारस को मिलने के लिए चला गया। मैं और पारस साथ में ही थे क्योंकि अगले दिन भी मेरे ऑफिस की छुट्टी थी तो पारस मुझे कहने लगा कि चलो आज हम लोग कहीं साथ में चलते हैं। मैंने पारस को कहा लेकिन हम लोग कहां जाएंगे तो पारस कहने लगा कि हम लोग मूवी देख आते हैं। मैंने भी सोचा कि क्यों ना आज पारस के साथ मैं मूवी देखने के लिए चला जाऊं और उस दिन मैं और पारस मूवी देखने के लिए चले गए। हम दोनों को घर लौटते वक्त काफी देर हो चुकी थी। अगले दिन मुझे मेरे ऑफिस जल्दी जाना था और मैं अपने ऑफिस जल्दी चला गया मैं जब अपने ऑफिस गया तो उस दिन ऑफिस में काफी काम था इसलिए मुझे घर पहुंचने में देर हो गई थी। जब मैं घर पहुंचा तो उस दिन मुझे पारस का फोन आया और वह मुझे कहने लगा कि राहुल मेरी शादी का दिन तय हो चुका है। उसके बाद पारस और मैं पारस की शादी के लिए चंडीगढ़ चले गए मैंने भी अपने ऑफिस से कुछ दिनों के लिए छुट्टी ले ली थी। हम लोग जब चंडीगढ गए तो वहां पर काफी अच्छी तरीके से पारस और सुरभि की शादी हुई। पारस और सुरभि की शादी में मुझे मीनाक्षी मिली मीनाक्षी से मिलकर मुझे बड़ा ही अच्छा लगा। मीनाक्षी से मैं बहुत बातें करने लगा तो यह बात पारस को भी पता चल चुकी थी वह मुझे कहने लगा कि तुम्हारे और मीनाक्षी के बीच बढ़ती हुई नजदीक के बारे में मुझे सब पता है। मैंने उसे मीनाक्षी के बारे में पूछा तो उसने मुझे कहा कि मीनाक्षी सुरभि की बहुत अच्छी दोस्त है और उसने इस बारे में सुरभि को भी सब कुछ बता दिया था और सुरभि ने मुझे बता दिया। मैं और पारस अपनी नौकरी से तो खुश थे लेकिन मैं चाहता था कि मैं मीनाक्षी के परिवार वालों से भी बात करूं इसमें मेरी मदद पारस ने की। पारस ने मेरी काफी मदद की और जब उसने मीनाक्षी के परिवार वालों से मेरी बात करवाई तो वह लोग मीनाक्षी से मेरी शादी करवाने के लिए मान चुके थे और मैं इस बात से बड़ा ही खुश था क्योंकि मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मेरी और मीनाक्षी की शादी हो जाएगी।

अब हम दोनों शादी के लिए तो तैयार हो चुके थे मीनाक्षी और मैं तो एक दूसरे को प्यार करने लगे थे लेकिन मीनाक्षी चाहती थी कि हम दोनों कुछ समय बाद शादी करें क्योंकि मीनाक्षी की बड़ी बहन की अभी तक शादी नहीं हुई थी तो मैंने भी मीनाक्षी की बात मान ली। मैं अब मीनाक्षी की बात मान चुका था और मैंने मीनाक्षी से कहा कि लेकिन तुम्हारी बड़ी बहन की शादी कब होगी। मीनाक्षी ने मुझे उसके बारे में बताया और कहा कि वह एक लड़के से प्यार करती थी लेकिन उसकी शादी उससे हो नहीं पाई जिसके बाद वह दोनों एक दूसरे से अलग हो गए लेकिन अब पापा और मम्मी ने मेरी बहन के लिए लड़का देखना शुरू कर दिया है। जल्द ही उसके लिए उन्होंने एक लड़का देख लिया मीनाक्षी की बहन का नाम शकुंतला है और जल्द ही उसकी शादी तय हो गई। मैं तो इस बात से बड़ा खुश था कि शकुंतला की शादी हो चुकी है उसके बाद अब मैं मीनाक्षी से शादी करने के लिए तैयार था और हम लोगों की शादी भी जल्दी हो गई। हम लोगों की शादी हो जाने के बाद हम दोनों का जीवन बड़े अच्छे से चल रहा था मीनाक्षी मेरी हर जरूरतों को पूरा किया करती और वह अब घर में भी सब की देखभाल अच्छे से करती।

मैं अब दिल्ली से वापस चंडीगढ़ लौट आया था और चंडीगढ़ की कंपनी में ही मैं जॉब करने लगा मैं बहुत खुश था क्योंकि मेरा परिवार मेरे साथ था और सब कुछ बड़े अच्छे से चल रहा था। हम दोनों की शादी हो चुकी थी अब हम दोनों एक दूसरे के साथ बड़े खुश थे। मीनाक्षी मेरा बहुत ध्यान रखती और वह मुझे कभी भी किसी चीज की कोई कमी होने नहीं देती। मैं जब भी घर पहुंचता तो वह मेरी बड़ी सेवा करती। एक दिन मै बहुत ही ज्यादा थका हुआ था मीनाक्षी ने मुझे कहा मैं आपके बदन की मालिश कर देती हूं। मैंने मीनाक्षी को कहा हां मेरे बदन की मालिश कर दो। अब वह मेरे बदन की मालिश करने लगी मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गया था। मैं इतना ज्यादा उत्तेजित हो गया कि वह मेरे लंड को ही मालिश करने लगी। जब वह मेरे लंड की मालिश कर रही थी तो मेरी उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी और मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैंने मीनाक्षी को कहा तुम मेरे लंड को मुंह मे ले लो। उसने मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया तो मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा। वह मेरे मोटे लंड को अच्छे से अपने मुंह में लेकर चूस रही थी तो मेरे अंदर की उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी। मेरी उत्तेजना इस कदर बढ़ने लगी थी कि हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे। मैंने मीनाक्षी के बदन से कपडे उतार कर उसके स्तनों को दबाना शुरू किया तो मिनाक्षी भी खुश हो गई थी। मीनाक्षी मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है मैंने उसके निप्पलो को चूसकर खड़ा कर दिया था। जब मैंने मीनाक्षी की पैंटी को उतारकर उसकी चूत को चाटना शुरू किया तो मीनाक्षी की गुलाबी चूत से पानी बाहर की तरफ निकलने लगा मीनाक्षी की चूत से पानी बाहर की तरफ निकल रहा था उससे मैं बहुत ज्यादा तड़पने लगा था वह पूरी तरीके से जोश में आ चुकी थी।

मैंने मीनाक्षी को कहा तुम मेरे लंड को चूत मे लेने के लिए तैयार हो। मैंने उसकी योनि पर अपने लंड को लगाया जब मैंने मीनाक्षी की योनि पर अपने लंड को लगाया तो मुझे मजा आने लगा। मैंने मीनाक्षी की योनि के अंदर अपने लंड को घुसा दिया और मै उसे बड़ी तेज गति से चोदने लगा। मैं जिस तरह से मीनाक्षी को धक्के मार रहा था उससे वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है मेरे अंदर की गर्मी बढ़ती ही जा रही है। मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था और मीनाक्षी भी इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी कि वह मेरा साथ बड़े ही अच्छे से दे रही थी। अब हम दोनों एक दूसरे का साथ बड़े अच्छे से दे रहे थे जब मेरा वीर्य गिरने वाला था तो मैंने उसे मीनाक्षी की योनि में ही गिरा दिया। मीनाक्षी ने अपनी योनि को साफ़ किया और कुछ देर हम दोनों साथ में बैठे रहे लेकिन फिर मुझे मीनाक्षी की चूत मारने का मन होने लगा।

मैंने मीनाक्षी की योनि के अंदर अपने लंड को घुसा दिया जैसे ही मैंने मीनाक्षी की योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो वह मुझे कहने लगी अब मुझे बड़ा मजा आने लगा है। मीनाक्षी को बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था मुझे भी बड़ा मजा आने लगा था मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी और मीनाक्षी भी पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई थी। वह बिल्कुल भी रह नहीं पाई और करीब 10 मिनट बाद जब वह झड़ गई तो उसने मुझे अपने पैरों के बीच मे जकडना शुरू किया। जब वह मुझे अपने पैरों के बीच जकडने लगी तो मुझे साफ तौर पर पता चल चुका था कि अब मैं ज्यादा देर तक उसकी चूत की गर्मी को झेल नहीं पाऊंगा। मैंने अपने माल को उसकी चूत मे गिरा दिया मुझे बड़ा ही अच्छा लगा जब मैंने उसकी खुजली को मिटा दिया था।
 
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