सुहानी की चूत की तड़प

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Antarvasna, hindi sex stories: आकाश और मैं अपने दोस्त रजत से मिलने के लिए उसके घर पर गए। जब हम लोग रजत से मिलने के लिए उसके घर पर गए तो वहां पर उस दिन रोहन से भी हमारी मुलाकात हुई। रोहन से मिलकर बड़ा ही अच्छा लगा काफी लंबे अरसे के बाद उन लोगों से मुलाकात हो पा रही थी। रोहन विदेश में रहता है और वह चंडीगढ़ कम ही आया करता है लेकिन उस दिन रोहन और रजत से मिलकर काफी अच्छा लगा। कुछ देर रुकने के बाद आकाश और मैं वापस लौट आए थे क्योंकि आकाश हमारी कॉलोनी में ही रहता है इसलिए हम दोनों साथ मे रजत से मिलने के लिए गए थे। हम दोनों उनसे मिलने के बाद वापस आ चुके थे और जब मैं अपने घर पर आया तो उस दिन पापा घर पर नहीं थे।

मैंने मां से पूछा कि मां क्या पापा अभी तक घर पर नहीं आए हैं तो मां ने मुझे कहा कि वह बस थोड़ी देर बाद आती ही होंगे। मैंने जब घड़ी में समय देखा तो उस वक्त 7:00 बज रहे थे उसके बाद मैं अपने रूम में चला गया। 9:00 बजे तक पापा घर लौटे नहीं थे मैंने पापा को फोन किया तो उनका नंबर स्विच ऑफ आ रहा था और सब लोग घर में काफी ज्यादा परेशान थे। मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर पापा ने अपना फोन क्यों बंद किया हुआ है लेकिन वह 10:00 बजे तक घर पर आ चुके थे। जब वह घर पर आए तो उस दिन पापा ने बताया कि रास्ते में काफी ज्यादा ट्रैफिक था और उनका फोन भी स्विच ऑफ था इस वजह से वह हमें फोन नहीं कर पाये।

पापा घर पर आ चुके थे और फिर हम सब लोगों ने साथ मे डिनर किया उसके बाद मैं अपने रूम में चला गया। मैं अपने रूम में गया तो मैंने सोचा कि क्यों ना आज मैं सुहानी से बात करूं सुहानी से मुझे बात किए हुए काफी लंबा समय हो चुका था। सुहानी मेरे साथ कॉलेज में ही पढ़ा करती थी और अब कॉलेज पूरा हो जाने के बाद हम लोगों की मुलाकात तो नहीं हो पाती है लेकिन हम दोनों एक दूसरे से कभी कबार फोन पर बात कर लिया करते हैं। मैं भी अभी नौकरी की तलाश में था लेकिन अभी तक मेरी नौकरी नहीं लगी थी। उस रात मेरी और सुहानी की फोन पर बातें हुई हम दोनों ने फोन पर काफी देर तक बातें की और मुझे उस दिन सुहानी से बात कर के अच्छा लगा। थोड़ी देर बात करने के बाद मैंने फोन रख दिया था और फिर मुझे काफी गहरी नींद आ गई थी।

अगले दिन मैं जब सुबह उठा तो मैंने उस दिन अपने दोस्त आकाश को फोन किया आकाश से मेरी बात हुई तो आकाश ने मुझे बताया कि वह आज अपने भैया से मिलने के लिए जा रहा है। मैंने आकाश को कहा कि मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूं और उस दिन आकाश और मैं आकाश के एक कजन ब्रदर को मिलने के लिए चले गए। उस दिन जब हम लोग उनसे मिले तो मैंने आकाश के भाई से अपनी जॉब के बारे में बात की तो उन्होंने मुझे बताया कि उनके ऑफिस में एक वैकेंसी है। आकाश के भैया एक अच्छे पोस्ट पर हैं इसलिए उन्होंने मेरी जॉब की बात अपने ऑफिस में कर ली थी। मैं अब जॉब करने लगा था मेरी नौकरी लग चुकी थी और मैं काफी खुश भी था पापा मम्मी भी इस बात से बड़े खुश थे। सुबह के वक्त मैं अपने घर से अपने ऑफिस के लिए निकलता और शाम के वक्त मैं घर लौट आया करता मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता था। मेरी मुलाकात काफी दिनों से आकाश के साथ नहीं हुई थी और जब उस दिन मेरी मुलाकात आकाश के साथ हुई तो मुझे बड़ा अच्छा लगा।

आकाश ने मुझे कहा की आजकल तुम कुछ ज्यादा ही बिजी हो तो मैंने आकाश को कहा कि तुम्हें तो मालूम ही है कि जब से मेरी जॉब लगी है तब से मेरे पास बिल्कुल भी समय नहीं हो पाता है। उस दिन आकाश ने मुझे कहा कि चलो आज हम लोग मूवी देख आते हैं मैंने भी आकाश को कहा कि ठीक है चलो आज हम लोग मूवी देखने चलते हैं। उस दिन हम दोनों ही मूवी देखने के लिए चले गए मुझे उस दिन काफी अच्छा लगा जब मैं और आकाश साथ में मूवी देखने गए। काफी दिनों के बाद आकाश और मैं एक दूसरे को मिल रहे थे और हम दोनों को एक दूसरे से मिलकर बड़ा ही अच्छा लगा। हम दोनों मूवी देखने के बाद घर लौट आए थे जब हम लोग घर लौटे तो उस दिन मुझे सुहानी का फोन आया और सुहानी ने मुझे कहा कि मैं तुमसे मिलना चाहती हूं। मैंने सुहानी को कहा कि ठीक है मैं तुमसे मिलने के लिए आता हूं और फिर मैं सुहानी को मिलने के लिए चला गया। जब मैं सुहानी से मिलने गया उस वक्त शाम के 6:00 बज रहे थे। मैं जब सुहानी को मिला तो मुझे सुहानी से मिलकर अच्छा लगा।

सुहानी काफी ज्यादा परेशान लग रही थी मैंने उसकी परेशानी का कारण पूछा तो उसने मुझे बताया कि उसकी फैमिली में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है उसके पापा और मम्मी के बीच कुछ भी ठीक नहीं है इसी वजह से वह काफी ज्यादा परेशान थी। सुहानी घर में एकलौती है। वह मुझसे मिलना चाहती थी मैंने और सुहानी ने उस दिन काफी अच्छा समय साथ में बिताया और हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगा जब हम दोनों ने साथ में समय बिताया। सुहानी से मिलने के बाद मैं घर वापस लौट आया था मुझे पता ही नहीं चला कि सुहानी के साथ कब मैंने इतना अच्छा टाइम स्पेंड किया। मैं घर लौट आया था जब मैं घर लौटा तो उस वक्त काफी रात हो चुकी थी मां ने मुझसे पूछा कि बेटा तुम आज घर देरी से आ रहे हो तो मैंने मां को कहा कि हां मां आज मैं अपने क्लास में पढ़ने वाली सुहानी से मिलने के लिए गया था। मां सुहानी को पहचानती है क्योंकि सुहानी मेरे साथ घर पर भी आई थी इसलिए मां सुहानी को पहचानती हैं। मां ने मुझे कहा कि बेटा तुम डिनर कर लो लेकिन मैंने मां से कहा कि नहीं मां मेरी इच्छा बिल्कुल भी नहीं है। मैंने उस दिन डिनर नहीं किया क्योंकि मेरा मन बिल्कुल भी डिनर करने का नहीं था और अगले दिन मैं सुबह के वक्त अपने ऑफिस के लिए निकल गया।

जब मैं सुबह अपने ऑफिस के लिए निकला तो उस दिन रास्ते में मेरी मोटरसाइकिल खराब हो गई जिस वजह से मुझे ऑफिस पहुंचने में काफी देर हो गई थी। जब मैं ऑफिस पहुंचा तो मुझे उस दिन मेरे बॉस ने भी काफी डांटा जिस वजह से मेरा मूड बिल्कुल भी सही नहीं था। शाम के वक्त जब सुहानी से मेरी बात हुई तो हम दोनों ने मिलने का फैसला किया और मैं सुहानी को मिलने के लिए उसके घर के पास के ही एक कॉफी शॉप में चला गया। सुहानी के घर के बाहर ही एक कॉफी शॉप है हम लोग अक्सर वहां पर भी मिला करते थे और जब मैं सुहानी को मिला तो मुझे काफी अच्छा लगा। उस दिन सुहानी से मैंने जब इस बारे में बात की तो मुझे काफी अच्छा लगा। मेरा मूड भी ठीक नहीं था तो सुहानी से बात करके मेरा मूड ठीक हो चुका था। मैं और सुहानी एक दूसरे के साथ काफी खुश थे और उस दिन हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा टाइम स्पेंड किया। मैंने सुहानी को एक दिन अपने घर पर इनवाइट किया। जब सुहानी मुझसे मिलने के लिए आई तो उस दिन सुहानी और मैं घर पर अकेले थे। उस दिन ना जाने मेरे दिल में सुहानी को लेकर क्या चल रहा था मैंने जब उसकी जांघ पर अपने हाथ को फेरना शुरू किया तो उसे मज़ा आने लगा वह गर्म होने लगी थी उसकी गर्मी बढ़ने लगी थी मैं भी तडपने लगा था। मैंने सुहानी के होंठों को चूमना शुरू किया और सुहानी के होठों को चूम कर मेरे अंदर की गर्मी बढ़ चुकी थी।

सुहानी भी तड़पने लगी थी मैंने सुहानी के स्तनों को दबाना शुरू किया। जब मैं उसके स्तनों को दबा रहा था तो वह कहने लगी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगी। हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे। जब मैंने सुहानी के बदन से कपड़े उतारे तो वह तड़पने लगी थी उसकी तडप इतनी ज्यादा बढ़ने लगी थी वह मुझे कहने लगी मैं एक पल के लिए भी रह नहीं पाऊंगी। मैंने अपने कपड़े उतारे जब मैंने अपने कपड़े उतारे तो उसने मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया। जब सुहानी ने मेरे मोटे लंड को अपने हाथों में लिया तो मुझे और भी ज्यादा गर्मी का एहसास होने लगा था। जब उसने अपने मुंह के अंदर मेरे लंड को लेकर सकिंग करना शुरु किया तो मेरे अंदर की गर्मी बढ़ने लगी थी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था। मेरी गर्मी बढ़ने लगी थी। मैंने सुहानी से कहा मैं तुम्हारी चूत को चाटना चाहता हूं। मैंने सुहानी की पैंटी को उतार कर जब उसकी गुलाबी चूत को चाटना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा था और सुहानी को भी बड़ा मजा आ रहा था। जैसे ही मैंने उसकी योनि में अपने लंड को घुसाया तो वह बहुत जोर से चिल्लाई और मुझे बोली मेरी चूत में दर्द होने लगा है। सुहानी की चूत से खून बाहर की तरफ निकलने लगा था मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के दिए जा रहा था।

मेरे धक्को मे और भी तेज आ रही थी सुहानी की चूत से पानी भी काफी अधिक मात्रा में निकलने लगा था जिस से कि मेरा लंड सुहानी की चूत में पूरी तरीके से सेट हो चुका था। जब मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर होता तो वह बड़ी जोर से चिल्ला कर मुझे कहती मुझे तेजी से धक्के देते जाओ। मैं सुहानी को बड़ी तेज गति से धक्के दिए जा रहा था। सुहानी की चूत के अंदर बाहर मेरा लंड होता जा रहा था। हम दोनों एक दूसरे की आग को बिल्कुल भी झेल नहीं पा रहे थे। जब मेरे लंड से वीर्य बाहर की तरफ निकलने वाला था तो मैंने सुहानी की चूत मे वीर्य की पिचकारी गिरा दी। मैंने उसकी इच्छा को पूरा कर लिया था जिससे कि वह बहुत ज्यादा खुश थी और वह मेरी बाहों में थी। मैंने सुहानी को कसकर अपनी बाहों में जकड़ा हुआ था।
 
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