दिन समय बात का सही इस्तेमाल

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हाई दोस्तों,

मेरा नाम राकेश हे और मैं दिल्ली में काम करता हू | मेरे ऑफिस में मेरे साथ एक लड़की काम करती थी जो मुझसे एक साल छोटी थी और मेरे साथ ही कंपनी में आई थी | दिखने में बहुत खूबसूरत थी पर वो उस किस्म की लड़की थी, बोले तो अस्लिन काम भी किया करती थी जो की मुझे उसके मोबाईल से एक दिन पता चल गया था | अब दिन रात मेरे दिमाग में यही चलता था की कैसे में इसको उठाऊ | फिर एक दिन मेरे दिमाग में बात आई और मेने शनिवार के दिन उससे बातो बताओ में कहा की मेरा आज का काम नही हुआ हे और मुझे कल रविवार को भी आना पड़ेगा काम के लिए पर में अकेला बोर हो जाऊंगा, कोई साथ रहता तो अच्छा होता | वो कुछ नही बोली पर थोड़े देर के बाद उसने अपना काम बंद कर दिया और बोली चलो मैं भी काल आती हूँ और हम दोनों मिलके साथ में करेंगे | मैं खुश हो गया की शिकार खुद मेरे तरफ आ रही थी |

मैं दूसरे दिन समय से पहले पहुच गया और ऑफिस में काम करने लग गया, वो मेरे आधे घंटे बाद आई और मेने जब उसको देखा तो लंड सलामी ठोकने लग गया, एक दम माल लग रही थी, काली जींस लाल टॉप एक दम मोर्डन परी लग रही थी | वो मुझे हाई बोली और पास में बैठ के बात करने लग गयी, में परेशां की बुला तो लिया पर शुरू कहा से करू | फिर एक और बात आई और में काम करते करते बार बार अपने लंड को खुजाने लग गया | तिन चार बार वो देखी और फिर बोली कुछ प्रॉब्लम हे क्या ? मैं बोला कुछ नही बस नया अंडरवियर हे तो सेट नही हुआ ठीक से | वो बोली फिर ठीक करलो | मुझे बीएस इसके मुह से यही सुनना था और मैं झट से खड़ा होके पेंट उतार के ठीक करने लग गया, वो एक दम से आँखे फाड़ फाड़ के मुझे देखने लग गयी | में लंड को सेट करते हुए पुचा क्या हुआ ? वो बोली कुछ नही, काफी स्मार्ट हो तुम | मैं बोला कैसे वो बोली की दिन समय और बात सबका अच्छे से इस्तेमाल करते हो और फिर वो खड़े होके मुझे चूमने लग गयी |

मेने अपनी पेंट वही छोड़ दी और फिर उसे किस करने लग गया और वो भी मस्त वाला साथ दे रही थी, और मेरा लंड उसके जांघों को छू छू के और तनते जा रहा था | मेने उसके सर को छोड़ दिया और उसके चुचो को दबाने लग गया और कुछ ही पल में मेने उसका टॉप और उसके ब्रा को उतरा दिया | उसके बाद जो नज़ारा था उसे में बयां नही कर सकता | एक दम तने हुए चुचे और प्यारी सी उसपे निप्पल देखते ही मन कर रहा था की उसे मुह में भर के खा जाऊ | मेने उसके निप्पल को मुह में भर के चूसना शुरू कर दिया और उसके दूसरे चुचे को मसलना शुरू कर दिया | वो सिसकिय पे सिसकिय भर्ती जा रही थी | उसने फिर जल्दी ही मेरे शर्ट को उतार दिया और मेने अपने फसे हुए पेंट को भी अलग कर दिया और फिर उसकी जींस और पेंटी भी उतार दी | ऑफिस में हम दोनों पुरे नंगे थे, मेने उसे कुर्सी पे बिठा दिया और फिर उसकी चुत चाटने लग गया | वो कस कस के कराहने लग गयी, और मेरे बालो को पकड़ के मुझे चूमने लग गयी |

मेने फिरसे उसके चुत को चाटना शूर किया और फिर उसकी पंखडियो को खोल के उसके छेद पे जीभ घुमाना शुरू किया तो वो कस के चीख उठी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह एस ह्म्म्म्म्म्म्म और कर और बहुत अच्छा लग रहा हे करते रह ऐसे ही करते रह | मेने फिर अपना लंड उसे चूसने को दिया और वो दो मिनट चुसी और फिर मेने लंड उसके चुत पे सटा दिया और धक्का दे दिया, थोड़ी मुश्किल हुई पर चली गयी | उसे दर्द हुआ पर वो मुह बंद कर के सह गयी | मैं अब कस कस के धक्के देने लग गया और वो कस कस के कराहती रह गयी और मैं बिच बिच में सुके चुचो को भी मसलता रहता वो अह्ह्ह्ह्ह्ह उई उ उ उ उ उ उ हम्म ई करते करते दो बार झड गयी और मैं लगा हुआ था | करीब पन्द्रह मिनट बाद मैं उसके चुत में ही झड गया और वो मुझे कस के पकड़ के चूमना शूर कर दी | हम दोनों झड के सुकून महसूस कर रहे थे | उसके बाद हम दोनों उठे ठीक ठाक हुए और फिर अपने काम पे लग गए | काम करते करते हम दोनों ने बहुत बार किस किये और एक दूसरे के लंड और चुचो को मसला |
 
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