ट्रेन में ज्यादातर लोग मुंबई जाने वाले थे और हमे जाना था केवल इटारसी तक और इस बार की सीट बड़ी उटपटांग मिली थी दोनो अपर बर्थ थी आमने सामने ये अलग ही बखेड़ा हो गया था.....पर अब क्या ही कर सकते थे पर हम ठहरे पागल प्रेमी सो लग गए जुगाड में और टीटी महोदय से मिल कर फर्स्ट ऐसी में अपनी सीट एक्सचेंज करवा ली और कुछ पैसे उसे मेहरबानी के तौर पे दे दिए....और उस टीटी ने हमारी सीट किसी आरएसी वाले को अलॉट कर दी....
फिर दोनो लव बर्डस पहुंच गए अपने केबिन में जिसमे चार सीटें थी कूप नही मिला था पर यहां केबिन में भी हम दोनो ही थे और जो बाकी दो लोग थे वो इलाहाबाद से आने वाले थे मतलब की सुबह तक तो हमलोग आराम से प्राइवेसी में रह सकते थे.....
पूजा बोली जान ये तो चार सीट है इसमें फिर जब उसको बताए तो वो मेरे गाल खींच कर बोली की आप ना कितना जुगाड लगाना जानते है.....हम उसकी एक चूची को दबा कर बोले सब तुम्हारे इन दोनो का किया धरा है इनको पी पी कर हम दिमाग से तेज हो गए है जानेमन....मेरे ऐसे बोलने पे वो हस दी और बोली पागल है आप.....
खाना पीना तो घर से ही कर के आए थे और पूजा जो सलवार सूट पहन कर मंदिर गई थी वही पहने ट्रेन में भी आ गई थी....सब सामान सेट करने के बाद बत्ती बुझाए और परदे वगैरह सेट कर के हम पूजा को अपने से सटाए लोअर बर्थ पे हो टेक लगा कर लेट गए और चादर ओढ़ लिए....और मेरे दोनो हाथ पूजा की चुचियों पे जमने में समय नहीं गवाए तो वो एक अदा से बोली जान रांची के बाद ये फर्स्ट ऐसी में हमलोग आज आए है ना ये सब दुबारा से होते देख के लग रहा की हम लोग रांची से पटना आ रहे है....हम उसके गाल पे चूमे और बोले है रांची में बाद आज ही आए है पर इस बार एक बदलाव है वो ये की तुम मेरी बीवी है अब किसी राहुल और दूसरे के देखने का डर नही है....
पूजा हस कर मेरे हाथो को अपने हाथो में ले कर चूम ली और बोली यस माय लव फिर इसी तरह थोड़े देर के जुगलबंदी के बाद दोनो कोई एक दूसरे की बाहों में सिमटे ही सो गए....
सुबह में नींद खुली तो कोई हमारे केबिन का दरवाजा खटखटा रहा था हम उठे और पूजा को भी उठाए तो वो अल्सायी सी उठी और बोली क्या हुआ जान क्यू उठा दिए कितना अच्छा सपना देख रहे थे हम....
हम बोले दूसरे लोग जो आने वाले थे वो आ गए है....वो बोली अरे भक्क तेरी की वो उठी और अपने बाल संवारने लगी जो अस्त व्यस्त हो रखे थे वही हाल कपड़ो का भी था वो उसको भी सही की और हम फिर दरवाजा खोले एक अधेड़ उम्र के अंकल आंटी थे जिनकी बुकिंग थी इलाहाबाद से....कुली उनका सामान अंदर रखा और उन्होंने उसे पैसे दिए और वो चलता बना....हम पूजा से पूछे चाय पियेगी लाए...तो वो बोली नही अभी ब्रश करेंगे तब...हम बोले अरे पी लो फिर करते रहना ब्रश....और गाड़ी से नीचे उतर कर थोड़ा पीछे जा कर चाय लिए दो कप और आ गए वापिस तो पूजा नही थी फिर चाय रख कर वापिस डब्बे में देखा तो वो पगली दूसरे कोने पे ब्रश कर रही थी....
हम उसके पास गए और बोले अरे चाय ठंडा हो जायेगा फिर पीना गरम पानी के जैसे...
वो कुछ बोली नहीं बस अपना मुंह धोना जारी रखी और उसके बाद वो वापिस अपने केबिन में आई तब तक चाय ठंडी हो चुकी थी पर वो उसको उठा कर एक घूंट में पी गई और बोली चाय बढ़िया था जी....
हम हस दिए तो और साथ में वो अंकल आंटी भी हस दिए....वो लोग अपनी बेटी के यहां जा रहे थे मुंबई फिर पूरा दिन इसी तरह बीत गया और रात तकरीबन साढ़े आठ बजे हम लोग इटारसी स्टेशन उतरे और इस बार हमे भोपाल जाने के लिए दूसरी गाड़ी तुरंत ही मिल गई जो सामने के प्लेटफॉर्म पे लगी थी.....अब समस्या ये थी की अगर हम जनरल टिकट लाने जाते है तो ये ट्रेन छूटने के पूरे पूरे चांसेज थे इसलिए हम सोचे की अब टीटी आएगा तो देखा जाएगा फिलहाल ऐसे ही चल दिए.....पूरे रास्ते पूजा घबराई हुई थी टीटी को ले कर पर भगवान का शुक्र है की टीटी बाबा प्रकट नहीं हुए और हम सकुशल भोपाल उतर गए.....
भोपाल स्टेशन के बाहर से ही हमने रात का खाना पैक करवा लिया था और फिर ऑटो ले कर पहुंचे अपने अपार्टमेंट के गेट पे जहा अपने गार्ड भाई से मुलाकात हुई और वो पूजा को वापिस देख के बहुत खुश हुआ........उससे दो टूक बात कर के हम लोग अपने फ्लैट मे पहुंचे और घर का हाल देख के पूजा बोली जान कहाँ कुछ हुआ है जैसे गई थी वैसे ही तो है........हम हस कर बोले अरे अभी तो आई हो सास ले लो फिर किचन मे जाना उसके बाद बोलना क्युकी हम जो खाना बनाने का प्रोग्राम कर रहे थे उसमे और कही नहीं पर किचन का बैंड बजा हुआ था........
वो हस कर बोली कोई बात नहीं अभी देखती हु और वो किचन मे चली गई और वहा का मंजर देखने के बाद वही से चिल्ला कर बोली जान लग रहा है यहा पे परमाणु हमला हुआ है......आप खाना बनाए है की कुछ और ही कीये है बाप रे......और ये बोलते हए वो बाहर हॉल मे आ गई इधर हम समान कमरे मे रख कर वापिस बाहर आए और हस्ते हुए पूजा को अपनी बाहों मे भर लिए और बोले आई एम सॉरी माय लव क्या करे तुम्हारे बगैर इस घर मे रहने का मन ही नहीं करता था इसलिए जल्दी जल्दी मे सब रायता फैला दिए हम पर उसके लिए तुम कोई भी सजा दो हमको मंजूर है और जो किचन का दुर्गति हम कीये है उसको हटाने मे हम तुम्हारा हेल्प कर देंगे........
तो वो बोली अरे नहीं जान मेरे हम आपको सजा क्यू देने लगे और किचन का सफाई हम कर लेंगे वैसे भी मेरी जान इतना लंबा समय काट लिए मेरे बगैर ये कम बात थोड़े है और ये बोल कर वो हमको चूम ली........हमबोले चलो अब फ्रेश हो कर खाना खा कर सोने चलते है वैसे भी देखो तुम्हारा खिला हुआ चेहरा कितना थका हुआ लग रहा है........वो बोली अभी आपके साथ अपने बेड पे सोएंगे ना फिर देखिएगा सब कुछ खिल जाएगा मेरा भी और आपका भी....
हम उसके चूतड़ों को दबाते हुए बोले अच्छा जी फिर तो बढ़िया से फ्रेश होना....वो आंखे गोल करती हुई बोली एई अभी कोई बदमाशी नही सोएंगे और कल सुबह ऑफिस के लिए जब निकलिएगा तो साथ में हम चलेंगे और थोड़ा घर का समान ले आयेंगे......
हम बोले नही कल शाम में जब लौटेंगे तो ही चलेंगे अकेले कहा जाएगी.....
वो बोली मेरे डार्लिंग पतिदेव फिर कल दोपहर में लंच में क्या खायेंगे....हम बोले अरे इतना सारा होटल है चल चलेंगे खाने कुछ साथ में आधे घंटे की तो बात है जान....
वो बोली नही आप लेते आइएगा यहीं खा लेंगे दोनो कोई अब थोड़ा देर के लिए क्या बाहर जाना फिर आना....हम बोले चलो ये भी ठीक है....
उसके बाद दोनो कोई नहा ही लिए क्युकी पूरे दिन का थकान हावी हो रखा था....कुछ देर बाद हम दोनों कमरे मे बैठ कर खाना खा रहे थे........खाना खाने के बाद पूजा डार्लिंग किचन मे गई जबकि हम सोचे की घर पे बात कर लेते है वैसे जब भोपाल उतरे थे तो उनको बता दिए थे पर फिर एक बार बात कर ही लेते है.....
रात के ग्यारह बज रहे थे जब कॉल किए तो मां उठाई तो हम बोले मां आप सोए नही तो वो बोली पूजा बेटा चली गई है तो लग रहा की कुछ भुला गया है एकदम सुना लग रहा घर आंगन अपना दिन भर उसका पायल बजते रहता था ना आज एकदम सुनसान लग रहा घर जिमी भी अच्छे से नही खाया....
हम पूजा को आवाज दिए और बोले की देखो मां क्या कह रही हम बोले थे ना की सुबह से मां टोकी नही है तुम्हारे जाने को ले कर और देखो अभी टोक दी....तुमसे सब कोई को प्यार हो जाता है फिर पूजा मां से बात की और उनको बोली की जल्दी से हाथ का प्लास्टर कटवा कर ठीक हो जाइए फिर ये जा कर आप दोनो को यहां ले आयेंगे....तभी हम पीछे से बोले आज दिन भर भाभी सेवा की या नही.....
तो मां बोली हा बेटा अकल ठिकाने आ गया वही बहुत है और अभी अब ठीक है तो मन में कोई कुढ़ने वाली बात नही सो जल्दी ही ठीक हो कर हम आ रहे है तभी पापा मां से फोन मांग लिए और बोले सुन दुकान का सब माल आज सेट किए एक तरफ और तेरा भाई बोला की जैसे है वैसे ही रहने दीजिए उसमे से भी बिकेगा ही सामने रहेगा तो....जनता है अब निश्चिंत हो कर भोपाल आ सकते है हम दोनो कोई.....
फिर थोड़ा देर और बात हुआ और फिर फोन कट गया....
उसके बाद पूजा को हम अपनी बाहों में समेटे और लेट गए बिस्तर पे तो वो मेरे सीने पे अपनी उंगलियां घुमाती हुई मेरे होंठो पे चूम ली और बोली जान मां आ जायेगी तो घर में और ज्यादा रौनक रहेगा हमारा फैमिली कंप्लीट हो जायेगा....हम उसके पेट पे हाथ रख के बोले अरे ऐसे कैसे अभी इसमें एक मेंबर है ना जिसको तुम खा रखी है....क्या पता कब बाहर निकालेगी तुम बेचारा बच्चा मेरा......
पूजा मेरे सीने पे एक मुक्का मारी और तुनकते हुए बोली कैसा बात करते है आप मेरा बच्चा हम खा गए हे भगवान....हम हस दिए और बोले अच्छा अच्छा खाई नही पर पेट में दबा कर रखी है....इस बार पूजा मेरे सीने पे दात काट ली तो हम कसमसाते हुए बोले अच्छा बेटा ये तुमको नया आदत लगा है दात काटने का तो वो बोली हा आप भी तो काटते है....हम उसके ऊपर सवार होते हुई बोले तो लाओ ना काट ले और वो अपने आप को सिमटा ली और हस्ते हुए बोलने लगी आई एम सॉरी जान आई एम सॉरी.....
इसी तरह दोनो कोई अठखेलियां करते हुए एक दूसरे की बाहों में समाए सो गए.....
..
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अगली सुबह नींद खुली तो मेरी डार्लिंग मेरे पास नही थी मतलब वो जाग चुकी थी और काम कर रही थी....
हम उठे और बाहर हॉल में आए तो देखे की पूजा किचन का साफ सफाई कर के अपना कपड़ा धोने को डाल रही थी....हम अलसाय हुए चलते गए उसके पापा और पीछे से उसको अपने आलिंगन में ले लिए तो वो हस कर बोली अरे मेरे जान उठ गए आप....हम बोले तुम कब उठी तो वो बोली एक घंटा हुआ...हम बोले उतना सवेरे उठने का क्या जरूरत खाना तो बनाना है नही....तो वो बोली ऐसे कैसे नही बनाना अभी आप फ्रेश हो कर नहा धो लीजिए फिर दोनो कोई सब्जी मंडी चकते है थोड़ा बहुत तो समान आ ही जायेगा....हम उसकी चुचियों को हौले से दबाते हुए बोले मेरी स्मार्ट बीवी सब कुछ प्लान कर के रखती है....वो कसमसाती हुई मेरे तरफ घूमी और मेरे चेहरे को अपने हाथ में थाम कर बोली सब आपके साथ रहते रहते सीखे है जान वरना हम तो एकदम बुद्धू प्राणी थे...आपसे छुपा थोड़े है जान...हम उसके गाल पे चूम लिए तो वो बोली चलिए अब ज्यादा समय बरबाद नही करना है रोमांस शाम में करेंगे अभी बाजार जाना है जान....और मेरे हाथो के घेरों से बाहर निकलने लगी तो हम बोले अरे एक सेकेंड रुको तो तुम्हारे इस चेहरे को जी भर के देख तो लेने दो ऑफिस जाने से पहले आज कितने दिन बाद तुम्हारे इस खूबसूरत चेहरे को देख कर जाऊंगा आज तो पूरा दिन गुड ही गुड बीतेगा....
वो मुस्कुरा कर बोली आप भी ना जान
फिर थोड़ी देर बाद दोनो कोई मार्केट में थे जो जरूरी सामान था वो सब खरीद ही लिए हम दोनो शाम हम रुकने का जरूरत ही नही पड़ा....
इन सब में साढ़े नौ बज गए थे सो बाहर ही नाश्ता कर लिए और वापिस घर आ कर हम फटाफट तैयार हुए और जब ऑफिस के लिए निकलने लगा तो पूजा अचानक से मेरे गले लग गई और बोली जल्दी आइएगा लंच में हमको आपसे ज्यादा देर दूरी बर्दाश्त नहीं होता....हम उसके पीठ पे सहलाते हुए बोले अरे पगली मेरी बस ढाई बजने का वेट करो फिर तो हम छः बजे घर आ ही जायेंगे....पूजा बोली हा ठीक है जल्दी जल्दी ये टाइम कटे फिर आपसे ऐसे ही गले मिलेंगे हम......
पर हम हस दिए उसके इस बात पे टी वो मेरा मुंह देखने लगी....और उसको मेरा ये बात थोड़ा लेट समझ में आया तो वो जोर से बोली गंदे आदमी और मेरे सीने पे प्यार से मुक्के मारती हुई बोली हमसे मजाक मत कीजिए इन मामलों में समझ रहे है आप ना.....हम हस्ते हुए बोले हा मेरी जान टेंशन मत लो यू गए यू आए....
फिर मेरे दोपहर में घर आने तक पूजा डार्लिंग मोबाइल पे मैसेज करती कुछ कुछ देर में आई मिस यू जान
हमको भी जब मौका मिलता तो उसको जवाब दे देते.....
जब दोपहर में हम लंच करने पहुंचे मेरी डार्लिंग के पास तो वो गरम गरम चावल दाल सब्जी बना कर मेरा वेट कर रही थी दरवाजे के पास...फिर दोनो कोई प्यार से एक दूसरे के साथ लंच किए और फिर एक मस्त वाले चुम्बन के बाद हम वापिस ऑफिस आ गए....
शाम को जब घर लौटने लगा तो दो नारियल पानी खरीदा और ले कर पहुंचा घर जहा पूजा एकदम तैयार हो कर मेरा वेट कर रही थी....
ब्लू कलर की साड़ी में और आंखो में काजल होंठो पे लिपिस्टिक पैरो में पायल हाथो में चूड़ियां बाल संवारे हुए एकदम अप्सरा सी खड़ी थी दरवाजे पे....
हम घर में घुसते ही पहले दरवाजा बंद किए और उसको अपने बाहों में भर कर बोले आज तो बवाल लग रही हो जान मन तो कर रहा की सब कुछ यही पे छोड़ कर पहले तुम्हारे इस हुस्न को आंखो में भर ले और फिर और फिर और फिर....ये बोलते हुए हम उसके होंठो पे हौले से चूम लिए....
पूजा बोली सब आपका ही है जान हम भी पहले थोड़ा सुकून से बैठ तो लीजिए....हम बोले अरे ऐसे कैसे बैठ जाए तुम्हारे जिस्म की ये भीनी भीनी खुशबू चैन पड़ने दे तब ना....वैसे तुम ऐसे ही वेट करते रहती हो जान देखना कही कोई और न आ जाए.....वो मुस्कुरा कर मेरे कंधे पे एक मुक्का मारी और जोर से बोली आप इतना बुड़बक समझते है हमको जब भी लिफ्ट का आवाज आता है तो हम देखते है की कौन है और एक बात बताए आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ की हम बाहर देखे हो और आप ना हो हमेशा आप ही रहते है मेरे जान दूसरा कोई नही समझे आई एम वेरी स्मार्ट......और एक बात आपके अलावा कोई और मेरी तरफ आ ही नही सकता क्युकी आपके प्यार का एक घेरा रहता है मेरे चारो तरफ मजबूत वाला अभी जैसा आप बनाए हुए है जिसको तोड़ पाना नामुमकिन है सो आप निश्चिंत रहिए....और मेरे होंठ पे चूम ली और पूछी कैसा रहा ऑफिस....तो हम सोफा तक आए उसको साथ में लिए और टेबल पे अपना बैग और नारियल पानी रखे और उसको घुमा कर अपने गोद में लिए सोफे पे बैठे और उसके हाथ को अपने हाथ में ले कर बोले आज सुबह तुम्हारा चेहरा देख कर गया था ना दिन एकदम बढ़िया रहा उतना दिन से वर्क लोड काफी हो जा रहा था और कुछ न कुछ का मीटिंग चल ही रहा था और छुट्टी में भी उधर लगातार डिले हुआ पर आज देखो अपनी जान का गुड मॉर्निंग किस ले कर और खूबसूरत चेहरा देख कर गए थे तो सब कुछ अच्छा रहा एकदम परफेक्ट इसलिए तो ये नारियल पानी ले कर आए ताकि तुम्हारे इस चेहरे का ये नूर ये चमक कभी कम न हो..
वो शर्माती हुई बोली बस बस हो गया अब कितना तारीफ कीजिएगा और हम कितना बार बोले है मेरा ये चमक धमक सब कुछ आपसे है जान ये नारियल पानी से नही पागल
और अभी इसको फ्रिज में रख दे रहे है सुबह में पियेंगे दोनो कोई अभी फटाफट हाथ मुंह धो लिजिए फिर चाय बनाते है हम.....उसके बाद थोड़ा टाइम हो जायेगा तो खाना लगा देंगे....
हम उसकी एक चूची को कस कर दबा कर बोले और इनको कब खायेंगे दो दिन होने को आए इनका रस पिए.....आज सुबह भी तुम पहले नहा ली थी और अगर कल से ऐसा किए ना तो देखना दुबारा से नहाना पड़ेगा हम नही जानते....वो मेरे कान के निचले भाग को अपने मुंह में कर चुभलाते हुए बोली जो हुकुम मेरी जान आज सुबह में काम भी तो था इसलिए नहा ली थी पर कल से नही करेंगे लेकिन मेरी जान जब मां पापा आ जायेगे फिर..फिर क्या कीजिएगा...??
हम बोले उसका टेंशन क्यों लेती है हम बहुत बड़े वाले गुंडे है घुस जायेंगे तुम्हारे साथ ही बाथरूम में याद नहीं है क्या जब तुम्हारे घर में सब के रहते हुए हम तुम्हारे इन रसगुल्लों का रस पी लेते थे और कितना बदमाशी कर लेते थे....पूजा मुस्कुरा कर बोली सब याद है जान ये देखिए वो सब याद कर के मेरा रोंगटा खड़ा हो गया....हम बोले वो समय ही ऐसा था जान की सोच कर एक्साइटमेंट होता है....
पूजा उठ कर मेरे तरफ घूम गई और वापिस से मेरे गोद में बैठी और बोली आई लव यू स्वीटहार्ट आई लव यू सो मच
फिर हम फ्रेश हुए और पूजा तब तक चाय बनाई और साथ में मां से वीडियो कॉल पे बात भी कर रही थी.....
मां उसको देख के बगल में बैठी भाभी से बोली देख इसका चेहरा दोनो कोई साथ में रहता है ना तो इसका चेहरा ही अलग दिखता है....पूजा बोली क्या मां आप भी...
मां बोली बहुत बड़ा गलती हुआ बेटा तुम दोनो को इतना दिन दूर कर दिए थे....दुबारा कभी ऐसा नहीं करेंगे...
पीछे से हम बोले अरे नही मां क्या बोल रहे है आप....मां डांटते हुए बोली तू चुप कर हम सब देख कर ही बोल रहे बेटा...बस दोनो कोई ऐसे ही हमेशा खुश रहना मेरा बच्चा और वही से चूम ली फिर चाय पीते पीते थोड़ा देर बात हुआ फिर फोन कट गया और चाय भी खतम हो गया....
हम पूजा को अपने गोद में उठा लिए और ले कर आ गए बेडरूम में और बिस्तर पे धीरे से लिटाते हुए बोले अब कंट्रोल नही होता डार्लिंग और फिर कुछ देर हमारा बिस्तर एक बार फिर से हमारे प्यार वाली लड़ाई का गवाह बना और कमरा हमारी सिसकियों से गूंजता रहा....
झड़ने के बाद पूजा मेरे सीने पे सर रखे हुए बोली जब अपना बेटा या बेटी आ जायेगा तब आपको ये सब कम मिलने लगेगा...हम ये सुनते ही उसके चूतड़ों पे एक करारा तमाचा लगाए और बोले उसको आने दो उसके आने से उसके बाप के बदमाशी में कोई कमी नही होगा बल्कि वो तो और बढ़ जायेगा जब इनमे दूध आ जायेगा फिर तो आहा हम तो पी पी कर खाली कर दिया करेंगे....वो अपनी दोनो चुचियों को अपने हाथो से छुपाती हुई बोली नही ये मेरा टूनमुनिया सब के लिए रिजर्व रहेगा....हम उसके दोनो हाथो को अलग कर के उसकी दोनो चुचियों को कुछ सेकंड्स तक चूसे और बोले ऐसे ही पी लिया करेंगे देखते है कौन रोकता है हमको....
पूजा बोली अरे कैसे पापा है अपना ही बच्चा का दूध पी जाइयेगा....हम बोले अरे डब्बा वाला पियेगा ना...वो बोली नही जान ऐसे कैसे और मां भी तो रहेगी ना देखेगी तो डांटेगी ही हमको...फिर उनको क्या बोलेंगे की आपका बेटा ही पी जाता है मेरा दूध...हम जोर से हस दिए और बोले अच्छा सुनो ऐसा करते है इन दोनो में से एक मेरा रिजर्व रहेगा बस बात खतम....पूजा हस कर बोली दोनो के सामने ब्लाउज उतार के लेट जाऊंगी जिसको जो मन करेगा वो पकड़ लेना अपना....हम बोले हा ये ठीक है फिर दोनो कोई हस दिए एक दूसरे की बातो पे
फिर दोनो कोई उठे और पूजा अपना नाइटी डाली जबकि हम हाफ पैंट और वो पूछी की खाना ले आऊ जान....तो हम बोले हा ले आओ खाना खा कर फिर तुम्हारा रस भी तो पीना है....
वो बोली तो अभी क्या पिए आप मन नही भरता है आपका....हम उसको फिर से अपने से सटा कर बोले अरे इससे मेरा मन भला कभी भर सकता है अगर किसी बड़े बाप की औलाद होता और पैसे कमाने की इतनी जद्दोजेहद ना होती तो फिर बताता तुमको की मन कितने से भरता कितने से नही.....
वो बोली अच्छा ठीक है मेरी जान फिर से पी लेना आप आपके ही है
इसके बाद वो किचन में गई और खाना निकाल कर हॉल में ले आई...
दोनो कोई खाना खाए और फिर पूजा बर्तन समेट कर किचन में गई और हम वापिस से कमरे में आ कर बिस्तर पे लेट गए....कुछ देर बाद जब पूजा कमरे में आई तब तक मेरा आंख लग चुका था सो वो भी आ कर मेरे से सट कर लेट गई....
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सुबह उठने के बाद से फिर वही भाग दौड़ वाला रूटीन शुरू हो गया...घर से ऑफिस....ऑफिस से घर....
पर एक चीज जो बदलता था रोज वो था मेरी जान के साथ मेरा प्यार जो की दिन पर दिन बढ़ता ही गया और मेरी जान पहले से ज्यादा खुश रहने लगी थी और अब तो मां पापा के आने में ज्यादा दिन नही रह गया था सो हम उनके रहने के लिए भी दूसरा कमरा जो अभी तक केवल पूजा रूम के रूप में इस्तेमाल होता था उसी में सब सामान सेट कर दिए थे.....
अगले कुछ दिनों तक सब कुछ ऐसे ही चलता रहा उधर पटना में मां का हाथ बिलकुल ठीक हो गया था और पापा का दुकान के तरफ से भी बचा खुचा टेंशन खत्म हो गया था इसलिए हम दोनो महीने की अंतिम शुक्रवार को रात वाली फ्लाइट से पटना पहुंचे और अगले दिन सुबह में मां पापा हम पूजा और जिमी सब कोई अपनी गाड़ी से भोपाल के लिए चल दिए....और घर की चाभी भईया भाभी के पास दे दिए ताकि समय समय वो घर का साफ सफाई कर सके.....जाते समय माहोल थोड़ा इमोशनल हो गया था पर फिर भी सब कुछ अच्छा रहा...
जब हम लोग भोपाल अपने फ्लैट में पहुंचे तो एक अलग ही एहसास पैदा हुआ मन में ऐसा लगा जैसे सब कुछ था अपने पास एकदम भरा भरा लग रहा था अपना घर....पूजा अब एकदम हाउसवाइफ के रूप में ढल गई थी लेकिन मेरे लिए वो मेरी पूजा ही थी एकदम प्यारी सी कोमल स्वभाव की और प्यार लेने देने में तो हम उसको माहिर बना ही दिए थे
और हम तो ठहरे ही आशिक मिजाज
.....
मां पापा भी भोपाल आ कर एक नया अनुभव कर रहे थे और अब इस घर की भी बहुत सी जिम्मेदारियां पापा ने ले ली थी उनका कहना था की जैसे हम वहा रहते है वैसे ही अब यहां भी रहे क्युकी घर के मुखिया वो है....पर उनके हर कदम पे हम साथ खड़े रहते थे ताकि वो कही लड़खड़ाए तो हम उनको थाम सके....
अब अपना घर का रूल चेंज हो गया था पहले हम दोनो कही भी शुरू हो जाते थे पर अब हमारा दायरा अपने कमरे में और कभी कभार किचन में छेड़ छाड़ तक सीमित था....पर लंच के समय और ऑफिस से आने वक्त जैसे पूजा इंतजार करती थी वो उसने नही छोड़ा था और इसके लिए ना मां टोकी न ही पापा क्युकी वो जानते थे की पूजा हमसे बहुत प्यार करती है....
हर सुबह पापा, मां और जिमी तीनो नीचे अपार्टमेंट के ही लॉन में टहलते और उसी में थोड़ा बहुत आस पड़ोस के रहने वालों से भी मेल जोल बना लिए थे...उस दरमियान हम और मेरी जान कभी कभी रोमांस के सागर में डुबकी लगा लेते थे...
सुबह के टहलने के बाद सब कोई साथ में नाश्ता करते और हम ऑफिस के लिए निकलते जबकि पापा और मां हर तीसरे चौथे दिन कोई न कोई जगह घूमने जाते जो नजदीक में ही होती थी और दोपहर में लंच के समय पे मां पापा अधिकतर बार सोए रहते या फिर सब कोई हॉल में टीवी देख रहा होता....
शाम को मां और पूजा दोनो मिल कर खाना बनाती थी पूजा के लाख मना करने के बावजूद मां पूजा के साथ ही रहती किचन में और कभी कुछ अपने हाथ का बनाना हो तो वो बनाती थी.....
कुल मिला कर हम अब फूल फैमिली लाइफ जी रहे थे....
इसी तरह शादी के आठ महीने होने को आए और इस महीने तीज का व्रत था जिसको पूजा मां के साथ मिल कर करने वाली थी और ये उसका पहला निर्जला व्रत होने वाला था मेरे लिए......
फिर दोनो लव बर्डस पहुंच गए अपने केबिन में जिसमे चार सीटें थी कूप नही मिला था पर यहां केबिन में भी हम दोनो ही थे और जो बाकी दो लोग थे वो इलाहाबाद से आने वाले थे मतलब की सुबह तक तो हमलोग आराम से प्राइवेसी में रह सकते थे.....
पूजा बोली जान ये तो चार सीट है इसमें फिर जब उसको बताए तो वो मेरे गाल खींच कर बोली की आप ना कितना जुगाड लगाना जानते है.....हम उसकी एक चूची को दबा कर बोले सब तुम्हारे इन दोनो का किया धरा है इनको पी पी कर हम दिमाग से तेज हो गए है जानेमन....मेरे ऐसे बोलने पे वो हस दी और बोली पागल है आप.....
खाना पीना तो घर से ही कर के आए थे और पूजा जो सलवार सूट पहन कर मंदिर गई थी वही पहने ट्रेन में भी आ गई थी....सब सामान सेट करने के बाद बत्ती बुझाए और परदे वगैरह सेट कर के हम पूजा को अपने से सटाए लोअर बर्थ पे हो टेक लगा कर लेट गए और चादर ओढ़ लिए....और मेरे दोनो हाथ पूजा की चुचियों पे जमने में समय नहीं गवाए तो वो एक अदा से बोली जान रांची के बाद ये फर्स्ट ऐसी में हमलोग आज आए है ना ये सब दुबारा से होते देख के लग रहा की हम लोग रांची से पटना आ रहे है....हम उसके गाल पे चूमे और बोले है रांची में बाद आज ही आए है पर इस बार एक बदलाव है वो ये की तुम मेरी बीवी है अब किसी राहुल और दूसरे के देखने का डर नही है....
पूजा हस कर मेरे हाथो को अपने हाथो में ले कर चूम ली और बोली यस माय लव फिर इसी तरह थोड़े देर के जुगलबंदी के बाद दोनो कोई एक दूसरे की बाहों में सिमटे ही सो गए....
सुबह में नींद खुली तो कोई हमारे केबिन का दरवाजा खटखटा रहा था हम उठे और पूजा को भी उठाए तो वो अल्सायी सी उठी और बोली क्या हुआ जान क्यू उठा दिए कितना अच्छा सपना देख रहे थे हम....
हम बोले दूसरे लोग जो आने वाले थे वो आ गए है....वो बोली अरे भक्क तेरी की वो उठी और अपने बाल संवारने लगी जो अस्त व्यस्त हो रखे थे वही हाल कपड़ो का भी था वो उसको भी सही की और हम फिर दरवाजा खोले एक अधेड़ उम्र के अंकल आंटी थे जिनकी बुकिंग थी इलाहाबाद से....कुली उनका सामान अंदर रखा और उन्होंने उसे पैसे दिए और वो चलता बना....हम पूजा से पूछे चाय पियेगी लाए...तो वो बोली नही अभी ब्रश करेंगे तब...हम बोले अरे पी लो फिर करते रहना ब्रश....और गाड़ी से नीचे उतर कर थोड़ा पीछे जा कर चाय लिए दो कप और आ गए वापिस तो पूजा नही थी फिर चाय रख कर वापिस डब्बे में देखा तो वो पगली दूसरे कोने पे ब्रश कर रही थी....
हम उसके पास गए और बोले अरे चाय ठंडा हो जायेगा फिर पीना गरम पानी के जैसे...
वो कुछ बोली नहीं बस अपना मुंह धोना जारी रखी और उसके बाद वो वापिस अपने केबिन में आई तब तक चाय ठंडी हो चुकी थी पर वो उसको उठा कर एक घूंट में पी गई और बोली चाय बढ़िया था जी....
हम हस दिए तो और साथ में वो अंकल आंटी भी हस दिए....वो लोग अपनी बेटी के यहां जा रहे थे मुंबई फिर पूरा दिन इसी तरह बीत गया और रात तकरीबन साढ़े आठ बजे हम लोग इटारसी स्टेशन उतरे और इस बार हमे भोपाल जाने के लिए दूसरी गाड़ी तुरंत ही मिल गई जो सामने के प्लेटफॉर्म पे लगी थी.....अब समस्या ये थी की अगर हम जनरल टिकट लाने जाते है तो ये ट्रेन छूटने के पूरे पूरे चांसेज थे इसलिए हम सोचे की अब टीटी आएगा तो देखा जाएगा फिलहाल ऐसे ही चल दिए.....पूरे रास्ते पूजा घबराई हुई थी टीटी को ले कर पर भगवान का शुक्र है की टीटी बाबा प्रकट नहीं हुए और हम सकुशल भोपाल उतर गए.....
भोपाल स्टेशन के बाहर से ही हमने रात का खाना पैक करवा लिया था और फिर ऑटो ले कर पहुंचे अपने अपार्टमेंट के गेट पे जहा अपने गार्ड भाई से मुलाकात हुई और वो पूजा को वापिस देख के बहुत खुश हुआ........उससे दो टूक बात कर के हम लोग अपने फ्लैट मे पहुंचे और घर का हाल देख के पूजा बोली जान कहाँ कुछ हुआ है जैसे गई थी वैसे ही तो है........हम हस कर बोले अरे अभी तो आई हो सास ले लो फिर किचन मे जाना उसके बाद बोलना क्युकी हम जो खाना बनाने का प्रोग्राम कर रहे थे उसमे और कही नहीं पर किचन का बैंड बजा हुआ था........
वो हस कर बोली कोई बात नहीं अभी देखती हु और वो किचन मे चली गई और वहा का मंजर देखने के बाद वही से चिल्ला कर बोली जान लग रहा है यहा पे परमाणु हमला हुआ है......आप खाना बनाए है की कुछ और ही कीये है बाप रे......और ये बोलते हए वो बाहर हॉल मे आ गई इधर हम समान कमरे मे रख कर वापिस बाहर आए और हस्ते हुए पूजा को अपनी बाहों मे भर लिए और बोले आई एम सॉरी माय लव क्या करे तुम्हारे बगैर इस घर मे रहने का मन ही नहीं करता था इसलिए जल्दी जल्दी मे सब रायता फैला दिए हम पर उसके लिए तुम कोई भी सजा दो हमको मंजूर है और जो किचन का दुर्गति हम कीये है उसको हटाने मे हम तुम्हारा हेल्प कर देंगे........
तो वो बोली अरे नहीं जान मेरे हम आपको सजा क्यू देने लगे और किचन का सफाई हम कर लेंगे वैसे भी मेरी जान इतना लंबा समय काट लिए मेरे बगैर ये कम बात थोड़े है और ये बोल कर वो हमको चूम ली........हमबोले चलो अब फ्रेश हो कर खाना खा कर सोने चलते है वैसे भी देखो तुम्हारा खिला हुआ चेहरा कितना थका हुआ लग रहा है........वो बोली अभी आपके साथ अपने बेड पे सोएंगे ना फिर देखिएगा सब कुछ खिल जाएगा मेरा भी और आपका भी....
हम उसके चूतड़ों को दबाते हुए बोले अच्छा जी फिर तो बढ़िया से फ्रेश होना....वो आंखे गोल करती हुई बोली एई अभी कोई बदमाशी नही सोएंगे और कल सुबह ऑफिस के लिए जब निकलिएगा तो साथ में हम चलेंगे और थोड़ा घर का समान ले आयेंगे......
हम बोले नही कल शाम में जब लौटेंगे तो ही चलेंगे अकेले कहा जाएगी.....
वो बोली मेरे डार्लिंग पतिदेव फिर कल दोपहर में लंच में क्या खायेंगे....हम बोले अरे इतना सारा होटल है चल चलेंगे खाने कुछ साथ में आधे घंटे की तो बात है जान....
वो बोली नही आप लेते आइएगा यहीं खा लेंगे दोनो कोई अब थोड़ा देर के लिए क्या बाहर जाना फिर आना....हम बोले चलो ये भी ठीक है....
उसके बाद दोनो कोई नहा ही लिए क्युकी पूरे दिन का थकान हावी हो रखा था....कुछ देर बाद हम दोनों कमरे मे बैठ कर खाना खा रहे थे........खाना खाने के बाद पूजा डार्लिंग किचन मे गई जबकि हम सोचे की घर पे बात कर लेते है वैसे जब भोपाल उतरे थे तो उनको बता दिए थे पर फिर एक बार बात कर ही लेते है.....
रात के ग्यारह बज रहे थे जब कॉल किए तो मां उठाई तो हम बोले मां आप सोए नही तो वो बोली पूजा बेटा चली गई है तो लग रहा की कुछ भुला गया है एकदम सुना लग रहा घर आंगन अपना दिन भर उसका पायल बजते रहता था ना आज एकदम सुनसान लग रहा घर जिमी भी अच्छे से नही खाया....
हम पूजा को आवाज दिए और बोले की देखो मां क्या कह रही हम बोले थे ना की सुबह से मां टोकी नही है तुम्हारे जाने को ले कर और देखो अभी टोक दी....तुमसे सब कोई को प्यार हो जाता है फिर पूजा मां से बात की और उनको बोली की जल्दी से हाथ का प्लास्टर कटवा कर ठीक हो जाइए फिर ये जा कर आप दोनो को यहां ले आयेंगे....तभी हम पीछे से बोले आज दिन भर भाभी सेवा की या नही.....
तो मां बोली हा बेटा अकल ठिकाने आ गया वही बहुत है और अभी अब ठीक है तो मन में कोई कुढ़ने वाली बात नही सो जल्दी ही ठीक हो कर हम आ रहे है तभी पापा मां से फोन मांग लिए और बोले सुन दुकान का सब माल आज सेट किए एक तरफ और तेरा भाई बोला की जैसे है वैसे ही रहने दीजिए उसमे से भी बिकेगा ही सामने रहेगा तो....जनता है अब निश्चिंत हो कर भोपाल आ सकते है हम दोनो कोई.....
फिर थोड़ा देर और बात हुआ और फिर फोन कट गया....
उसके बाद पूजा को हम अपनी बाहों में समेटे और लेट गए बिस्तर पे तो वो मेरे सीने पे अपनी उंगलियां घुमाती हुई मेरे होंठो पे चूम ली और बोली जान मां आ जायेगी तो घर में और ज्यादा रौनक रहेगा हमारा फैमिली कंप्लीट हो जायेगा....हम उसके पेट पे हाथ रख के बोले अरे ऐसे कैसे अभी इसमें एक मेंबर है ना जिसको तुम खा रखी है....क्या पता कब बाहर निकालेगी तुम बेचारा बच्चा मेरा......
पूजा मेरे सीने पे एक मुक्का मारी और तुनकते हुए बोली कैसा बात करते है आप मेरा बच्चा हम खा गए हे भगवान....हम हस दिए और बोले अच्छा अच्छा खाई नही पर पेट में दबा कर रखी है....इस बार पूजा मेरे सीने पे दात काट ली तो हम कसमसाते हुए बोले अच्छा बेटा ये तुमको नया आदत लगा है दात काटने का तो वो बोली हा आप भी तो काटते है....हम उसके ऊपर सवार होते हुई बोले तो लाओ ना काट ले और वो अपने आप को सिमटा ली और हस्ते हुए बोलने लगी आई एम सॉरी जान आई एम सॉरी.....
इसी तरह दोनो कोई अठखेलियां करते हुए एक दूसरे की बाहों में समाए सो गए.....
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अगली सुबह नींद खुली तो मेरी डार्लिंग मेरे पास नही थी मतलब वो जाग चुकी थी और काम कर रही थी....
हम उठे और बाहर हॉल में आए तो देखे की पूजा किचन का साफ सफाई कर के अपना कपड़ा धोने को डाल रही थी....हम अलसाय हुए चलते गए उसके पापा और पीछे से उसको अपने आलिंगन में ले लिए तो वो हस कर बोली अरे मेरे जान उठ गए आप....हम बोले तुम कब उठी तो वो बोली एक घंटा हुआ...हम बोले उतना सवेरे उठने का क्या जरूरत खाना तो बनाना है नही....तो वो बोली ऐसे कैसे नही बनाना अभी आप फ्रेश हो कर नहा धो लीजिए फिर दोनो कोई सब्जी मंडी चकते है थोड़ा बहुत तो समान आ ही जायेगा....हम उसकी चुचियों को हौले से दबाते हुए बोले मेरी स्मार्ट बीवी सब कुछ प्लान कर के रखती है....वो कसमसाती हुई मेरे तरफ घूमी और मेरे चेहरे को अपने हाथ में थाम कर बोली सब आपके साथ रहते रहते सीखे है जान वरना हम तो एकदम बुद्धू प्राणी थे...आपसे छुपा थोड़े है जान...हम उसके गाल पे चूम लिए तो वो बोली चलिए अब ज्यादा समय बरबाद नही करना है रोमांस शाम में करेंगे अभी बाजार जाना है जान....और मेरे हाथो के घेरों से बाहर निकलने लगी तो हम बोले अरे एक सेकेंड रुको तो तुम्हारे इस चेहरे को जी भर के देख तो लेने दो ऑफिस जाने से पहले आज कितने दिन बाद तुम्हारे इस खूबसूरत चेहरे को देख कर जाऊंगा आज तो पूरा दिन गुड ही गुड बीतेगा....
वो मुस्कुरा कर बोली आप भी ना जान
फिर थोड़ी देर बाद दोनो कोई मार्केट में थे जो जरूरी सामान था वो सब खरीद ही लिए हम दोनो शाम हम रुकने का जरूरत ही नही पड़ा....
इन सब में साढ़े नौ बज गए थे सो बाहर ही नाश्ता कर लिए और वापिस घर आ कर हम फटाफट तैयार हुए और जब ऑफिस के लिए निकलने लगा तो पूजा अचानक से मेरे गले लग गई और बोली जल्दी आइएगा लंच में हमको आपसे ज्यादा देर दूरी बर्दाश्त नहीं होता....हम उसके पीठ पे सहलाते हुए बोले अरे पगली मेरी बस ढाई बजने का वेट करो फिर तो हम छः बजे घर आ ही जायेंगे....पूजा बोली हा ठीक है जल्दी जल्दी ये टाइम कटे फिर आपसे ऐसे ही गले मिलेंगे हम......
पर हम हस दिए उसके इस बात पे टी वो मेरा मुंह देखने लगी....और उसको मेरा ये बात थोड़ा लेट समझ में आया तो वो जोर से बोली गंदे आदमी और मेरे सीने पे प्यार से मुक्के मारती हुई बोली हमसे मजाक मत कीजिए इन मामलों में समझ रहे है आप ना.....हम हस्ते हुए बोले हा मेरी जान टेंशन मत लो यू गए यू आए....
फिर मेरे दोपहर में घर आने तक पूजा डार्लिंग मोबाइल पे मैसेज करती कुछ कुछ देर में आई मिस यू जान
जब दोपहर में हम लंच करने पहुंचे मेरी डार्लिंग के पास तो वो गरम गरम चावल दाल सब्जी बना कर मेरा वेट कर रही थी दरवाजे के पास...फिर दोनो कोई प्यार से एक दूसरे के साथ लंच किए और फिर एक मस्त वाले चुम्बन के बाद हम वापिस ऑफिस आ गए....
शाम को जब घर लौटने लगा तो दो नारियल पानी खरीदा और ले कर पहुंचा घर जहा पूजा एकदम तैयार हो कर मेरा वेट कर रही थी....
ब्लू कलर की साड़ी में और आंखो में काजल होंठो पे लिपिस्टिक पैरो में पायल हाथो में चूड़ियां बाल संवारे हुए एकदम अप्सरा सी खड़ी थी दरवाजे पे....
हम घर में घुसते ही पहले दरवाजा बंद किए और उसको अपने बाहों में भर कर बोले आज तो बवाल लग रही हो जान मन तो कर रहा की सब कुछ यही पे छोड़ कर पहले तुम्हारे इस हुस्न को आंखो में भर ले और फिर और फिर और फिर....ये बोलते हुए हम उसके होंठो पे हौले से चूम लिए....
पूजा बोली सब आपका ही है जान हम भी पहले थोड़ा सुकून से बैठ तो लीजिए....हम बोले अरे ऐसे कैसे बैठ जाए तुम्हारे जिस्म की ये भीनी भीनी खुशबू चैन पड़ने दे तब ना....वैसे तुम ऐसे ही वेट करते रहती हो जान देखना कही कोई और न आ जाए.....वो मुस्कुरा कर मेरे कंधे पे एक मुक्का मारी और जोर से बोली आप इतना बुड़बक समझते है हमको जब भी लिफ्ट का आवाज आता है तो हम देखते है की कौन है और एक बात बताए आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ की हम बाहर देखे हो और आप ना हो हमेशा आप ही रहते है मेरे जान दूसरा कोई नही समझे आई एम वेरी स्मार्ट......और एक बात आपके अलावा कोई और मेरी तरफ आ ही नही सकता क्युकी आपके प्यार का एक घेरा रहता है मेरे चारो तरफ मजबूत वाला अभी जैसा आप बनाए हुए है जिसको तोड़ पाना नामुमकिन है सो आप निश्चिंत रहिए....और मेरे होंठ पे चूम ली और पूछी कैसा रहा ऑफिस....तो हम सोफा तक आए उसको साथ में लिए और टेबल पे अपना बैग और नारियल पानी रखे और उसको घुमा कर अपने गोद में लिए सोफे पे बैठे और उसके हाथ को अपने हाथ में ले कर बोले आज सुबह तुम्हारा चेहरा देख कर गया था ना दिन एकदम बढ़िया रहा उतना दिन से वर्क लोड काफी हो जा रहा था और कुछ न कुछ का मीटिंग चल ही रहा था और छुट्टी में भी उधर लगातार डिले हुआ पर आज देखो अपनी जान का गुड मॉर्निंग किस ले कर और खूबसूरत चेहरा देख कर गए थे तो सब कुछ अच्छा रहा एकदम परफेक्ट इसलिए तो ये नारियल पानी ले कर आए ताकि तुम्हारे इस चेहरे का ये नूर ये चमक कभी कम न हो..
वो शर्माती हुई बोली बस बस हो गया अब कितना तारीफ कीजिएगा और हम कितना बार बोले है मेरा ये चमक धमक सब कुछ आपसे है जान ये नारियल पानी से नही पागल
और अभी इसको फ्रिज में रख दे रहे है सुबह में पियेंगे दोनो कोई अभी फटाफट हाथ मुंह धो लिजिए फिर चाय बनाते है हम.....उसके बाद थोड़ा टाइम हो जायेगा तो खाना लगा देंगे....
हम उसकी एक चूची को कस कर दबा कर बोले और इनको कब खायेंगे दो दिन होने को आए इनका रस पिए.....आज सुबह भी तुम पहले नहा ली थी और अगर कल से ऐसा किए ना तो देखना दुबारा से नहाना पड़ेगा हम नही जानते....वो मेरे कान के निचले भाग को अपने मुंह में कर चुभलाते हुए बोली जो हुकुम मेरी जान आज सुबह में काम भी तो था इसलिए नहा ली थी पर कल से नही करेंगे लेकिन मेरी जान जब मां पापा आ जायेगे फिर..फिर क्या कीजिएगा...??
हम बोले उसका टेंशन क्यों लेती है हम बहुत बड़े वाले गुंडे है घुस जायेंगे तुम्हारे साथ ही बाथरूम में याद नहीं है क्या जब तुम्हारे घर में सब के रहते हुए हम तुम्हारे इन रसगुल्लों का रस पी लेते थे और कितना बदमाशी कर लेते थे....पूजा मुस्कुरा कर बोली सब याद है जान ये देखिए वो सब याद कर के मेरा रोंगटा खड़ा हो गया....हम बोले वो समय ही ऐसा था जान की सोच कर एक्साइटमेंट होता है....
पूजा उठ कर मेरे तरफ घूम गई और वापिस से मेरे गोद में बैठी और बोली आई लव यू स्वीटहार्ट आई लव यू सो मच
फिर हम फ्रेश हुए और पूजा तब तक चाय बनाई और साथ में मां से वीडियो कॉल पे बात भी कर रही थी.....
मां उसको देख के बगल में बैठी भाभी से बोली देख इसका चेहरा दोनो कोई साथ में रहता है ना तो इसका चेहरा ही अलग दिखता है....पूजा बोली क्या मां आप भी...
मां बोली बहुत बड़ा गलती हुआ बेटा तुम दोनो को इतना दिन दूर कर दिए थे....दुबारा कभी ऐसा नहीं करेंगे...
पीछे से हम बोले अरे नही मां क्या बोल रहे है आप....मां डांटते हुए बोली तू चुप कर हम सब देख कर ही बोल रहे बेटा...बस दोनो कोई ऐसे ही हमेशा खुश रहना मेरा बच्चा और वही से चूम ली फिर चाय पीते पीते थोड़ा देर बात हुआ फिर फोन कट गया और चाय भी खतम हो गया....
हम पूजा को अपने गोद में उठा लिए और ले कर आ गए बेडरूम में और बिस्तर पे धीरे से लिटाते हुए बोले अब कंट्रोल नही होता डार्लिंग और फिर कुछ देर हमारा बिस्तर एक बार फिर से हमारे प्यार वाली लड़ाई का गवाह बना और कमरा हमारी सिसकियों से गूंजता रहा....
झड़ने के बाद पूजा मेरे सीने पे सर रखे हुए बोली जब अपना बेटा या बेटी आ जायेगा तब आपको ये सब कम मिलने लगेगा...हम ये सुनते ही उसके चूतड़ों पे एक करारा तमाचा लगाए और बोले उसको आने दो उसके आने से उसके बाप के बदमाशी में कोई कमी नही होगा बल्कि वो तो और बढ़ जायेगा जब इनमे दूध आ जायेगा फिर तो आहा हम तो पी पी कर खाली कर दिया करेंगे....वो अपनी दोनो चुचियों को अपने हाथो से छुपाती हुई बोली नही ये मेरा टूनमुनिया सब के लिए रिजर्व रहेगा....हम उसके दोनो हाथो को अलग कर के उसकी दोनो चुचियों को कुछ सेकंड्स तक चूसे और बोले ऐसे ही पी लिया करेंगे देखते है कौन रोकता है हमको....
पूजा बोली अरे कैसे पापा है अपना ही बच्चा का दूध पी जाइयेगा....हम बोले अरे डब्बा वाला पियेगा ना...वो बोली नही जान ऐसे कैसे और मां भी तो रहेगी ना देखेगी तो डांटेगी ही हमको...फिर उनको क्या बोलेंगे की आपका बेटा ही पी जाता है मेरा दूध...हम जोर से हस दिए और बोले अच्छा सुनो ऐसा करते है इन दोनो में से एक मेरा रिजर्व रहेगा बस बात खतम....पूजा हस कर बोली दोनो के सामने ब्लाउज उतार के लेट जाऊंगी जिसको जो मन करेगा वो पकड़ लेना अपना....हम बोले हा ये ठीक है फिर दोनो कोई हस दिए एक दूसरे की बातो पे
फिर दोनो कोई उठे और पूजा अपना नाइटी डाली जबकि हम हाफ पैंट और वो पूछी की खाना ले आऊ जान....तो हम बोले हा ले आओ खाना खा कर फिर तुम्हारा रस भी तो पीना है....
वो बोली तो अभी क्या पिए आप मन नही भरता है आपका....हम उसको फिर से अपने से सटा कर बोले अरे इससे मेरा मन भला कभी भर सकता है अगर किसी बड़े बाप की औलाद होता और पैसे कमाने की इतनी जद्दोजेहद ना होती तो फिर बताता तुमको की मन कितने से भरता कितने से नही.....
वो बोली अच्छा ठीक है मेरी जान फिर से पी लेना आप आपके ही है
इसके बाद वो किचन में गई और खाना निकाल कर हॉल में ले आई...
दोनो कोई खाना खाए और फिर पूजा बर्तन समेट कर किचन में गई और हम वापिस से कमरे में आ कर बिस्तर पे लेट गए....कुछ देर बाद जब पूजा कमरे में आई तब तक मेरा आंख लग चुका था सो वो भी आ कर मेरे से सट कर लेट गई....
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सुबह उठने के बाद से फिर वही भाग दौड़ वाला रूटीन शुरू हो गया...घर से ऑफिस....ऑफिस से घर....
पर एक चीज जो बदलता था रोज वो था मेरी जान के साथ मेरा प्यार जो की दिन पर दिन बढ़ता ही गया और मेरी जान पहले से ज्यादा खुश रहने लगी थी और अब तो मां पापा के आने में ज्यादा दिन नही रह गया था सो हम उनके रहने के लिए भी दूसरा कमरा जो अभी तक केवल पूजा रूम के रूप में इस्तेमाल होता था उसी में सब सामान सेट कर दिए थे.....
अगले कुछ दिनों तक सब कुछ ऐसे ही चलता रहा उधर पटना में मां का हाथ बिलकुल ठीक हो गया था और पापा का दुकान के तरफ से भी बचा खुचा टेंशन खत्म हो गया था इसलिए हम दोनो महीने की अंतिम शुक्रवार को रात वाली फ्लाइट से पटना पहुंचे और अगले दिन सुबह में मां पापा हम पूजा और जिमी सब कोई अपनी गाड़ी से भोपाल के लिए चल दिए....और घर की चाभी भईया भाभी के पास दे दिए ताकि समय समय वो घर का साफ सफाई कर सके.....जाते समय माहोल थोड़ा इमोशनल हो गया था पर फिर भी सब कुछ अच्छा रहा...
जब हम लोग भोपाल अपने फ्लैट में पहुंचे तो एक अलग ही एहसास पैदा हुआ मन में ऐसा लगा जैसे सब कुछ था अपने पास एकदम भरा भरा लग रहा था अपना घर....पूजा अब एकदम हाउसवाइफ के रूप में ढल गई थी लेकिन मेरे लिए वो मेरी पूजा ही थी एकदम प्यारी सी कोमल स्वभाव की और प्यार लेने देने में तो हम उसको माहिर बना ही दिए थे
मां पापा भी भोपाल आ कर एक नया अनुभव कर रहे थे और अब इस घर की भी बहुत सी जिम्मेदारियां पापा ने ले ली थी उनका कहना था की जैसे हम वहा रहते है वैसे ही अब यहां भी रहे क्युकी घर के मुखिया वो है....पर उनके हर कदम पे हम साथ खड़े रहते थे ताकि वो कही लड़खड़ाए तो हम उनको थाम सके....
अब अपना घर का रूल चेंज हो गया था पहले हम दोनो कही भी शुरू हो जाते थे पर अब हमारा दायरा अपने कमरे में और कभी कभार किचन में छेड़ छाड़ तक सीमित था....पर लंच के समय और ऑफिस से आने वक्त जैसे पूजा इंतजार करती थी वो उसने नही छोड़ा था और इसके लिए ना मां टोकी न ही पापा क्युकी वो जानते थे की पूजा हमसे बहुत प्यार करती है....
हर सुबह पापा, मां और जिमी तीनो नीचे अपार्टमेंट के ही लॉन में टहलते और उसी में थोड़ा बहुत आस पड़ोस के रहने वालों से भी मेल जोल बना लिए थे...उस दरमियान हम और मेरी जान कभी कभी रोमांस के सागर में डुबकी लगा लेते थे...
सुबह के टहलने के बाद सब कोई साथ में नाश्ता करते और हम ऑफिस के लिए निकलते जबकि पापा और मां हर तीसरे चौथे दिन कोई न कोई जगह घूमने जाते जो नजदीक में ही होती थी और दोपहर में लंच के समय पे मां पापा अधिकतर बार सोए रहते या फिर सब कोई हॉल में टीवी देख रहा होता....
शाम को मां और पूजा दोनो मिल कर खाना बनाती थी पूजा के लाख मना करने के बावजूद मां पूजा के साथ ही रहती किचन में और कभी कुछ अपने हाथ का बनाना हो तो वो बनाती थी.....
कुल मिला कर हम अब फूल फैमिली लाइफ जी रहे थे....
इसी तरह शादी के आठ महीने होने को आए और इस महीने तीज का व्रत था जिसको पूजा मां के साथ मिल कर करने वाली थी और ये उसका पहला निर्जला व्रत होने वाला था मेरे लिए......