समय आने पर चूत दे दूंगी

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Antarvasna, desi kahani: यह वह समय था जब हर कोई अपना कॉलेज पूरा करना चाहता था यह सभी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था। कई रिश्ते बनते कुछ अलग हो जाते और कुछ तो यूं ही टूट जाते लेकिन मैं किसी के साथ प्यार में था। हमने अपना रिश्ता इसलिए शुरु किया क्योंकि हम एक दूसरे के बारे में गंभीरता से नहीं सोचेते बल्कि उसे पता था भविष्य में क्या होगा। हमारा रिश्ता कुछ समय पहले ही शुरू हुआ गर्मियों मे ब्रेक का समय वह समय होता है जब आपके पास करने के लिए कुछ नहीं होता है। यह सिर्फ आराम करने, आनंद लेने और परिवार की यात्राएं करने का समय था मैं इसलिए आराम कर रहा था क्योंकि मेरा परिवार किसी यात्रा पर नहीं गया। मैंने और महिमा ने एक महीने पहले ही अपना संबध शुरू किया था उसका कुछ महीने पहले रिश्ता टूट गया था इसलिए हमने संबंध शुरू किया था हम एक साथ घुमने बाहर जाते थे हम डेट पर भी गए।

एक दिन महिमा ने मुझे एक बहुत ही खास और सुंदर तरीके से प्रपोज किया हम दोनो पार्क के सामने बैठे थे और करीब 6 बजे बरसात हो रही थी इसलिए सब कुछ अच्छा लग रहा था। महिमा ने उस दिन मुझे प्रपोज किया मैंने हाँ कह दी वहाँ पार्क में बहुत लोग थे हम दोनों ने एक साथ समय बिताया। हमने अपने जीवन के दुख सुख को एक दूसरे के साथ बांटना शुरू किया हमें एहसास हुआ की हमारा जीवन वास्तव में इतना सरल नही है। हम दोनों ने तय किया किया हम एक दूसरे को खुश रखंगे। समय के साथ साथ हम दोनों भी आगे बढ़ने लगे मैं महिमा को हर वह खुशी देने की कोशिश करता जो महिमा को चाहिए होती महिमा मेरा साथ बखूबी निभाती। अब मेरी नौकरी भी एक अच्छी कंपनी में लग चुकी थी कॉलेज खत्म होने के बाद जिस प्रकार से हम लोग कैरियर के लिए इधर-उधर भटकते रहे आखिरकार वह कैरियर मुझे मेरे पिताजी ने दिलवाया। मेरे पिताजी चाहते थे कि मैं उनके बिजनेस को संभालूं कुछ समय तक मैंने उनके बिजनेस को संभाला पिताजी बहुत खुश थे कि मैं उनके बिजनेस को संभाल रहा हूं लेकिन उसके बाद मैं नौकरी करने लगा।

महिमा और मेरी मुलाकात हर रोज हुआ करती थी हम दोनों को एक दूसरे को हमेशा ही समय देते जैसे कि पहले दिया करते थे। समय बड़ी तेजी से बीता जा रहा था और सब कुछ बहुत अच्छे से चल रहा था मेरे जीवन में भी बड़ी खुशियां थी और मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि महिमा के मेरी जिंदगी में आने के बाद सब कुछ अच्छा हो जाएगा। जिस प्रकार से महिमा और मेरे बीच प्यार बढ़ता चला गया उससे मैं बहुत खुश था। एक दिन महिमा का मुझे फोन आता है और महिमा मुझे कहने लगी कि मुझे तुमसे मिलना है मैंने महिमा को कहा क्या कुछ जरूरी काम है तो महिमा मुझे कहने लगी कि हां एक जरूरी काम है। मैं जब महिमा के पास गया तो महिमा ने मुझे कहा राजेश मुझे तुमसे कुछ कहना था मैंने महिमा को कहा हां महिमा कहो ना तुम्हें क्या कहना है। महिमा ने मुझे बताया कि उसके परिवार वाले उसके लिए लड़का देख रहे हैं मैंने महिमा को कहा क्या तुमने अपने पापा से कुछ बात नहीं की। महिमा कहने लगी कि मैंने उन्हें काफी समझाने की कोशिश की लेकिन मां तो मेरे पीछे लगी हुई है और कह रही है कि तुम शादी कर लो और अब मेरी उम्र भी तो हो चुकी है तुम्हें अब घर पर आकर बात करनी होगी। मैंने महिमा को कहा महिमा लेकिन थोड़ा समय यदि मुझे मिल जाता तो मैं तुम्हारे घर पर आकर बात करता। महिमा ने मुझे कहा कि मैं सिर्फ 6 महीने तक रुक सकती हूं तुम्हें घर पर आकर बात करनी होगी। मुझे नहीं मालूम था कि हम दोनों का रिश्ता इतना आगे बढ़ जाएगा कि हम लोगों को शादी करनी पड़ेगी हम दोनों सिर्फ एक दूसरे को खुश रखने तक ही सोच रहे थे लेकिन अब रिश्ता बहुत आगे बढ़ चुका था। हम दोनों अब शादी के बंधन में बनने जा रहे थे क्योंकि मैंने महिमा के मम्मी पापा से बात कर ली थी और उन्हें मुझसे कोई भी परेशानी नहीं थी। हम दोनों की शादी होने वाली थी लेकिन उसी दौरान महिमा के पिताजी का देहांत हो गया और हम लोगों की शादी कुछ समय के लिए टालनी पड़ी इस बात से महिमा बहुत दुखी थी। महिमा और मेरे बीच जो प्यार था वह काफी पुराना था लेकिन आज भी मुझे ऐसा लगता कि जैसे मैं महिमा से कुछ दिनों पहले ही मिला हूं लेकिन महिमा के दुख में मुझे उसका साथ देना पड़ा और मैंने महिमा को समझाया कि तुम्हारे पिताजी की मृत्यु से मुझे भी बहुत दुख पहुंचा है।

महिमा और मैं साथ में ज्यादातर समय बिताया करते तो महिमा भी अब इस सदमे से उबरने लगी थी क्योंकि वह अपने पापा को बहुत प्यार करती थी। महिमा अपने पापा को हमेशा ही अपना आदर्श मानती थी, धीरे धीरे महिमा इस बात को भूलने लगी थी और करीब इस बात को 6 महीने से ऊपर होने वाले थे महिमा अपनी जिंदगी में अब आगे बढ़ चुकी थी। मैंने महिमा से कहा महिमा हमें शादी कर लेनी चाहिए तो महिमा भी कहने लगी कि हां राजेश हमे अब शादी कर लेनी चाहिए। हम लोगों ने जल्दी शादी करने का फैसला कर लिया लेकिन इस वक्त मैं नहीं चाहता था कि हम लोग धूम-धड़ाके से शादी करें मैं बड़े ही सिंपल साधारण तरीके से शादी करना चाहता था। मैंने महिमा के सामने प्रस्ताव रखा कि मैं चाहता हूं कि हम लोग कोर्ट मैरिज करें तो महिमा भी इस बात को मान गई और महिमा ने मुझे कहा कि मैं कोर्ट मैरिज के लिए तैयार हूं। मेरे पापा और मम्मी इस बात के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे वह लोग चाहते थे कि हम लोग धूम-धड़ाके से शादी करें परंतु मैं नहीं चाहता था कि हम लोग और धूम धड़ाके से शादी करें और आखिरकार हम लोगों की शादी हो ही गई।

जब हम लोगों की शादी हुई तो हम दोनों बहुत खुश हो गए मैंने कभी भी सोचा नहीं था कि हम लोगों की शादी हो जाएगी महिमा भी मुझसे यही कहने लगी कि राजेश तुम्हें याद है किस प्रकार से हम लोग एक दूसरे से कॉलेज में बात किया करते थे कि क्या हम लोग शादी करके पाएंगे और देखो हम दोनों की शादी हो ही गई। मैंने महिमा को कहा महिमा यह सब तो तुम्हारी वजह से ही हुआ है यदि तुम मुझ पर शादी का दबाव नहीं बनाती तो शायद मैं तुमसे इतनी जल्दी शादी नहीं करता और मैंने भी तो कभी तुमसे शादी करने के बारे में सोचा नहीं था। हम दोनों को पता नहीं था कि हम दोनों को आखिर करना क्या चाहिए लेकिन अब हम दोनों की शादी हो गई तो मुझे बहुत खुशी हुई कि हम दोनों ने शादी कर ली। शादी की पहली रात थी हम दोनों एक दूसरे से अपनी पुरानी यादों को ताजा कर रहे थे महिमा ने आज तक कभी मेरे साथ सेक्स नहीं किया था। मेरे लिए यह भी एक नई बात थी की महिमा ने कभी मेरे साथ सेक्स नहीं किया था मैं चाहता था महिमा मेरे साथ सेक्स करे मुझे वह पूरी तरीके से मजा दे। महिमा ने मेरी बात मान ली उसने मुझे कहा आज मैं तुम्हारे लंड को देखना चाहती हूं? महिमा ने मेरे साथ उससे पहले सेक्स नहीं किया था अब हमारी शादी हो गई थी। महिमा हमेशा कहती हम लोग शादी के बाद सेक्स करेगे उसने मेरे लंड को पहली बार देखा। महिमा ने लंड को अपने मुंह में लिया जिस प्रकार से वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर ले रही थी उससे मुझे लगा महिमा बड़े अच्छे से मेरे लंड को चूस रही है मुझे बहुत मजा आया जिस प्रकार से महिमा ने मेरे लंड का मजा लिया। मैं भी महिमा की चूत मे लंड डालने के लिए बेताब था मैंने महिमा की कमसिन चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया। महिमा मुझे कहने लगी आज तो मुझे मजा आ गया मैंने महिमा को कहा मजा तो मुझे भी बड़ा आ रहा है ऐसा लग रहा है तुम्हारी चूत पहले ही मार लेनी चाहिए थी।

महिमा कहने लगी मैंने तुम्हें कितनी बार मना किया लेकिन तुम तो मेरे पीछे ही पड़े रहते थे और हमेशा कहते तुम मेरे साथ सेक्स करने की बात करते लो आज मैंने तुम्हारे साथ सेक्स कर लिया अब तो तुम्हें यकीन हो गया मैं एकदम सील पैक हूं मैंने आज तक किसी से अपनी चूत नहीं मरवाई है। मैंने महिमा को कहा हां बाबा मुझे अब यकीन हो चुका है लेकिन अभी तो तुम मुझे पूरे मजे दो? महिमा ने मेरा पूरा साथ दिया उसने मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में जकड़ लिया जिस प्रकार से महिमा मेरे लंड को अपनी चूत में लेती और अपने मुंह से वह मादक आवाज निकालती वह मेरे लिए बडा ही मजेदार होता। मैं महिमा को कहता तुम्हारे साथ सेक्स करने में बड़ा मजा आ रहा है। मैंने महिमा की चूत के जमकर मजे लिए और बहुत देर तक मैंने महिमा की चूत मारी जिस प्रकार से मैंने महिमा की चूत के मजे लिए उससे महिमा खुश हो गई मेरा वीर्य पतन हो गया। मेरा वीर्य पतन हो जाने की थोड़ी देर बाद महिमा ने मेरे लंड को चूसा और मेरे अंदर की गर्मी को दोबारा से बढ़ा दिया मेरे अंदर की गर्मी बढ़ चुकी थी मैंने महिमा को कहा कसम से आज तो मजा ही आ गया। महिमा मुझे कहने लगी मजा तो मुझे भी बड़ा आ रहा है और ऐसा लग रहा है बस तुम्हारे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसती रहूं।

महिमा ने बहुत देर तक लंड को चूसा महिमा ने कहा कि मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही हूं। मैंने भी उसकी चूत के अंदर दोबारा अपने लंड को घुसा दिया महिमा मेरे ऊपर से बैठी हुई थी और जिस प्रकार से वह ऊपर नीचे अपनी चूतडो को करती मुझे बड़ा मजा आता जब वह अपनी चूतड़ों को ऊपर नीचे करती मुझे बहुत ही मजा आ रहा था और मैं महिमा को कहता तुम ऐसे ही करती रहो। महिमा ने मेरा साथ बड़े ही अच्छे से दिया बहुत देर तक वह अपनी चूतड़ों को ऊपर नीचे कर रही थी जिससे कि मुझे मज़ा आ रहा था मेरे लंड से वीर्य बाहर की तरफ को निकलने लगा था मैंने महिमा को घोड़ी बना दिया कुछ देर तक मैं उसे चोदता रहा। जब मैंने महिमा को कहा मेरा वीर्य बाहर निकलने वाला है तो महिमा ने अपनी चूतड़ों को मुझसे टकराना शुरू किया काफी देर तक वह अपनी चूतडो को टकराती रही। उसकी चूतडो का रंग लाल होने लगा था मै जिस प्रकार से उसकी चूतड़ों पर प्रहार करता उससे वह बिल्कुल भी रह ना सकी थोड़ी ही देर बाद मेरा भी वीर्य उसकी चूत के अंदर गिर गया।
 
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