हमें मौका मिल गया चुदाई का

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Antarvasna, kamukta: सुहानी और मैं ऑफिस से घर लौट रहे थे तो सुहानी ने मुझे कहा कि अनामिका मैं तुम्हें अपने भैया से मिलवाती हूं मैंने सुहानी को कहा आज तो तुम्हारे भैया से मिल पाना मुश्किल हो पाएगा क्योंकि मुझे आज घर जल्दी जाना है। सुहानी कहने लगी ठीक है अनामिका भैया से तुम कल मिलना फिर मैं अपने घर चली आई। मैं जब अपने घर पहुंची तो मुझे देखने के लिए लड़के वाले आने वाले थे जब वह लोग आए तो उन्होंने मुझे देखते ही पसंद कर लिया मां और पापा को लड़का बहुत पसंद था क्योंकि वह एक अच्छी कंपनी में एक अच्छे पद पर है। मां और पापा मुझे कहने लगे कि बेटा अनामिका तुम इस रिश्ते के लिए हां कर दो मैंने अभी तक शादी के बारे में कुछ सोचा नहीं था लेकिन मां के कहने पर ही मैंने इस रिश्ते के बारे में सोचा। मैंने मां से कहा मां मुझे कुछ दिन और सोचने का समय दो मां ने मुझे कहा ठीक है बेटा जैसा तुम्हें ठीक लगता है।

मैंने अभी तक अपने रिश्ते के लिए कुछ हामी नहीं भरी थी मैं यही सोच रही थी कि क्या मुझे शादी कर लेनी चाहिए क्योंकि मेरे कुछ सपने थे जिन्हें मैं पूरा करना चाहती थी। मैं अपने करियर को एक मुकाम पर ले कर जाना चाहती थी और मैं चाहती थी कि मैं अपने जीवन में कुछ अच्छा करुं लेकिन मां और पापा मेरी पीछे शादी के लिए लगे हुए थे। उनके दबाव के चलते ही मैंने लड़के को देखने के लिए हां कहा था। मैं ऑफिस में बैठकर अपना काम कर रही थी सुहानी ने मुझसे कहा कि अनामिका मुझे लगता है कि तुम आज कुछ ज्यादा ही परेशान हो। मैंने सुहानी को इस बारे में कुछ भी नहीं बताया था लेकिन जब लंच टाइम में मैंने सुहानी को इस बारे में बताया तो सुहानी मुझे कहने लगी कि अनामिका यदि तुम्हारे पापा मम्मी कह रहे हैं कि तुम शादी कर लो तो तुम्हें अब शादी कर लेनी चाहिए लेकिन मैं तो कुछ और ही चाहती थी शायद यह बात सुहानी भी अच्छे से जानती थी। सुहानी मुझे कहने लगी कि चलो अब छोड़ो तुम अपने काम पर ध्यान दो। मेरे जीवन में सब कुछ अच्छे से चल रहा था लेकिन ना जाने पापा और मम्मी को ऐसा क्यों लगने लगा की मेरी शादी करवा लेनी देनी चाहिए।

मैं चाहती थी कि जिस भी लड़के से मैं शादी करूं वह मेरा बहुत ध्यान दें और मेरे पास भी अब शायद और कोई रास्ता नहीं बचा था इसलिए मुझे भी शादी के लिए हामी भरनी पड़ी और मैंने शादी के लिए हामी भर दी। मेरे पापा मम्मी ने मेरी सगाई बड़े ही धूमधाम से करवाई और मेरी सगाई के दौरान हमारे सारे रिश्तेदार आए हुए थे पापा और मम्मी इस बात से बड़े खुश थे कि मेरी सगाई हो चुकी है। मैं अभी भी अपने ऑफिस जाया करती और उसी दौरान एक दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी और मैं घर पर ही थी लेकिन घर पर मेरा मन नहीं लग रहा था इसलिए मैं शॉपिंग करने के लिए चली गई। जब मैं शॉपिंग करने के लिए गई तो उस दिन सुहानी मुझे मिली और सुहानी मुझे कहने लगी कि यह भी बड़ा अजीब इत्तेफाक है क्या तुम भी शॉपिंग करने के लिए आई हुई। मैंने सुहानी से कहा हां मैं भी आज शॉपिंग करने के लिए आई हूं मैंने सुहानी को कहा क्या तुम अकेली आई हो तो वह कहने लगी नहीं मेरे भैया भी मेरे साथ आए हैं वह अभी कार पार्क करने के लिए गए हुए हैं बस अभी आते ही होंगे। जब सुहानी के भैया आए तो मुझे ऐसा लगा कि मैं जिस लड़के के बारे में सोचती थी वह सुहानी के भैया ही हैं। सुहानी ने मेरा परिचय करवाया और मैं तो जैसे कमल को देखती ही रही कमल भी एक अच्छी जॉब पर हैं और वह बड़े अच्छे इंसान हैं उस दिन पहली बार उनसे मेरी मुलाकात हुई और मुझे ऐसा लगा कि मैंने शायद गलती कर दी मुझे सगाई नहीं करनी चाहिए थी और मुझे कमल से पहले ही मिल लेना चाहिए था। कमल को मैं पहली ही नजर में पसंद करने लगी थी उस दिन हम लोगों ने शॉपिंग की और उसके बाद हम लोगों ने साथ में काफी अच्छा समय बिताया। कमल ने मुझे घर तक छोड़ा और सुहानी ने मुझे कहा कि अनामिका हम लोग कल ऑफिस में मिलते हैं तो मैंने सुहानी को कहा ठीक है हम लोग कल ऑफिस में मिलते हैं। मैं अब सिर्फ कमल के बारे में ही सोच रही थी मेरे दिमाग में और कुछ भी नहीं चल रहा था मुझे लगा कि शायद मैंने बहुत जल्दबाजी में सगाई का फैसला कर लिया है लेकिन अब मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी।

उस रात मैं सो भी नहीं पाई थी और अगले ही दिन जब मैं ऑफिस गई तो सुहानी से मेरी बात हुई और सुहानी से मैंने उसके भैया के बारे में पूछा मैं चाहती थी कि कमल से मैं एक दो बार और मुलाकात करूं। उसके बाद कमल से मेरी दोबारा मुलाकात हुई जब कमल मुझे मिले तो उनके साथ मुझे समय बिताने का मौका मिल गया कमल को यह बात मालूम थी कि मेरी सगाई हो चुकी है इसलिए शायद कमल ने मुझसे इतने खुलकर कभी बातें की ही नहीं परंतु मैं चाहती थी कि कमल से मैं अपने दिल की बात जरूर कहूं। मैं कमल से फोन पर बातें करने लगी थी कमल से मैं जब फोन पर बातें करती तो मुझे बहुत अच्छा लगता यह बात सुहानी को अभी तक पता नहीं थी। हालांकि कमल और मेरे बीच ऐसा कुछ भी नहीं था हम लोग सिर्फ अच्छा दोस्त होने के नाते बातें किया करते लेकिन हमारी नज़दीकियां भी कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी थी और बहुत कम समय में ही कमल के मैं बहुत ज्यादा नजदीक आ गई। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि कमल के मैं इतने नजदीक आ जाऊंगी और उसके बाद तो जैसे हम दोनों एक दूसरे को मिलने लगे थे।

एक दिन मैं कमल से मिली और उस दिन मेरे मंगेतर विशाल ने मुझे देख लिया विशाल ने जब मुझे देखा तो उसने मुझे कहा कि अब हमारी शादी होने वाली है और तुम ऐसे ही किसी भी लड़के के साथ घूम रही हो। मुझे विशाल कि बात बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी मैंने उससे कहा कि यह मेरी सहेली के भाई हैं और यदि मैं इनसे मिल भी रही हूं तो तुम ही बताओ इसमें क्या गलत है। विशाल के साथ उस दिन मेरा बहुत झगड़ा हुआ और मुझे लगा कि विशाल मेरे लायक है ही नहीं उस दिन मैंने अपने घर पर इस बारे में बात की, मैं नहीं चाहती थी कि विशाल के साथ अब मैं कोई रिश्ता रखूं। मैं विशाल से सगाई तोड़ने के लिए तैयार हो चुकी थी मेरे पापा मम्मी ने मुझे बहुत समझाया लेकिन मैंने अपना फैसला कर लिया था और मैंने विशाल से अपनी सगाई तोड़ ली। कमल को लगने लगा कि उसकी वजह से ही मेरी सगाई टूटी है लेकिन मैंने कमल को समझाया और हमारे रिश्ते अब ठीक होने लगे थे और हम दोनों बहुत ज्यादा नजदीक आने लगे। कमल के साथ मेरी नजदीकिया कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी थी। इस बारे मे जब सुहानी को पता चला तो सुहानी ने मुझसे कहा अनामिका क्या तुम कमल भैया से प्यार करती हो? मैंने सुहानी से कहा मैं तुम्हारे भैया से प्यार करती हूं। मैं सुहानी को अब इस बारे में बता चुकी थी कमल और मैं भी उसके बाद मिलने लगे थे लेकिन एक रोज जब मैं कमल के घर पर गई हुई थी। उस दिन सुहानी के साथ में बैठी हुई थी परंतु सुहानी कहने लगी मैं किसी काम से बाहर जा रही हूं। मुझे और कमल को बहुत अच्छा समय मिल चुका था हम दोनों एक दूसरे के साथ अकेले बैठे हुए थे। हम दोनों बात कर ही रहे थे कि तभी कमल और मेरे अंदर से एक अलग ही गर्मी पैदा होने लगी मैं अपने आपको बिल्कुल भी ना रोक सकी। मैंने कमल से कहा तुम मेरी चूत मार लो कमल मेरी चूत मारने के लिए तैयार था। कमल मेरे साथ चुम्मा चाटी कर रहा था तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी मेरे अंदर की गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ने लगी की कमल ने मेरी चूत से गर्म पानी भी बाहर निकाल कर रख दिया था।

कमल ने जब मेरे कपड़े उतारने शुरु किए तो मैंने कमल से कहा तुम मेरे बड़े बूब्स को अपने मुंह में ले लो। मेरे स्तनो को उसने अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया और बहुत ही अच्छे से वह मेरे स्तनो को अपने मुंह के अंदर ले रहा था। उसे इतना ज्यादा अच्छा लग रहा था और मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था मैंने भी अब कमल के लंड को मुंह मे लिया। मैंने जब उसके मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर समाना शुरू किया तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा और मैं कमल के लंड को बहुत देर तक ऐसे ही चूसती रही। कमल मुझे कहने लगा तुम अपने पैरों को खोल लो मैंने अपने पैरों को खोलो तो कमल ने मेरी चूत का रसपान करना शुरू किया और मेरी चूत से निकलते हुए पानी को उसने कुछ ज्यादा ही बढ़ा दिया था। जब कमल ने मेरी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो मेरी चूत के अंदर कमल का मोटा लंड जा चुका था मैं बहुत ज्यादा चिल्लाने लगी। कमल का मोटा लंड मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था मेरी चूत से खून निकल रहा था। पहली बार ही मैंने किसी से अपनी चूत मरवाई थी मेरी सील टूट चुकी थी कमल मेरे ऊपर से लेट कर मुझे बड़े अच्छे से चोद रहा था।

मैं कमल का पूरा साथ दे रही थी लेकिन जब कमल का वीर्य मेरी चूत के अंदर गिरा तो मैंने कमल से कहा मेरी इच्छा पूरी नहीं हुई है। कमल ने मुझे घोड़ी बनाया मेरी चूत से निकलते हुए वीर्य को उसने साफ़ किया उसके बाद उसने धीरे धीरे मेरी चूत के अंदर अपने मोटे लंड को प्रवेश करवा दिया। कमल का मोटा लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका था जब कमल का मोटा लंड मेरी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो मैंने कमल से कहा मुझे आज बहुत ही मजा आ गया। कमल अब अपनी पूरी ताकत के साथ मुझे धक्के देने लगा कमल का मोटा लंड मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था जिस से कि मेरी सिसकियां लगातार बढ़ रही थी। मेरे सिसकिया अब और बढ़ने लगी कमल मुझे कहने लगा मुझे लगता है मेरा वीर्य गिरने वाला है। थोड़े ही समय बाद कमल का वीर्य गिर चुका था और कमल बहुत ही ज्यादा खुश था। हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए थे उसके 1 घंटे बाद सुहानी भी आ गई। कमल और मेरे बीच में पहली बार सेक्स संबध से मै बहुत ज्यादा खुश हो गई थी।
 
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