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मुझे लन्दन आये ३ साल हो गये थे. पहले साल मेरे पास एक बंगाली गर्लफ्रेंड थी, जिसके चलते मेरी चुदाई की भूख मिट जाती थी. लेकिन, एक साल के बाद उसका उसका वीजा ख़तम हो गया और वो इंडिया चली गयी. अब मैं २ साल से लंड को हाथ से ही हिला रहा हु. कोई भी इंडियन लड़की या भाभी मुझे यहाँ ग्रीनफर्ड में दिख जाए. तो मैं रात को उसी सपने देखकर अपने लंड को मल लेता था. हमारे रूम पर एक दो कपल रहते थे और मैं रात को अकेले सोते वक्त मन ही मन उसकी किस्मत पर जलता था. मेरी उम्र २७ की हो चली थी और अभी भी मैं सेट नहीं हो पाया था. मैं मन ही मन पछतता था, कि कहाँ सेट नौकरी छोड़कर यहाँ गांड मरवाने के लिए आ गया. शुरू में, मैं भी बहुत सारे इंडियन बॉयज और गर्ल की तरह सोचता था, कि लन्दन सोने की नगरी है. लेकिन, सच बताऊ, ये बहनचोद एक जाल है बड़ा सा. मैं सोच रहा था, कि कब मैं यहाँ से छुटू और गाँव जाकर अपनी सेट की हुई पुनम और जीन्नत भाभी की चूत मारू.

तभी एकदिन, मेरे दोस्त विकास ने मुझे एक नंबर दिया. ये नंबर एक इंडियन गर्ल का था, जो साउथ लन्दन में धंधा करती थी. विकास ने मुझे बताया, कि वो उस लड़की के साथ सेक्स कर चूका है. उसके हिसाब से ये इंडियन गर्ल काफी हॉट थी. उसके इतना कहने पर और चुदाई की तड़प के चलते, शाम को उसको कॉल किया. सामने से एक मस्त सुरीली आवाज़ आई. मैं सीधे पॉइंट पर आया और कहा - कहाँ मिलेगी? उसने मुझे एक टीयूब स्टेशन के पास आकर खुद को फ़ोन करने के लिए कहा. मैंने उसे कहा, कि मैं कल सुबह आऊंगा. दुसरे दिन, सुबह उठकर मैंने लंड के बाल निकाले और नहाकर, स्वेटर पहनकर निकल गया. टीयूब स्टेशन पर आके, मैंने फ़ोन किया. उसके फ़ोन बिजी आया. इसलिए मैं मैक-डोनाल्ड में गया और चिकन बर्गर खाने लगा. दूसरी बार करने पर, फ़ोन लग गया और मैंने लड़की को पूछा, कि कहाँ आना है? उसने मुझे नेक्स्ट २ ब्लाक के बाद का एड्रेस दिया/ पोस्टकोड आई-फ़ोन में डालकर मैप पर उसका एड्रेस देखा और चल दिया.

मैंने उसके रूम के बाहर जाकर डोरबेल बजायी. एक २० के करीब इंडियन गर्ल ने दरवाजा खोला. इस लड़की की शकल ईस्ट - इंडिया की लग रही थी. लेकिन, उसकी हिंदी काफी अच्छी थी. मैंने उससे कहा - मैंने फ़ोन किया था. उसने इधर - उधर देखा और मुझे अन्दर लिया. ये कोई स्टूडेंट फ्लैट था, जिसमें एक बड़ा हॉल था. जिस में एक साइड पर किचन था और सेण्टर में पलंग रखा हुआ था. साइड में, शायद और एक छोटा रूम था. लड़की ने मुझे पलग पर बिठाया और वो बोली - मेरी रेट ४५ पौंड है, २० मिनट का एक शॉट. और इस मैं पूरी सर्विस शामिल है. पूरी सर्विस, समझा नहीं.. ? लेकिन, मैंने कुछ पूछा नहीं. क्योंकि अगर रंडी को पता चला, कि पंछी नया है, तो पूरा काट लेती. उसने पहले पैसे मांगे. मैंने जब से उसे १० पाउंड्स के पांच नोट दिए. इंडियन गर्ल ने उस अलग बने दरवाजे से नॉक किया. अन्दर से दरवाजा खुला और उसने पैसे अन्दर किसी को दिए. मैं देख नहीं पाया, कि अन्दर कौन था. लेकिन, वो जरुर कोई आंटी या अंकल होगा. जो इस लड़की से ये काम करवा रहा था. लड़की ने आते ही कपड़े उतारने के लिए कहा. मैंने कपड़े उतारे, मेरा पूरा लंड बिलकुल खड़ा था और फडफडा रहा था. लड़की ने साइड में पड़े एक पैकेट को खोला, जिसमे कुछ रुई थी. उस ने रुई को एक दवाई में डुबोकर मेरे लंड को मस्त साफ़ किया. इसके बाद उसने एक कंडोम लगाकर मेरे लंड को ढक दिया. इंडियन गर्ल मेरे लंड को धीरे - धीरे सहलाने लगी. मेरा लंड तो कब से टाइट था. वो उसे हिलाने लगी, उसके हिलाने से मेरे लंड में एक लहर सी उठ रही थी. लड़की अब नीचे झुकी और उसने कंडोम लगा लंड अपने मुह में ले लिया. वो केवल लंड के सुपाडे को चूस रही थी. लेकिन बहुत मज़ा आ रहा था. जीन्नत भाभी के साथ ओरल सेक्स किये ४ साल हो गये थे. बंगाली गर्लफ्रेंड लंड चूसती ही नहीं थी. इसलिए, आज मैं स्वर्ग में उड़ने का अहसास कर रहा था.

उसने मेरा लंड एक मिनट तक चूसा, कि मेरे लंड ने कंडोम में वीर्य छोड़ दिया. क्योंकि, मुझे यहाँ सुख बहुत लम्बे समय के बाद मिल रहा था. इसलिए मैं जल्दी खाली हो गया था. इंडियन गर्ल ने मुह उठा के मेरी ओर देखा और हंस पड़ी. उसने मुझे पूछा, कि पहली बार बाहर आये हो. मैंने हाँ कहा. वो हंसी और उसने कंडोम निकालकर लंड को साफ़ किया. मैं कपडे पहनने वाला था, कि वो बोली - क्यों चोदना नहीं है? वैसे तो एक शॉट हो गया. लेकिन तुमने सही में मज़े नहीं लिए है. इसलिए मैं सिर्फ २० पाउंड्स में तुम्हे दुबारा करने दूंगी. मैंने २० पाउंड्स निकाल कर उसे दिए. वो वापस उस कमरे के पास गयी और अन्दर पैसे दे आई. एक मिनट रुक कर उसने दुबारा कंडोम निकाला और मुझे पहनाया. अबकि मैंने चूत मारने के लिए सोचा. मैंने जैसे उसकी चूत पर रखा, लंड वैसे ही अन्दर जाने लगा.

लंड चूत में जा रहा था. इंडियन गर्ल की मस्त खुली चूत में पूरा लंड जाने पर जैसे की कुछ अहसास ना हुआ हो. वो हिलने लगी रो मेरे लंड को जोर से झटके देने लगी. वो अपनी गांड हिला - हिलाकर मुझसे चुदवा रही थी और मैं भी उसके ऊपर उठ - उठकर ठुकाई कर रहा था. मैंने उसके स्तन हाथो में लिए और उन्हें मसलने लगा. जैसे ही मैं उसके बूब्स चूसने के लिए आगे बढ़ा, उसने मुझे रोक दिया. उसने मुझे कहा - वो बूब्स नहीं चूसने देगी. वैसे उसकी बात ठीक ही थी. क्योंकि ये लडकिया मल्टीपिल पार्टनर से चुद्वाती है. इस वजह से मुझे ही उसके स्तन चूसने की चेष्टा नहीं करनी चाहिए.

ख़ैर, मैंने उसके स्तनों को दबाते हुए उसे जोर जोर से लंड चूत में देना चालू कर दिया. इंडियन गर्ल अब अहहः अहहः ऊओह्ह्ह्ह्ह्ह् करने लगी. लेकिन, वो दर्द का नहीं; लेकिन मजे की मोअनिंग थी. मैंने उसे कमर से पकड़ा और उसे ठोकने लगा. मैंने उसको इतना कसकर पकड़ा था, जैसे की उसकी कमर के ऊपर टाइट बाँध दिया गया हो. वो भी मेरे ऊपर कूद - कूद कर, मुझे मस्त मजे दे रही थी. मैंने उसकी चूत में लंड के कम से कम ५० जितने झटके दे दिए थे. मेरा शरीर से सर्दी का मौसम में भी पसीना छुटने लगा था. मेरा दिल जोर - जोर से धड़क रहा था. ये इंडियन गर्ल भी थक सी गयी थी. लेकिन, वो अभी भी अपनी गांड हिला के लंड को अन्दर चला रही थी. कंडोम की चिकनाहट और चूत का चिकनापन किल्लिंग था. लंड के अन्दर बहुत समय के बाद, इतनी उतेजना आई थी. मैंने उसे जोर से ठोकना चालू किया.

हम दोनों के मुह से अहहहः अहहहः ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् निकल रहा था. मेरे हाथ से उसके स्तन दब रहे थे और उसकी चूत मस्त स्टफ की हुई थी. इंडियन गर्ल भी अपनी चूत टाइट कर - कर के चुदाई के मजे लुट रही थी. तभी मेरे कण्ट्रोल की सीमा आ गयी. मेरे लंड के लिए ये उतेजना घातक थी. लंड ने वीर्य की पिचकारी निकाली और कंडोम को भर दिया. मैंने चूत के अन्दर लंड को जोर से डाला और दबा दिया. कंडोम के अन्दर ही लड़की को भी गर्माहट का अहसास हुआ. वो मुझसे लिपट गयी और उसके चुचे मेरी छाती से लगने लगे. उसने लंड के ताल वाले भाग से पकड़ते हुए, मुझे धीरे से लंड निकालने को कहा. कपडे पहनते वक्त, मैंने उससे उसका नाम पूछा. उसने अपना नाम डॉली बताया. क्या ये सभी लोगो का नाम. डॉली, गुड्डी, सोनू वगैरह होता है या फिर सभी साली झूठ बोलती है.. !!!
 
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