स्कूल बंक करते करते गांड मिल गयी

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School bunk ki aur gaand marne ko mili

सलाम दोस्तों, यह मेरी पहली स्टोरी है इसलिए कोई गलती हो तो इगनोर कर देना, अब मैं अपनी स्टोरी पर आता हूँ. यह बात तब की है जब मैं १२थ स्टैण्डर्ड में था. मैंने अपनी १०थ तक की पढाई अपने होमटाउन से ही कम्पलीट करी थी पर ११थ और १२थ मैंने आगरा से किया था.

तो मैं १२थ में था और मुझे घर की और अपने पुराने दोस्तों की बहुत याद आती थी इसलिए मेरा मन स्कूल में नहीं लगता था. तो मैं स्कूल बंक करता था वैसे कोई स्पेसिफिक जगह सेलेक्ट नहीं थी बस वो जगह चुनता था जहा कम पैसो में जयादा टाइम पास हो जाये.

ऐसे करते करते मैं कभी माल मैं कभी उसके टॉप फ्लोर पर कोल्ड ड्रिंक और स्नैक्स लेकर बैठा करता था कभी किसी पार्क में. ऐसा ही एक दिन था और मैं शहर के पुराने सिनेमा में गया वह एक बी फरदे मूवी जिसका टिकेट सिर्फ २० रुपये था लगी हुई थी और वो २ घंटे की थी.

मुझे पोर्न का बहुत शौक था. मैंने अपने दोस्तों से साथ देखा करता था. पर यहाँ कोई नहीं था जिसके साथ मैं यह देख सकू. तो मैंने टिकेट लिया और अंदर चला गया, मैंने आगे से ३ या ४ लाइन के कार्नर वाली सीट ले ली. क्यूंकि वह फेन की हवा अच्छी आ रही थी और दूसरा पीछे वाली लाइन सारे चरसी बैठे हुए थे. जो २० रूपये की टिकेट में चरस, शराब आराम से बैठ कर पी रहे थे.

मैं उनसे दूर ही बैठना चाहता था तो मूवी शुरू हो गयी. करीब मिनट बाद मैंने देखा एक म्च्युर ४० साल का गोल मटोल आदमी मेरे पास आकार बैठ गया. खैर मैं मूवी देखता रहा और फिर कुछ देर बाद मुझे अपनी जांघो पर कुछ महसूस हुआ और मैंने देखा की उस आदमी ने अपना हाथ मेरे जांघो पर रखा है. मैंने इगनोर किया पर फिर उसने मेरे जांघो को सहलाना शुरू किया तो तब मैंने उसकी तरफ देखा और उसका हाथ उठा कर अलग कर दिया.

पर उसने फिर थोड़ी देर बाद सहलाना शुरू किया और मेरे लंड को दबाने लगा. अब मुझे गुस्सा आ गया और मैंने उसे २- ३ गाली बक दी और वो थोड़ी देर तक शांत बैठा रहा. मैं वापिस मूवी देखने में लग गया. मूवी धीरे- धीरे कर के हॉट हो रही थी और मेरा लंड खड़ा हो गया.

कुछ देर बाद मैंने देखा मेरे पैरो में कोई है और जब मैंने निचे देखा तो वही आदमी मेरी दोनों टांगो के बिच में निचे ज़मीं पर बैठा था. मैं उससे कुछ कह पता इससे पहले उसने अपना मुह मेंरे लंड पर रख दिया.

मैंने उसे हटाने की कोशिश की पर वो नहीं हटा और मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरे लंड को अपने मुह में दबा रहा था. मैं ज़यादा कुछ कर भी नहीं सकता था. एक तो मैं स्कूल बंक कर रहा था और दूसरा सब से पीछे साले चरसी बैठे थे.

तो मैं भी बस मामूली विरोध कर रहा था. पर वो पागलो की तरह अपने मुह से मेरे लंड को दबा रहा था. अब सामने सेक्सी मूवी चल रही थी और कोई आपका लंड चुसे तो कोई क्या करसकता है. तो मैं भी मजे लेने लगा और अब उसने मेरा लंड पेंट से बाहर निकला और चूसने लगा.

यह मेरा पहला एक्सपीरियंस था मुझे मज़ा आ रहा था और वो पागलो की तरह मेरा लंड चूस रहा था. उसने ऊपर से निचे तक मेरा पूरा लंड अपने मुह में ले लिया. उसका दिल नहीं मन तो टट्टे भी चूसने लगा. मैं बहुत गरम हो चूका था मैंने सर पकड़ रखा था और मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा था.

समझ नहीं आ रहा था की क्या करू. बस मज़ा आ रहा था और मैं उसका साथ दे रहा था. उसने चूस चूस कर पूरा लंड और मेरी पेंट गीली कर दी थी. मैं उसका सर पकड़ कर अपना लंड उसके मुह में घुसता और निकालता.

बहुत चूसने के बाद वो रुक गया. मैं हैरान रह गया कि क्या हुआ और वो निचे से उठ कर मेरे बराबर में बैठ गया.

मैंने उनको बोला- क्या हुआ?

उसने कहा बस अब यहाँ नहीं, मेरे साथ चलो.

मैंने कहा- कहा ?

उसने कहा चलो तुम्हे और भी मजे दूंगा.

मुझे थोडा डर लग रहा था तो मैंने मना कर दिया पर वो हाथ जोड़ने लगा और कहने लगा प्लीज चलो मुझ से अब रहा नहीं जाता. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था वो क्या कहना चाहता है पर मैं भी अधुरा था अभी साले ने आग लगा दी थी और काम बीच में ही छोड़ दिया इसलिए मैं भी मान गया.

वो मुझे कहने लगे की तुम बस मेरे पीछे आयो, तो मैं उठ कर चल दिया और वो सिनेमा के टॉप फ्लोर पर ले गया और फर्नीचर भी रखा था. वह एक छोटी से कोठरी थी. उसने कहा आ जयो. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था पर मेरे खड़े लंड ने यह सब करने को कहा तो मैं चला गया.

उस कोठरी में जाते ही वो मुझ से लिपट गया और मुझ से कास कर चिपक गया और चूमने लगा. उसने मेरी शर्ट के २ बटन खोले और मेरे निप्पल चूसने लगा और मेरी नैक चाटने लगा. मैं पूरी तरह से पागल हो चूका था और्सब कुछ उस पे ही छोड़ दिया मैंने.

फिर जल्दी से उसने मेरी पेंट उतारी और लंड चूसने लगा. यहाँ मैं भी कम्फ़र्टेबल था कोई डर नहीं किसी का. वो बिलकुल पोर्न मूवी की तरह लंड चूस रहा था. मैं भी उसका सर पकड़ कर झटके मार रहा था और फिर उसने मेरी टांगो को स्ट्रेच किया और अपना सर मेरे अंडो के निचे लाया.

वो अब मेरे टट्टे चाट रहा था. बहुत मज़ा आ रहा था. चाट चाट कर उसने मेरे टट्टे गिले कर दिए. पर मज़ा तो जब आया जब वो अपनी जीभ मेरे गांड और तत्तो के बिच में फेर रहा था. मैं अब बहुत गरम हो चूका था की अचानक उठा और अपनी पेंट खोलने लगा और उसने पूरी पेंट उतार दी.

उसका लंड बहुत छोटा था और सुस्त था और वो डोगी स्टाइल में बेंड हो गया और बोला चल अब मत तडपा मेरी गांड मार. उसकी गांड गोल मटोल थी उस पर छोटे छोटे पिम्प्लेस भी थे. मैं अपना हाथ उसकी गांड पर फेर रहा था और उसे फेल कर रहा था.

अब मैं भी तैयार था, तो मैंने अपना लंड उसकी गांड पर रखा और झटके मरने लगा पर लंड अंदर नहीं जा रहा था. फिर उसने अपना थूक मेरे लंड पर लगाया. और बोला की तुम अपना थूक मेरी गांड पर लगायो और फिर डालो.

मैंने ऐसे ही किया मैंने थूक लगाया और मेरे लंड का तोप उसकी गांड में घुस गया और फिर क्या था मैंने झटके मरने शुरू किये और मुझे एक अलग ही एहसास हो रहा था. मैंने सोचा वाह यह होती है चुदाई. मैं उसे चोदता रहा वो धीरे से चीखता पर मुझे और मज़ा आता और मैं अब जोए जोर से झटके मरने लगा.

वो भी मेरा साथ दे रहा था और अपनी गांड हिला रहा था. मैं बस झड़ने वाला था मैंने सूए बताया तो उसने तुरंत सीधा हो कर मेरे लंड को अपने मुह में लिया और चूसने लगा और मैं झड गया.

मेरा सारा पानी उसने अपने मुह में भर लिया और पी गया और फिर उसे और चूस कर मेरा लंड साफ़ किया. इसके बाद मैं जब भी बंक करता उस सिनेमा में जरुर जाता था.
 
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