संगीता की चूत में धक्के मारे

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Antarvasna, hindi sex story: मनीषा ने मुझे कहा कि हम लोग एक गेट टूगेदर पार्टी रखते हैं। मनीषा मेरे कॉलेज की दोस्त है और हम दोनों की कॉलेज में काफी अच्छी बनती थी। उसके बाद भी हम दोनों एक दूसरे को अक्सर मिला करते। मेरे ऑफिस के पास ही मनीषा का ऑफिस भी है और हम लोग एक दूसरे को हर रोज मिला करते हैं। उस दिन मनीषा ने जब मुझसे इस बारे में कहा तो मैंने मनीषा को कहा कि ठीक है हम लोग एक गेट टू गेदर पार्टी रखते हैं। मनीषा ने सारा अरेंजमेंट खुद ही किया। हम लोगों ने सारा अरेंजमेंट खुद ही किया और उसके बाद जब हमारी गेट टुगेदर पार्टी हुई तो हम लोगों को बड़ा ही अच्छा लगा और मैं भी काफी खुश था। मुझे अपने पुराने दोस्तों से मिलना काफी अच्छा लगा लेकिन गेट टुगेदर पार्टी के दौरान जब मैं संगीता से मिला तो मेरे लिए यह काफी तकलीफ देने वाली बात थी।

संगीता को मैं दिल ही दिल चाहता था और संगीता की शादी हो जाने के बाद मुझे लगा था कि शायद उसकी जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा है लेकिन उस दिन वह बहुत ज्यादा परेशान थी। मैंने उससे जब इस बारे में पूछा तो उसने मुझे कुछ नहीं बताया लेकिन मैं जानना चाहता था कि आखिर उसकी जिंदगी में क्या चल रहा है। उस दिन मैंने संगीता को उसके घर तक छोड़ा और फिर काफी दिनों तक मेरी संगीता से कोई भी बात नहीं हो पाई और ना ही मेरी उससे कोई मुलाकात हो पाई लेकिन जब मैं संगीता को मिला तो मुझे काफी अच्छा लगा और संगीता को भी बड़ा अच्छा लगा। उस दिन मेरी और संगीता की मुलाकात हुई और जब हम दोनों की मुलाकात हुई तो मैंने संगीता से कहा कि आखिर तुम इतनी ज्यादा क्यों परेशान हो। संगीता ने मुझे अपने पति के बारे में बताया और वह कहने लगी कि उसके पति और उसके बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है।

मैंने इस बारे में जब संगीता से कहा तो संगीता मुझे कहने लगी कि आखिर तुमने ही तो अपनी पसंद से शादी की थी। संगीता मुझे कहने लगी कि हां मैंने अपनी पसंद से शादी जरूर की थी लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि आकाश का व्यवहार शादी के बाद इतना ज्यादा बदलने लगेगा और आकाश का व्यवहार मेरे प्रति बिल्कुल भी ठीक नहीं है और मुझे कई बार लगता है कि हम दोनों को अलग हो जाना चाहिए। मैंने उस दिन संगीता को समझाते हुए कहा कि नहीं तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए इससे तुम्हारी जिंदगी पर काफी गलत असर पड़ेगा लेकिन संगीता ने शायद अब मन ही मन यह फैसला कर लिया था। जब संगीता ने मुझसे कहा कि वह अब अपने पति को डिवोर्स देना चाहती है तो मैंने उसे कहा कि तुम्हें एक बार इस बारे में और सोचना चाहिए। वह मुझे कहने लगी कि नहीं मैंने अब पूरी तरीके से मन बना लिया है और मैं अपने पति को डिवोर्स देना चाहती हूं। मैंने उसके बाद भी संगीता से की बार इस बारे में सोचने के लिए कहा लेकिन वह अपने पति को डिवोर्स दे चुकी थी और कहीं ना कहीं उसकी जिंदगी में काफी परेशानियां भी आ चुकी थी।

संगीता को जब भी मेरी मदद की जरूरत होती तो मैं हमेशा ही उसकी मदद करता और उसे कहता कि जब भी तुम्हें मेरी मदद की जरूरत हो तो तुम मुझसे कह दिया करना और वह मुझसे हमेशा ही इस बारे में कह दिया करती। मुझे कई बार लगता कि क्या सुनीता ने डिवोर्स लेकर सही किया लेकिन यह उसका खुद का निजी फैसला था और शायद इसमें मैं कुछ भी कहना नहीं चाहता था। जब भी उसे मेरी जरूरत होती तो मैं हमेशा ही उसकी मदद के लिए तैयार हो जाता। संगीता भी जॉब करने लगी थी और हम दोनों का मिलना कम ही होता था लेकिन जब भी हम दोनों एक दूसरे से मुलाकात करते तो हमें अच्छा लगता है। एक दिन संगीता और मैं साथ में बैठे हुए थे उस दिन संगीता ने मुझे बताया कि वह कुछ दिनों के लिए अपनी दीदी के पास जा रही है।

मैंने संगीता से कहा कि अगर तुम्हें लगता है कि तुम्हें अपनी दीदी के पास कुछ दिनों के लिए चले जाना चाहिए तो यह तुम्हारा सही फैसला है। वह कुछ दिनों के लिए अपनी दीदी के पास बेंगलुरु चली गई। संगीता ने अपनी जॉब से रिजाइन दे दिया था और वह काफी समय तक बेंगलुरु में ही रही। संगीता करीब 3 महीना तक वहां पर रही और उसके बाद वह वापस लौट आई थी। जब वह वापस लौटी तो उसके बाद वह नौकरी करने लगी। संगीता जॉब करने लगी थी और जब वह जॉब करने लगी तो उसके बाद मुझे भी काफी ज्यादा अच्छा लगने लगा था और संगीता को भी काफी अच्छा लगता। हम दोनों एक दूसरे से हमेशा ही मिला करते हम दोनों का मिलना अब कुछ ज्यादा ही होने लगा था और शायद यही वजह थी कि मेरा प्यार दोबारा से संगीता के प्रति उभरने लगा था। मैं चाहता था कि संगीता मेरे साथ रहे और मैं उससे शादी कर लूं लेकिन यह सब इतना आसान होने वाला नहीं था इसके लिए मुझे अपने परिवार वालों को मनाना था।

सबसे पहले तो मुझे संगीता को मनाना था कि वह मुझसे शादी कर ले लेकिन शायद वह बिल्कुल भी तैयार नहीं थी। मैंने संगीता से कहा कि मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं तो वह मेरी बात नहीं मानी लेकिन फिर मैंने उसे मना लिया और अब हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे। मुझे भी लगने लगा था कि मुझे संगीता से शादी कर लेनी चाहिए संगीता भी इस बात के लिए तैयार थी और उसकी फैमिली भी अब इस बात के लिए तैयार हो चुकी थी। अब शायद कोई भी परेशानी नहीं थी और मुझे भी लग रहा था कि यह बिलकुल सही फैसला है। मैंने भी संगीता से शादी करने का फैसला ले लिया था और जब हम दोनों की शादी हुई तो हम दोनों बड़े खुश थे। मुझे काफी अच्छा लगा जब मेरी शादी संगीता के साथ हुई और वह भी मेरे साथ काफी खुश है। जिस तरीके से हम दोनों की जिंदगी चल रही है उससे मुझे काफी अच्छा लगता है और संगीता को भी बहुत ही अच्छा लगता है। जब भी हम दोनों साथ में होते हैं और एक दूसरे के साथ समय बिताते है तो हम बड़े खुश होते है।

संगीता और मैं एक दूसरे से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं और हम दोनों का प्यार एक दूसरे के लिए बढ़ता ही जा रहा था और हमारी शादी शुदा जिंदगी बहुत ही अच्छे से चल रही है। जिस तरीके से हमारी जिंदगी चल रही है उससे हम दोनों बड़े ही खुश हैं और मुझे काफी अच्छा लगता है जब भी मैं और संगीता साथ में होते हैं और एक दूसरे के साथ समय बिताया करते हैं। हमारी जिंदगी काफी अच्छे से चल रही है और अब मैं अपने ऑफिस से रिजाइन देने के बाद अपना ही बिजनेस शुरू कर चुका हूं। जब भी हम दोनों साथ में होते हैं तो हम दोनों साथ में अच्छा समय बिताया करते हैं। मैं और संगीता एक दूसरे के साथ बहुत ही खुश हैं और जिस तरीके से हम दोनों का शादीशुदा जीवन चल रहा है उससे मैं बहुत ज्यादा खुश हूं। एक दिन मैंने संगीता से कहा आज हम लोग कहीं चलते हैं। उस दिन हम दोनों घूमने के लिए गए। जब हम लोग घर वापस लौटे तो उस दिन घर पर कोई भी नहीं था। मेरे साथ संगीता बैठी हुई थी संगीता ने मेरे लिए चाय बनाई। चाय पीने के बाद हम लोग बेडरूम में चले गए।

जब हम लोग बेडरूम में लेटे हुए थे तो मैंने संगीता से कहा मैं तुम्हारे होंठो को चूमना चाहता हूं। संगीता भी इस बात पर मुस्कुरा उठी। मैंने संगीता के होंठों को चूमना शुरू किया। जब मैं उसके होठों को चूमने लगा तो मुझे मजा आने लगा वह भी बहुत ज्यादा खुश थी जिस तरीके से मैं उसके होठों को चूम कर उसकी गर्मी को बढ़ाए जा रहा था। मैं संगीता के होठों को चूम रहा था। उसके होठों को चूमने के बाद वह गरम हो रही थी। मैंने उसके कपडो को उतारा तो वह गर्म होती जा रही थी। जब मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत में लंड को घुसाना चाहता हूं तो वह बहुत ही ज्यादा मचलने लगी थी। वह अपनी योनि पर उंगली लगाने लगी मैंने भी कुछ देर तक उसके स्तनों का रसपान किया। जब मैं उसकी चूत को अपनी जीभ लगा कर चाटने लगा तो उसे मजे आने लगे। मैंने अपने लंड को उसकी योनि पर लगा दिया जैसे ही मैंने उसकी चूत पर लंड को लगाकर अंदर की तरफ डालना शुरू किया तो वह मजे मे थी। मैंने अब संगीता की योनि में अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। मेरा मोटा लंड उसकी चूत में जा चुका था।

जब मैंने उसकी चूत के अंदर लंड को डालना शुरु किया तो मुझे मजा आने लगा और संगीता को भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। वह जिस तरीके से मेरा साथ दे रही थी मैं संगीता को बड़ी ही तेजी से धक्के दिए जा रहा था वह बहुत ज्यादा खुश थी। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है अब हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छे से दिए जा रहे थे। मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के दिए जा रहा था। मेरा लंड पूरी तरीके से संगीता की चूत में सेट हो चुका था। मुझे ऐसा लगा मेरा वीर्य बाहर की तरफ को निकलने वाला है। संगीता मुझे कहने लगी तुम मुझे और भी तेजी से चोदते जाओ। मैंने उसे बड़ी तेजी से धक्के दिए। मेरा लंड संगीता की चूत की दीवार से टकरा रहा था। वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी लेकिन जब मेरे वीर्य की पिचकारी उसकी चूत मे गिरी तो मैं बहुत ज्यादा खुश था और वह भी बहुत ज्यादा खुश हो गई थी। जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स के मजे लिए थे उस से मुझे बहुत ही मजा आया था।
 
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