अपने लंड के आदेश का पालन किया

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हाई दोस्तों,

मेरा नाम शैलेश हे और में मुंबई से हू | एक दिन में अपने घर जा रहा था पैदल चल के तो मेरे सामने एक और लकड़ी चल रही थी जिसकी गांड काफी मस्त थी | मैं मन में सोच रहा था की साल की गांड मिल जाये तो उछल उछल के चोदुंगा | मैं तेजी से चलने लगा और उसके बराबर पर आते ही धीरे हो गया | हम दोनों अब बराबर पे चल रहे थे, और कुछ देर के बाद उसने मुझसे पुचा की आप बता सकते हो की यहाँ कंप्यूटर कहा ठीक होता हे ? मैं बोला की यहाँ से तिन किलोमीटर दूर एक काम्प्लेक्स आएगा वही पे मिल जायेगी आपको दुकान, पर वेसे मैं भी ठीक करता हू अगर आप छाए तो मैं देख सकता हू | वो बोली की क्यों नही आप चलिए मेरे साथ | वो फिर मुझे अपने घर लेके गयी पर घर पे टला लगा था जो की उसने खुद खोला |

टला वो खोली ये देख के मैं और खुश हो गया, फिर वो मुझे अपने कमरे में ले गयी जहा उसका कंप्यूटर था | वो बोली आप देखिये तब तक मैं आपके लिए चाय लेके आती हूँ | वो उस कमरे से बहार निकल गयी और मैं उसका कंप्यूटर देखने लग गया | उसके कंप्यूटर का पवार बॉक्स खराब था जिसके कारण वो चालू नही हो रहा था | मैं उसे बताने के लिए उस कमरे से बहार निकल और किचन में जाके देखा तो वो वह नही थी फिर मैं उसे खोजने लगा, तो मेने एक कमरा देखा जिसका दरवाजा हल्का खुल्ला था | मैं उसमे से झांक के देखने लग तो मेरे लंड की खुशी का ठिकाना ही नही रहा | वो पनटी और ब्रा में थी और कपड़े बदल रही थी | पर उसके बाद जो मेने देखा वो और भी मस्त था, वो अपेन चुच्चो को ब्रा में सेट करने की कोश्सिः कर रही थी और अपनी गांड को आईने में बार बार देख रही थी |

वो एक बार अपनी चुत भी देखि, मैं समझ गया साला घर पे नही हू किसी रंडी खाने में आ गया में | मेरे लंड ने मुझे आदेश दिया और मैं दरवाजे को धक्के मर के अंदर चला गया | वो एक दम से डॉ गयी पर साली ने अपने जिस्म को छुपाया नही | मैं सीधे जाके उसे चूमने लग गया, वो पहले मुझे धक्का दी पर में अलग नही हुआ और चूमता रहा | एक ही मिनट में वो मेरा साथ देने लगी और फिर वो भी मेरे होठो को चूसने लग गयी | मैं उसके मम्मे मसलने लग गया और वो मेरे होठो को चसू रही थी | मेने अपनी पेंट उतार दी और वो झट से मेरे लंड को चूसने लग गयी और तिन चार मिनट में अं उसके मुह में झड गया | वो उठके बिस्तर पे लेट गयी और मेने उसकी पेंटी उतार दी और उसकी चुत चाटने लग गया | वो मेरे सर को पकड़ के अपने चुत एम् दबाने लग गयी और अह्ह्ह हम्म ईई करने लग गयी |

मेने उसके टांगो को खोल के अपने लंड को उसकी चुत पे टिका दिया और पेल दिया अंदर, पहले वो चीख उठी पर शांत भी हो गयी | मैं कस कस के धक्के मरने लगा और वो अपने बालो पे हाथ फेरने लग गयी और अपने मम्मे को भी मसलती रही | बीस मिनट हो गया पर में झाडा नही, फिर मैं लेट गया और वो उठ के मेरे लंड पे बात गयी और मेरे लंड पे कूदने लग गयी | मैं निचे से कस कस के शोट देने लगा और वो उपर से कूदने लग गयी | मुझे बहुत मजा आ रहा था और पाँच मिनट में वो झड गयी और उसकी चुत से कुछ पनी मेरे पेट पे भी गिरा और मैं भी उसके दो मिनट बाद झड गया | वो मेरे उपर लेट गयी और मेरे छाती को चूमने लग गयी | फिर मेने उसकी कंप्यूटर की गड बड़ी बताई और फिर वो बोली की कल ठीक करने के लिए आ जाना और कंप्यूटर और मेरी चुत गांड तीनों ठीक कर देना | मेने हाँ में सर हिलाया और फिर ठीक होके चल दिया |
 
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