सुरभि के हॉट बूब्स देखकर रहा नहीं गया

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Hindi sex stories, antarvasna: मैं कुछ दिनों के लिए अपने मामा जी के घर पर गया हुआ था और जब मैं उनके घर पर गया तो उनके पड़ोस में एक परिवार रहने के लिए आया हुआ था। कुछ दिनों पहले ही मामाजी के पड़ोस में वह लोग रहने के लिए आए थे लेकिन जब उस दिन पहली बार मैंने सुरभि को देखा तो सुरभि को देखते ही मेरे दिल में हलचल से पैदा होने लगी। मैं उसे प्यार करने लगा था मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी कि मैं सुरभि को प्यार करता हूं। सुरभि और मेरे बीच काफी बातें होने लगी थी और उसके बाद तो हम दोनों एक दूसरे को काफी ज्यादा प्यार करने लगे थे हम दोनों एक दूसरे के बिना रह भी नहीं पाते थे। मैं जब भी मामा जी के घर जाता तो मैं सुरभि को जरूर मिला करता था परंतु सुरभि की फैमिली को इस बारे में पता चला तो उन लोगों ने मुझे और सुरभि को कभी मिलने ही नहीं दिया। हम दोनों एक दूसरे से सिर्फ फोन पर ही बातें किया करते थे। सुरभि का घर से निकलना भी उन लोगों ने लगभग बंद ही कर दिया था क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं कोई ऊंच नीच ना हो जाए जिसकी वजह से वह लोग सुरभि को घर से बाहर भी नहीं निकलने दे रहे थे।

मैं और सुरभि एक दूसरे से सिर्फ फोन पर ही बातें किया करते थे लेकिन मुझे यह बात अच्छे से पता है कि मुझे सिर्फ और सिर्फ सुरभि से ही शादी करनी है इसीलिए मैं अब नौकरी की तलाश में था। मैं चाहता था कि मैं एक अच्छी नौकरी करूं ताकि सुरभि की फैमिली से इस बारे में मैं बात कर सकूं परंतु अभी तक मेरी नौकरी कहीं नहीं लगी थी। मैं नौकरी की तलाश में ही था और जब मेरी नौकरी एक अच्छी कंपनी में लग गई तो उसके बाद मैं बहुत ही ज्यादा खुश था। मेरी जिस कंपनी में जॉब लगी थी वहां पर मेरी सैलरी भी काफी अच्छी थी जिस वजह से मैं बहुत ही खुश था। सब कुछ अच्छे से चल रहा था बस सिर्फ और सिर्फ मुझे सुहानी के माता-पिता को समझाना था। मैंने अपने परिवार वालों को इस बारे में बता दिया था वह हम दोनों के बारे में पहले से ही जानते थे लेकिन मैं चाहता था कि पापा सुरभि के पिता जी से बात करें क्योंकि अब मैं अच्छी जगह जॉब कर रहा था और मैं अच्छा कमाने में लगा था जिस वजह से पापा ने भी सुरभि की पिताजी से बात की।

पहले वह लोग नहीं माने लेकिन उसके बाद किसी तरीके से मामा जी ने सुरभि के पिताजी को समझाया और वह लोग हम दोनों की शादी करवाने के लिए मान चुके थे। मैं इस बात से बहुत ज्यादा खुश था क्योंकि सुरभि और मैंने हमेशा ही एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार किया है और अब हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे। हम दोनों की सगाई हो जाने के बाद जल्द ही हम दोनों की शादी भी हो गई। जब हम दोनों की शादी हुई तो सुरभि और मैं एक दूसरे के साथ बड़े खुश थे। जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ में रहते और एक दूसरे के साथ समय बिताते हैं उससे हम दोनों को बहुत अच्छा लगता। शादी के कुछ समय के बाद सुरभि चाहती थी कि वह भी कहीं जॉब कर ले हालांकि मैंने सुरभि को साफ मना कर दिया था लेकिन फिर भी वह चाहती थी की वह किसी अच्छी कंपनी में जॉब करे। मैं सुरभि से प्यार करता हूं इसलिए मैं उसकी बात को बिल्कुल भी टाल ना सका। सुरभि भी जॉब करने के लिए तैयार हो चुकी थी और उसकी नौकरी भी किसी कंपनी में लग गई थी।

घर पर सुरभि अकेले बोर हो जाती थी इसलिए वह चाहती थी कि वह भी जॉब करें और वह नौकरी करने लगी थी। मैं बहुत ही ज्यादा खुश था जिस तरीके से सुरभि और मेरी जिंदगी में सब कुछ अच्छे से चल रहा था। हम दोनों की लाइफ बहुत ही अच्छे से चलने लगी हम दोनों के पास टाइम होता तो हम दोनों साथ में कहीं ना कहीं घूमने के लिए चले जाया करते। एक दिन रविवार का दिन था और उस दिन सुरभि ने मुझसे कहा कि आज कहीं घूमने चलते हैं। मैंने सुरभि को कहा कि नहीं सुरभि आज मेरा मन नहीं है लेकिन सुरभि की जिद के आगे मेरी एक ना चली और मुझे उसके साथ घूमने के लिए जाना ही पड़ा। हम दोनों साथ में घूमने के लिए चले गए थे उस दिन हम दोनों साथ में गए तो हम दोनों ने शॉपिंग की। सुरभि ने काफी सारी शॉपिंग कर ली थी मैंने सुरभि को कहा कि कुछ समय पहले ही तो तुमने शॉपिंग की थी। वह मुझे कहने लगी कि तुम तो जानते ही हो कि मुझे शॉपिंग करना कितना ज्यादा पसंद है।

उसके बाद हम दोनों घर लौट आए थे जब हम लोग घर लौटे तो उस दिन हम लोगों को घर लौटने में काफी ज्यादा देर हो गई थी। मां ने भी खाना बनाना शुरू कर दिया था सुरभि ने भी जल्दी से कपड़े चेंज किए और उसके बाद वह मां के साथ खाना बनाने के लिए चली गई। वह मां के साथ खाना बनाने में मां का हाथ बटा रही थी। कुछ ही देर में खाना तैयार हो चुका था और हम सब लोगों ने साथ में डिनर किया। उस दिन डिनर करने के बाद सुरभि और मैं छत में चले गए और वहां पर हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे। सुरभि और मैं अपने पुराने दिनों को याद कर के खुश हो रहे थे की किस तरीके से हम दोनों एक दूसरे से बातें किया करते थे। हमारी जिंदगी बहुत ही अच्छे से चल रही है हम लोग काफी देर तक छत में रहे और फिर हम दोनों अपने रूम में आ चुके थे। मुझे भी काफी गहरी नींद आ रही थी और मैं भी सोने की तैयारी में था सुरभि को भी अगले दिन ऑफिस जाना था इसलिए हम दोनों जल्दी ही सो चुके थे। लेकिन मुझे बिल्कुल भी नींद नहीं आ रही थी मैं उठा हुआ था।

मैं चाहता था सुरभि से मैं बात करू वह सो चुकी थी जैसे ही मैंने सुरभि के स्तनों पर अपने हाथ को रखा तो वह उठ गई थी वह मेरी तरफ देखने लगी। उसके चेहरे को देखकर मेरे अंदर उसके साथ सेक्स करने की भावना जागने लगी थी और मैंने सुरभि के कपड़े उतार दिए। मैं उसके स्तनों को चूसने लगा उसकी गर्मी भी बढने लगी थी और मेरी गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही थी। सुरभि बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी अब हम दोनों पूरी तरीके से गर्म हो चुके थे ना तो मैं अपने आपको रोक पा रहा था और ना ही सुरभि अपने आपको रोक पा रही थी। जिस वजह से उसने मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया और वह उसे हिलाने लगी। जब वह ऐसा करने लगी तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था और उसे भी बड़ा मजा आ रहा था। वह मेरी गर्मी को बढ़ाए जा रही थी हम दोनों की गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी थी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाया।

सुरभि ने अपनी चूत पर उंगली लगाना शुरू कर दिया और मैंने उसकी चूत को चाटना शुरु किया वह गर्म होती जा रही थी। मैंने उसकी गर्मी को बहुत ज्यादा बढा दिया था हम दोनों बहुत ज्यादा गर्म होने लगे थे। मैंने सुरभि को कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा। वह मुझे कहने लगी मैं भी नहीं रह पा रही हूं उसने अपने पैरों को चौड़ा कर दिया था और मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को रगडना शुरू किया। जब उसकी चूत के अंदर मेरा लंड घुसा तो वह जोर से चिल्ला कर मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है। हम दोनों बहुत ज्यादा गर्म होने लगे थे। मेरी गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी थी और मै सुरभि के साथ सेक्स करना चाहता था। मैंने सुरभि की योनि के अंदर अपने मोटे लंड को डाल दिया। जब हम दोनों सेक्स करने लगे तो उसकी गर्मी बढने लगी थी और मै सुरभि की योनि के अंदर बहार अपने लंड को बड़े अच्छे से किए जा रहा था।

वह बहुत ज्यादा खुश थी उसकी सिसकारियां लगातार बढ़ती जा रही थी उसने अपने पैरों के बीच में मुझे जकडना शुरू कर दिया था। सुरभि की चूत से निकलता हुआ पानी बहुत ज्यादा अधिक हो चुका था। उसकी चूत आज भी पहले जैसे ही टाइट है हम दोनों एक दूसरे के साथ बड़े अच्छे तरीके से सेक्स संबंध बना रहे थे और एक दूसरे की गर्मी को हमने बहुत ज्यादा बढ़ा कर रख दिया था जिससे कि अब हम दोनों रह नहीं पा रहे थे। ना तो मैं अपने आप पर काबू कर पा रहा था ना ही सुरभि अपने अंदर की गर्मी को रोक कर पा रही थी। जिस वजह से मैंने अपने माल को उसकी चूत मे गिरा दिया वह खुश हो गई थी। हम दोनों बहुत ज्यादा खुश हो गए थे जिस तरह हमने एक दूसरे के साथ में सेक्स किया था। हम दोनों कुछ देर तक तो लेटे रहे।

सुरभि की चूत से माल बाहर की तरफ को टपक रहा था और हम दोनों ने एक दूसरे को दोबारा से गर्म कर दिया था। वह मेरे लंड को चूसने लगी थी जब वह मेरे लंड को चूस रही थी तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से वह मेरी गर्मी को बढ़ा रही थी। मेरी गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी मैंने सुरभि की योनि मैं लंड को डाल दिया था। हम दोनों दोबारा से एक दूसरे के साथ में सेक्स करने लगे थे। मैं उसकी चूत की गर्मी को झेल नहीं पा रहा था वह भी मेरा साथ बड़े अच्छे से दे रही थी। जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ में सेक्स कर रहे थे उससे हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लग रहा था। हम दोनों बहुत ज्यादा खुश हो गए थे हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स संबंध बनाए जा रहे थे। मैं बड़ी तेजी से सुरभि की चूत के मजे ले रहा था। वह भी बहुत ज्यादा खुश थी जब हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स कर रहे थे लेकिन जैसे ही मैंने अपने माल को उसकी चूत में गिराया वह खुश हो गई और मैं भी बहुत ज्यादा खुश हो गया था।
 
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