कामवाली की प्यार से ले ली

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Kamuk kamwali ne lund liya - Hot kahani

तब मैं कॉलेज में था और हॉस्टल के खाने से दुखी हो कर मैंने किराए का कमरा लिया था, मकान मालिक आंटी ने मेरे घर की सफाई और खाना बनाने के लिए ममता को रखा था और ये ममता अपने आप में सयानी बंदी थी. वो अक्सर सफाई करते करते मुझे छू लेती, जब वो आती थी तब मेरा एक्स्सरसाइज़ का वक़्त रहता था तो वो मुझे घूरती रहती थी, सफाई और खाना दोनोंन ही बहुत अच्छा करती थी लेकिन उसका इंटरेस्ट मुझ में भी था ऐसा मुझे संदेह हुआ लेकिन आज कल के ज़माने में कब कौन आप पर केस कर के आपका फायदा उठाना चाहे कोई कह नहीं सकता इसलिए मैंने अपने लंड को काबू में रखा. एक दिन ममता सफाई कर रही थी और मैं अपनी एक्सरसाइज कर रहा था तो मैं मूतने के लिए बाथरूम की तरफ गया एक्सरसाइज करते वक़्त चप्पल नहीं पहनने के कारण पैरों की आवाज़ नहीं हुई और मैंने ममता को मेरे कपडे सूंघते रेंज हाथों पकड़ा. वो उस वक़्त मेरे बनियान को सूंघ रही थी और उसके मुंह में मेरी अंडरवियर थी.

मुझे देख कर उसके हाथ से बनियान तो छोट कर बाथरूम के फ्लोर पर गिर गयी लेकिन मेरी अंडरवियर उसक मुंह से छूट कर उसके चूचों पर अटक गयी, मुझे हंसी आई लेकिन मैंने हंसी रोक कर कड़क आवाज़ एमिन पूछा "ये क्या कर रही है तू" तो उसने बढ़कर मेरा मुंह दबा दिया और बोली "प्लीज़ भैया मकान मालकिन को मत बताना वो मेरा इस कॉलोनी में आना बंद करवा देगी". मैं उसे चुपचाप बेडरूम में ले गया जहाँ मैं बेड पर बैठ गया और वो अपराधी की तरह खड़ी थी, मैं उसे ऊपर से नीचे तक घूर रहा था और उसने अपना मुंह नीचे कर रखा था तो मैंने पूछा "ऐसा क्यूँ कर रही थी और कब से कर रही है". ममता बिलख उठी और बोली "भैया मैं क्या करूँ, मेरा पति एक नशेड़ी है उस से नशे की हालत में कुछ नहीं हो पाता, कभी कभी तो उसका खड़ा भी नहीं होता सो मैं ऐसे ही लोगों को सोच सोच के अपनी ऊँगली से अपनी प्यास बुझा लेती हूँ".

मैंने कहा "तू अपनी बस्ती में से ही किसी का क्यूँ नहीं ले लेती" तो बोली "भैया वहां लुंगी तो बदनाम हो जाउंगी और पति भी छोड़ देगा और मेरे दो बच्चों पर भी शक करेगा जो असल में उसी के हैं, नशा तो वो दो तीन बरस से ही कर रहा है तभी से ये हाल हुआ है". मैंने बनावटी गुस्सा दिखा कर कहा "बदनाम तो तू अब भी हो सकती है" ये सुनकर वो मेरे पैरों में गिर गयी और रोने लगी "भैया आमफ कर दो" मैंने कहा ये गलत है" तो उसने मेरी तरफ आँखों में आंसू भर कर कहा "सॉरी भैया" मैंने कहा "गेलचोदी, मेरे साथ चुदाई के सपने देखना और मुझे भैया कहना गलत है समझी" और ये कह कर मैं खड़ा हुआ और मैंने उसे बाहों में ले लिया. ममता को समझ नहीं आया की वो रोए या हँसे सो वो रोते रोते हँसने लगी, मैंने उसके कपडे उतारे उसकी बालदार चूत देखि और उसे अपना रेजर दे कर कहा "अपनी चूत साफ़ कर सबसे पहले और जल्दी से अन्दर जा कर नाहा कर आ, ताकि मैं तेरी जवानी का मज़ा ले सकूँ"" ये सुनकर वो फटाफट बाथरूम में गयी और अच्छे से नहा कर आई, वो अपने कपडे वापस पहनने लगी तो मैं कहा "ये बदबूदार कपडे मत पहन" और मैंने उसका तोवेल खींच लिया उसकी भरी हुई जवानी मेरे सामने नंगी उपस्थित थी और मैं उसे उपर से नीचे तक देख रहा था तो उसने शर्मा कर मुंह ढंक लिया.

मैंने उसके चेहरे से उसके हाथ हटाये और उसे बेड पर ले गया, उसकी गर्म जवानी पानी में भीग कर गुनगुनी हो गयी थी और मेरे शावर जेल से नहाने की वजह से खुशबु मार रही थी, शायद उसने अपनी तरफ से एफर्ट दाल कर मेरे टूथपेस्ट से मंजन भी किया था सो मुंह में से भी स्मेल नहीं आरही थी. मैं खुश था चलो एक्स्ट्रा एफर्ट दाल कर आई है, मैंने उस से कहा "ममता सब से पहले तो तू मुझे भैया मत कहना नहीं तो मैं मजबूर भेन्चोद हो जाऊंगा और दूसरा ये की अब तेरी जवानी मैं ही भोगूँगा सो किसी और से लंड मत लेना, अपने पति से ले सकती है पर कंडोम लगा कर ही लेना". वो बोली "हाँ नहीं लुंगी किसी और का लंड और पति के साथ भी कंडोम ही लगूंगी लेकिन फिर मैं आपको कहूँगी क्या" मैं हँसा और बोला "तू मुझे मालिक बुलाएगी" तो वो मुस्कुराई और बोली आप मेरे मालिक ही तो हो".

बस इतना सुन कर तो मैं सातवें आसमान पर था, ये एक ऐसी चूत थी जिसे ना तो मुझे खिलाना पिलाना था, ना शॉपिंग, ना रिचार्ज, ना मूवी और ना ही कमिटमेंट ये तो फ्री में मिलने वाला मेवा था जो मेरी सेवा भी फुल ऑन करने को रेडी था वो भी जैसे मैं चाहूँ. मैं ममता के चूचों को चूसता हुआ यही सब सोच रहा था, ममता सिसक रही थी और बोल रही थी "मालिक आपने तो मेरे जिस्म में आग लगा दी है" मैंने कहा "अब लगाई है तो बुझानी भी मुझे ही पड़ेगी ना" तो उसने चिहुँकते हुए कहा "आप ही लगाओ आप ही बुझाओ आप ही सब करो मेरे मालिक". मैं बड़े ही मज़े से ममता की ये बातें सुन रहा था और उसके चूचों को पूरी शिद्दत से चूसने में लगा हुआ था, मैंने उसकी चूत में अपनी एक ऊँगली पेली तो मुझे लगा यहाँ तो दो जा सकती हैं और फिर दो पेली तो ममता की हलकी सी चीख निकल गयी.

ममता की चूत काफी गीली हो चुकी थी क्यूंकि वो काफी दिनों की प्यासी थी और मेरे लंड नए तो पहले ही फ्री की चूत को अपना सलाम दे दिया था सो ममता नए मेरा लोअर खिसकाया और मेरे लंड तक अपना मुंह ले जा कर उसे चूमा. मैंने उसे वापस ऊपर लिया और अपने नीचे ले लिया, अब ममता बोली "मालिक आप जैसे चाहो मुझे चोद सकते हो मैंने मोबाइल पर सब विडियो देख रखे हैं तो आपकी मर्ज़ी के हिसाब से मेरी ले लो". मैंने उसे कहा "अभी तो शुरुआत है मेरी प्यारी अभी तो देख की तुझे क्या क्या मिलता है" और इतना कह कर मैंने अपना साथ इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा लंड उसकी गीली चूत में पेलकर ऐसा धक्का लगाया की ममता की फिर से चीख निकल गयी. मैंने कहा "अब इतना भी मत चिल्ला की आंटी ऊपर आ जाए और चुदने के लिए कह दे" ममता हंसी और मुझे चूम लिया.

मैं अपने धक्के बराबर तेज़ कर रहा था और ममता मेरे धक्कों से हिल हिल कर चुद रही थी उसके चुचे भी इम्रे धक्कों से हिल रहे थे जिन्हें कभी ममता दबाती कभी मैं दबाता तो कभी यूँही मसल मसल कर चूसने लगता. आधे घंटे तक हम दोनों अपनी अपनी हवास मिटाने को पूरी मेहनत से चुदाई मचा रहे थे और ममता नए कहा "मालिक धक्के ज़ोर से लगाओ ना" मैंने उसकी टांगें उठाई और ज़ोर ज़ोर से म्ममता की चूत का चौराहा बनाने में जुट गया उसकी आवाजें तेज़ हुई तो मैंने टी वी चला दिया ताकि कोई सुन ना ले और बस मेरे धक्के पांच मिनट और चल कर रुक गए क्यूंकि मेरा वीर्य झड़ चुका था और अपने माल को मैंने ममता की चूत में छोड़ने की बजाए उसकी चूत के मुहाने और नाभि पर गिरा दिया था. ममता मेरे साथ लेटी रही और थोड़ी देर बाद उठ कर अपने कपडे पहन कर सफाई एमिन लग गयी, मैंने उसे शाम को बुलाया तो बोली शाम को पति का डर रहेगा लेकिन कोशिश कर के आ जाउंगी. बस उस दिन से मुझे मुठ नहीं मारनी पड़ी और मैंने अपनी ग्रेजुएशन के साथ काम कला ममें भी निपुणता हासिल की अब मैं दो बच्चों का बाप हूँ लेकिन सच कहूँ तो ममता बड़ी याद आती है.
 
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