अपने लंड से चाची का बिस्तर गर्म किया

sexstories

Administrator
Staff member
आज मैं आपको अपनी चाची की अपने तगड़े लंड से मजेदार चुदाई के बारे में बड़े अछे मुड में बता रहा हूँ क्यूंकि यही मेरी जिंदगी की सच्चाई भी है | मेरी चाही उन दिनों मेरे ही घर पर रहने को आई थी क्यूंकि मेरे चहका किसी काम के सिलसिले में विदेश को गए हुए थे और गहर पर मेरी माँ की अक्सर तबियत खराब रहा करती थी | मेरी उन दिनों तीसरे वर्षीय कॉलेज किक छुट्टियाँ चल रहीं थी और दिन मेरे पापा भी काम के सिलसिले में बहार ही रहा करते थे | मैं अब चाची के साथ ही अपना पूरा समय बात करते हुए बिता दिया करता था और हम दोनों अछे खासे घुल मिल भो जो चुके थे | चाची मुझसे सभी बातें दिल खोलकर बता दिया करती थी और मैं टुक - टुक कर सुनता ही रहा करता था |

मेरी चाची दिखने में एकदम गोरी थी और उनके नरम हाथ जब भी मेरे सर को सहलाया करते थे तो ऐसा लगता था जैसे की मेरी बीवी मालिश कर रही है | अब चाची के लिए मेरे अंदर हवस की भावना पनपने लगी थी और कभी कभार मैं उन्हें छूता गर्मी ले लेता था | जब मैं एक दिन चाची के साथ बात हुआ था तो चची मुझसे बतियाते हुए मुझे इतनी भा गयी की मेरी नज़र उनके होंठों पर ही लगी हुई थी | चाची भी पहचान गयी की मेरे शैतानी दिमाक में क्या चल रहा और बड़े ही नटखट अंदाज़ में अपने होंठों को मिस्मिसाने लगी | मैं एक दम चहकी को अपनी बाहों में लेकर उनके होंठों को चूसने लगा और उन्होंने भी गर्माहट लेटे हुए लम्भी सांस ले ली थी |

मैं अब चाची के चुचों को थामते हुए से दबाने लगा जिसपर चाची ने कहा, काश तेरे चाचा ने मेरी भावना को समझा होता. . !!! पर तु हैं न मेरे राजा बेटे . . .!! मेरे अंदर अब चुदाई का भुत सवार हो रहा था और मैं चाची से लिपटे हुए उनके होंठों को चूस रहा था और वो भी मुझे पूरा सहयोग कर रह थी | कुछ देर में मैंने भी अब चाची को बिस्तर पर लिटा लिया हुए उनके कपड़ों को खोलने लगा और पलभर में नंगी कर उनके उप्पर चड गया और उनके चुचों को दबाते हुए चूचकों के साथ खेलते हुए उन्हें पिने लगा | अब तकमेरा लंड भी लंड चुदाई के लिए तडपा जा रहा था और मैंने भी समय न गंवाते हुए उनकी चुत को भी मसलते हुए लंड को रगड़ते आगे - पीछे करना शुरू कर दिया |

चाची भी मज़े में मेरे लंड को लिए जा रही थी अंदर चुत में लिए जा रही थी जिसपर मैंने अब लैंड को पूरी तेज रफ़्तार में चाची की चुत में छोडना चालू कर दिया था | कुछ देर में मैं नीचे लेट गया और मैंने चाची को अपने लंड पर बेअठने को कहा, जहां मैंने नीचे से अपने लंड को उनकी चुत में दिए जा रहा था और चची मेरे लंड के उप्पर आह्ह्ह अहहह मेरे राजा बेटा. . .!! कहकर उछल रही थी | चची की बेतहाशा निकलती सिस्कारियों के सामने मैं ज्यादा देर न टिक सका और जल्द ही अपनी अंतिम सीमा पर पहुँचते हुए झड गया | अब मेरी चाची और मेरे बीच शारीरिक सम्बन्ध जुड चुके थे और खेने के लिए चाची के का पति मेरा चाचा होगा पर सुहागरात भतीजा यानी मैं बनाता था |
 
Back
Top