सहेली और मेरी चूत मस्ती

sexstories

Administrator
Staff member
Saheli Aur Meri Chut Masti

हेलो दोस्तो। मैं हूँ प्रियांशी मिश्रा (उम्र २०) नई दिल्ली से। आप लोगों के लिए एक मज़ेदार कहानी पेश करने जा रही हूँ।

यह मेरी एक लेस्बियन प्रेम सम्बंध की कहानी है, जिसे पढ़कर लड़कियों की चूत से तो पानी निकलेगी ही साथ ही साथ, लड़के भी अपने लंड को हिलाकर थक जाएँगे।

मैं एक गर्ल्स कॉलेज में पढ़ती हूँ। मेरे कॉलेज के हॉस्टल में २-३ लड़कियाँ एक रूम में रहती हैं। सभी लड़कियों को पता हैं कि हॉस्टल की ज्यादातर लड़कियाँ लेस्बियन हैं।

अगर किसी लड़की की रूम मेट लेस्बियन ना भी हो, तो वह लड़की चूत की गर्मी बुझाने के लिए दूसरी लड़की के साथ अपनी चूत रगड़ देती है। मेरी रूम मेट का नाम प्रियंका (उम्र २०) है।

प्रियंका और मैं, रोज़ रात को अपनी चूत एक दूसरे के साथ रगड़ते है। प्रियंका और मेरे शरीर में सिर्फ़ मोटापा का फ़र्क़ है। उसके शरीर में मोटापा थोड़ा ज़्यादा होने के कारण उसकी गांड और स्तन मुझसे थोड़े बड़े है। हम दोनों का रंग भूरा है।

कुछ महीने पहले हमारे साथ प्रीति (उम्र २०) नाम की लड़की रहने को आई थी। उसके आने से मैं और प्रियंका रात को गांड मस्ती नहीं कर पाते थे। कुछ दिन बाद, प्रियंका और मेरी चूत में हवस के मारे बहुत खुजली होने लगी थी।

हॉस्टल में रात को हम ज़मीन पर रजाई बिछाकर सोते है। मैं बिच में सोती थी और मेरे अगल-बगल में प्रियंका और प्रीति। प्रियंका और मैंने सोच लिया कि रात को जब प्रीति सो जाएगी, तब हम लोग अपनी कामुक शरारत करेंगे।

रात को हम तीनो लोग सो गए। मैं और प्रियंका एक दूसरे की तरफ मुँह करके सोए थे। कुछ देर बाद प्रियंका ने उठकर देखा कि प्रीति दूसरी तरफ मुँह करके सोई है। उसने मुझे अपनी कंबल के अंदर ले लिया।

मैं प्रियंका के ऊपर चढ़कर लेटी थी। कंबल को मैंने अपने ऊपर चढ़ाकर प्रियंका के तकिये के निचे फसा दिया। हम लोग रात को तो वैसे नंगे ही सोते थे, मगर प्रीति के आने के बाद हम कपड़े पहनकर सोने लगे।

उस रात हम दोनों ने लूज़ टॉप पहना था जो हमारे घुटनों तक आता है। अंदर कुछ भी नहीं पहना था।

प्रियंका ने अपने हाथ मेरी लूज़ टॉप के अंदर घुसा दी और मेरी चूतडों को पकड़कर फ़ैलाने लगी। मैं अपने हाथों से प्रियंका की टॉप को उठाकर उसके स्तनों को दबा रही थी।

फिर मैं उसकी निप्पल को चूसने और काटने लगी। प्रियंका की चीखें ना निकले इसलिए मैं उसके होठों की चुंबन लेने लगी। प्रियंका मस्ती से गरम होकर मेरी गांड की छेद और मेरी चूत में उँगली कर रही थी।

कुछ देर ऐसे रहने के बाद अब प्रियंका मेरे ऊपर चढ़कर लेट गई। मैंने जब उसकी चूत में उँगली घुसाई तो मेरी उँगली गीली हो गई थी। प्रियंका भी तेज़ी से सिसकियाँ भर रही थी।

उसने मेरी कान हलके से काटी। मेरी चीख़ निकलने ही वाली थी कि तब उसने अपना हाथ मेरे मुँह पर रख दिया।

[प्रियंका:] चलना बाथरूम में चलते है। मुझसे और रहा नहीं जा जाता।

[मैं:] थोड़ी देर रुक जा। प्रीति गहरी नींद में सोई है कि नहीं पता चल जायेगा। फिर चलते है।

प्रियंका अपने आप को रोक नहीं पा रही थी। मैं भी उत्तेजित हो रही थी इसलिए हम दोनों धीरे से बाथरूम की तरफ जाने लगे। दबे पाँव चलकर हम दोनों बाथरूम के अंदर घुस गए।

बाथरूम में पहुँचकर हमने हमारे कपड़े उतार दिए। प्रियंका और मैं एक दूसरे को बाहों में भरकर होठों की चुम्मी लेने लगे। चुंबन लेते वक़्त हम एक दूसरे की गांड को पकड़कर अपनी चूत एक दूसरे की चूत से रगड़ने लगे।

चुम्मी लेते समय हम होठों को चूसने लगे। प्रियंका ने अपनी उँगली को मेरी चूत में डालकर रगड़ना शुरू कर दिया। मैंने भी अपनी बिच वाली उँगली को उसकी चूत में घुसाकर उसका पानी निकालने लगी।

मैं अपनी थूक को प्रियंका के मुँह में छोड़ रही थी और फिर प्रियंका ने भी मेरा साथ देना शरू कर दिया।

रात को बाथरूम का फर्श सूखा होने की वजह से हम कभी-कभी उसपर लेटकर एक दूसरे की चुदाई करते थे। लेकिन प्रीति को रात में नहाकर सोने की आदत होने की वजह से बाथरूम का फर्श उस रात गीला था।

प्रियंका फर्श पर लेट गई और मैं उलटी घूम कर उसपर लेट गई। मैंने प्रियंका के चेहरे पर अपनी गांड टिकाई और उसकी नाक पर अपनी चूत को रगड़ने लगी। प्रियंका ने अपने पैर फैलाए जिससे मैं उसके बालों से भरी चूत को थूक लगाकर चाट रही थी।

थोड़ी देर ऐसे एक दूसरे की चूत से हमने पानी निकाली। प्रियंका की चूत का पानी जल्दी निकलता है इसलिए उसने मेरे मुँह के ऊपर अपनी गांड को रखा।

मैं प्रियंका के चूतड़ों को फैलाकर उसकी चूत के अंदर अपनी ज़ुबान को एकदम अंदर तक घुसाने लगी। अपनी दो उँगली को मैंने उसकी गांड की छेद में घुसाकर अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।

प्रियंका अपने मुँह पर हाथ रखकर चीख़ने लगी थी। जब मैंने ज़ोर-ज़ोर से प्रियंका की चूत में अपनी ज़ुबान को डालकर चाटा, तब उसने अपना पेशाब छोड़ दिया। मेरे मुँह पर उसने अपना गरम पेशाब छोड़ दिया और फिर अपनी गांड को मेरे मुँह पर रगड़ा।

अब मैं घोड़ी बनकर बाथरूम के फर्श पर बैठ गई. प्रियंका ने उसका टूथब्रश निकाला और ब्रश के दूसरे छोर वाला हिस्सा मेरी चूत में घुसाकर अंदर-बाहर करने लगी।

उसने अपनी दो उँगलियों को मेरी गांड की छेद के अंदर घुसा दिया। ज़ोर-ज़ोर से टूथब्रश को मेरी चूत में घुसाते हुए उसने मेरी गांड की छेद पर थूक दिया। प्रियंका ने उस रात बहुत पानी पिया था ताकि वह गांड मस्ती अच्छे से कर सकें।

उसने टूथब्रश को मेरी चूत में छोड़ दिया और खड़ी होकर मेरी गांड की छेद को अपनी उँगलियों से खींचने लगी। प्रियंका ने फिर एक बार अपना पेशाब छोड़ा लेकिन इस बार सीधे मेरी गांड की छेद के अंदर।

उसका गरम पेशाब मेरी गांड की छेद में पूरा चला गया। अब प्रियंका ने मेरी गांड की छेद के सामने अपना मुँह रखा। मैं समझ गई थी कि मुझे क्या करना है। मैंने ज़ोर लगाकर अपने गांड की छेद से वह सारा पेशाब प्रियंका के मुँह पर छिड़क दिया।

प्रियंका को उसीके पेशाब से मैंने नहला दिया था। मुझे इतनी जल्दी पेशाब नहीं आती इसलिए हर बार प्रियंका ही बहुत पानी पीकर हम दोनों को पहले उसके पेशाब से नहलाती है।

प्रियंका मेरी गांड की छेद को सूंघ रही थी। उसने अब ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूत में टूथब्रश घुसाना शुरू कर दिया था। आख़िरकार मेरा भी पेशाब निकलने वाला था। मैंने प्रियंका को घोड़ी बना दिया।

उसकी गांड की छेद को अपनी उँगलियों से फैलाकर मैंने भी उसमें मूत दिया। मेरा गरम पेशाब सीधा गांड की छेद में चला गया था। पेशाब अंदर जाने के बाद प्रियंका खड़ी हो गई और मैं लेट गई।

प्रियंका ने मेरे मुँह से थोड़ा ऊपर अपनी गांड की छेद को फैलाया। उसने उसकी गांड की छेद से निकला पूरा पेशाब का पानी मेरे मुँह पर और कुछ मेरे नंगे शरीर पर छिड़क दिया।

प्रियंका और मैं बाथरूम की फर्श पर बैठ गए। प्रियंका मेरी तरफ मुँह करकर मेरी गोद में आ गई। मैंने अपने पैर फैला दिए। प्रियंका ने भी अपने पैर फैलाए और अपनी चूत को मेरी चूत से चिपका दिया।

हम दोनों के शरीर से गरम पेशाब की गंद आ रही थी। उस गंद को सूंघकर हम दोनों उत्तेजित हो गए और अपनी चूत को एक दूसरे की चूत से रगड़ने लगे।

प्रियंका और मैं, हमारे स्तन एक दूसरे से चिपकने लगे थे। हमारे कड़क निप्पल जब एक दूसरे से टकराते थे, तब एक करेंट-सी लगती थी।

हवस के कारण हम दोनों भूल गए कि बाहर प्रीति उठकर बाथरूम का दरवाज़ा खटखटा रही थी। हमारी चीखों की आवाज़ ने उसे जगा दिया था।

मैंने और प्रियंका ने मिलकर दरवाज़ा खोला। प्रीति ने हम दोनों को देखा और वह वहाँ से चली गई। उस घटना को अब २ महीने हो चुके थे। अब रोज़ रात को मैं, प्रियंका और प्रीति तीनो मिलकर एक दूसरे की चूत रगड़ते हैं।

हम दोनों ने मिलकर प्रीति को कैसे पटाया इसके पीछे एक दूसरी कहानी है।
 
Back
Top