आकांक्षा को खुश किया

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Desi kahani, antarvasna: मैं कानपुर से बस में वापस लौट रहा था रात काफी ज्यादा हो चुकी थी और मैं काफी ज्यादा थका भी था इसलिए मुझे बस में नींद आ गई। मैं जब सुबह उठा तो मैं लखनऊ पहुंच चुका था और मैं वहां से अपने घर लौट आया। जब मैं अपने घर पर पहुंचा तो उस दिन दीदी घर पर आई हुई थी। दीदी जिनकी शादी अभी दो वर्ष पहले ही हुई है वह उस दिन घर पर आई हुई थी। मुझे बड़ा ही अच्छा लगा जब मैं उस दिन दीदी से मिला काफी समय हो गया था मैं दीदी से मिल भी नहीं पाया था और दीदी से मिलकर मुझे बड़ा ही अच्छा लगा था। दीदी भी बहुत ज्यादा खुश थी और वह मुझे कहने लगी कि राजेश क्या तुम अपने काम से कानपुर गए हुए थे। मैंने दीदी से कहा कि हां दीदी मुझे कुछ जरूरी काम था इसीलिए मैं कानपुर गया हुआ था।

हमारे पड़ोस में आकांक्षा रहती है आकांक्षा को मैं काफी समय से जानता हूं आकांक्षा को मैं बहुत पसंद भी करता हूं लेकिन उसे मैं कभी भी अपने दिल की बात बता नहीं पाया था। एक दिन जब मैं सुबह के वक्त मॉर्निंग वॉक के लिए पार्क में जा रहा था तो उस दिन मुझे आकांक्षा मिली। आकांक्षा से मुझे बात करना बहुत ही अच्छा लग रहा था यह पहली बार था जब हम दोनों एक दूसरे से इतनी खुलकर बातें कर रहे थे इससे पहले हम लोगों की कभी भी इतनी खुलकर बातें नहीं हुई थी। मुझे आकांक्षा से बातें करना बड़ा अच्छा लग रहा था और उस दिन मैंने आकांक्षा से काफी देर तक बातें की। उस दिन के बाद तो जैसे हम दोनों एक दूसरे से हमेशा ही बात करने के लिए तड़पने लगे थे और मुझे आकांक्षा से बातें कर के बड़ा अच्छा लगता। जब भी मैं आकांक्षा से बातें किया करता तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश होता और वह भी बहुत ज्यादा खुश होती। एक दिन मैं अपने ऑफिस से लौट रहा था तो मैंने आकांक्षा से कहा कि मुझे तुमसे मिलना था और फिर मैं आकांक्षा से मिलने चला गया। जब मैं आकांक्षा को मिला तो मुझे उससे मिलकर बड़ा ही अच्छा लगा और हम लोग काफी देर तक एक दूसरे के साथ हमारी कॉलोनी के पार्क में ही बैठे रहे। आकांक्षा ने मुझे उस दिन अपने रिलेशन के बारे में बताया। यह पहली बार था जब आकांक्षा ने मुझसे अपने रिलेशन के बारे में डिस्कशन किया था।

मैं यह सुनकर थोड़ा परेशान जरूर था परंतु अब आकांक्षा का रिलेशन कुछ ठीक नहीं चल रहा था शायद यही वजह थी कि वह अब अपने रिलेशन से दूर जाना चाहती थी। वह जिस लड़के से प्यार करती है उससे वह ब्रेकअप करना चाहती थी और उसके बाद आकांक्षा मेरे नजदीक आती जा रही थी क्योंकि मैं आकांक्षा को हमेशा से ही पसंद करता था। वह मेरे अब इतने नजदीक आ चुकी थी कि हम दोनों एक दूसरे के बिना बिल्कुल रह नहीं पाते थे। मैं आकांक्षा से अपने दिल की बातों को शेयर कर लिया करता। मुझे अच्छा लगता जब भी मैं और आकांक्षा एक दूसरे के साथ होते और हम दोनों एक दूसरे के साथ में अपने दिल की बातों को शेयर किया करते हैं। हम दोनों का रिलेशन दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा था क्योंकि अब मैं और आकांक्षा एक दूसरे को अच्छे से समझने लगे थे इसलिए हम दोनों एक दूसरे के नजदीक आते चले गए और हम दोनों एक दूसरे को बहुत चाहने भी लगे थे। एक दिन मैं और आकांक्षा साथ में बैठे हुए थे उस दिन मैंने आकांक्षा से अपने प्यार का इजहार कर दिया।

यह पहली बार था जब आकांक्षा से मैंने अपने दिल की बात कही थी इससे पहले ना तो मैंने कभी भी आकांक्षा को इस बारे में कुछ कहा था और ना हीं आकांक्षा ने मुझसे इस बारे में कभी कुछ कहा था लेकिन अब हम दोनों एक दूसरे के प्यार में थे। हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता जब भी हम दोनों साथ में होते और जब भी हम दोनों साथ में समय बिताया करते। आकांक्षा और मेरे बीच अभी भी सेक्स संबंध नहीं बन पाए थे। हम दोनों चाहते थे हम दोनो एक दूसरे के साथ सेक्स करे। मैंने जब आकांक्षा को पहली बार किस किया था तो मुझे बड़ा अच्छा लगा और आकांक्षा भी बहुत खुश थी। एक दिन मैंने आकांक्षा को घर पर बुलाया और आकांक्षा घर आई। हम दोनो सेक्स के लिए तडप रहे थे। जब उस दिन आकांक्षा और मैं एक दूसरे की बाहों में थे तो हम दोनों को बड़ा अच्छा लग रहा था और हम दोनो एक दूसरे के होंठो को चूमने लगे थे। मैं आकांक्षा के होठों को चूमने लगा था वह बहुत ही ज्यादा तड़पने लगी थी। मैं आकांक्षा के होंठों को चूमता जा रहा था जब मै उसके होठों को चूम रहा था उससे मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और आकांक्षा की गर्मी भी बढ चुकी थी।

आकांक्षा ने अपने बदन से कपड़े उतारने शुरू कर दिए थे वह पूरी तरीके से गर्म होने लगी थी। मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था ना ही आकांक्षा अपने आपको रोक पा रही थी। आकांक्षा ने अपने बदन से कपड़े उतारे तो मै उसके बदन को देखना लगा था। मैं उसके बदन को महसूस करने लगा था वह पूरी तरीके से गर्म होने लगी थी वह मेरी गर्मी को बढाने लगी थी। आकांक्षा का बदन बहुत ज्यादा गर्म हो चुका था वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। मै बहुत ज्यादा गरम हो चुका था।

आकांक्षा ने मुझे कहा मेरी योनि को चाट लो मैं बिल्कुल भी नहीं रह पा रही हूं। आकांक्षा कि तडप को मैं समझ सकता था जब मैंने आकांक्षा की चूत को चाटना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा। आकांक्षा को भी बड़ा अच्छा लग रहा था। हम दोनों बहुत ज्यादा गर्म होते जा रहे थे अब हमारी तडप बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैंने आकांक्षा के सामने लंड को किया तो वह मुझे कहने लगी मैं तुम्हारे लंड को सकिंग करना चाहती हूं। उसने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया था।

जब वह मेरे लंड को चूस रही थी तो मुझे मजा आने लगा था और उसे भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से वह मेरे लंड को सकिंग कर रही थी। उसने काफी देर तक ऐसा ही किया फिर वह पूरी तरीके से गरम होती चली गई। जब वह गर्म हो गई तो वह बिल्कुल भी रह ना सकी। मैंने उसे कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है अब मैंने उसकी योनि पर लंड को लगाया। मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर चला गया था वह बहुत जोर से चिल्ला कर मुझे बोलने लगी मेरी चूत से खून निकाल रहा है। मैंने जब उसकी योनि को देखा तो उसकी योनि से खून की पिचकारी बाहर निकल रही थी वह चिल्ला रही थी और मुझे मज़ा आ रहा था। उसे बड़ा मजा आ रहा था और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। हम दोनों एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे। मै आकांक्षा को बड़ी तेज गति से धक्के दिए जा रहा था वह मुझे कहती तुम मुझे और तेजी से चोदो। मै उसे तेजी से धक्के दे रहा था।

मैंने उसे काफी देर तक ऐसे ही धक्के दिए जब उसने मुझे अपने पैरो के बीच मे जकडना शुरू कर दिया तो मुझे लगने लगा शायद मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगा मेरा वीर्य अब उसकी चूत मे गिर चुका था। जैसे ही मैंने अपने माल की पिचकारी को आकांक्षा की योनि में गिराया तो वह खुश हो गई थी लेकिन उसके बाद भी उसकी इच्छा पूरी नहीं हुई थी वह मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी। मैंने उसकी योनि पर अपने लंड को सटाया और उसकी योनि के अंदर लंड को डाल दिया। मैनै उसे दोबारा चोदना शुरू कर दिया था जब मैं उसे चोद रहा था मुझे मजा आने लगा था और वह खुश हो गई थी। वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था मै आकांक्षा के साथ अच्छे से सेक्स कर पा रहा था। मैंने काफी देर तक उसके साथ सेक्स के मजे लिए मुझे बड़ा ही अच्छा लगा जब मैंने ऐसा किया। जब मेरे माल की पिचकारी गिर गई तो मैं खुश हो गया और वह भी खुश हो गई थी। हम दोनों ने अपनी सुहागरात को बड़े ही अच्छे से मनाया मैं बहुत ही ज्यादा खुश था।
 
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